क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

किसने बनाई और क्यों बनाई?
क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता
Cryptocurrency का खतरा, PM Modi का बयान- Crypto गलत हाथों में नहीं पड़ना चाहिए, युवाओं का नुकसान हो सकता है
PM Modi on Cryptocurrency: जैसा की हमारे देश में कैप्टोकोर्रेंसी (Cryptocurrency) के ज़रिये लोग अपन धंधा कर रहे और इससे सारी आर्थिक समस्यायें दूर हो रही है। वहीँ दूसरी इसके खिलाफ जाकर इसका लोग गलत इस्तेमाल भी कर रहे है। तरफ क्रिप्टोकरेंसी की सुविधा और नियम को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। बता दें की भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर गरम चर्चा चल रही है। भारत सरकार ने इसी दौरान एक फैसला लिया है अपना एक अलग स्टैंड तैयार कर रही है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुई बैठक भी हुई थी। पीएम मोदी ने आज सिडनी संवाद’ को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर एक बड़ी बात कही. पीएम ने कहा कि ‘सभी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिप्टो गलत हाथों में न पड़े.’ क्रिप्टोकोर्रेंसी पर विवाद को लेकर पीएम मोदी ने तब ये फैसला लिया जब संसदीय समिति ने गए रखी की क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता। लेकिन इसके शासन की ज़रूरत है।
क्या है क्रिप्टोकोर्रेंसी ? (Cryptocurrency)
भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है.
पीएम मोदी ने गुरुवार को संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा की ‘क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए. यह बहुत जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर काम करें और गलत लोग इसका गलत फायदा न उठाये। क्योंकि इससे हमारे युवा पर गलत असर पड़ेगा.’
टेकनीक और डाटा बना हतियार
बता दें की पीएम आज ‘India’s Technology: Evolution and Revolution’ विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि ‘हम एक युग में होने वाले ऐसे बदलाव के दौर में हैं, जब तकनीक और डेटा हमारे नए हथियार बन रहे हैं.’ PM Modi की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर हुई थी बैठक
बता दें कि प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने कैप्टोकरेंसी के खतरों को लेकर,शासन और दुनियाभर में इसको लेकर हुए फैसलों और चलन को चलन पर चर्चा की गयी थी। बैठक की जानकारी के अनुसार ‘सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है, इसलिए इसपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इसपर सक्रिय कदम उठाए जाएंगे.
वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार करने के लिए एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने माना कि वर्चुअल करेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसका नियमन यानी रेगुलेशन जरूरी है.
क्रिप्टोकरेंसी फर रोक नहीं
आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन, कुल 26 विधेयकों में से एक है, जिन्हें पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. 16 नवंबर को क्रिप्टो फाइनेंस के “अवसरों और चुनौतियों” पर चर्चा करने के लिए बीजेपी के जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में डिजिटल मुद्राओं पर वित्त पर पहली स्थायी समिति इस आम सहमति पर पहुंच गई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता रोका नहीं जा सकता है लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए.
18 नवंबर को सिडनी डायलॉग में मुख्य भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में समाप्त न हो.”
अपवाद को छोड़ रहेगा प्रतिबंधित
लोकसभा के 23 नवम्बर को जारी बुलेटिन-II के मुताबिक इस प्रस्तावित विधेयक को लाने के पीछे दो मकसद है. इस बिल में कुछ अपवाद को छोड़कर सभी तरह के प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में प्रतिबन्ध लगाने का प्रस्ताव शामिल है. इसमें कुछ अपवादों का भी प्रावधान है जिससे क्रिप्टोकररेंसी से जुडी टेक्नोलॉजी और उसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके. साथ ही, इस बिल में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी होने वाले ऑफिसियल डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक फ्रेमवर्क तैयार करने का भी प्रावधान है.
इस विधेयक के तहत क्रिप्टो के निवेशक, डीलर, एप डेवलपर, माइनिंग करने वाले समेत सभी संबंधित पक्ष आएंगे. विधेयक के तहत क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा स्पष्ट होगी, यानी क्रिप्टो के दायरे में क्या होगा और क्या नहीं. इसमें स्पष्टता आएगी. इससे क्रिप्टो पर टैक्स और नियम-नियंत्रण संबंधी को लेकर भ्रम भी दूर होगा.
क्रिप्टो नहीं होगा भुगतान प्रणाली का हिस्सा
विशेषज्ञों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी का वैधानिक दायरा तय होने से बाजार में स्थिरता आएगी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता और निवेशकों के हितों की भी सुरक्षा की जाएगी. हालांकि सरकार और रिजर्व बैंक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे क्रिप्टो को किसी भी तरह से भुगतान प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा. किसी भी तरह के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता नहीं होगी.
क्रिप्टो को डिजिटल एसेट के तौर पर परिभाषित किया जाएगा या फिर किसी कमोडिटी के तौर पर, यह भी अभी विचाराधीन है. दुनिया भर में सबसे प्रचलित क्रिप्टो बिटक्वाइन और ईथर है. ट्रेडिंग के साथ इनकी लगातार बढ़ती वैल्यू को लेकर भी निवेशकों का ध्यान इसकी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता ओर गया है.
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Bitcoin Prices Today: भले ही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने को लेकर कई सवाल अनसुलझे हैं, नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Sarkar) लोगों को क्रिप्टोकरेंसी को सम्पति (cryptocurrencies as asset not currency) के रूप में रखने की अनुमति देने पर विचार कर रही है, न कि मुद्रा के रूप में.
Bitcoin Prices Today: भले ही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने को लेकर कई सवाल अनसुलझे हैं, नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Sarkar) लोगों को क्रिप्टोकरेंसी को सम्पति (क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता cryptocurrencies as asset not currency) के रूप में रखने की अनुमति देने पर विचार कर रही है, न कि मुद्रा के रूप में. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित विकास से निपटने के लिए एक नियामक तंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित कानून में अंतिम समय में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है. वही सरकार पर शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करने का दबाव है.
भारत में बिटकॉइन बैन, जानिए क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और केंद्र सरकार का रुख
हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में, केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्रिप्टोकुरेंसी पर एक ही पृष्ठ पर नहीं थे। एक ऐसा क्षेत्र जो पिछले कुछ महीनों में चुपचाप भारत में खिल रहा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उस दिन एक मुद्रा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं होने के बावजूद भारत में डिजिटल टोकन और इसके क्रेज के बारे में केंद्रीय बैंक की चिंताओं को दोहराया। दूसरी ओर, मोदी सरकार और उसके विभागों ने पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के बजाय, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर एक मजबूत नियामक नियंत्रण पर विचार किया। सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है यह कड़ी निगरानी रखेगी और सक्रिय कदम उठाएगी। इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरंदेशी होंगे। (bitcoin ban in india )
क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा
बिटकॉइन की कीमतों में अचानक उछाल के बाद भारत में लोकप्रियता हासिल करने के बाद से आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत विचारों को बार-बार दोहराया है। केंद्रीय बैंक का तर्क है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। आरबीआई ने उन पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या के साथ-साथ उनके दावा किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह जताया। दास ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचार दोहराते क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता हुए कहा था कि वे किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों द्वारा अनियंत्रित हैं।
भारतीय रुपये के लिए संभावित खतरे के लिए आरबीआई मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंतित है। यदि बड़ी संख्या में निवेशक भविष्य निधि जैसे रुपये आधारित बचत के बजाय डिजिटल सिक्कों में निवेश क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता करते हैं, तो बाद की मांग गिर जाएगी। इससे बैंकों की अपने ग्राहकों को पैसा उधार देने की क्षमता में बाधा आएगी। इसके अलावा, चूंकि देश में क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित हैं और उनका पता लगाना मुश्किल है, इसलिए सरकार भी इस राशि पर कर नहीं लगा पाएगी, जिससे रुपये को खतरा हो सकता है। उसके ऊपर, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों में किया जा सकता है। (bitcoin ban in india ) क्रिप्टो निवेशक, इन सभी कारणों से, हैकिंग, घोटाले और नुकसान के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं क्योंकि क्रिप्टो सिक्के प्रकृति में अस्थिर होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के सर्कुलर को रद्द किया
2018 में RBI ने घोषणा की थी कि बैंक भारत में क्रिप्टो उद्योग की प्रगति को रोकते हुए, क्रिप्टोकरेंसी में सौदे नहीं कर पाएंगे। हालांकि मार्च 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाले आरबीआई के सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद 5 फरवरी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता 2021 में केंद्रीय बैंक ने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के मॉडल का सुझाव देने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था। फैसलों के बारे में घोषणा अगले महीने होने की उम्मीद है।लेकिन आगे का रास्ता क्या है? हालांकि आरबीआई का रुख सख्त बना हुआ है, लेकिन वह वास्तव में डिजिटल मुद्रा के साथ आने क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता की संभावनाएं तलाश रहा है। पीटीआई के अनुसार, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार के सामने, आरबीआई ने एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के साथ आने की अपनी मंशा की घोषणा की थी।
निजी डिजिटल मुद्राओं/आभासी मुद्राओं/क्रिप्टो मुद्राओं ने पिछले एक दशक में लोकप्रियता हासिल की है। यहां, नियामकों और सरकारों को इन मुद्राओं के बारे में संदेह है और वे संबंधित जोखिमों के बारे में आशंकित हैं। तमाम सीमाओं और संभावित जोखिमों के बावजूद, अधिक से अधिक भारतीय क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। अक्टूबर में एक अखबार के विज्ञापन में दावा किया गया था कि भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 6 ट्रिलियन रुपये का निवेश किया गया है। लेकिन लोगों की संख्या को लेकर विरोधाभास क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता है। ब्रोकरचूजर्स ने इस आंकड़े की गणना 100.7 मिलियन की है, जबकि वज़ीरएक्स के सीईओ निशाल शेट्टी ने कहा कि देश में लगभग 15-20 मिलियन क्रिप्टो निवेशक थे। ( bitcoin ban in india )
क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन के मेल से बढ़ा आतंकी हमलों का खतरा
जयपुर । जम्मू में वायुसेना के एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा रखी है। इसमें आतंकियों ने जो तरीका इस्तेमाल किया है, उससे जम्मू से लेकर दिल्ली तक जबरदस्त हलचल है। एजेंसियों की चिंता दो वजह से ज्यादा बढ़ गई है। पहली वजह सस्ता व कहीं से भी खरीदा जा सकने वाला ड्रोन तो दूसरी डार्क वेब माध्यम से पैसे का लेनदेन। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी कहते हैं कि अब क्रिप्टो करेंसी बाजार में हैं। भले ही उनकी मान्यता नहीं है, पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकियों ने इसे अपना लिया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर क्वाडकॉप्टर उपलब्ध हैं। कोई भी आतंकी बिना जान का खतरा लिए दो किमी दूर से बैठ अपने इरादे को अंजाम दे सकता है। क्वाडकॉप्टर कहीं भी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता चार से पांच किलो विस्फोटक गिरा सकता है। क्रिप्टो करेंसी और ड्रोन का यह आतंकी मेल बहुत गंभीर खतरा है।