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सेबी ने ‘पोर्टफोलियो’ प्रबंधन सेवा देने का दावा करने वाली इकाइयों को लेकर निवेशकों को आगाह किया

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा उपलब्ध कराने का दावा करने वाली इकाइयों के गलत तरीके से पैसा जुटाने को लेकर निवेशकों को सतर्क पोर्टफोलियो प्रबंधन रहने को कहा है।

सेबी ने एक बयान में कहा कि ये इकाइयां परचे छपवाकर और सोशल मीडिया के के माध्यम से उच्च रिटर्न के वादे के साथ जनता को लुभा रही हैं। यह देखा गया है कि ऐसी योजनाओं में, इकाइयां निश्चित रिटर्न का वादा कर छोटी-छोटी राशि जुटा रही हैं।

सेबी को जानकारी मिली थी कि कुछ इकाइयां ‘पोर्टफोलियो’ प्रबंधन सेवाएं देने का का दावा कर जनता से धन एकत्र कर रही हैं। उसके बाद यह परामर्श जारी किया गया है।

इनमें से कुछ इकाइयों के नाम सेबी-पंजीकृत मध्यस्थों के जैसे हैं। वे उस नाम के माध्यम से जनता को गुमराह करती हैं कि उन्होंने नियामक के पास पंजीकरण करा रखा है।

इसको देखते हुए सेबी ने निवेशकों को इस तरह की इकाइयों से सावधान रहने को कहा है। साथ ही उन्हें केवल नियामक के पास पंजीकृत इकाइयों के साथ ही लेन-देन का सुझाव दिया है।

नियामक ने यह भी कहा कि पोर्टफोलियो प्रबंधक समेत सेबी पंजीकृत मध्यस्थ निवेश पर निश्चित रिटर्न का वादा नहीं कर सकते। निश्चित रिटर्न का दावा करने वाली योजनाएं पोंजी योजनाएं की तरह चलती हैं। इस प्रकार की योजनाओं में पैसा प्रतिभूति बाजार में नहीं लगाया जाता।

सेबी ने निवेशकों से निवेश करने से पहले संबंधित इकाई की पूरी जांच-पड़ताल करने की सलाह दी है।

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

पोर्टफोलियो प्रबंधन क्या है?

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? ये आपके पोर्टफोलियो के लिए निवेशों का सही मिश्रण चुनने की प्रकिया है। ये पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के मुख्य तत्व है. – विविधिकरण, एसेट आवंटन और रिबैलेंसिंग विविधिकरण क्या है? अपने पोर्टफोलियो के लिए अलग-अलग प्रकार के निवेश चुनने को विविधिकरण कहते हैं। इस तरह से आप, किसी एक निवेश में गिरावट से होने वाले घाटे से बच सकते हैं, क्योंकि संभावना है कि आपके किसी दूसरे निवेश में बढ़ोतरी हो जाए। एसेट आवंटन क्या है? एसेट आवंटन का मतलब है कि आप किस निवेश में कितनी पूँजी लगाते हैं। ये कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे आपकी रिस्क झेलने की क्षमता और आपके जीवन लक्ष्य रिबैलेंसिंग क्या है? समय के साथ, आपके निवेश का मूल्य बढ़ या घट सकता है। अपने तय लक्ष्यों को पाने के लिए निवेशों को खरीदने या बेचने की प्रकिया को रिबैलेंसिग कहते हैं। और जानना चाहते हैं? इसमें हम आपकी मदद कर सकते हैं। पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के बारे में और जानने के लिए स्मार्ट मनी से जुड़े रहें।

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स्मार्ट मनी विशेष रूप से शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और निवेश पर कोई सलाह/सुझाव प्रदान नहीं करता है या किसी भी स्टॉक को खरीदने और बेचने की सिफारिश नहीं करता है। स्मार्ट मनी एक्सचेंज ट्रेडेड उत्पाद नहीं है और इससे संबंधित किसी भी विवाद को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर नहीं निपटाया जाएगा।

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एंजेल वन लिमिटेड (जिसे पोर्टफोलियो प्रबंधन पहले एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के नाम से जाना जाता था), पंजीकृत कार्यालय: जी -1, आकृति ट्रेड सेंटर, रोड नंबर 7, एमआईडीसी, अंधेरी (ई), मुंबई - 400 093। सीआईएन: एल 67120 एमएच1996पीएलसी 101709, सेबी रेग। नंबर: INZ000161534-BSE कैश/F&O/CD (सदस्य आईडी: 612), NSE कैश/F&O/CD (सदस्य आईडी: 12798), MSEI कैश/F&O/CD(सदस्य आईडी: 10500), MCX कमोडिटी डेरिवेटिव्स (सदस्य आईडी) : 12685) और एनसीडीईएक्स कमोडिटी डेरिवेटिव्स (सदस्य आईडी: 220), सीडीएसएल पंजीकरण। संख्या: IN-DP-384-2018, PMS Regn। नंबर: INP000001546, रिसर्च एनालिस्ट SEBI Regn। नंबर: INH000000164, निवेश सलाहकार SEBI Regn। नंबर: INA000008172, AMFI Regn। संख्या: एआरएन-77404, पेर्डा पंजीकरण संख्या 19092018। अनुपालन अधिकारी: सुश्री ऋचा घोष।

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पोर्टफोलियो में विविधता क्यों जरूरी है? फायदे और नुकसान जानें

पोर्टफोलियो में विविधता क्यों जरूरी है? फायदे और नुकसान जानें

विविधता पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अलग-अलग एसेट्स में निवेश करने से निवेशकों का जोखिम कम होता है। इसके साथ ही यह बाजार के उतार-चढ़ाव से भी निवेशकों को बचाता है। यह मुनाफा बनाने की रणनीति में भी मददगार साबित हो सकता है।

सभी पैसों को एक ही बस्ते में नहीं रखना चाहिए: यह बात विविधता को बहुत अच्छी तरह बताती है। पोर्टफोलियो में विविधता या एसेट एलोकेशन से आप अलग-अलग एसेट वर्ग में निवेश करते हैं। अगर किसी एक वर्ग में गिरावट आती है, तो दूसरा एसेट आपको नुकसान से बचाता है।

एसेट एलोकेशन कैसे करें?
बेहतर जोखिम प्रबंधन के लिए पोर्टफोलियो में विविधता लाना जरूरी है। विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके आप पोर्टफोलियो में विविधता ला सकते हैं।

एसेट कैटेगरी में निवेश के विकल्प नीचे दिए गए हैं
1) इक्विटी
इक्विटी आमतौर पर अन्य एसेट वर्गों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यह एसेट वर्ग सरल और समझने में आसान होता है। यह उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जिन्हें निवेश में एक बड़ा दायरा चाहिए।

इक्विटी हर प्रकार के निवेशक को विकल्प देती है। इक्विटी में निवेशक अपने पोर्टफोलियो को लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप शेयर्स के अनुसार विविधता दे सकते हैं। एग्रेसिव एप्रोच रखने वाले निवेशक विदेशी शेयर्स को भी अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर पोर्टफोलियो प्रबंधन सकते हैं। ऐसे ETFs भी हैं जो कम लागत पर स्थिर लॉन्ग टर्म रिटर्न देते हैं।

बाजार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए निवेशकों को अलग-अलग शेयर्स वाले पोर्टफोलियो में ही निवेश करना चाहिए। इसके लिए आपको कंपनी की हर अपडेट पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए। एक सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (जैसे तेजी मंदी ऐप) ऐसे निवेशकों की मदद करता है, जो निवेश की दुनिया में नए हैं या जिनके पास बाजार को ट्रैक करने का समय नहीं है।

ये सलाहकार सेबी द्वारा विनियमित होते हैं और इनके पास पोर्टफोलियो के हर शेयर पर बारीकी से नजर रखने वाली अनुभवी टीम होती है।

2) फिक्स्ड इंकम कैटेगरी
बॉन्डस में निवेश निश्चित आय प्रदान करता है और वे आमतौर पर उतार-चढ़ाव से दूर होते हैं। आय के स्थिर स्रोत की तलाश करने वाले लोगों के लिए ये कैटेगरी सबसे सुरक्षित और कारगर होती है। यह जरूर है कि यह आमतौर पर लंबी अवधि में धन बनाने में मददगार साबित नहीं होते हैं।

निवेशकों के पास बैंक फिक्स्ड डिपोजिट, सरकारी बॉन्ड और नॉन-कंवर्टेबल डिबेंचर (NCD) जैसे विकल्प होते हैं। NCD जोखिम भरा है, लेकिन अन्य निश्चित आय वाले एसेट की तुलना में अधिक रिटर्न देता है।

3) सोना
सोने में निवेश करने के तरीके में बदलाव आया पोर्टफोलियो प्रबंधन है। पहले भौतिक रूप से इसमें निवेशक किया जाता था, पर अब नए रूपों जैसे गोल्ड म्यूचुअल फंड और ETF के माध्यम से भी सोने में निवेश किया जाता है।

सोना अन्य एसेट वर्गों के विपरीत काम करता है। जब अन्य एसेट वर्गों में मंदी आ रही होती है, तो सोने का मूल्य बढ़ रहा होता है। इसलिए सोना अस्थिरता और मुद्रास्फीति के खिलाफ एक प्रभावी बचाव बन सकता है। इसके बावजूद सोना लंबी अवधि में ज्यदा रिटर्न देने में ज्यादा मददगार साबित नहीं होता।

4) रियल एस्टेट
सभी एसेट वर्गों में से रियल एस्टेट सबसे ज्यादा अचल संपत्ति में आती है। इसलिए रियल एस्टेट में निवेश जरूरत के आधार पर होना चाहिए।

अचल संपत्ति में निवेश करने से हमेशा बचना चाहिए। चूंकि अचल संपत्ति में आपका निवेश एक लंबे समय तक अटका रह सकता है। इसमें आपके फंड आपकी जरूरत के वक्त मुश्किल से ही काम आते हैं क्योंकि इन्हें तुरंत बेच पाना मुश्किल होता है।

रियल एस्टेट में भी आप अलग-अलग क्षेत्रों या आवासीय या वाणिज्यिक जैसे विभिन्न प्रकार की संपत्तियों में पूंजी को विभाजित कर सकते हैं। रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT), और बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (InvITs) रियल एस्टेट की नई कैटेगरी हैं, जो निवेशकों को लुभा रही हैं।

5)म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड के जरिए निवेशक एक फंड में निवेश करते हैं। इस फंड को पेशेवर फंड मैनेजर नियंत्रित करता है। म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए इक्विटी में निवेश करने का सबसे आसान तरीका है।

जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार निवेशक इक्विटी फंड या डेट (debt) फंड में निवेश कर सकता है। हाइब्रिड फंड के जरिए वह दोनों फंड का फायदा एकसाथ उठा सकते हैं। इसके अलावा निवेशक सेक्टोरल फंड, मल्टी-कैप फंड या कमोडिटी फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

पारंपरिक म्यूचुअल फंड के अलावा निवेशक नए उभरते इक्विटी ट्रेडेड फंड (ETF) और इंडेक्स फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड के कुछ नुकसान भी हैं। इसमें वास्तविक होल्डिंग्स, कमीशन, उच्च निकास भार और उच्च व्यय अनुपात पर नियंत्रण की कमी शामिल है। निवेशकों को निवेश पोर्टफोलियो प्रबंधन करने से पहले म्यूचुअल फंड से जुड़ी लागतों के बारे में जान लेना चाहिए।

6) बिटकॉइन, एथेरियम (Ethereum) और अन्य क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक ट्रेंडिंग एसेट वर्ग है जिसमें निवेशक निवेश कर सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए कई एक्सचेंज और प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं।

बता दें कि एसेट कैटेगरी जोखिम भरी और नियामक अनिश्चितता से प्रभावित होने वाली होती हैं। यह ज्यादातर लोगों के लिए जटिल भी होती हैं।

निवेशक को इस अस्थिर और फायदेमंद एसेट वर्ग में अपने जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही निवेश करना चाहिए। आपको उतना ही निवेश करना चाहिए, जिसे खोने के लिए आप तैयार हों, इसे ही रिस्क कैपेसिटी भी कहते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता के क्या लाभ हैं?
एक अच्छा पोर्टफोलियो वही है जिसमें जोखिम विभिन्न एसेट्स वर्ग में बंटा पोर्टफोलियो प्रबंधन हुआ हो। यानी एक ही कैटेगरी पर सारा निवेश करने से आपका जोखिम बढ़ जाता है। बाजार में गिरावट के दौरान विविधता भरा पोर्टफोलियो आपको ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचने देता।

यह मन की शांति देता है क्योंकि एक ही जगह आपका पूरा पैसा लगा नहीं होता है, तो जोखिम कम हो जाता है। विभिन्न वर्गों में निवेश करने से निवेशकों को विभिन्न क्षेत्रों में विकास के अवसर भी प्राप्त होते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता के क्या नुकसान हैं?
सबसे पहले एक निवेशक को यह समझने की जरूरत है कि निवेश के अच्छे अवसर बहुत कम होते हैं। पोर्टफोलियो में जितनी विविधता होती है, उनमें गलती की गुंजाइश भी उतनी ही बढ़ जाती है। विविधता लाने की कोशिश करते समय गलत निवेश को चुनने का जोखिम होता है। नतीजतन आपके पोर्टफोलियो की क्वॉलिटी कम हो जाती है और आपको कम या कोई रिटर्न नहीं मिलता है।

हर एसेट्स वर्ग का काम करने का अपना तरीका होता है। बहुत ज्यादा विविधता लाने के चक्कर में हो सकता है कि आप बिना किसी एसेट वर्ग को समझे उसमें निवेश कर दें। इससे जटिलताओं को बढ़ावा मिलता ही है इसके साथ ही यह आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है।

विविधता कर में भी बढ़ोतरी कर सकती है क्योंकि हर वर्ग में कर लागू करने तरीका अलग होता है। टैक्स प्लानिंग एक बहुत ही जटिल विषय है और बहुत कम निवेशकों को इसकी जानकारी होती है। इसलिए विविधता लाने के चक्कर में कई बार निवेशक को बहुत अधिक कर देना पड़ता है तो कई बार उसे टैक्स प्लानर की बहुत अधिक फीस भी देनी पड़ सकती है।

बेहतर होगा कि आप कुछ ही एसेट्स क्लास में निवेश करें। निवेशकों को यह बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि पिछला प्रदर्शन भविष्य के बेहतर प्रदर्शन की गारंटी नहीं देता है। इसलिए आप उन्हीं एसेट्स में निवेश करें, जिनकी आपको जानकारी है। या फिर आप किसी भरोसेमंद सलाहकार के साथ जुड़कर निवेश कर सकते हैं।

तेजी मंदी 15 शेयर्स का एक विविध पोर्टफोलियो देता है। शेयर बाजार में निवेश करने के इच्छुक लोगों के लिए यह पोर्टफोलियो निवेश की शुरुआत करने का बहुत अच्छा जरिया है। इससे निवेशक शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के स्टॉक्स का लाभ उठा सकते हैं।

पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग का संपत्ति आधार जुलाई में 17 प्रतिशत बढ़कर 25.4 लाख करोड़ रुपये हुआ

भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) जुलाई 2022 के अंत में बढ़कर 25.4 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह पिछले साल जुलाई के अंत में 21.77 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

वहीं, इस साल जून के अंत में संपत्ति आधार 24.8 लाख करोड़ रुपये रहा था।

आंकड़ों के मुताबिक, कुल एयूएम में से 18.6 लाख करोड़ रुपये का योगदान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) या कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) का होता है।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग का संपत्ति आधार जुलाई में 17 प्रतिशत बढ़कर 25.4 लाख करोड़ रुपये हुआ

नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां जुलाई के अंत में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 25.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी। निवेशकों के साथ उच्च जोखिम वाले रिटर्न के लिए पारंपरिक निवेश से परे विकल्पों में निवेश के चलते इसमें वृद्धि हुई है। उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए प्रवृत्ति सकारात्मक दिखाई दे रही है और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) को खुदरा समेत व्यापक ग्राहक खंड द्वारा स्वीकार्यता मिल रही है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग

निवेशकों के साथ उच्च जोखिम वाले रिटर्न के लिए पारंपरिक निवेश से परे विकल्पों में निवेश के चलते इसमें वृद्धि हुई है।

उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए प्रवृत्ति सकारात्मक दिखाई दे रही है और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं (पीएमएस) को खुदरा समेत व्यापक ग्राहक खंड द्वारा स्वीकार्यता मिल रही है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पोर्टफोलियो प्रबंधन उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) जुलाई 2022 के अंत में बढ़कर 25.4 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह पिछले साल जुलाई के अंत में 21.77 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

वहीं, इस साल जून के अंत में संपत्ति आधार 24.8 लाख करोड़ रुपये रहा था।

आंकड़ों के मुताबिक, कुल एयूएम में से 18.6 लाख करोड़ रुपये का योगदान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) या कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) का होता है।

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