क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है

समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (सी और आईसी) विभाग
यह यूनिट मंत्रालय के समन्वय कार्य, संसदीय मामले, लोक शिकायत (पीजी), मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के प्रकाशन, रिकॉर्ड रिटेंशन शिड्यूल, मंत्रालय की वार्षिक क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है कार्य योजना, मंत्रालय के वर्गीकृत और अवर्गीकृत रिकार्डों की अभिरक्षा, अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों और निःशक्त व्यक्तियों से संबंधित विभिन्न रिपोर्टें प्रस्तुत करने आदि से संबंधित है।
संसदीय मामले
क्रम संख्या | शीर्षक | डाउनलोड/लिंक |
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1 | संसदीय प्रश्न | यहां क्लिक करे |
2 | आश्वासन | |
3 | परामर्शदात्री समिति की बैठकें (प्रभाग विशिष्टि मुद्दों को छोड़ कर) | |
4 | ध्यानाकर्षण नोटिस | |
5 | विभाग सम्बद्ध स्थायी समिति | |
6 | नियम 377 के अंतर्गत लोक सभा में उठाए जाने वाले मामले | |
7 | राज्य सभा में विशेष उल्लेख के द्वारा उठाए जाने वाले मामले |
वार्षिक रिपोर्टे
गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना तथा इसका प्रकाशन करना
क्रम संख्या | शीर्षक | डाउनलोड/लिंक |
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1 | वार्षिक रिपोर्ट | यहां क्लिक करे |
प्रशासनिक सुधार
क्रम संख्या | शीर्षक | डाउनलोड/लिंक |
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1 | प्रभाग विशिष्टो रिपोर्टों को छोड़कर, द्वितीय प्रशासनिक सुधार-आयोग की 15 रिपोर्टों में निहित गृह-मंत्रालय से संबंधित सिफ़ारिशों के कार्यान्वयन से जुड़ा कार्य | यहां क्लिक करे |
लोक शिकायत
- गृह मंत्रालय के बारे में लोक शिकायतों से संबंधित समन्वय कार्य । हार्ड कॉपी और केन्द्रीय लोक शिकायत निवारण तथा मॉनिटरिंग सिस्टम (सीपीजीआरएएमएस) के माध्यम से भी प्राप्त लोक शिकायतें, गृह मंत्रालय में संबंधित प्रभाग को भेज दी जाती हैं, जो सभी शिकायतें देखता है। संयुक्त सचिव (समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) को लोक शिकायतों के नोडल अधिकारी के रूप में नामोद्दिष्ट किया गया है।
- नोडल अधिकारी का संपर्क ब्योरा निम्नवत् है :-
सुश्री सहेली घोष रॉय
संयुक्त सचिव (समन्वय एवं लोक शिकायत)
कमरा नम्बर-188, नॉर्थ ब्लॉक,
नई दिल्ली-110001
टेलिफैक्स नम्बर-23092392
ई-मेल – jscpg-mha[at]nic[dot]in
china न्यूज़
चीन का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर में 31.5 अरब डॉलर घटा, पाकिस्तान में एलएनजी की कीमतें बढ़ने से खड़ा हुआ संकट
पाकिस्तान पिछले तीन वर्षों से लगातार सर्दियों के मौसम में गैस संकट का सामना कर रहा है और वैश्विक एलएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी से पता चलता है कि पीटीआई सरकार के तहत लगातार चौथे वर्ष भी संकट पैदा होगा।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चीन बन रहा है चुनौती, एक के बाद एक संकट हो रहे हैं खड़े
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2020 के अंत में आयोजित यूनाइटेड नेशन के क्लाइमेट चेंज सम्मेलन में घोषणा की थी कि उनका देश जीपीडी के प्रति यूनिट कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में 2005 के स्तर से 65 प्रतिशत तक की कटौती 2030 तक करेगा।
चीन को पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा का खतरा, CPEC परियोजना की सुरक्षा बढ़ाने को कहा
चीन ने पाकिस्तान को 9 चीनी कर्मियों की बस विस्फोट में मौत के बाद एकबार फिर सुरक्षा को ठीक करने को कह दिया है। चीन CPEC के तहत कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। ऐसे में उसे अपने कर्मियों की सुरक्षा का खतरा महसूस हो रहा है।
चीन पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में भारत, वाणिज्य मंत्रालय ने फार्मा API पर डंपिंग रोधी शुल्क की सिफारिश की
चीन के खिलाफ भारत सरकार फिर सख्त हो गई है। भारत और चीन के बीच रिश्ते काफी समय से ठीक नही चल रहे है। भारत ने कुछ समय पहले ही चीन को सबक सिखाने के लिए उसपर आर्थिक हमला किया था।
Cryptocurrency: भारत में लाने की तैयारी, चीन ने किया सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है।
चीन की दिग्गज रियल स्टेट कंपनी के दिवाविया होने की आशंका से क्या भारतीय शेयर बाजार भी होगा प्रभावित?
चीन की दिग्गज रियल स्टेट कंपनी एवरग्रांडे के दिवालिया होने की आशंका से सोमवार को यूएस सहित करीब पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली है।
चीन की 'मजबूत इकोनॉमी' की निकलने लगी हवा, कंगाली के कगार पर पहुंची यह बड़ी कंपनी
चीन को लेकर बड़ी खबर आ रही है। वहां की बहुत बड़ी कंपनी कंगाली की कागार पर पहुंच गई है। ऐसे में लोग बोल रहे है कि चीन की 'मजबूत इकोनॉमी' की हवा निकलने लगी है।
चीन की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, भारत ने कहा विश्व बैंक को ड्रैगन की वजह से लगानी पड़ी कारोबार सुगमता रिपोर्ट पर रोक
भारत दुनिया के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य और एक विश्वसनीय, भरोसेमंद गंतव्य बना हुआ है जबकि चीन का आकर्षण कम हो रहा है।
चीन से हो रहा भारत को नुकसान, वाणिज्य मंत्रालय ने दिया एल्यूमिनियम उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है लगाने का सुझाव
अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के मुताबिक, एक देश अपने घरेलू विनिर्माताओं को एक समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए ऐसे सस्ते उत्पादों के आयात पर शुल्क लगाने के लिए क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है स्वतंत्र है।
अगस्त में चीन का व्यापार बढ़ा, अमेरिका में लाखों लोगों को बेरोजगारों को लाभ मिलना बंद हुआ
अगस्त में अमेरिका को चीन का निर्यात एक साल पहले की तुलना में 15.5 प्रतिशत बढ़कर 51.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जुलाई की तुलना में इसमें 13.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ईडी ने फेमा नियमों के उल्लंघन पर चीन की कर्ज देने वाली एप के 107 करोड़ रुपए जब्त किए
ईडी ने बृहस्पतिवार को बताया कि चीन की इंटरनेट आधारित एप तुरंत व्यक्तिगत कर्ज दे रही थी जिसमें विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून का उल्लंघन किया जा रहा था।
अमेरिका को पछाड़ भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक मैन्यूफैक्चरिंग हब, चीन है नंबर वन
बयान में कहा गया है कि इससे पता चलता है कि अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तुलना में विनिर्माता भारत में रुचि दिखा रहे हैं।
तालिबान के हाथ लगा जमीन में छुपा एक बड़ा खजाना, हिस्सेदारी हासिल करने के लिए चीन कर रहा है मदद
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मीरजाद ने साइंस मैग्जीन को 2010 में बताया था कि यदि अफगानिस्तान अपने खनिज संसाधनों को विकसित करता है तो यह एक दशक के भीतर क्षेत्र में सबसे धनी देशों में से एक बन सकता है।
टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस और वीबो चैट से मुनाफ कमाएगा चीन, सरकारी कंपनी ने किया निवेश
अप्रैल में बाइटडांस ने अपनी चीनी सहायक कंपनी बीजिंग बाइटडांस टेक्नोलॉजी में एक प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की फर्म वांगटौझोंगवेन (बीजिंग) टेक्नोलॉजी को बेच दी।
चीन को कॉपी कर भारत नहीं बन सकता दुनिया का अगला मैन्यूफैक्चरिंग हब : अमिताभ कांत
चीन की नकल कर भारत दुनिया के लिए अगली फैक्टरी नहीं बन सकता, हमें हमेशा विकास के नए उभरते क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा, यह समय विकास के उभरते क्षेत्रों में संभावनाओं का भरपूर दोहन करने का है।
देश में तीन दशक के आर्थिक सुधारों का लाभ ‘असमान’, 2047 तक अमेरिका, चीन के समकक्ष होगा भारत: मुकेश अंबानी
देश के सबसे अमीर व्यक्ति उद्योगपति मुकेश अंबानी का मानना है कि भारत में तीन दशक के आर्थिक सुधारों का नागरिकों को मिला लाभ ‘असमान’ रहा है।
चीन, जापान, स्विट्जरलैंड और रूस के बाद भारत का स्थान, बना दुनिया का 5वां सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश
नौ जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.883 अरब डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 611.895 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
कोरोना काल में चीन ने किया कमाल, शुरू की दुनिया की सबसे तेज 600 किमी/घंटे की रफ्तार वाली मैग्लेव ट्रेन
इस ट्रेन में 10 डिब्बे लगाए जा सकते हैं। प्रत्येक की क्षमता 100 यात्रियों की होगी। यह ट्रेन 1,500 किलोमीटर के दायरे में यात्रा की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ समाधान है।
चीन में दिखा Covid-19 का बुरा असर, महामारी के बाद सुधार की लय बिगड़ने से आर्थिक वृद्धि पड़ी सुस्त
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कोरोनावायरस डाटा के मुताबिक चीन में 104,157 कोरोना मामले आए हैं और यहां महामारी से 4848 लोगों की मौत हुई है।
चीन के मित्र राष्ट्र श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे हैं संकट क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है के बादल, विदेशी मुद्रा भंडार घटा
इस समय श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार मुश्किल से तीन महीने के आयात का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है। बड़ी मात्रा में विदेशी ऋणों की अदायगी लंबित है, जिससे श्रीलंका की वित्तीय प्रणाली प्रभावित हो रही है।
क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है
पाकिस्तान खस्ताहाल विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने के लिए चीन से तीन अरब डालर कर्ज की मांग करेगा
नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की अगले हफ्ते की चीन यात्रा के दौरान पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने के लिए चीन से तीन अरब डालर कर्ज के अलावा कम से कम छह परियोजनाओं में चीनी निवेश की पेशकश कर सकता है। समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने यह जानकारी दी है।
श्री खान इसके अलावा वित्त, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में चीनी सहयोग की गुजारिश कर सकते हैं। वह तीन फरवरी को बीजिंग के लिए रवाना होंगे और वहां शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन सत्र में भाग लेंगे।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार चीन से तीन अरब डालर का एक और कर्ज दिए जाने का अनुरोध करेगी जिसे सेफ डिपॉजिट के रूप में जाना जाता है।
चीन पहले ही पाकिस्तान को वाणिज्यिक ऋण और विदेशी मुद्रा भंडार सहयोग की पहल के रूप में लगभग 11 अरब डॉलर प्रदान कर चुका है, जिसमें सेफ डिपाजिट में चार अरब डॉलर शामिल हैं।
वह चीनी धनराशि देश के मौजूदा आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा है जो 16.1 अरब डॉलर है।
पिछले वित्तीय वर्ष में, देश ने ऋण की अवधि पूरा होने के बाद केवल 4.5 अरब डॉलर की चीनी व्यापार वित्त सुविधा का उपयोग करने के लिए चीन को 26 अरब रुपये से अधिक का ब्याज भुगतान किया था।
पिछले महीने पाकिस्तान को सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर का कर्ज भी मिला था, जिसका इस्तेमाल कर लिया गया है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी 2021 तक गिरकर 16 बिलियन डॉलर रह गया है।
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Myanmar: FATF की ब्लैक लिस्ट में जाने से बढ़ेंगी सैनिक शासन की मुश्किलें, विदेशी मुद्रा प्रबंधन होगा और कठिन
शुक्रवार को पेरिस में हुई अपनी बैठक में एफएटीएफ ने जहां पाकिस्तान को निगरानी के ग्रे लिस्ट से बाहर कर संदेह मुक्त घोषित कर दिया, वहीं म्यांमार को ब्लैक लिस्ट में डालने का फैसला किया।
अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने म्यांमार को अपनी क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है काली सूची में डाल दिया है। ऐसा इस आरोप में किया गया है कि म्यांमार की सैनिक सरकार आतंकवाद को धन मुहैया करा रही है। इस तरह अब म्यांमार को उस सूची में रख दिया गया है, जिसमें इसके पहले सिर्फ ईरान और उत्तर कोरिया मौजूद हैं।
एफएटीएफ का गठन 1989 में सबसे धनी देशों के संगठन जी-7 ने किया था। ये संस्था आतंकवाद को धन मुहैया कराने वाले और व्यापक विनाश के हथियारों के प्रसार में शामिल देशों की निगरानी करती है। शुक्रवार को पेरिस में हुई अपनी बैठक में एफएटीएफ ने जहां पाकिस्तान को निगरानी के ग्रे लिस्ट से बाहर कर संदेह मुक्त घोषित कर दिया, वहीं म्यांमार को ब्लैक लिस्ट में डालने का फैसला किया।
वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक एफएटीएफ ने ये फैसला मुख्य रूप से म्यांमार के कशीनो (जुआ घर) और सीमा पार होने वाले ‘अवैध’ व्यापार के कारण लिया है। आरोप है कि इन दोनों गतिविधियों में अंतरराष्ट्रीय अपराधी शामिल हो गए हैं, जो ड्रग्स और गैम्बलिंग (जुआ) के धंधों में लगे हुए हैं।
इस फैसले के एलान करते हुए एफएटीएफ के अध्यक्ष राजा कुमार ने कहा- ‘ये फैसला इसिलए लिया गया है, क्योंकि म्यांमार ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को धन मुहैया कराने को रोकने के लिए मौजूद व्यवस्था का उल्लंघन किया है। इसीलिए एफएटीएफ दुनिया भर के देशों से अपील करता है कि म्यांमार से कारोबारी संबंध बनाने और किसी प्रकार का लेन-देने करने में वे पूरी सावधानी बरतें।’ राजा कुमार सिंगापुर के अधिकारी हैं और इसी वर्ष एक जुलाई को उन्होंने इस एजेंसी के अध्यक्ष का पद संभाला है।
म्यांमार को इसके पहले भी लंबे समय एफएटीएफ के ब्लैक लिस्ट में रखा गया था। 2016 में उसे ब्लैक लिस्ट से ग्रे लिस्ट में लाया गया। उसी वर्ष तत्कालीन सैनिक शासक थीन सीन ने आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के नेतृत्व में बनी निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपी थी। फरवरी 2021 में सैनिक शासन की वापसी के बाद म्यांमार पर फिर निगरानी बढ़ा दी गई, जिसका नतीजा अब उसे फिर से ब्लैक लिस्ट में डालने के रूप में आया है।
म्यांमार के एक विश्लेषक के मुताबिक इस फैसला को सैनिक शासन की कड़ी आलोचना के रूप में देखा जाएगा। इससे देश की राजसत्ता और अर्थव्यवस्था को संचालित करने सेना की साख पर बट्टा लगेगा। इससे यह भी जाहिर हुआ है कि सैनिक जनरलों ने किस हद तक देश के सेंट्रल बैंक का दुरुपयोग किया है।
विश्लेषकों ने कहा है कि एफएटीएफ के इस फैसले से म्यांमार की पीड़ित जनता के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता मुहैया कराना और कठिन हो जाएगा। देश में कारोबारी समुदाय पहले से ही परेशान है। अब उसकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
हांगकांग सरकार के पूर्व अधिकारी और म्यांमार विशेषज्ञ माइकल एन.जी. ने वेबसाइट निक्कई एशिया से कहा- इस फैसले से म्यांमार के सैनिक शासन के लिए विदेशी मुद्रा का प्रबंधन और मुश्किल हो जाएगा। उधर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए म्यांमार से कारोबार करना कठिन हो जाएगा। ऐसा करने पर उन पर प्रतिबंध लगने का खतरा रहेगा। साथ ही उससे उनकी प्रतिष्ठा भी कलंकित होगी।
विस्तार
अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने म्यांमार को अपनी काली सूची में डाल दिया है। ऐसा इस आरोप में किया गया है कि म्यांमार की सैनिक सरकार आतंकवाद को धन मुहैया करा रही है। इस तरह अब म्यांमार को उस सूची में रख दिया गया है, जिसमें इसके पहले सिर्फ ईरान और उत्तर कोरिया मौजूद हैं।
एफएटीएफ का गठन क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है 1989 में सबसे धनी देशों के संगठन जी-7 ने किया था। ये संस्था आतंकवाद को धन मुहैया कराने वाले और व्यापक विनाश के हथियारों के प्रसार में शामिल देशों की निगरानी करती है। शुक्रवार को पेरिस में हुई अपनी बैठक में एफएटीएफ ने जहां पाकिस्तान को निगरानी के ग्रे लिस्ट से बाहर कर संदेह मुक्त घोषित कर दिया, वहीं म्यांमार को ब्लैक लिस्ट में डालने का फैसला किया।
वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक एफएटीएफ ने ये फैसला मुख्य रूप से म्यांमार के कशीनो (जुआ घर) और सीमा पार होने वाले ‘अवैध’ व्यापार के कारण लिया है। आरोप है कि इन दोनों गतिविधियों में अंतरराष्ट्रीय अपराधी शामिल हो गए हैं, जो ड्रग्स और गैम्बलिंग (जुआ) के धंधों में लगे हुए हैं।
इस फैसले के एलान करते हुए एफएटीएफ के अध्यक्ष राजा कुमार ने कहा- ‘ये फैसला इसिलए लिया गया है, क्योंकि म्यांमार ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को धन मुहैया कराने को रोकने के लिए मौजूद व्यवस्था का उल्लंघन किया है। इसीलिए एफएटीएफ दुनिया भर के देशों से अपील करता है कि म्यांमार से कारोबारी संबंध बनाने और किसी प्रकार का लेन-देने करने में वे पूरी सावधानी बरतें।’ राजा कुमार सिंगापुर के अधिकारी हैं और इसी वर्ष एक जुलाई को उन्होंने इस एजेंसी के अध्यक्ष का पद संभाला है।
म्यांमार को इसके पहले भी लंबे समय एफएटीएफ के ब्लैक लिस्ट में रखा गया था। 2016 में उसे ब्लैक लिस्ट से ग्रे लिस्ट में लाया गया। उसी वर्ष तत्कालीन सैनिक शासक थीन सीन ने आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के नेतृत्व में बनी निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपी थी। फरवरी 2021 में सैनिक शासन की वापसी के बाद म्यांमार पर फिर निगरानी बढ़ा दी गई, जिसका नतीजा अब उसे फिर से ब्लैक लिस्ट में डालने के रूप में आया है।
म्यांमार के एक विश्लेषक के मुताबिक इस फैसला को सैनिक शासन की कड़ी आलोचना के रूप में देखा जाएगा। इससे देश की राजसत्ता और अर्थव्यवस्था को संचालित करने सेना की साख पर बट्टा लगेगा। इससे यह भी जाहिर हुआ है कि सैनिक जनरलों ने किस हद तक देश के सेंट्रल बैंक का दुरुपयोग किया है।
विश्लेषकों ने कहा है कि एफएटीएफ के इस फैसले से म्यांमार की पीड़ित जनता के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता मुहैया कराना और कठिन हो जाएगा। देश में कारोबारी समुदाय पहले से ही परेशान है। अब उसकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
हांगकांग सरकार के पूर्व अधिकारी और म्यांमार विशेषज्ञ माइकल एन.जी. ने वेबसाइट निक्कई एशिया से कहा- इस फैसले से म्यांमार के सैनिक शासन के लिए विदेशी मुद्रा का प्रबंधन और मुश्किल हो जाएगा। उधर अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए म्यांमार से कारोबार करना कठिन हो जाएगा। ऐसा करने पर उन पर प्रतिबंध लगने का खतरा रहेगा। साथ ही उससे उनकी प्रतिष्ठा भी कलंकित होगी।
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पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर,पाकिस्तान रुपया सबसे निचले स्तर पर
कराची: पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा संघ के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तानी रुपये ने मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, खुले बाजार में 4 पीकेआर खो दिया और इतिहास में पहली बार 205 की सीमा को पार कर लिया।
पाकिस्तानी मुद्रा कथित तौर पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरती रही, जो आयात भुगतान के कारण ग्रीनबैक की बढ़ती मांग के कारण इंट्राडे व्यापार के दौरान इंटरबैंक बाजार में 202.75 पीकेआर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गई।
तेल भुगतान के क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है परिणामस्वरूप बढ़ती आयात मांग के कारण रुपये की मांग में कमी के कारण स्थानीय मुद्रा में गिरावट जारी रही। रिपोर्टों के अनुसार, आरिफ हबीब लिमिटेड के एक विश्लेषक ताहिर अब्बास, बकाया तेल भुगतान और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की बढ़ती कीमतों के कारण पाकिस्तानी मुद्रा दबाव में है। उन्होंने कहा, "गिरावट एक बड़े पैमाने पर आयात बिल के कारण क्या पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा व्यापार अवैध है हुई थी, जिसने चालू खाते के घाटे को खराब कर दिया था,"।
बाजार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम के बारे में विकास पर सावधानीपूर्वक नजर रख रहा है, जिसे बजट घोषणा के बाद पुनर्जीवित होने की उम्मीद है क्योंकि सरकार फंड की शर्तों को पूरा करने के लिए सभी व्यवहार्य कदम उठा रही है।
पिछली बार पीकेआर ने 202 बाधा के माध्यम से 26 मई को तोड़ दिया था, जब आईएमएफ उधार कार्यक्रम के पुनर्जीवन के बारे में अधिक अनिश्चितता थी, जो अब है।
हाल ही में नकारात्मक प्रवृत्ति तब शुरू हुई जब सरकार ने सब्सिडी को हटाने के परिणामस्वरूप पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में 60 पीकेआर प्रति लीटर की वृद्धि की, जो साहूकार की मुख्य मांगों में से एक थी।