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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?
क्रिप्टोग्राफ़ी एक अध्ययन का ऐसा क्षेत्र होता है; जिसमे इनफार्मेशन को सुरक्षित करने के बारे में अध्ययन किया जाता है. ताकि कोई तीसरा व्यक्ति किसी सूचना को न पढ़ सके।

Cryptocurrency क्या है?

DGGI ने मारे छापे, वजीरएक्स के बाद दूसरे क्रिप्टो एक्सचेंज भी रडार पर

नई दिल्ली. गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय(DGGI) ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency exchange ) वज़ीरएक्स (WazirX) यहां छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम देने के बाद देश भर में प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी सर्विस प्रोवाइडर्स के दफ्तरों पर छापे मारे हैं. यह छापे जीएसटी इंटेलिजेंस अधिकारियों की अगुवाई में मारे गए हैं. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार डीजीजीआई ने बड़े पैमाने पर कर चोरी का पता लगाया है. इससे पहले DGGI के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि विभाग ने करों से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स पर 49.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

जीएसटी मुंबई (ईस्ट कमिश्नरेट जोन) ने क्रिप्टोककेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स की व्यावसायिक गतिविधियों की जांच करते क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है? हुए 40.5 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया. बयान में, एजेंसी ने कहा कि उन्होंने फर्म से 49.20 करोड़ रुपये नकद वसूल किए हैं जिसमें ब्याज और जुर्माना शामिल है.क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?

बेस्ट क्रिप्टो एक्सचेंज इन इंडिया | बेस्ट क्रिप्टो करेंसी एप इन इंडिया

बेस्ट क्रिप्टो एक्सचेंज इन इंडिया

बेस्ट क्रिप्टो एक्सचेंज इन इंडिया – उच्चतम न्यायालय (भारत) ने 4 मार्च, 2020 को क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में इन्वेस्ट और बिज़नेस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। उच्चतम न्यायालय ने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ”क्रिप्टोकरेंसी” को प्रतिबंधित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है? करने के RBI के निर्णय को बेहद गलत बताया। उच्चतम न्यायालय के मौजूदा आदेश के बाद भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और विभिन्न क्षेत्रों में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग की उम्मीदे की जा सकती है

ब्लॉकचेन तकनीक क्या है

  • ब्लॉकचेन एक प्रकार का विकेंद्रीकृत बही-खाता होता है, जिसमें विनिमय से संबंधित सारी जानकारी को कूटबद्ध (encrypted ) तरीके से एक ब्लॉक के रूप में सुरक्षित या संगृहीत किया जाता है।
  • ब्लॉकचेन में दर्ज प्रत्येक आँकड़े (ब्लॉक) का अपना एक विशिष्ट इलेक्ट्राॅनिक हस्ताक्षर या नंबर होता है, जिसे परिवर्तित बदला नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही प्रत्येक ब्लॉक में पिछले ब्लॉक का इलेक्ट्राॅनिक हस्ताक्षर भी दर्ज होता है जिससे इन्हें आसानी से एक श्रृंखला में रखा जा सकता है।
  • ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेन-देन के हस्ताक्षर दर्ज होने पर इसे न तो वहाँ से हटाया जा सकता है और न ही इसमें बदलाव किया जा सकता है।
  • ब्लॉकचेन विनिमय की संपूर्ण जानकारी या डाटा को एक स्थान पर सुरक्षित करने के बजाय हज़ारों (या लाखों) कंप्यूटरों में संरक्षित किया जाता है। जिससे डाटा लीक का खतरा कम हो जाता है |

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

  • क्रिप्टोकरेंसी में खरीदने या बेचने के लिए बैंक या किसी अन्य सरकारी या अर्धसरकारी बिचौलिये की भूमिका की आवश्यकता नहीं होती है, अतः इस माध्यम से बहुत ही कम खर्च में क्रिप्टोकोर्रेंसी का लेन – देन किया जा सकता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार करने या खरीदने बेचने के लिये किसी भी प्रकार के प्रपत्र या सरकारी कागज (पहचान-पत्र आदि) की आवश्यकता नहीं होती है, अतः कोई भी व्यक्ति या संसथान इस प्रणाली के माध्यम से वित्तीय क्षेत्र से जुड़ सकता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसकी गोपनीयता है, किसी प्रपत्र या सरकारी कागजात की अनिवार्यता के अभाव में लेन-देन के दौरान लोगों की निजी-जानकारी सुरक्षित रहती है।
  • क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग बिना कोई अतिरिक्त शुल्क या मुद्रा एक्सचेंज चार्ज दिये विश्व में किसी भी देश में किया जा सकता है। हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक मुद्रा के रूप में किसी भी देश द्वारा वैधानिक मान्यता प्रदान नहीं की गई है।

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

वर्ष 1983 में, एक अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर ने वर्चुअल मनी के बारे परिकल्पना की; जिसे eCash का नाम दिया। बाद में 1995 में, इसे डिजीकैश का नाम दिया गया.

1996 में, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने हाउ टू मेक टू मिंट: एनक्रिप्टेड इलेक्ट्रॉनिक कैश की क्रिप्टोग्राफ़ी का एक पेपर प्रकाशित किया, जिसमें एक क्रिप्टोक्यूरेंसी प्रणाली का वर्णन किया गया।

पहली Decentriliced Cryptocurrency का विकास Bitcoin के रूप में 2009 में हुआ. Bitcoin की खोज एक Satoshi Nakamoto नाम के डेवलपर ने की थी. हालांकि डेवलपर के नाम के अलावा और अधिक जानकारी नहीं प्राप्त हो सकी.

बिटकॉइन मुख्य रूप से Blockchain पर आधारित होता है. “Blockchain” एक क्रिप्टोग्राफ़ी के माध्यम से सुरक्षित किया गया Ledger होता है. इसमें बिटकॉइन के सभी लेन देन को सुरक्षित रखा जाता है। ब्लॉकचैन में बिटकॉइन के प्रथम धारक से लेकर अंतिम धारक तक का डेटा सुरक्षित होता है. यह encrpt फॉर्म में होता है. बिटकॉइन के किसी ट्रांजेक्शन को Blockchain Explorer के माध्यम से वेरीफाई भी किया जा सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल वॉलेट में रखी जाती है; जिसको इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस किया जाता है. यह साधारण मुद्रा जैसे रुपया, डॉलर आदि से अलग होती है. चूंकि इसका कोई सेन्ट्रल एडमिनिस्ट्रेशन पॉइन्ट नहीं होता है.

ब्लॉकचैन के माध्यम से इसके लेन देन का रिकार्ड रखा जाता है. Blockchain एक ledger के रूप में कार्य करती है. कुछ छोटे छोटे ट्रांजेक्शन से मिलकर एक ब्लॉक बनता है. ये ब्लॉक आपस में जुड़े होते हैं. इसी लिए इसे ब्लॉक चैन कहा जाता है।

बिना किसी सेंट्रल बैंक या सेंट्रल administraation के यह काम करती है. इसका डाटा अलग अलग कम्प्यूटर्स पर होता है. बिटकॉइन के P2P नेटवर्क के जरिये के यूजर दूसरे यूजर तक क्रिप्टोकरेंसी भेज सकता है।

यदि क्रिप्टोकरेंसी में कोई लेन देन किया जाता है. तो यह जानकारी blockchain पर दर्ज हो जाती है. किसी ट्रांजेक्शन की वैलिडिटी चेक करने का काम Miner करता है. इस प्रक्रिया को Mining कहते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे?

Cryptocurrency Exchange या मार्केट, एक ऐसा स्थान होता है. जहां पर कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी को खरीद व् बेच सकता है। क्रिप्टो एक्सचेंज अलग अलग क्रिप्टो जैसे Bitcoin, Ethereum, Binance coin, Solana, Doge coin आदि को रखने तथा ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं.

इन एक्सचेंज के माध्यम से staking भी की जाती है. कुछ समय से क्रिप्टो future Contract ट्रेडिंग भी होने लगी है.

स्टैकिंग एक प्रक्रिया होती है जिसमे यूजर अपनी क्रिप्टो एसेट कुछ पहले से निश्चित समय के लिए एक्सचेंज के पास रखते हैं, जिसके बदले यूजर को कुछ ब्याज दिया जाता है।

टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Top 10 Cryptocurrency Exchange)

क्रिप्‍टोकरेंसी एक्‍सचेंज ने निकाला नया तरीका, अब ऐसे हो रहा है व्‍यापार

Bitcoin

नई दिल्‍ली। जहां एक ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आदेश के बाद क्रिम होने के कगार पर है। वहीं दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी एक्‍सजेंच हार मानने को बिल्‍कुल भी तैयार नहीं है। एक्‍सचेंज आरबीआई के नियमों का ढाल बनाकर अपनी जड़ों को मजबूत करने की कोशिश में लगा है। क्रिप्टोकरेंसी एक्‍सचेंज ने एक ऐसा तरीका निकाला है, जिससे आप बिटकॉइन में सिर्फ निवेश कर सकते हैं। बल्कि आप आसानी से ट्रांजेक्‍शन भी कर सकते हैं। आइए बापको भी बताते हैं कि क्रिप्‍टोकरेंसी व्‍यापार का कौन सा तरीका निकाला है.

क्रिप्‍टो टू क्रिप्टो ट्रेड किया शुरू
बिटकॉइन पर आरबीआई के निर्देश के बाद लगभग बंद होने के कगार पर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ने ट्रेडिंग का नया तरीका ढूंढ लिया है। कई एक्सचेंज ने क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो ट्रेड शुरू कर दिया है तो कई पेटीएम जैसे वॉलेट्स और यूपीआई ऐप्स से पैसे ले रहे हैं। आरबीआई के सख्त रुख के बाद भी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज अपना कामकाज जारी रखने के तरीके खोज रहे हैं।

प्रणय रॉय और राधिका रॉय का इस्तीफा, NDTV में क्या हो रहा है?

प्रणय रॉय और राधिका रॉय का इस्तीफा, NDTV में क्या हो रहा है?

समाचार चैनल NDTV को खरीदने के अडाणी समूह के ओपन ऑफर के बीच प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने निदेशक पदों से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भेजे पत्र में कंपनी ने कहा कि मंगलवार को हुई बैठक में बोर्ड के निदेशकों ने प्रणय और राधिका रॉय के इस्तीफों को मंजूरी दे दी है और सुदीप्त भट्टाचार्य, संजय पुगलिया क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है? और सेंथिल चंगलवारयान को बोर्ड में शामिल किया गया है।

कैसे लाया गया ओपन ऑफर?

अगस्त में जानकारी सामने आई थी कि गौतम अडाणी के अडाणी समूह ने NDTV में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। तब समूह ने कहा था कि वह 26 प्रतिशत और हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाएगा। 22 नवंबर को समूह ने ओपन ऑफर की शुरुआत कर दी, जो 5 दिसंबर तक जारी रहेगा। हालांकि, जब अगस्त में हिस्सेदारी खरीदने की बात आई थी, तब NDTV ने कहा था कि संस्थापकों की सहमति के बिना यह सौदा हुआ है।

अधिग्रहणकर्ता कंपनी के शेयरहोल्डर को एक निश्चित राशि पर अपने शेयर बेचने के लिए ओपन ऑफर देता है। ऐसा तब किया जाता है कि जब वह कंपनी की पब्लिक शेयरहोल्डिंग में 25 प्रतिशत से अधिक का हिस्सेदार होता है। अडाणी समूह के पास कंपनी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है और इससे कंपनी का नियंत्रण भी उसके पास जा सकता है। ऐसे में समूह को ओपन ऑफर लाना पड़ा ताकि कंपनी छोड़ने के इच्छुक छोटे शेयरहोल्डर अपना हिस्सा बेचकर निकल सकें।

सोमवार को ट्रांसफर हुए शेयर

इससे पहले सोमवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने खबर दी थी कि NDTV संस्थापकों की कंपनी ने अपने शेयर अडाणी समूह की एक कंपनी को जारी कर दिए हैं। इससे अडाणी समूह NDTV पर नियंत्रण के एक कदम और नजदीक आ गया है। हालांकि, कंपनी के संस्थापक रॉय अडाणी को रोकने के लिए काउंटर ऑफर ला सकते थे, लेकिन उसके लिए बड़ी मात्रा में धन की जरूरत थी।

2009 और 2010 में विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) ने राधिका रॉय और प्रणय रॉय की कंपनी RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को 403.8 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था। इसके बदले RRPR ने VCPL को वारंट जारी किए थे। VPCL के पास इन वारंट को RRPR में 99.9 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने का विकल्प था। RRPR को कर्ज देने के लिए VPCL ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की कंपनी रिलायंस स्ट्रैटेजिक वेंचर से फंड लिया था।

फिर हुई अडाणी की एंट्री

यहां तक अडाणी समूह कहीं भी इस डील में शामिल नहीं था, लेकिन 23 अगस्त को समूह ने ऐलान किया कि AMG मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने VCPL को 113.7 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। AMG मीडिया अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की कंपनी है।

यह अधिग्रहण होने तक NDTV ने VCPL का कर्ज चुकाया नहीं था। इसके बाद VCPL ने NDTV को यह कहते हुए नोटिस जारी कर दिया कि वह कर्ज के बदले जारी वारंट को RRPR में 99.5 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदल रही है। RRPR के पास NDTV के 29.18 प्रतिशत शेयर थे। ऐसे में RRPR की NDTV में हिस्सेदारी VCPL के जरिये अडाणी समूह की AMG मीडिया के पास चली गई है।

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