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डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है?

डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है?
120 रुपये के पार जाएगा राकेश झुनझुनवाला का ये फेवरेट शेयर, मिलेगा जोरदार रिटर्न, एक्सपर्ट हैं बुलिश

वेब 3.0 क्या है | डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? WEB 3.0 इंटरनेट को कैसे बदलेगी

आमतौर पर हम जो अभी इंटरनेट यूज करते हैं उसमें सभी मोबाइल फोन हमारे अगल-बगल के किसी टावर से कनेक्टेड होते हैं उसके बाद यह टावर द्वारा सेटेलाइट को इंफॉर्मेशन भेजा जाता है फिर वही इंफॉर्मेशन सरवर से सेटेलाइट द्वारा लेकर मोबाइल टावर से होते हुए हमारे मोबाइल पर भेज आता है

जिससे कि डाटा कई जगह से होते हुए हम तक पहुंचता है इसका मुख्य नुकसान बहुत ज्यादा संसाधन का उपयोग करना है जिससे कि इंटरनेट सुविधा की महंगाई भी बढ़ जाती है

डेटा की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए वेब 3.O का कांसेप्ट का लाया गया है

इसमें हो सकता है की डाटा का भंडारण के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा जिसमें डेटा एक छोटे-छोटे ब्लॉक के रूप में सभी server में स्टोर होंगे

और जब डाटा को एक साथ मर्ज किया जाएगा ऑनलाइन तभी वह अपने आप में एक कंपलीट डाटा होंगे

इस प्रकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ( ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है )में डाटा को एक्सेस करने के लिए थोड़ा सा अधिक वक्त लगता है किंतु यह पूरी तरह से सिक्योर होता है जिससे कि डाटा किसी गलत हाथों में नहीं पड़ता और उसका गलत उपयोग नहीं होता

वेब का तीसरा वर्जन लाने का उद्देश्य अपने आप में बड़ा है पहले से लेकर अभी तक देखा जाए तो डाटा का उपयोग करना और डाटा स्टोर डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? करना दोनों की तकनीक अलग थी

किंतु वर्तमान और फ्यूचर में डाटा को डिसेंट्रलाइज्ड कर देने से डाटा का मिस यूज होने का संभावना नहीं होता,बशर्ते यह जो डांटा है यह सही जगह पर स्टोर हो

वेब 3.O के फायदे

  • डाटा सिक्योर होगा जिससे इसका मिस यूज नहीं किया जा सकेगा
  • डाटा स्टोरेज की मोनोपोली टेक्नोलॉजी कम्पटीशन बढ़ाएगी और नई टेक्नोलॉजी का जन्म होगा
  • दुनिया में गुड गवर्नेंस का शुरुआत होगा
  • डाटा के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं कम होगी क्योंकि इसके लिए डाटा को हैक करना पड़ेगा और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में डाटा को हैक करना बहुत मुश्किल है
  • लोगों और गवर्नमेंट्स में पारदर्शिता बढ़ेगी
  • डाटा स्टोरेज की मोनोपोली सिस्टम होने की वजह से डाटा में एकाधिकार जमाने की व्यवस्था खत्म होगी

वेब 3.0 क्या है

इंटरनेट और क्लाउड कंप्यूटिंग की नई टेक्नोलॉजी ने वेब 3.0 का कांसेप्ट लाया है और यही हमारा फ्यूचर है. आने डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? वाले वक्त में क्लाउड कंप्यूटिंग का बहुत ज्यादा उपयोग होगा जिसमें हमारा डाटा क्लाउडली हमारे पास आएगा जिसके लिए इंटरनेट बहुत ज्यादा जरूरी है

देखा जाए तो एक नए युग की शुरुआत हो रही है जिसमें डाटा स्टोर और डाटा सर्व करने की नए-नए टेक्नोलॉजी आ रहे हैं कभी वह वक्त था जब हमारे द्वारा ले देकर जीपीआरएस चला करता था

जिससे कि इंटरनेट की 1st generation द्वारा इंटरनेट सप्लाई किया जाता था जिस की स्पीड बहुत कम थी उसके बाद डाटा प्रोसेस मे boosting आई इसके बाद 3G और 4G ने इंडिया में संचार क्रांति की एक नई शुरुआत की

और अब 5G और ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी द्वारा डाटा की डिसेंट्रलाइजेशन से स्पीड और ज्यादा बढ़ेगी और डेटा की सिक्योरिटी भी बढ़ेगी अब आने वाला वक्त बताएगा कि इसने और क्या-क्या चेंज आएंगे

web 3.0 के बारे में आपको हमारी यह जानकारी कैसे लगी प्लीज हमें कमेंट जरूर करें और क्वेश्चन भी जरूर पूछें

Cryptocurrency meaning in Hindi

आजकल आपने Cryptocurrency के बारे में बहुत सुना होगा। आप बिटकॉइन के बारे मे भी सुनते होगें। आपके मन में यह सवाल उठना स्वभाविक है की ये Cryptocurrency Kya Hai क्या आप जानते है एक समय ऐसा था जब लोग वस्तुओ की अदला बदली करके व्यापार करते थे। उसके बाद वस्तु विनिमय का साधन सिक्के और नोट ने ले लिया। अब एक और विनिमय का नया साधन आया है जिसको crypto currency बोलते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह एक डिजिटल करेंसी है। चलिए Crypto currency In Hindi Details से समझाते हैं।

क्या होती है crypto currency?

Crypto currency एक डिजीटल करेंसी है। यानी इसको हम टच नहीं कर सकते हैं। Crypto currency को डिसेंट्रलाइज्ड वे मे संचालित किया जाता है। इसमें आपको हर लेन देन मे डिजीटल सिग्नेचर के जरिए वेरिफाई करना पड़ता है। तभी आप कोई भी ट्रांजिक्शन कर सकते हैं और आपकी हर ट्रांजिक्शन का रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से होता रहता हैं। यानी crypto currency ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है जिसको कॉपी पेस्ट करना नामुमकिन है। इस पर किसी भी देश का नियंत्रण नहीं है। Crypto currency आधुनिक मुद्रा है। डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? यह रियल मे नहीं होती, वर्चुअल होती हैं। Crypto currency के बारे मे जानने के बाद चलिए जानते है यह मुद्रा काम कैसे करती हैं?

Crypto currency Kaise Kaam Karti Hai

Crypto currency ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं। जिसमे हर ट्रांजिक्शन का रिकॉर्ड cryptography की मदद से रखा जाता है। ये cryptography सुपर कंप्यूटर द्वारा संचालित की जाती हैं। जिसको crypto currency माइनिंग कहा जाता हैं। जिनके द्वारा ये माइनिंग की जाती है उनको माइनर कहा जाता हैं। Crypto currency की सबसे बड़ी खासियत इसका सुरक्षित होना है। क्योंकी इसका संचालन बहुत सारे सुपर कंप्यूटर के जाल के द्वारा किया जाता हैं। अगर कोई एक सुपर कम्प्यूटर मे कुछ गड़बड़ करेगा तो बाकी के सुपर कंप्यूटर ब्लॉक चैन से जुड़े हैं, तुरंत फ्रॉड पकड़ा जाएगा। इसके जितनी सुरक्षित मुद्रा कोई भी नही है तभी तो जब important organization के कम्प्यूटर हैक हुए थे तो हैकर्स ने crypto currency मे ही पैसों की डिमांड की थी। अब सवाल उठता है कि ये crypto currency कहा से मिलेंगी? चलिए जानते है।

Crypto currency कहा से मिलेंगी:

जिस प्रकार हम मार्किट से सामान खरीदते हैं उसी प्रकार crypto currency का भी मार्किट होता हैं। जहा से आप अपने पैसों के बदले crypto currency खरीद सकते हैं। ये एक प्रकार का निवेश हैं जैसे हम शेयर मार्किट मे करते हैं। कुछ महत्वूर्ण वेबसाइट हैं जहां से आप आसनी से crypto currency खरीद सकते है, जैसे :

  • बायनेंस
  • कोइनबेस
  • बिटफिनेक्स
  • Karaken
  • बिथुंब
  • बिटस्टैंब
  • बिटफ्लायर
  • ककोइन

यह कुछ बेवसाइट हैं जहां से आप crypto currency Purchase /crypto currency sale कर सकते हैं। लेकिन इसके अलावा भी ऐसी कई मार्किट है जहां से आप crypto currency खरीद सकते हैं। इसके लिए आप गूगल सर्च करके भी crypto currency खरीद सकते हैं।

Top crypto currency Market In India :

भारत डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? में भी crypto currency बहुत लोकप्रिय हो चुकी हैं। ऐसे कई मार्किट है जहां से आप crypto currency Purchase सकते हैं जैसे :

  • कॉन स्विच
  • कॉन डीसीएक्स
  • वजीरX
  • यूनिकॉइन

भारत मे Unicorn सबसे ज्यादा लोकप्रिय Exchange crypto currencyहैं।

Top crypto currency कौन सी है?

Crypto currency का नाम सुनते ही हमारे जेहन मे बिटकॉइन का नाम सबसे पहले आता है। बिटकॉन के अलावा ऐसी बहुत सारी crypto currencyहैं जो मार्किट में मौजूद है। चलिए डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? जानते हैं:

  • बिटकॉइन (bitcoin): यह सबसे पहली crypto currency हैं। जिसका निर्माण 2009 में सतोशी नाकामोटो द्वारा किया गया था। बिटकॉइन मे शुरुआत के समय काफ़ी उतार चढ़ाव आए थे। लेकिन अब ये सबसे कीमती crypto currency हैं।
  • इथरीम (etheream) : इसे इथर के नाम से भी जाना जाता है। इसको 2015 मे लाया गया था। यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी crypto currency हैं।
  • रिप्पल (ripple): यह crypto currency के साथ एक्सचेंज का काम भी करता है। जिसे 2012 मे अमेरिकी कम्पनी द्वारा लाया गया था।
  • टैथर (tethar): इसे स्टेबल कॉन भी कहते है क्योंकी यह डॉलर के मूल्य पर आधारित किया गया था। इसकी स्थापना 2014 मे की गई थी।
  • लाइट कॉन (litecoin): यह बिटकॉइन की से चार गुना तेज है। इसकी स्थापना 2014 मे हुई थी।

आपकी जानकारी के लिए बता दे ये कुछ ही crypto currency हैं , इसके अलावा हजारों crypto currency आज मौजूद है। Crypto currency के बारे मे जानने के बाद अब इसके फायदों के बारे मे देखते हैं। Why We Use crypto currency?

Crypto currency के लाभ क्या है?

Crypto currency Benefits के कारण ही हमें क्रिप्टोकरंसी का Use के लिए प्रेरित करता है। चलिए जानते है :

  • क्योंकी यह डिजीटल करेंसी है तो इसमें फ्रॉड तो हो ही नहीं सकता है।
  • Crypto currency को हम बहुत ही जल्दी आसानी से खरीद और बेच सकते हैं, ऐसे कई प्लेटफॉर्म है।
  • अगर आप इनवेस्टमेंट के लिए सोच रहे हैं तो इससे अच्छा विकल्प आपको नहीं मिलेगा क्योंकी इसकी वैल्यू मे तेजी से उछाल आता है।
  • Crypto currency कीसबसे अनोखी बात ये किसी सरकार के हाथो मे नियंत्रित नहीं होती हैं।
  • इसके अलावा यह दुनिया की सबसे आधुनिकतम और सुरक्षित मुद्रा है।

हर चीज के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है। चलिए crypto currency Side-effects भी देखते हैं।

क्या है डिजिटल रुपया और क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग? जानें हर डिटेल

डिंपल अलावाधी

RBI Digital Rupee: सीबीडीसी के लॉन्च के लिए, आरबीआई अधिनियम, फेमा, आईटी अधिनियम, आदि में बदलाव करना होगा।

know what is Digital Rupee and How is CBDC different from Cryptocurrency

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी को लेकर बड़ा ऐलान किया है।
  • जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा।
  • यह ब्लॉकचेन समेत अन्य टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटली करेंसी होगी।

RBI Digital Rupee: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) द्वारा केंद्रीय बजट 2022 (Budget 2022) में की गई घोषणाओं में से एक प्रमुख घोषणा केंद्रीय बैंक समर्थित डिजिटल मुद्रा (CBDC) की थी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किया जाने वाला डिजिटल रुपया (Digital Rupee) नए वित्तीय वर्ष में शुरू किया जाएगा।

भारत में पहली बार जारी होने वाले डिजिटल रुपए ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वास्तव में एक डिजिटल रुपया क्या होगा और यह कैसे काम करेगा। आसान शब्दों में समझें, तो CBDC किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाने वाला लीगल टेंडर है। यह फिएट मुद्रा की तरह ही है और इसके माध्यम से लेनदेन किया जा सकेगा।

क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग है सीबीडीसी?
RBI के समर्थन से, CBDC सेंट्रलाइज्ड है। दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड हैं। इसे जारी करने वाला कोई नहीं है और वे किसी भी व्यक्ति के लोन या देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

क्या सीबीडीसी डिजिटल पेमेंट के अन्य फॉर्म से बेहतर है?
हां, क्योंकि इससे अंतरबैंक सेटलमेंट की आवश्यकता कम हो सकती है। इसके अलावा, डिजिटल मुद्रा भुगतान सिस्टम के बेहतर रियल टाइम और कॉस्ट इफेक्टिव ग्लोबेलाइजेशन की ओर ले जाएगी। इससे कोई भी भारतीय व्यापारी बिना किसी बिचौलिये के विदेशी खरीदारों को आसानी से भुगतान कर सकता है।

क्या भारत में डिजिटल करेंसी की जरूरत है?
सीबीडीसी भारत में कैश के उपयोग को रिप्लेस नहीं करेगा। हालांकि, भारत के डिजिटल मुद्रा पर स्विच करने से यह प्रिंटिंग, ट्रांसपोर्टिंग, स्टोरिंग और डिस्ट्रिब्यूटिंग की लागत को कम करेगा। डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है और कागजी मुद्रा का उपयोग कम हो रहा है। ऐसे में मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक रूप को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

सीबीडीसी का मौद्रिक नीति पर क्या असर होगा?
अतीत में, करेंसी की सप्लाई को बांड खरीद, मुद्राओं की बिक्री और खरीद, आदि के माध्यम से ट्रैक किया जाता था। हालांकि, सीबीडीसी का उपयोग पैसे की मांग का विश्लेषण कर सकता है और साथ ही नीति प्रबंधन में भी सुधार कर सकता है।

सीबीडीसी कब लॉन्च होगा?
संसद में क्रिप्टो कानून पारित होने से पहले ऐसा प्रतीत नहीं होता है की सीबीडीसी लॉन्च होगा। सीबीडीसी के रोल आउट के लिए आरबीआई अधिनियम, The Coinage Act, फेमा और आईटी अधिनियम में संशोधन करना होगा क्योंकि इन कानूनी प्रावधानों को पेपर करेंसी को ध्यान में रखकर बनाया गया था।

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टाटा नाम की ये पेनी क्रिप्टो क्वाइॅन भर रही उड़ान, 24 घंटे में 10 हजार बन गए ₹7 लाख, निवेशकों को 3,430% का तगड़ा रिटर्न

Cryptocurrency prices: आज 6 मार्च को बिटकॉइन समेत क्रिप्टोकरेंसी में रिकवरी देखने को मिल रही है। रविवार सुबह 11.30 बजे काॅइनमार्केट के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी.

टाटा नाम की ये पेनी क्रिप्टो क्वाइॅन भर रही उड़ान, 24 घंटे में 10 हजार बन गए ₹7 लाख, निवेशकों को 3,430% का तगड़ा रिटर्न

Cryptocurrency prices: आज 6 मार्च को बिटकॉइन समेत क्रिप्टोकरेंसी में रिकवरी देखने को मिल रही है। रविवार सुबह 11.30 बजे काॅइनमार्केट के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत में 1.63 फीसदी की तेजी देखी गई और यह 39,503.36 डाॅलर पर पहुंच गई। वहीं, इथेरियम (ether) की कीमत में 1.16 फीसदी की तेजी देखी गई। इन सबके बीच टाटा क्वाइॅन (TATA Coin) नाम की क्रिप्टो क्वाइॅन (Crypto coin) ने सबको हैरान कर दिया। दरअसल, टाटा क्वाॅइन की कीमत में महज 24 घंटे में 3430.09 फीसदी की तेजी देखने को मिली। यानी निवेशकों को सिर्फ एक दिन में 3400 फीसदी से ज्यादा का फायदा हुआ। आइए जानते हैं इस पेनी टोकन के बारे में-

एक दिन में 7.31 लाख रुपये का फायदा
Coinmarket.com के मुताबिक, खबर लिखे जाने तक पेनी क्रिप्टो टोकन Tata coin की कीमत 3,430 फीसदी उछल कर 0.1914 डॉलर (यानी भारतीय रुपया के हिसाब से 14.63 रुपये) के पार पहुंच गई जो कि एक दिन पहले टाटा क्वाइॅन की कीमत 0.00266 डॉलर (20 पैसा) पर थी। यानी एक दिन पहले अगर किसी निवेशक ने 10,000 रुपये लगाए होते तो अगले ही दिन यह रकम 7.31 लाख रुपये हो जाती।

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जानिए इस टोकन ने बारे में?
Coinmarket.com पर दी गई जानकारी के अनुसार, यह पेनी टोकन टाटा कॉइन बिनांस स्मार्ट चेन पर आधारित कम्युनिटी-संचालित क्रिप्टोकरेंसी है। टाटा कॉइन का उद्देश्य डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस को पूरी तरह से सुरक्षित बनाना है। इसका मकसद दुनिया भर में निवेशकों समेत मल्टीनेशनल कंपनियों और संगठनों को सुरक्षित पेमेंट सिस्टम प्रदान करना है, डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? जिससे वे ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके आसानी से और बेहतर सुरक्षित रूप से डिजिटल लेनदेन कर सकें। बता दें कि टाटा कॉइन को 100% कम्युनिटी-संचालित बनाया गया है। Tata Coin को 'You' के स्वामित्व वाली दुनिया की पहली डिजिटल मुद्रा के रूप में लॉन्च किया गया है। यह डिजिटल करेंसी किसी व्यक्ति, संगठन, संस्था या समूह के स्वामित्व या नियंत्रण में नहीं रहेगी।

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ट्रेडिंग वाॅल्यूम में 18773.41 फीसदी की तेजी
इस पेनी डिजिटल करेंसी की कुल ट्रेडिंग वाल्यूम में 24 घंटे में 18773.41 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। टाटा क्वाॅइन डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या है? की ट्रेडिंग वाॅल्यूम 3,503,413.69 डॉलर है। ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट रैंक में यह #2926 पर है और मार्केट कैप 1,700,769 डॉलर है।

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इसका मैक्सिमम सप्लाई 9,000,000 टोकन है
टाटा कॉइन के पास कॉइन की सीमित सप्लाई है। यह "डिजिटल गोल्ड" के रूप में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसका मैक्सिमम सप्लाई 9,000,000 टोकन है। टाटा कॉइन की कोई टीम टोकन नहीं है और इसे 100% पब्लिक लिक्विडिडी के साथ सूचीबद्ध किया गया था।

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