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शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है

शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है
कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 48.05 फीसदी है। बाकी 59.95 फीसदी पब्लिक के पास है। लेकिन पब्लिक के इस हिस्से में से सरकार ने भी इसके 0.47 फीसदी शेयर ले रखे हैं। एफआईआई ने इसमें रत्ती भर का भी निवेश नहीं किया है। चौंकानेवाली बात यह है कि बीमा कंपनियों ने इसकी 20.74 फीसदी इक्विटी ले रखी है। इसमे से एलआईसी के पास 10.32 फीसदी, नेशनल इंश्योरेंस के पास 1.98 फीसदी, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के पास 1.52 फीसदी और न्यू इंडिया एश्योरेंस के पास 6.49 फीसदी शेयर हैं। ध्यान दें कि ये सभी सरकारी बीमा कंपनियां शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है हैं। इतने मरे हुए शेयर में इन्होंने इतना निवेश क्यों फंसा रखा है, मेरी समझ से बाहर है। हां, बियर्डसेल मद्रास स्टॉक एक्सचेंज में भी लिस्टेड है तो हो सकता है कि वहां इसमें कुछ कारोबार होता हो।

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बियर्डसेल का अजब-गजब किस्सा

हमारे स्टॉक एक्सचेंज निवेशकों के हितों के लिए बड़े चिंतित हैं। खासकर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) तो कुछ ज्यादा ही परेशान हैं। बाकायदा विज्ञापन जारी कर निवेशकों को समझाता है कि सोच कर, समझ कर, इनवेस्ट कर। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल से मिलकर रिसर्च रिपोर्ट जारी करता है ताकि निवेशक को निवेश की निष्पक्ष राय मिल सके और उनका पैसा सुरक्षित रहे। कैसे? एक ताजा बानगी पेश है। एनएसई ने क्रिसिल की तरफ से इसी 7 फरवरी को बियर्डसेल लिमिटेड पर रिपोर्ट पेश करवाई है जिसमें कहा गया है कि इसे 61 रुपए के लक्ष्य के साथ खरीद लिया शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है जाए।

बता दें कि बियर्डसेल बीएसई में नहीं, एनएसई (कोड – BEARDSELL) में लिस्टेड है। 7 फरवरी को जब यह रिपोर्ट जारी हुई थी, तब पिछले दिन से 5 फीसदी बढ़ने से इस पर ऊपरी सर्किट लगा था और इसका बंद भाव 50.90 रुपए था। लेकिन उस दिन इसमें कुल गिनती के 10 शेयरों के सौदे हुए थे। उसके बाद 8 फरवरी को इसमें हुआ वोल्यूम 115, 9 फरवरी को 1293 और 10 फरवरी को 466 शेयरों का था। फिर 11 फरवरी (शुक्रवार) व 14 फरवरी (सोमवार) को कोई कारोबार नहीं हुआ। 15 फरवरी को इसके तीन शेयर खरीदे-बेचे गए। 16 फरवरी को सन्नाटा रहा। 17 फरवरी को इसके 20 शेयर खरीदे गए। 18 फरवरी (शुक्रवार) को फिर सन्नाटा रहा। 21 फरवरी को 10 शेयर खरीदे गए। कल, 22 फरवरी को भाव तो 46 रुपए दिख रहा है। लेकिन शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है कारोबार रत्ती भर भी नहीं हुआ। ऐसा तब हो रहा है जब यह स्टॉक ट्रेड फॉर ट्रेड श्रेणी से बाहर है।

शेयर ट्रेडिंग में कीमत और वॉल्यूम के बीच क्या है संबंध?

volume

बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो वे असर डालते हैं, शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है.

वॉल्यूम में बदलाव से शेयर से जुड़े सेंटिमेंट का पता चलता है. इसके चलते ही शेयर की कीमत में बदलाव आता है. ट्रेडिंग वॉल्यूम का बढ़ना अच्छे बाय ऑर्डर का संकेत देता है. दूसरी तरफ, यदि ट्रेडिंग वॉल्यूम घटता है तो उसे बिकवाली का सही समय नहीं माना जाता है. ध्यान देने वाली एक दूसरी बात यह है कि जब किसी शेयर में वॉल्यूम नीचे से ऊपर की तरफ जाता है तो यह मजबूत खरीदारी का संकेत होता है.

बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो वे असर डालते हैं, क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है. इसलिए वॉल्यूम का मतलब समझना और प्राइस और वॉल्यूम के बीच का संबंध समझना ट्रेडिंग और इनवेस्टिंग (निवेश) दोनों के लिए बहुत जरूरी है. एक निश्चित समय तक वॉल्यूम पैटर्न को देखने से किसी खास शेयर या बाजार में तेजी और गिरावट के पीछे की ताकत का पता चलता है.

ट्रेडिंग वॉल्यूम कहां देख सकते है?

सभी स्टॉक मार्केट एक्सचेंज स्टॉक की मात्रा को ट्रैक करते हैं। इसलिए, किसी विशेष शेयर के शेयर बाजार में मात्रा की जानकारी आसानी से उपलब्ध है। कोई भी एक्सचेंजों, समाचार वेबसाइटों, तीसरे पक्ष की वेबसाइटों को देख सकता है जिनके पास शेयर बाजार की जानकारी है। निवेशक ब्रोकरों और निवेश प्लेटफार्मों के साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम की जांच भी कर सकते हैं।

प्लेटफ़ॉर्म किसी विशेष समय सीमा के लिए वॉल्यूम दिखाने के लिए कैंडलस्टिक चार्ट का भी उपयोग करते हैं। हरे रंग की पट्टी खरीदारी की मात्रा दिखाती है और लाल पट्टी बिक्री की मात्रा दिखाती है।

उस समयावधि के आधार पर वॉल्यूम चार्ट भी होते हैं जिन्हें कोई ध्यान में रखना चाहता है। प्रति घंटा वॉल्यूम चार्ट, दैनिक, मासिक, 200-दिवसीय वॉल्यूम चार्ट आदि हो सकते हैं।

अक्सर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में किसी विशेष स्टॉक की ट्रेडिंग वॉल्यूम अलग-अलग होगी। यह भी एक कारण है कि एक स्टॉक के लिए सेंसेक्स और निफ्टी 50 के बीच थोड़ा सा अंतर हो सकता है। तार्किक रूप से, ऐसा होने के लिए स्टॉक को दोनों एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होना चाहिए।

ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या बताता है?

स्टॉक वॉल्यूम उस क्रिया को दर्शाता है जो किसी विशेष स्टॉक में हुई है। सभी गतिविधि, चाहे वह बिक्री हो या खरीदारी, वॉल्यूम मीट्रिक में दर्ज हो जाती है। यदि स्टॉक बहुत अधिक मात्रा दिखा रहा है, तो इसका मतलब है कि स्टॉक के आसपास बहुत अधिक रुचि या गतिविधि हो रही है। यह नकारात्मक या सकारात्मक हो सकता है। एक नकारात्मक समाचार विकास हो सकता है जो अधिक बिक्री को बढ़ावा दे सकता था।

उच्च मात्रा इंगित करती है कि शेयरों ने कितनी बार हाथ बदले हैं।

इसलिए, हम कह सकते हैं कि शेयर बाजार में मात्रा बाजार की गतिविधि और तरलता को मापती है। शेयरों में तरलता का मतलब है कि आसानी से एक निवेशक को निवेश से पैसा वापस मिल सकता है जब बिक्री का आदेश होता है या आसानी से एक निवेशक कर सकता है। अधिक मात्रा में बाजार में अधिक खरीदारों और विक्रेताओं का संकेत मिलता है।

मात्रा और मूल्य: वे कैसे संबंधित या असंबंधित हैं?

स्टॉक के ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेजी से स्टॉक की कीमत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, उच्च मात्रा हमेशा स्टॉक की कीमत बढ़ने का कारण नहीं होती है। कई कारण शेयर की कीमत को प्रभावित करते हैं। हालांकि, कई बार, वॉल्यूम हमें किसी विशेष प्रवृत्ति के अस्तित्व की पुष्टि करने शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है में मदद करते हैं।

जब मूल्य वृद्धि या बाजार में वृद्धि के साथ देखा जाता है, तो यह एक सहायक संकेतक हो सकता है। यदि वॉल्यूम वास्तव में अधिक है और इसके साथ-साथ बाजार भी ऊपर हैं, तो यह संकेत दे सकता है कि शेयर बाजार काफी मजबूत और स्वस्थ हो रहा है। इसलिए, कभी-कभी, अन्य संकेतकों के साथ विश्लेषण करने पर वॉल्यूम बाजार की ताकत का एक उपाय हो सकता है।

आइए इसे उदाहरणों में बेहतर ढंग से समझते हैं:

जब स्टॉक की मात्रा बढ़ने के साथ कीमतें गिरती हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि रुझान नीचे की ओर जा रहा है

Stock market me volume kya kaam karta hai | volume ko kaise dekhte hai

वॉल्यूम से हम किसी भी स्टॉक के ट्रेडर के एक्शन उसके सेंटीमेंट को समझ सकते हैं मतलब ट्रेडर क्या करना चाह रहा है. लेकिन ध्यान देने वाली यह बात है कि बहुत ही छोटा-छोटा अगर वॉल्यूम आपको नजर आएगा तो इससे आप काफी हद तक अंदाजा नहीं लगा सकते।

स्टॉक के वॉल्यूम का अंदाजा लगाने के लिए आपको बड़ा-बड़ा वॉल्यूम नजर आना चाहिए।

शेयर बाजार में जब ज्यादा मात्रा में वॉल्यूम होता है तो प्राइस में उतार-चढ़ाव भी काफी तेजी से होता है.

Volume strategy kya hai option trading

अगर आप वॉल्यूम को देख करके स्ट्रेटेजी बनाना चाहते हैं तो बहुत ही सिंपल एक वॉल्यूम स्ट्रेटेजी है.

आपको कम से कम किसी भी स्टॉक जिसको आप ट्रैक कर रहे हैं लगातार और वह स्टॉक आपके रडार पर होना चाहिए.

आप उस स्टॉक के चार्ट को कम से कम 3 महीने पुराना लेना होगा आपको

आपको यह देखना होगा कि कहां-कहां पर वॉल्यूम ज्यादा बढ़ रहा है

volume and stock price|how to choose stocks by high volume

volume and stock price relation

और कुछ पॉइंट्स को भी दिमाग में रखना होगा यही पॉइंट्स आपके काम के साबित होंगे।

अगर वॉल्यूम बढ़ रहा है लेकिन स्टॉक की कीमत या प्राइस नहीं बढ़ रही है.

तब स्टॉक में गिरावट आ सकती है

अगर वॉल्यूम बढ़ रहा है और शेयर मार्केट में वोल्यूम क्‍या है साथ ही साथ स्टॉक की कीमत भी बढ़ रही है तब स्टॉक में बढ़त दिखाई पड़ सकती है.

अगर कीमत बढ़ रही है लेकिन वॉल्यूम नहीं बढ़ रहा है तब स्टॉक में गिरावटआ सकती है.

वॉल्यूम बढ़ रहा है और उसके साथ-साथ कीमत भी बढ़ रही है तब स्टॉक ऊपर की तरफ जा सकता है.

अगर वॉल्यूम नहीं बढ़ रहा है और कीमत ऊपर की तरफ बढ़ रही है तब स्टॉक में किसी भी दिन अचानक बड़ी गिरावट आ सकती है.

शेयर बाजार हुआ पॉजिटिव, छत्तीसगढ़ में 10 फीसद बढ़े निवेशक

0 रोजाना का वोल्यूम बढ़कर हुआ 300 करोड़ पार 0 निवेशकों की संख्या दो लाख पार रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि चुनावी नतीजों के बाद से शेयर मार्केट का रुख बिल्कुल पॉजीटिव हो गया है। बाजार विशेषज्ञों का भी कहना है कि मुनाफावसुली के चलते हालांकि मार्केट में थोड़ा उतार-चढ़ाव रहेगा,लेकिन ओवरआल शेयर मार्केट का रुख इन दिनों पॉजीटिव हो गय

शेयर बाजार हुआ पॉजिटिव, छत्तीसगढ़ में 10 फीसद बढ़े निवेशक

रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि

चुनावी नतीजों के बाद से शेयर मार्केट का रुख पॉजिटिव हो गया है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मुनाफा वसूली के चलते हालांकि मार्केट में थोड़ा उतार-चढ़ाव रहेगा, लेकिन ओवरऑल शेयर मार्केट पॉजिटिव है। खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में निवेशक बढ़ते जा रहे हैं। करीब 10 फीसद बढ़ गए हैं। प्रदेश में रोजाना का वोल्यूम बढ़कर 300 करोड़ के पार हो गया है।

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