ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं

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भारत में डेरिवेटिव बाजार का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. भारत में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की शुरुआत साल 2000 साल में हुई. साल दर साल डेरिवेटिव ट्रेडिंग की लोकप्रियता कई गुना बढ़ रही है.
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Derivatives Market क्या है, डेरिवेटिव मार्केट कैसे काम करता है?
डेरिवेटिव ट्रेडिंग एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर भविष्य में डेरिवेटिव की ट्रेडिंग करने के लिए दो पार्टियों के बीच हुआ एक समझौता है.
नई दिल्ली: अगर आप भी शेयर या कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो डेरिवेटिव मार्केट या डेरिवेटिव ट्रेडिंग शब्द से आप का पाला जरूर पढ़ा होगा. डेरिवेटिव ट्रेडिंग वास्तव ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं में शेयर/कमोडिटी बाजार में डेरिवेटिव की खरीद या बिक्री है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग एक पूर्व निर्धारित मूल्य के लिए भविष्य में डेरिवेटिव का ट्रेड करने के लिए दो पार्टियों के बीच हुआ एक समझौता है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग आमतौर पर शेयर बाजार या कमोडिटी बाजार के कारोबारी घंटों के हिसाब से होती है.
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भारत में डेरिवेटिव बाजार का महत्व तेजी से बढ़ रहा है. भारत में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की शुरुआत साल 2000 साल में हुई. साल दर साल डेरिवेटिव ट्रेडिंग की लोकप्रियता कई गुना बढ़ रही है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में डेरिवेटिव सेगमेंट में दैनिक कारोबार करोड़ों में पहुंच गया है. डेरिवेटिव ट्रेडिंग नकद बाजारों के कारोबार की तुलना में कई गुना अधिक हो रहा है.
क्या है डेरिवेटिव?ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं
डेरिवेटिव वित्तीय कॉन्ट्रैक्ट होते हैंं जो स्टॉक, कमोडिटी, करेंसी जैसे एसेट की पहले से तय कीमत पर खरीद-बिक्री करने के लिए किए जाते हैं. डेरिवेटिव सौदे दो या अधिक पार्टियों के बीच हो सकते हैं.
डेरिवेटिव से कैसे होती है कमाई?
डेरिवेटिव भविष्य में संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए दो या दो से अधिक पार्टी के बीच हस्ताक्षरित समझौते के रूप में एक कांट्रैक्ट कहा जाता है. निवेशक उस एसेट के भविष्य के मूल्य में उतार-चढ़ाव की संभावना/आशंका पर दांव लगाकर मुनाफा कमाते हैं. डेरिवेटिव सौदे में अंतर्निहित संपत्तियां स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटी या मुद्रा, कुछ भी हो सकती है.
डेरिवेटिव ट्रेडिंग कई तरह के
हेजिंग करने वाले जोखिम-प्रतिकूल व्यापारी हैं जो किसी मुद्रा की वैल्यू में उतार-चढ़ाव से खुद को बचाने के ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं लिए डेरिवेटिव सौदे करते हैं. वे एक अंतर्निहित संपत्ति की कीमत तय करके और जोखिम लेने वाले सट्टेबाज को मूल्य में उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिम को स्थानांतरित करके अपना नुकसान कम करते हैं. सट्टेबाज जोखिम लेने वाले व्यापारी हैं जो कीमत में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने के लिए हेजर्स से जोखिम उठाते हैं. वे शेयर बाजार के लिए तरलता का एक आवश्यक स्रोत बनाते हैं. मध्यस्थ कम जोखिम उठाने वाले व्यापारी हैं जो दो अन्य बाजारों में दो अलग-अलग कीमतों के लिए एक ही संपत्ति बेचकर लाभ कमाने का प्रयास करते हैं.
डेरिवेटिव सेगमेंट की वैल्यू
डेरिवेटिव सेगमेंट की वैल्यू अंडरलायर के तहत निकाली जाती है. मौजूदा समय में निफ्टी 50 इंडेक्स और सेंसेक्स, बैंक निफ्टी और कैश सेगमेंट के चुनिंदा शेयर अंडरलायर की भूमिका अदा करते हैं.
करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) को जानें
करेंसी डेरिवेटिव (currency derivatives) विक्रेता और खरीदार के बीच एक अनुबंध है, जिसका मूल्य अंतर्निहित परिसंपत्ति, मुद्रा राशि से लिया जाता है। करेंसी डेरिवेटिव को विदेशी मुद्रा विनिमय दर अस्थिरता (Foreign Currency Exchange Rate Volatility) के खिलाफ किसी भी जोखिम का प्रबंधन करने के लिये सबसे अच्छे विकल्पों में से एक माना जाता है।
मुद्रा डेरिवेटिव क्या हैं?
- मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर डेरिवेटिव भविष्य का एक अनुबंध है जो उस दर को निर्धारित करता है जिस पर किसी मुद्रा को किसी अन्य मुद्रा के लिये भविष्य की तारीख में आदान-प्रदान किया जा सकता है।
- भारत में कोई भी व्यक्ति डॉलर, यूरो, यूके पाउंड और येन जैसी मुद्राओं के खिलाफ बचाव के लिये ऐसे डेरिवेटिव अनुबंधों का उपयोग कर सकता है।
- विशेष रूप से आयात या निर्यात करने वाले कॉर्पोरेट इन अनुबंधों का उपयोग किसी निश्चित मुद्रा के जोखिम के खिलाफ बचाव के लिये करते हैं।
- हालाँकि, इस तरह के सभी मुद्रा अनुबंधों का रुपए में नकद के रूप में निपटारा (cash-settled) किया जाता है, इस साल की शुरुआत में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने क्रॉस मुद्रा अनुबंध के साथ-साथ यूरो-डॉलर, पाउंड-डॉलर और डॉलर- येन के साथ व्यापार में आगे बढ़ने को कहा है|
करेंसी डेरिवेटिव के साथ कोई व्यापार कैसे कर सकता है?
- दो राष्ट्रीय स्तर के स्टॉक एक्सचेंज, BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट हैं। मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MSEI) में ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं भी ऐसा ही सेगमेंट है लेकिन BSE या NSE पर इसका अधिक विस्तार देखा गया है।
- कोई भी ब्रोकर के माध्यम से मुद्रा डेरिवेटिव में व्यापार कर सकता है। संयोग से ऑनलाइन ट्रेडिंग में डेरिवेटिव क्या हैं सभी प्रमुख स्टॉक ब्रोकर भी मुद्रा व्यापार सेवाएँ प्रदान करते हैं।
- यह इक्विटी या इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में ट्रेडिंग की तरह है और ब्रोकर के ट्रेडिंग एप के माध्यम से किया जा सकता है। यद्यपि डॉलर-रुपए का अनुबंध आकार 1,000 डॉलर है, लेकिन केवल 2-3% मार्जिन देकर व्यापार शुरू किया जा सकता है।
एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्मों पर ऐसे डेरिवेटिव क्यों शुरू किये गए थे?
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