सप्ताहांत पर व्यापार क्यों?

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लोगों ने एफडी पर सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? लिया सर्वाधिक 43.4% कर्ज, कोरोना के बाद Personal Loan लेने वालों की संख्या बढ़ी
नई दिल्ली। कोरोना के बाद पर्सनल लोन की रफ्तार में भारी तेजी आई है। बैंकों के 129 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में पर्सनल लोन का हिस्सा 31.4% है। इसमें भी दिलचस्प यह है कि लोगों ने एफडी के एवज में ज्यादा लोन लिया है। क्रेडिट कार्ड से कर्ज लेने में 28.4% की वृद्धि आई है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर, 2021 में कृषि लोन की वृद्धि दर 10.8% थी जो इस साल अक्तूबर में 13.6% रही है। इंडस्ट्री की वृद्धि 3.3 से बढ़कर 13.6% रही है। सेवाओं को दिए जाने वाले कर्ज में इस साल 22.5% की बढ़त रही जो एक साल पहले केवल 2.8% थी। पर्सनल लोन की वृद्धि दर 12.6% से बढ़कर 20.2% हो गई है।
इंडस्ट्री में मध्यम कंपनियों के कर्ज में वृद्धि 31% से बढ़कर 35 फीसदी हो गई है। बड़ी कंपनियों की वृद्धि दर 0.4% से बढ़कर 10.9% रही। सूक्ष्म एवं छोटी कंपनियों का कर्ज 20.4% बढ़ा है जो एक साल पहले 14.6 फीसदी था। सेवा क्षेत्र में सबसे सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? ज्यादा बढ़त एनबीएफसी की रही है। पिछले साल इसमें केवल 1.4% की बढ़त थी जो अब 38 फीसदी है। रियल एस्टेट के कर्ज में 10.1% की बढ़त आई है जो पिछले साल 2.2 फीसदी की गिरावट में था।
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गहलोत ने कांग्रेस के समर्थन में वोट देने की अपील करते हुए कहा कि अगर गुजरात में कांग्रेस सत्ता में आई तो यहां भी वे तमाम योजनाएं लागू की जाएंगी जो राजस्थान में संचालित हैं। किसानों की कर्जमाफी, मुफ्त बिजली, सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूलें, महिलाओं को मुफ्त मोबाइल और युवाओं को दिए गए रोजगार से संबंधित कई तरह के कामकाज गुजरात की जनता के सामने रखे।
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महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा बीजेपी को याद दिलाएं
गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 2014 के लोगसभा चुनावों में महंगाई और बेरोजगारी बीजेपी के प्रमुख मुद्दे थे। इन दोनों बड़े मुद्दों को बीजेपी ने भुला दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को आइना दिखाने के लिए उन्हें गुजरात में हराना बहुत सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? जरूरी है। 27 साल तक राज करने के बाद अगर बीजेपी हारेगी तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दबाव पड़ेगा कि उन्हें गुजरात में हार क्यों मिली। इससे उन्हें महंगाई और बेरोजगारी के मूल मुद्दे फिर से याद आएंगे। (सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
अमेरिका और रूस के बाद अब विश्व का ‘तीसरा ध्रुव’ बन रहा है भारत, ये रहे प्रमाण
देखो बंधुओं, विश्व दो ध्रुवों में बंटा हुआ है ये तथ्य है। तब अमेरिका और सोवियत संघ थे, आज रूस और अमेरिका हैं। बीच में चीन ने भी धक्कामुक्की की परंतु हाथ कुछ न आया। पर एक देश ऐसा भी है, जिसका प्रभाव सबसे मजबूत और सबसे अलग है और जिससे संबंध प्रगाढ़ करने के लिए सब लालायित हो रहे हैं, वह है अपना भारत। दरअसल, आर्थिक शक्ति ही विदेशी संबंधों की आधारशिला मानी जाती है। जितने अधिक FTA किसी देश के साथ होंगे, उतना ही उस देश की ओर लोग और संस्थाएं आकर्षित होंगी क्योंकि FTA यानी मुक्त व्यापार समझौता इस बात का सूचक है कि देश की आर्थिक स्थिति कैसी है और इस परिप्रेक्ष्य में भारत का कद काफी बढ़ने वाला है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे भारत विश्व के नए ध्रुव के रूप में उभर रहा है और क्यों भारत के साथ व्यापार बढ़ाने को लेकर अनेक देश अतिउत्सुक हैं।
कई देशों के साथ हो चुका है भारत का FTA
उदाहरण के लिए भारत और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल ने हाल ही में FTA के संबंध में प्रक्रिया को तेज़ करने पर सहमति जताई है, जिसे लेकर पीयूष गोयल ने सुनिश्चित किया है कि डील जल्द से जल्द होगी। इस ग्रुप में सऊदी अरब, UAE, बहरीन, कतर, ओमान और कुवैत जैसे महत्वपूर्ण देश हैं, जो भारत के महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार हैं। इनके साथ सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? भारत ने 2021-22 के सत्र में $154 बिलियन का व्यापार किया था और इनके महासचिव डॉ NFM अल हजरफ के अनुसार, “व्यापार अब एक चुनौतीपूर्ण युग में प्रवेश करने वाले हैं। ऐसे में व्यापार, निवेश, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, क्लाइमेट चेंज इत्यादि के लिए FTA का होना अति आवश्यक है। GCC और भारत के बीच के संबंध काफी गहरे हैं।”
परंतु GCC एकमात्र इकाई नहीं है जिसके साथ भारत ने इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किया हो। भारत ने 2022 में पहले ही ऑस्ट्रेलिया एवं UAE के साथ FTA पर हस्ताक्षर कर लिया है और इसके अतिरिक्त यूरोपीय यूनियन, यूके, कनाडा, यहां तक कि अंकल सैम यानी अमेरिका तक हमसे FTA पर मुहर लगाने के लिए लालायित बैठा है। इन सभी लंबित कार्यों को सुनिश्चित करने हेतु पीयूष गोयल ने अनेक विभाग स्थापित किए हैं, जिनमें 9 डिवीजन में मंत्रालय के सरकारी अफसर सहित निजी सेक्टर के विशेषज्ञ भी होंगे। इसके अतिरिक्त 70 एंड टू एंड SOPs भी स्थापित हुए। यही नहीं, 80 डायरेक्टर और डेप्युटी सेक्रेटरी भी इन FTA सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? के हर पक्ष का आंकलन करने हेतु नियुक्त किए गए हैं।
भारत की ओर बढ़ रही है दुनिया
ये तत्परता तनिक विचित्र नहीं लगती? Deloitte के एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ट्रेडर कई FTA पर मात खाए हैं। प्रारंभ में अगर उन्हें 100 अवसर मिलते थे तो वे केवल 3 में सफल हुए हैं। सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? इनके सफलता का आंकलन केवल 25 प्रतिशत है, तो फिर प्रश्न है कि कोई भारतीयों के लिए इतने जतन और जोखिम क्यों लेगा? उत्तर अनेक हैं। प्रारंभ में द्विपक्षीय समझौतों में भारत सोच समझकर सभी कदम साध रहा है। उदाहरण के लिए UAE वाले FTA में भारत उनके 90 प्रतिशत उत्पादों पर ड्यूटी फ्री एक्सेस प्रदान करेगा तो UAE हमारे 99 प्रतिशत उत्पादों के लिए सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? सप्ताहांत पर व्यापार क्यों? यही सुविधा करेगा। यहीं बात ऑस्ट्रेलियाई समझौते में भी काफी हद तक लागू हुई। परंतु ये छोटी सी बात अंग्रेजों के पल्ले नहीं पड़ी, इसलिए भारत के साथ उनका समझौता अटका हुआ है।
भारत का महत्व एक और कारण से भी बढ़ा है – कोविड के पश्चात की वैश्विक व्यवस्था। आज WTO को कोई टके का भाव नहीं देता और कई देश उसके ऑर्डर को मानने को तैयार नहीं है। जब भारत ने RCEP से हाथ पीछे खींचे, तभी संकेत मिल जाने चाहिए थे कि सब कुछ ठीक नहीं है। लोगों का अब पाश्चात्य संगठनों से अधिक मोहभंग हो रहा है। जो भी भारत से संधि करना चाहते हैं, उनका अपने आप में विश्व में एक महत्वपूर्ण कद है, चाहे अमेरिका हो या कोई और। भले ही ऑस्ट्रेलिया क्वाड का भाग हो परंतु उसने भारत के साथ अपने हितों को बढ़ावा देना बेहतर समझा। ठीक इसी भांति यूरोपीय यूनियन भी अब भारत के साथ अपना विशेष FTA करने को इच्छुक है।
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आज बढ़ोतरी हो सकती है अस्थिरता बाजार में इसलिए, क्योंकि अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़े जारी होने वाले हैं। उनके होने की उम्मीद है उपलब्ध आंकड़ों के संयोजन में बाजारों में वृद्धि के लिए एक अतिरिक्त सकारात्मक कारक:
सप्ताहांत पर व्यापार क्यों?
सिंगापुर में हत्या के आरोपी पीआईओ को पुलिस रिमांड पर भेजा
सिंगापुर, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। अपने व्यापारिक साझेदार की हत्या के आरोप में भारतीय मूल के एक व्यक्ति को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सिंगापुर के सेंट्रल पुलिस डिवीजन में एक सप्ताह के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।
सिंगापुर, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। अपने व्यापारिक साझेदार की हत्या के आरोप में भारतीय मूल के एक व्यक्ति को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सिंगापुर के सेंट्रल पुलिस डिवीजन में एक सप्ताह के लिए रिमांड पर लिया जाएगा।