व्यापारिक संकेत क्या हैं?

अध्ययन की अवधि के दौरान भूमि उपयोग, भूमि उपयोग में बदलाव के चलते होने वाले उत्सर्जन के शीर्ष स्रोत ब्राजील में थे, जहां प्राकृतिक वनस्पतियों जैसे कि जंगलों को पशुओं के चरागाहों और खेतों के लिए जगह बनाने की प्रथा ने देश में भूमि उपयोग में बड़े बदलाव किए। इंडोनेशिया, जहां समृद्ध देशों को निर्यात हेतु ताड़ के तेल का उत्पादन करने के लिए जगलों को साफ कर ताड़ की खेती की गई। जिसने पुराने समय से कार्बन-भंडारण कर रहे जंगल को साफ कर डाला।
व्यापारिक संकेत क्या हैं?
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Annual Examination 2019
दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार .
दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबंध लिखें:
समाचार पत्र का महत्वः
(संकेत बिन्दु-भूमिका, लोकतंत्र का प्रहरी, प्रचार का सशक्त माध्यम, उपसंहार)
Solution : समाचार पत्र का महत्त्व
संकेत बिन्दुः भूमिका, महत्त्व-लोकतंत्र का प्रहरी, बहुउपयोगिता-प्रचार का सशक्त माध्यम, व्यापार एवं रोजगार, ज्ञान-वृद्धि
विश्व के कोने-कोने में क्या हुआ, क्या हो रहा है, क्या होने जा रहा है-इन सब की जानकारी समाचार पत्र से ही मिलती है। कम पढ़े-लिखे लोगों से लेकर सुशिक्षित लोगों की बहुत बड़ी संख्या को तब तक चैन नहीं मिलता जब तक वे कोई अखबार नहीं पढ़ लेते। अपनी दुनिया के बदलते चेहरे को पहचानने के लिए अखबार का पढ़ना व्यापारिक संकेत क्या हैं? जरूरी है। प्रातः कालीन वायु की तरह समाचार पत्र मानसिक ताजगी देता है।
समाचारपत्रों को लोकतंत्र का सजग प्रहरी एवं सबसे दृढ़ .चौथा स्तम्भ. कहा गया है। समाचारपत्र अप्रत्यक्ष रूप से सरकार, जनता और जनमत तीनों का नियंत्रण और निर्देशन करता है।
समाचार पत्र प्रचार का एवं जनमत को प्रभावित करने का शक्तिशाली साधन है। आधुनिक समाचार पत्र देश-विदेश की घटनाओं की जानकारी नहीं देते अपितु हमारी विचारधारा को दिशा-विशेष में मोड़ने की क्षमता रखते हैं।
विज्ञापन के सशक्त माध्यम के रूप में समाचार व्यापार के प्रचार-प्रसार में अत्यंत उपयोगी होता है। समाचार पत्रों से हमें रोजगार की प्राप्ति होती है। इसमें रोजगार के विज्ञापन छपते हैं। स्वयं समाचार पत्र भी लोगों को रोजगार देता है।
समाचारपत्र सरकार और जनता दोनों को जागरूक बनाता है। समाचारपत्रों के महत्त्व का संकेत करते हुए पार्टन ने कहा था - समाचार पत्र जनता का विश्वविद्यालय है।. समाचार पत्र में सामाजिक सांस्कृतिक समस्याओं पर भी लेख प्रकाशित होते रहते हैं। राजनीति और सामाजिक घटनाओं पर विचारोत्तेजक सामग्री अखबारों द्वारा ही मिलती है।
जनतंत्र के प्रहरी समाचार पत्रों को पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। तभी वे जनतंत्र की रक्षा करने में समर्थ हो व्यापारिक संकेत क्या हैं? सकेंगे। इसलिए संपादक की बहुत बड़ी जिम्मेवारी है कि वह अपने अखबार को प्रचार का साधन या पीत पत्रकारिता का केन्द्र न बनने दे। इस तरह वे राष्ट्र और मानवता की अमूल्य सेवा व्यापारिक संकेत क्या हैं? कर सकते हैं।
व्यापारिक संकेत क्या हैं?
पाम के तेल के निर्यात के लिए इंडोनेशिया में वनों की कटाई
वैज्ञानिकों की एक टीम ने एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के समृद्ध देशों में कृषि उपज से संबंधित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को लेकर एक अध्ययन किया है। जिसमें पाया गया की विकसित देशों के कृषि उपज के उपभोक्ता विकासशील देशों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को बढ़ाने के लिए जिम्मेवार हैं। उपभोक्ता कृषि उपज की पूर्ति के लिए विकासशील देशों पर निर्भर रहते हैं, जिनकी आपूर्ति व्यापार के जरिए की जाती हैं। यह अध्ययन कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन और अन्य संस्थानों ने मिलकर किया है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि भूमि उपयोग से होने वाले उत्सर्जन में व्यापार, जो कृषि और भूमि उपयोग में होने वाले बदलावों से जुड़ा है। जिसकी वजह से कार्बन डाइऑक्साइड जो कि व्यापारिक संकेत क्या हैं? 2004 में 5.1 गीगाटन से हर साल बढ़ कर 2017 में 5.8 गीगाटन तक हो गई। यहां बताते चलें कि इसमें अन्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन जैसे नाइट्रस ऑक्साइड और मीथेन भी शामिल हैं।
ट्रम्प की कसौटी पर भारत-अमेरिका व्यापार
‘अमेरिका को फिर महान’ बनाने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का संकल्प चुनावी नारे के रूप में शुरू हुआ था। दो साल पहले नवंबर में ही उनकी चुनावी जीत में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका यह संकल्प अमेरिका की आर्थिक व सैन्य शक्ति पर अत्यधिक निर्भर है।
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16 जून 2015 को राजनीति में आने के पहले न्यूयॉर्क के रियल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गज व्यवसायी रहे ट्रम्प ने 20 जनवरी 2017 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करते ही अपनी सैन्य सशक्तीकरण योजना के तहत रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला किया। इसके साथ उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई कदमों की शृंखला शुरू की। उनके मुताबिक अर्थव्यवस्था विशाल व्यापारिक संकेत क्या हैं? व्यापार घाटे के कारण टिकाऊ नहीं रह गई है।
11 नवंबर 2017 को वियतनाम की यात्रा पर जाते समय अपने एयर फोर्स वन विमान में मौजूद पत्रकारों से उन्होंने पूछा, ‘पिछले साल हमने 800 अरब डॉलर (साढ़े छह लाख करोड़ रु. से ज्यादा) गंवा व्यापारिक संकेत क्या हैं? दिए, है न? क्यों?’ उन्होंने इसे चुनाव अभियान में कई व्यापारिक संकेत क्या हैं? बार दोहराया अौर राष्ट्रपति बनने के बाद पिछले दो साल से दोहरा रहे हैं।
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शोधकर्ताओं ने बताया कि भूमि उपयोग से होने वाले उत्सर्जन में व्यापार, जो कृषि और भूमि उपयोग में होने वाले बदलावों से जुड़ा है। जिसकी वजह से कार्बन डाइऑक्साइड जो कि 2004 में 5.1 गीगाटन से हर साल बढ़ कर 2017 में 5.8 गीगाटन तक हो गई। यहां बताते चलें कि इसमें अन्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन जैसे नाइट्रस ऑक्साइड और मीथेन भी शामिल हैं।
भारत-रूस सामरिक और व्यापारिक सहयोग बढ़ाने के नए संकेत
रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के बीच हुई बातचीत के जो अंश प्रकाशित हुए हैं और उन दोनों ने अपनी पत्रकार-परिषद में जो कुछ कहा है, अगर उसकी गहराई में उतरें तो आपको थोड़ा-बहुत आनंद जरुर होगा लेकिन आप दुखी हुए बिना भी नहीं रहेंगे। आनंद इस बात से होगा कि रूस से व्यापारिक संकेत क्या हैं? हम एस-400 प्रक्षेपास्त्र खरीद रहे हैं, वह खरीद अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद जारी रहेगी। रूस भारत से साढ़े सात करोड़ कोरोना-टीके खरीदेगा। यद्यपि इधर भारत ने रूसी हथियार की खरीद लगभग 33 प्रतिशत घटा दी है लेकिन लावरोव ने भरोसा दिलाया है कि अब रूस भारत को नवीनतम हथियार-निर्माण में पूर्ण सहयोग करेगा। उत्तर-दक्षिण महापथ व्यापारिक संकेत क्या हैं? याने ईरान और मध्य एशिया होकर रूस तक आने-जाने का बरामदा और चेन्नई-व्लादिवस्तोक जलमार्ग तैयार करने में भी रूस ने रूचि दिखाई है।