शीर्ष विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग किताबें

कॉमर्स का कार्य

कॉमर्स का कार्य
ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के संबंध में आयोजित परिचर्चा में जिन लोगों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए, उनमें सर्वश्री उमेश उप्पल, अतुल अग्रवाल, सुदर्शन झवर, राजेश गुप्ता, महेश मुदगल, सुधीर गुप्ता, सुश्री अंजलि बत्रा एवं अन्य सदस्य शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन चेम्बर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव प्रवीण अग्रवाल ने किया और आभार कोषाध्यक्ष बसंत अग्रवाल ने ज्ञापित किया।

E Commerce in Hindi

कॉमर्स का कार्य

(i) क्रमशः (-9cm,,0,0) तथा (9 .

(i) क्रमशः `(-9cm,,0,0)` तथा `(9cm,0,0)` पर रखे दो आवेशों `7muC` तथा `-2muC` से बने निकाय की स्थितिज ऊर्जा ज्ञात करें
(बाह्य विधुत क्षेत्र उपस्थित नहीं है )
(ii) दोनों आवेशों को एक दूसरे से पूर्णतः पृथक करने के लिये आवश्यक कार्य कितना होगा

Updated On: 27-06-2022

UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW!

Get Link in SMS to Download The Video

Aap ko kya acha nahi laga

हेलो फ्रेंड्स हमारे इस क्वेश्चन में जो है 2 क्वेश्चन के 2 पार्ट है दोनों को मिसाल बने सबसे पहला पाठ क्या है कि ग्राम सन 9 सेंटीमीटर जीरो 500 तथा 9 सेंटीमीटर कॉमर्स कॉमर्स ऊपर रखे दो आवेशों सेवन माइक्रो कुलम तथा -2 माइक्रो कुलम से बने निकाय कि हमें क्या करें स्थितिज ऊर्जा ज्ञात करने वैद्युत स्थितिज ऊर्जा ज्ञात करनी है अगर हमारे उपस्थित नहीं है दूसरा पाठ क्या दोनों को एक दूसरे से पूजा पृथक करने के लिए आवश्यक कार्य कितना करना होगा यह में फाइनल करना है तू क्वेश्चन को यहां पर फ्री कटवा कर लेते सबसे पहले एक सिस्टम डिफाइन कर लेते हैं वह हमारा भाई एक्सीस हो जाएगा और यहां से हमारे क्या हो जाएगा एक्स एक्स एक्स हो जाएगा ओके यह हमने क्या लिया वाईएक्ससी लिया यह हमारे एक्स एक्स चाहिए हमारा मूल बिंदु यह जो पॉइंट होगा यह के कौन सा होगा यह 9 सेंटीमीटर कॉमर्स कॉमर्स जीरो का ओके क्योंकि यह एक्स एक्स एक्स इसका निर्देशन बताता है या माली देवी पॉइंट है और यहां से मरा 1 पॉइंट कहीं पर है यहां पर इसका निर्देशन कितना

ई-कॉमर्स कॉमर्स का कार्य क्या है? Ecommerce Website कैसे बनाये?

E-commerce Website

एक समय था जब हमारी जरूरत के सामान को खरीदने के लिए हमें सीधे बाज़ार जाना पड़ता था| यदि ये पता ना हो कि ये कॉमर्स का कार्य सामान कहाँ मिलेगा तो हमें पूरा शहर घूमना पड़ जाता था| सबसे ज्यादा समस्या उन लोगो को होती थी जो दूर-दराज़ इलाक़ो और गावों में रहते है| उन्हें कोई भी नये सामान कॉमर्स का कार्य को खरीदने के लिए शहर आना पड़ता था| जिसमे उन्हें कई तरह के समस्याओं से भी गुजरना पड़ता था|

सबसे ज्यादा समस्या तब आती थी जब शहर में कोई एक दुकान वाला आपसे किसी भी सामान का मनमाने ढंग से पैसे वसूलता था| उस समय हमें किसी भी प्रोडक्ट का सही दाम नही पता होता था| परन्तु आज के समय में कोई भी प्रोडक्ट को खरीदना हो तो इंटरनेट से उसका प्राइस जान लेते है| अब इंटरनेट आ जाने से बहुत कुछ बदल चूका है|

ई-कॉमर्स क्या है?

ई-कॉमर्स अंग्रेजी शब्द Ecommerce में E और Commerce शब्द को मिलाकर बना है| जहाँ E का मतलब Electronic है जिसे पूरा पड़ेंगे तो Electronic Commerce आएगा| “यदि किसी सामान का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से इंटरनेट के द्वारा क्रय-विक्रय या आदान-प्रदान किया जाता है तो उसे ई-कॉमर्स कहा जायेगा|”

उदाहरण के लिए यदि आपको कोई भी सामान कि जरूरत है आप उस सामान को इंटरनेट द्वारा किसी वेबसाइट जैसे Flipkart, Amazon से खरीदते है और वह सामान आप तक डिलीवर हो जाता है तो यह प्रक्रीया Ecommerce में कॉमर्स का कार्य आएगा| भारत में Amazon, Flipkart इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं|

Types of E-commerce

देखा जाये तो E-commerce मुख्यतः 4 प्रकार के होता है| किसी भी बिज़नेस और कस्टमर के उपयोग के लिए इनके अलग-अलग कार्य है|

  1. Business-to-Consumer (B2C)
  2. Business-to-Business (B2B)
  3. Consumer-to-Consumer (C2C)
  4. Consumer-to-Business (C2B)

E-commerce Website कैसे बनाये?

अपने प्रोडक्ट की जानकरी और तैयारी पूरी करने के बाद आपको अपने वेबसाइट पर फोकस करना होगा| एक समय था जब एक डेवलपर किसी भी Ecommerce Website के लिए 50-60 हज़ार रुपये ले लेते थे| जिसको बनाने में वो काफी समय भी लेते थे| परन्तु अब कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर और मोड्यूल आ गए है जिससे कम खर्च में किसी भी तरह कोई कोई E-commerce Website वेबसाइट बनाया जा सकता है|

ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाने के लिए WooCommerce, Magento, Shopify प्लेटफार्म को सबसे बढ़िया माना जाता है| इसमें से WooCommerce सबसे सरल और फ्री मोड्यूल है|

यहाँ मैं आपको कुछ स्टेप बताऊंगा जिससे आप खुद अपना एक ई-कॉमर्स वेबसाइट बना सकते है| कॉमर्स का कार्य बस आपको आगे का लेख ध्यान से बढ़ना होगा-

डोमेन रजिस्टर

ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाने के लिए सबसे पहला काम होता है आप उसका डोमेन रजिस्टर करे| जैसे- flipkart.com, amazon.in ये सब डोमेन है| आपको भी अपने प्रोडक्ट के अनुसार एक डोमेन चुनना होगा और उस डोमेन को आप Godaddy से रजिस्टर कर सकते है| एक डोमेन के लिए आपको 1000 रूपए तक खर्च करने पड़ सकते है|

Green Field Project: MP के 3 शहर ग्वालियर,देवास और पीथमपुर का चयन

भोपाल/ भारत सरकार द्वारा देश के आठ प्रदेशों में ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के तहत कार्य किया जायेगा। इसके तहत स्मार्ट सिटी की तर्ज पर शहर का चयन कर सम्पूर्ण विकास के कार्य किए जायेंगे। मध्यप्रदेश के तीन शहर देवास, पीथमपुर और ग्वालियर का चयन कर इसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

ग्वालियर के संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने शनिवार को चेम्बर ऑफ कॉमर्स में ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के संबंध में आयोजित परिचर्चा में यह बात कही।

चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सभागार में ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के संबंध में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तार से प्रजेण्टेशन के माध्यम से जानकारी दी गई। इसके साथ ही महत्वपूर्ण सुझाव भी लिए गए।

चाईबासा : आयकर अधिकारी चेंबर के पदाधिकारियों को देंगे टीडीएस की जानकारी 23 नवंबर को

होटल सनशाइन में बैठक करते चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारी.

होटल सनशाइन में बैठक करते चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स के पदाधिकारी.

Chaibasa( Ramendra Kumar Sinha) : पश्चिमी सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की सत्र 2021- 23 की 11वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक स्थानीय होटल सनशाइन में चेंबर के अध्यक्ष राजकुमार ओझा के अध्यक्षता में रखी गई. इस बैठक में पिछले बैठक की कार्यों की संपुष्टि की गई और आगामी 23 नवंबर को/आयकर (TDS) के लिए आयकर के पदाधिकारियों के द्वारा इसके बारे में प्रमुख जानकारियां दी जाएगी.

होटल सनशाइन में 23 नवंबर को होगा कार्यक्रम

इसमें मुख्य रुप से विनोद अग्रवाल (आईआरएस)एडीशनल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स जमशेदपुर, मनीष झा (आईआरएस) एडीशनल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (टीडीएस) रांची, आशीष कुमार (आईआरएस)डिप्टी कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (टीडीएस) रांची, सिद्धार्थ पांडे इनकम टैक्स ऑफिसर (टीडीएस) जमशेदपुर, मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम का आयोजन पश्चिमी सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं चाईबासा चेंबर ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडस्ट्रीज के संयुक्त तत्वाधान में निर्धारित तिथि 23 नवंबर कॉमर्स का कार्य को होटल सनशाइन में किए जाने का निर्णय लिया गया.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

E Commerce in Hindi -ई कॉमर्स क्या है || पूरी जानकारी पढ़ें

ई-वाणिज्य, उन वृहद परास ऑन -लाइन व्यापारिक कार्यों को इंगित करता है जिनमें उत्पाद एवं सेवा खरीदी व बेची जाती है। ई-वाणिज्य, उन सभी वाणिज्यिक गतिविधियों से संबंधित है जिसमें दो या दो से अधिक पक्ष (व्यापार या ग्राहक) भौतिक सम्पर्क या भौतिक विनिमय के स्थान पर इलैक्ट्रोनिक माध्यम से अन्योन्य क्रिया करते है। ई-व्यापार, ई-बैंकिग, ई-शाॅपिंग आदि ई-वाणिज्य के ही भाग है।

विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था के प्रादुर्भाव के कारण ई-वाणिज्य या ई-व्यापार, व्यापार की व्यूह रचना के अंग बनाता जा रहा है तथा यह आर्थिक विकास में उत्प्रेरक का कार्य कर रहा है। व्यापार में सूचना एवं संचार तकनीक (Information Communication Technology-ICT) के उपयोग ने व्यापारिक संगठनों के मध्य तथा व्यापारिक संगठन एवं व्यक्ति विशेष के मध्य संबंधों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिये है।

इलैक्ट्रोनिक वाणिज्य की व्यापक परिभाषा(E Commerce Meaning)

संगठनों के मध्य तथा व्यापारिक संगठन एवं व्यक्ति विशेष के मध्य व्यापारिक गतिविधियों की उत्पति, बदलाव एवं संबंधों की पुर्न-परिभाषा के लिए इलैक्ट्रोनिक संचार माध्यम तथा डिजिटल सूचना प्रसंस्करण तकनीकों का उपयोग ई-वाणिज्य कहलाता है।

ई-काॅमर्स कॉमर्स का कार्य के अंतर्गत क्रेता इच्छित वस्तु को क्रय करने के लिए वस्तु का उत्पादन करने वाली विक्रय करने वाली व्यापारिक संस्था की ई-काॅमर्स वेबसाइट पर जाकर वस्तु का चयन करता है। क्रेता को उत्पाद का भुगतान क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या इन्टरनेट बैंकिग के द्वारा करना हेाता है। इसके लिए विक्रेता की वेबसाइट पर सुविधा उपलब्ध होती है जहाँ क्रेता अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड का नम्बर तथा अन्य जानकारियाँ देता है।

विक्रेता कार्ड प्रदाता संस्था से इन जानकारियों का ऑन लाइन सत्यापन करता है तथा सौदा निश्चित कर देता है। विक्रेता कोरियर या परिवहन सुविधा की मदद से वस्तु को क्रेता द्वारा बताये गए पते पर भेज देता है तथा भुगतान राशि क्रेता के खाते से विक्रेता के खाते में हस्तान्तरित हो जाती है।

ई-वाणिज्य के लाभ (Benefits of e-commerce)

✅ वस्तु एवं सेवाओं को चुनने से पूर्व क्रेता घर बैठे विभिन्न विक्रेताओं की वेबसाइट पर जाकर उसकी विशेषताओं व कीमतों आदि की तुलना कर सकते है। जिससे क्रेता को बहुत कम प्रयास में इच्छित वस्तु के बारे में पूर्ण जानकारी तथा चयन के लिए अनेक विकल्प उपलब्ध हो जाते है।

☑️ ई-वाणिज्य से उत्पादक तथा क्रेता के मध्य मध्यस्थों की शृंखला छोटी हो जाती है तथा विपणन लागत में कमी आ जाती है। जिससे उत्पादक, क्रेताओं को तुलनात्मक रूप में कम मूल्य पर वस्तु को क्रय करने के अवसर प्रदान करते है।

✅ ई-वाणिज्य में व्यापारिक सूचनाओं का आदान-प्रदान इंटरनेट के माध्यम से ऑन लाइन होता है जिससे व्यापारिक सूचनाओं के आदान-प्रदान की लागत व समय में कमी आती है।

☑️ ई-वाणिज्य से व्यापार में खर्चीले शो-रूम, कमीशन एजेंट व सेल्स मैन की आवश्यकता नहीं होती। फलस्वरूप परम्परागत व्यवसाय की तुलना में विपणन लागत कम हो जाती है तथा विपणन सुविधाजनक, सरल व असरदार हो जाता है।

रेटिंग: 4.45
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 827
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *