क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

हां, भविष्य में इन्हें किसी दूसरी करेंसी से एक्सचेंज जरूर किया जा सकेगा. ये एक टोकन बेस्ड डिजिटल रुपया होगा, जो आपके डिजिटल वॉलेट में आएगा. आप इसे आसानी से ट्रांसफर भी कर सकेंगे, लेकिन इसे खरीद नहीं सकते हैं. बैंक आपको डिजिटल वॉलेट प्रोवाइड करेंगे और आप इससे ही अपने पैसे खर्च कर सकेंगे.
क्या है डिजिटल रुपया, डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी क्या है? पेमेंट से कितना है अलग? जानें इससे जुड़ी ये खास बातें
नई दिल्ली। 1 दिसंबर यानी आज से डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी क्या है? इंडिया (Digital India) के एक नए दौर की शुरुआत हो रही है. साइबर वर्ल्ड में आपने बहुत कुछ डिजिटल देखा होगा, लेकिन आज से RBI रुपये का भी डिजिटल रूप यानी Digital Rupee ला रहा है. हालांकि, इसे अभी पायलेट प्रोजेक्ट (pilot project) की तहत लॉन्च किया गया है, लेकिन इसे लेकर लोगों में मन में बहुत से सवाल हैं.
कोई इसे UPI पेमेंट समझ रहा है, तो कोई इसकी तुलना क्रिप्टोकरेंसी से कर रहा है. हालांकि, डिजिटल रुपया इन दोनों से काफी अलग है, लेकिन इन सब में कई समानताएं भी हैं, जो लोगों को कन्फ्यूज कर रही हैं.
कुछ लोग इसे हासिल करने की तरीका खोज रहे हैं. कुछ लोग तो खरीदने के तरीके भी पूछ रहे हैं. ऐसे ही कई सवाल के जवाब हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिससे आप समझ सकेंगे कि डिजिटल रुपया है क्या और आप इसे इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं.
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क्या है डिजिटल रुपया?
सबसे पहले तो हमें ये समझना होगा कि डिजिटल रुपया क्या है? डिजिटल रुपया आपके कैश का ही डिजिटल अवतार है. यानी जिस तरह से आप आज कैश पैसे को खर्च कर रहे हैं, उसी तरह से आप डिजिटल रुपये को भी खर्च कर सकेंगे. फिलहाल आरबीआई ने इसे पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया है.
UPI या डिजिटल पेमेंट से कितना अलग है?
आज के दौर में आप जो UPI पेमेंट करते हैं, ये सभी ट्रांजेक्शन डिजिटल (transaction digital) रूप में भले ही होते हो, लेकिन सारा लेन देन कैश का ही. यानी आपने जो पेमेंट की है उसका तरीका सिर्फ डिजिटल था, लेकिन भुगतान कैश में ही हुआ है. अगर RBI इस पायलेट प्रोजेक्ट को पूरी तरह से लागू करता है, तो ये आने वाले वक्त में कैश ट्रांजेक्शन को रिप्लेस कर सकेगा.
क्या है डिजिटल रुपया
डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज नजर आ रहे हैं। लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी क्या है? हालांकि ये कुछ हद तक वैसा ही है लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा फर्क है। बता दें कि इसे कैश का डिजिटल वर्जन समझा जा सकता है। इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है। इसे खर्च करना ठीक वैसा ही होगा, जैसे आप कैश खर्च करते हैं। अब आपको लग रहा होगा कि ऐसे तो यूपीआई और डिजिटल वॉलेट है। तो बता दें कि ये डिजिटल वॉलेट और UPI से भी काफी अलग है। भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन-फाइनेंशियल क्रिप्टोकरेंसी क्या है? कस्टमर्स और बिजनेस में किया जाएगा।
आसान भाषा में कहें क्रिप्टोकरेंसी क्या है? तो जिस तरह से आप आज के वक्त में कैश का इस्तेमाल करते हैं, ये भी ठीक वैसे ही इस्तेमाल किया जाएगा लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा। e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही काम कर सकेंगे। इसके साथ ही डिजिटल रुपी का सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास रहेगा। इसका इस्तेमाल पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए किया जा सकेगा। डिजिटल करेंसी को मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा। इसके अलावा इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है डिजिटल करेंसी
क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है। यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है।
वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है वो एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है। इसे सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा। यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है।
इस प्रोजेक्ट में कितने बैंक शामिल हैं।
डिजिटल करेंसी के इस प्रोजेक्ट में अभी 4 बैंक शामिल हैं जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक हैं। आने वाले समय में यह संख्या 4 की जगह 8 हो सकती है। इसमें HDFC बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस प्रोजेक्ट में शामिल हो सकते हैं।
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सावधान! इन क्रिप्टोकरेंसी से रहें बचकर, BlockFi के दिवालिया घोषित होते ही कीमतों में शुरू हुई गिरावट…
साल 2022 क्रिप्टोकरेंसी के लिए बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन इसे बुरा भी नहीं कहा जा सकता है. कई बड़े और छोटे सिक्कों में साल-दर-साल अच्छी वृद्धि देखी गई, लेकिन कई क्रिप्टोकरेंसी गिरने लगीं और BlockFi द्वारा दिवालिया घोषित किए जाने के बाद भी गिरना जारी है. ब्लॉकफाई की इस घोषणा से प्रभावित सभी क्रिप्टो को हम लिस्टिंग कर रहे हैं.
बिटकॉइन (btc)
FTX गिरावट और मैक्रो ट्रिगर्स के दौरान, बिटकॉइन ने जमीन नहीं खोई और बहुत अधिक गिरावट नहीं देखी. यहां तक कि एफटीएक्स की पूर्ण विफलता भी बिटकॉइन के प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करती है. हालाँकि, BlockFi द्वारा दिवालियापन फाइलिंग बिटकॉइन के लिए अच्छी खबर साबित नहीं हुई और सिक्के की कीमत में गिरावट देखी गई.