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शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है?

शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है?

Liquid Stock क्या है और लिक्विड स्टॉक कैसे चुनें?

लिक्विड स्टॉक क्या है? अगर आपने शेयर बाजार में ट्रेडिंग के बारे में कहीं पढ़ा या सुना होगा। तो शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? वहां हमेशा liquid stock को खरीदने व बेचने के लिए कहा जाता है। आज बड़े बड़े ट्रेडर्स लिक्विड स्टॉक में ट्रेड करने को कहते हैं। साथ ही जिस स्टॉक में liquidity नहीं होती है। तो उसमे ट्रेडिंग करने के लिए आपको हमेशा 'ना' ट्रेड करने की सलाह देते हैं।

आज के समय कई नये ट्रेडर्स शेयर मार्केट में एंट्री लिए है। शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? जो ट्रेडिंग करके financial independent होना चाहते हैं। ट्रेडिंग के लिहाज से आपको liquidity का मतलब जानना बहुत जरूरी होता है।

खासकर यह लेख उन retail trader's के लिए फायदमंद है जो नॉन कॉमर्स बैकग्राउंड के है। शेयर मार्केट में liquidity शब्द उनके लिए थोड़ा टेक्निकल हो जाता है। इसलिए आज के लेख "liquid stock क्या होते हैं और liquid stock कैसे चुने?" के बारे में आसान शब्दो में जानेंगे। आइए तो फिर पहले जानते हैं कि मार्केट में liquidity शब्द का क्या अर्थ होता है।

Liquidity क्या है?

Liquidity का हिंदी में अर्थ "तरलता" होता है। इसका मतलब यह हुआ कि किसी भी asset को कितनी आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी कि कोई भी asset जितना liquid होगा, उसकी उतनी आसानी से खरीद और बिक्री की जा सकता है। वहीं अगर कोई asset जितना illiquid होगा उसे बेचना और खरीदना उतना ही मुश्किल होता है।

Liquid Stock क्या है?

Liquid Stock का मतलब किसी भी शेयर को आसानी से कभी भी खरीदा और बेचा जा सकता है। यानी कि आपके पास जो भी शेयर है, उसे सही समय आने पर कैश में आसानी से बदला जा सके। अच्छी लिक्वडिटी वाले शेयरों में नजर रखना और उसमे ट्रेड या निवेश करने से आपको यह मदद मिलती है कि जब भी आपको एक मोटा प्रॉफिट हो तो उसे आसानी से बेच सके।

यदि आप illiquid stock में ट्रेड या निवेश करते हैं तो शायद यह भी हो सकता है, कि आपको कभी भी उस share को बेचना हो लेकिन कोई खरीदने वाला ना मिले। इसलिए प्रोफेशनल ट्रेडर्स और निवेशक आपको इस तरह के स्टॉक में ट्रेड या निवेश करने से शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? मना करते है। क्योंकि stock illiquid होने के कारण आपको बेचने में दिक्कत आ सकती है।

लिक्विड शेयरों के चार्ट में आपको हर एक मिनट कि कैंडल में बॉडी मिल जाती है। इस तरह के स्टॉक में हर एक मिनट में अच्छा वॉल्यूम होता है। Liquidity होने के कारण हर एक मिनट में शेयरों के प्राइस में उतार चढ़ाव होता रहता है। ज्यादातर penny stocks और कम प्राइस वाले शेयरों में लिक्वडिटी नहीं होती है।

Trading के लिए Liquid Stock क्यों महत्वपूर्ण है?

लिक्वडिटी का अर्थ आप लोग जान गए होगे। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा कि trading के लिए लिक्विड स्टॉक क्यों जरूरी होते हैं। आइए जानते हैं कि लिक्वडिटी बाजार को दो मुख रूप से कैसे प्रभावित करती है:-

1. मूल्य प्रसार ( Price Spread )

Finance में स्प्रेड का मतलब दो प्राइस, रेट्स, या यील्ड का अंतर होता है। अगर आसान शब्दो में बताए तो मूल्य प्रसार मार्केट के खरीदार और विक्रेता के ऑर्डर्स का अंतर होता है। यह हमें बताने की कोशिश करता है कि एक खरीदार और विक्रेता के खरीद और बिक्री के प्राइस में क्या अंतर है।

Liquid Stock खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाले गैप को कम करने की कोशिश करता है। यानी कि लिक्विड स्टॉक में low price spread होता है। वहीं illiquid शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? stock में खरीद प्राइस और बिक्री प्राइस के बीच में आने वाला गैप बहुत ज्यादा होता है। यानी कि illiquid स्टॉक में high price spread होता है। इसलिए illiquid स्टॉक में किसी भी शेयर को खरीदना और बेचना मुश्किल हो जाता है।

2. Slippage

Slippage का हिंदी में अर्थ "फिसलन" या " गिरावट" होता है। वहीं ट्रेडिंग slippage का मतलब अपेक्षित कीमत (expected price) और उस कीमत के बीच का अंतर जो ट्रेड निष्पादित (executed) हो चुका है। वैसे तो बाजार में शेयरों के प्राइस में तेजी से उतार चढ़ाव आता है। इसलिए slippage कभी भी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर समय slippage होने कारण शेयर में high volatility होती है। दूसरी तरफ इसके होने का कारण यह भी है कि जब कोई बड़े मात्रा में ऑर्डर को executed किया जाता है, लेकिन उस समय bid/ask प्राइस के बीच में स्प्रेड बनाए रखने के लिए चयन किए गए प्राइस में वॉल्यूम नहीं होता है। बता दू कि liquid stock में illiquid stock में मुकाबले slippage कम होती है।

Slippage को हम दो प्रकार में भिवाजित कर सकते हैं। एक सकारात्मक गिरावट और दूसरा नकारात्मक गिरावट है। सकारात्मक गिरावट तब होती है जब लॉन्ग ट्रेड में ask price का कम होना और शॉर्ट ट्रेड में bid price का बढ़ना होता है। वहीं नकारात्मक गिरावट तब होती है जब लॉन्ग ट्रेड में ask price का बढ़ना होना और शॉर्ट ट्रेड में bid price का कम होना होता है।

Trading के लिए Liquid Stocks को कैसे चुने?

Trading के लिए लिक्विड स्टॉक का होना आवश्यक है। खासकर intraday trading के लिए highly liquid stocks का होना जरूरी है। स्टॉक में वॉल्यूम के साथ साथ volatility होने से शेयर कि लिक्विडिटी बढ़ जाती है। आइए तो फिर जानते हैं की ट्रेडिंग के लिए लिक्वड स्टॉक्स कैसे चुने?

1. High Trade Volume

किसी भी स्टॉक में high volume होने का मतलब उस स्टॉक पर एक दिन में कितनी खरीद और बिक्री हुई है। हाई वॉल्यूम यानी कि उस स्टॉक में हाई लिक्विडिटी का होना है।

2. Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होना

Bid/Ask प्राइस में कम अंतर होने का मतलब यह हुआ की उस स्टॉक को खरीदने के लिए अनेकों खरीददार मौजूद है। वहीं दूसरी तरफ अनेकों विक्रेता उस स्टॉक को बेचने के लिए मौजूद है। इससे slippage कि कमी और high liquidity होना दर्शाता है।

3. मध्य volatility वाले शेयरों को चुने

अगर किसी स्टॉक में कम लिक्विडिटी यानी कि वोलैटिलिटी बिल्कुल भी नहीं है। वह स्टॉक जो पूरी तरह से choppy है। उनसे हमेशा दूर रहना चाहिए। लेकिन वही दूसरी तरफ अगर स्टॉक ज्यादा वोलेटाइल होगा, तो उसमे नुकसान भी उतना ही ज्यादा हो सकता है। इसलिए ट्रेडिंग के लिए मध्य volatility वाले शेयरों को चुने। मध्य volatility वाले शेयरों में रिस्क, हाई volatility वाले शेयरों से कम होता है।

निष्कर्ष

ट्रेडर्स के नजरिए से स्टॉक में लिक्विडिटी होना बहुत जरूरी होता है। हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है। इस तरह के स्टॉक को जल्दी से नकदी में बदला जा सकता है। अगर किसी स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं है तो शायद आप एक अच्छी ऑपर्च्युनिटी खो दे।

डे ट्रेडर्स को हाई लिक्विडिटी वाले स्टॉक का चयन करना चाहिए। क्योंकि उन्हें एक दिन में कई सौदे करने पड़ते हैं। अगर दूसरी तरफ देखे तो स्टॉक में लिक्विडिटी नहीं होने के कारण आप एक दिन में कई ट्रेड ना ले पाए। Illiquid stocks में आपके रिस्क कैपेसिटी से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है।

उम्मीद करता हूं कि आपको आज का लेख "liquid stocks क्या है? लिक्वड स्टॉक कैसे चुने?" पसंद आया होगा। ऐसे ही वित्तीय बाजार के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहे। हम यहां आपको वित्तीय बाजार के साथ साथ टेक्नोलॉजी से जुड़ी अन्य जानकारियां भी साझा करते हैं।

Radar Signal Trading System in Hindi: जानिए शेयर मार्केट में रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है?

Radar Signal Trading System in Hindi

Radar Signal Trading System in Hindi: शेयर बाजार में निवेशकों को अधिक लाभ पहुंचाने के उदेश्य से पिछले कुछ वर्षों में अनेक प्रणालियों का विकस किया गया हैं।रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम शेयर ट्रेडिंग की उन्ही तकनीकों में से एक है। इस तकनीक की मदत से ट्रेडर को थोड़ी ही देर में शेयर ट्रेडिंग के लिए शेयरों का विश्लेषण करने में मदद मिलती है। आइये जानते हैं शेयर मार्किट में रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है? और Radar Signal Trading System कैसे कार्य करता है?

रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है?

रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम शेयर ट्रेडिंग की एक तकनीक हैं जो तार्किक विश्लेषण के माध्यम से कार्य कराती है। यह एक ऐसी विधि है जो विश्लेषण के माध्यम से उत्पन्न होती है। रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का प्रयोग शेयर्स खरीदने या बेचने के संकेत देने के लिए किया जाता है। Radar Signal Trading System उन निवेशकों के लिए है जो शेयर मार्किट की कम जानकारी रखते है या उसके बारे में कुछ नहीं जानते। ये तकनीक निवेशकों को उनकी निवेश की जरूरतों और लक्ष्यों पूरा करने में मदत कराती है। आइये जानते है इस तकनीक की पूरी जानकारी (शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? Radar Signal Trading System in Hindi)

Radar Signal Trading System in Hindi

Radar Signal Trading System गणितीय एल्गोरिदम पर आधारित होता है। इसमें पूर्व निर्धारित सेट किए हुए गणितीय सूत्र होते हैं जिनके आधार पर शेयर के खरीदने या बेचने का सिग्नल भेजा जाता है। Radar Signal Trading System का उपयोग ट्रिगर को खरीदने या बेचने के अलावा, ट्रेड/व्यापार संकेतों के आधार पर अपने पोर्टफोलियों को संशोधित करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावां आप इस तकनीकी का इस्तेमाल से प्रकृति के संकेतकों का उपयोग करके मैनुअल विधियों के आधार पर शेयर का विश्लेषण कर सकते है।

कैसे काम करता है रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम?

शेयर मार्केट में सिग्नल ट्रेडिंग ऑनलाइन ट्रेडिंग में उपयोग की जाने वाली एक बहुत ही सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण प्रणाली है। रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से शेयर बाजार से अनावश्यक डेटा को हटा देता है। इससे निवेशकों को केवल उन्हीं शेयरों के बारे में जानकारी मिलती है जो उनकी निवेश आवश्यकताओं और उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इस तकनीक में एक पैटर्न के आधार पर शेयर के खरीदने’ और ‘बेचने’ का सिग्नल दिया जाता है। शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? अगर कोई शेयर अपना पैटर्न ब्रेक करता है तो इसका सिग्नल तुरंत आता है जिससे निवेशक सही समय पर फैसला ले सके।

सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का आधार (Common Inputs)

तकनीकी विश्लेषण के लिए रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम में अलग-अलग इनपुट लिए जाते है। इसमें प्रमुख घटक तकनीकी विश्लेषण है के साथ मौलिक विश्लेषण और मात्रात्मक विश्लेषण का भी इस्तेमाल किया जाता शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? है। शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम में निम्नलिखित सामान्य इनपुट को शामिल किया जाता है।

Importance of Radar Signal Trading System ( महत्त्व )

सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम आपके पोर्टफोलियो की कैसे मदद कर सकता है और कैसे आपको सही जानकारी दे सकता है इसे निचे विंदुवार समझाया गया है।

  • रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम निवेशकों को तुरन्त यह जानने में मदत करता है कि किस स्टॉक ने उच्च या निम्न स्तर पर शुरुआत की हैं।
  • यह दर्शाता है कि कौन कौन से शेयर्स ने रेजिस्टेंस स्तर या सपोर्ट स्तर को तोड़ दिया है।
  • Radar Signal Trading System से उतार-चढ़ाव के दिनों में वॉल्यूम बदलना आसानी से समझा जा सकता है।
  • कई तकनीकी संकेतकों को ट्रैक करने के लिए एक व्यापक सिस्टम प्रदान करता है।

कितना सटीक है रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम?

इस समय पूरी दुनिया में अधिकतर निवेशक सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं। रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम निवेशकों को खरीदने या बेचने के संकेत देने के लिए तकनीकी विश्लेषण और मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने में मदद करता है। मौजूदा समय में बड़ी संख्या में सूचीबद्ध शेयर के कारण सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम के बिना ट्रेडिंग या निवेश मुश्किल है। कहा जाता है कि इस तकनीक से मानवीय त्रुटि को दूर किया गया है लेकिन इनमें कई ऐसी विधियां है जो पूर्ण रूप से प्रमाणित नहीं हैं। इसलिए किसी भी सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

FAQs: Radar Signal Trading System in Hindi

Q: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम का उदेश्य क्या है?
Ans: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम शेयर ट्रेडिंग की उन्ही तकनीकों में से एक है जिसे निवेशकों को सही सिग्नल देने के उदेश्य से बनाया है।

Q: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम क्या है?
Ans: रडार सिग्नल ट्रेडिंग सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जो विश्लेषण के माध्यम से उत्पन्न होती है और इसका प्रयोग खरीदने या बेचने के संकेत देने के लिए किया जाता है।

Q: रडार सिग्नल मेटाट्रेडर 4 क्या है?
Ans: रडार सिग्नल मेटाट्रेडर 4 एक रडार सिग्नल की तकनीक है जो सिग्नल तक उपयोगकर्ता की पहुंच प्रदान करता है। यह निवेशकों को अपने स्वंय के सिग्नल बनाने का विकल्प प्रदान करता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छे शेयर कौन होते हैं।

सबसे पहले मैं आपको एक बात देना चाहता हूं कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कोई भी शेयर अच्छा या बुरा नहीं होता यहां पर सबसे ज्यादा जो मैटर करता है वह होती है टाइमिंग। कि अपने शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? किस टाइम पर उस शेयर को खरीदा और कब बेचा क्योंकि अगर आप कोई ऐसा शेयर भी चुन लेते हैं जिसके फंडामेंटल्स भी परफेक्ट डेट फ्री भी है अच्छे रिटर्न भी देता है मान लीजिए कि शेयर मार्केट का बेस्ट शेयर है लेकिन फिर भी दिन में एक न एक वक्त ऐसा जरूर आएगा जब शेयर की प्राइस गिरेगी फिर भले ही वह उठ जाए इसी तरीके से शेयर बाजार काम करता है तो यहां पर टाइमिंग सबसे ज्यादा मैटर करती है अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि अगर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कोई भी शेयर अच्छा या बुरा नहीं है तो फिर हम किसी भी शेयर से इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं तो मेरा जवाब है ऐसा नहीं है कुछ क्वालिटी उस शेयर में होनी चाहिए जिसमें आप इंट्राडे ट्रेडिंग करे

What are the best stocks for intraday trading

तो सबसे पहली क्वालिटी उस शेयर में होनी चाहिए जो है हाई लिक्विडिटी हाई लिक्विडिटी का मतलब होता है कि उसमें बायर और शेलर ज्यादा होते हैं। क्योंकि अगर बयार और सेलर कम होंगे तो हो सकता है कि जिस वक्त आप सेल करने के लिए शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? जाए तो उस वक्त आपको बयार ही ना मिले तो इस वजह से प्रॉब्लम आ सकती है तो आपको ऐसे स्टॉक चूज करने चाहिए जिसमें खरीदारी और बिकवाली करने वालों की कमी ना हो इस केस में आपको लार्ज कैप वाली कंपनीज को सेलेक्ट करना चाहिए

दूसरी क्वालिटी जो स्टॉक में होनी चाहिए ज्यादा उतार-चढ़ाव से मतलब है कि उसकी प्राइस ज्यादा बदलनी चाहिए अगर कोई ऐसा स्टॉक है जिसकी प्राइस बढ या घटी नहीं रही है तो फिर उस शेयर को खरीद करके फायदा क्या क्या है तो ऐसा शेयर चुने जिस में रोजाना ज्यादा उतार-चढ़ाव बना रहता है इस केस में आपको लार्ज कैप कंपनी ही चुनना चाहिए क्योंकि उनकी प्राइस में अच्छा उतार-चढ़ाव देखा जाता है

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छे शेयर कौन होते हैं। What are the best stocks for intraday trading

तीसरी क्वालिटी शेयर में होनी चाहिए वह है कि शेयर न्यूज़ से प्रभावित होना चाहिए इसका मतलब है कि जब भी कोई न्यूज़ आती है उस शेयर से रिलेटेड तो उस न्यूज़ का उसकी प्राइस पर इफेक्ट पडना चाहिए अगर कोई अच्छी खबर आती है तो उसकी प्राइस बढ़नी चाहिए अगर कोई बुरी खबर आती है तो उसकी कीमत घटनी चाहिए यह क्वॉलिटी होना इसलिए जरूरी है क्योंकि हम इस क्वालिटी का फायदा उठा सकते हैं और इंट्राडे ट्रेडिंग में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं

Share market subject to risk शेयर मार्केट जोखिम के अधीन है यहां पर आपको जितना मोटा मुनाफा दिखता है उतना घटा भी हो सकता है शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले आपको इसकी पूरी जानकारी और अच्छे से रिसर्च शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? कर लेनी चाहिए कभी भी लोन लेकर शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट नहीं करनी चाहिए!

GYANGLOW

शेयर मार्केट में एटीपी का मतलब होता है कि शेयर मार्केट कितने कीमत पर बंद हुआ है। शेयर मार्केट में निवेश करने वालों लोगों के लिए एलटीपी बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

शेयर बाजार में एलटीपी क्या है और इसका महत्व क्या है?

शेयर बाजारों की पूरी अवधारणा समय के साथ शेयरों की बदलती कीमतों पर आधारित है। शेयर बाजार में कारोबार की जाने वाली वस्तुओं में एलटीपी या स्टॉक के अंतिम कारोबार मूल्य के रूप में जाना जाता है। यह सबसे हाल की कीमत को इंगित करता है जिस पर स्टॉक खरीदा और/या बेचा गया था। एलटीपी का अर्थ इसकी विविधताओं में रहता है, क्योंकि स्टॉक का एलटीपी अपने पूरे जीवनकाल में बदलता रहता है।

एलटीपी की गणना कैसे की जाती है?

शेयर बाजार में उपभोक्ता द्वारा कीमत निर्धारित की जाती है जिसमें विक्रेता और खरीदार दोनों को उपभोक्ता माना जाता है, क्योंकि वे शेयर बाजार में व्यापारी हैं। जब कोई व्यापारी अपने शेयरों को बेचना चाहता है, तो वे वांछित मूल्य के लिए एक विक्रय शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? आदेश देंगे। यदि यह विक्रय आदेश किसी अन्य व्यापारी द्वारा खरीद आदेश द्वारा पूरा किया जाता है, तो बिक्री पूर्ण हो जाती है, और जिस मूल्य पर स्टॉक बेचा गया था, वह अंतिम व्यापारिक मूल्य बन जाता है।

व्यापार की मात्रा

शेयर के उतार-चढ़ाव एलटीपी निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यह अनिवार्य रूप से दिए गए स्टॉक की मात्रा या मात्रा है जिसका किसी भी समय कारोबार किया जा रहा है। ट्रेडिंग वॉल्यूम स्टॉक की कीमत की अस्थिरता को निर्धारित करने और प्रभावित करने में मदद करता है, और इसलिए शेयर बाजार में इसका एलटीपी भी। यदि किसी स्टॉक का ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक है, तो इसका मतलब है कि खरीदारों और विक्रेताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि यदि ट्रेडिंग वॉल्यूम कम है, तो कम ऑर्डर दिए जा रहे हैं और स्टॉक की कीमत सीमा के पार किसी भी लेनदेन पर एक मजबूत प्रभाव पड़ेगा। स्टॉक की अस्थिरता।

शेयर बाजार में एलटीपी का महत्व

शेयर बाजार में एलटीपी एक आधार मूल्य के रूप में कार्य करता है जिसके आधार पर व्यापारी अपनी मांग और/या बोली मूल्य लगा सकते हैं। किसी दिए गए स्टॉक के लिए शेयर बाजार में एलटीपी को निर्धारित करना और जानना एक ट्रेडर के लिए आवश्यक जानकारी के सबसे आवश्यक टुकड़ों में से एक है। कई व्यापारिक वेबसाइटें बाजार की गहराई की तालिकाएं पेश करती हैं जो आपको उन कीमतों का इतिहास दिखाती हैं जो हाल ही में स्टॉक का कारोबार किया गया था। स्टॉक के विभिन्न एलटीपी की यह जानकारी स्टॉक की कीमत और स्टॉक मार्केट में एलटीपी के अनुसार ट्रेड करने के लिए रुझान स्थापित करने में आपकी सहायता कर सकती है।

निष्कर्ष

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इसमें हमेशा संदेह होता है कि क्या स्टॉक का क्लोजिंग प्राइस भी स्टॉक का लास्ट ट्रेडेड प्राइस है। तकनीकी रूप से, स्टॉक का अंतिम कारोबार मूल्य भी स्टॉक का समापन मूल्य होता है, जिसका अर्थ है कि वे समान हैं। हालांकि, ट्रेडिंग वॉल्यूम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर कारोबारी दिन के अंतिम घंटे में। बाजारों के अंतिम क्षणों में शेयरों का भारी कारोबार होता है और भारी मात्रा में होने के कारण, बाजार बंद होने के कुछ मिनट बाद अक्सर ऑर्डर संसाधित होते हैं। इसलिए, जबकि बाजार बंद होने से पहले दिए गए ऑर्डर के लिए क्लोजिंग प्राइस अकाउंट होता है, यह क्लोजिंग टाइम के बाद प्रोसेस किए गए ऑर्डर के लिए लागू नहीं होता है।

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