बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं

क्रिप्टोकरेंसी में नुकसान उठाने से कैसे बचें, जानिए क्या हैं एक्सपर्ट्स के सुझाव
कम लिक्विडिटी वाले क्रिप्टो को खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इन्हें बेचने में मुश्किल हो सकती है
क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है। इसके साथ ही इनमें पैसा कमाने और गंवाने के भी मौके रहते हैं। अगर आप किसी सेलेब्रिटी के ट्वीट पर इनवेस्टमेंट कर रहे हैं या खुद को एक्सपर्ट्स बताने वाले किसी व्यक्ति की सलाह पर चल रहे हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है। यहां आपको उन गल्तियों के बारे में बताया जा रहा है जिनसे आपको क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने पर बचना चाहिए।
एक्सपर्ट्स की सलाह पर पूरा भरोसा न करें, अपनी रिसर्च भी जरूरी
आपको कई ऑनलाइन साइट्स पर क्रिप्टो एक्सपर्ट्स की सलाह मिल जाएगी। आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी किसी वास्तव में कोई क्रिप्टो एक्सपर्ट्स नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है और इनके प्राइसेज का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इस वजह से खुद रिसर्च करनी बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं चाहिए।
कम लिक्विडिटी वाली क्रिप्टोकरेंसीज से बचें
लिक्विडिटी अधिक होने पर ही क्रिप्टोकरेंसीज को आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी में लिक्विडिटी कम है तो आपको उसे बेचने में मुश्किल होगी।
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Cryptocurrency Tax: क्या तोहफे में बिटकॉइन मिलने पर भी सरकार को देना होगा टैक्स? जानें 10 अहम सवालों के जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स और एक फीसदी टीडीएस लगाने का एलान किया। कई विशेषज्ञ इसे क्रिप्टोकरेंसी को वैध करने की ओर एक कदम मान रहे हैं।
विस्तार
आखिर, क्रिप्टोकरेंसी क्या है? जब ये वैध नहीं है तो भारत में इसका लेन-देन किस तरह होता है? क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है? सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर जो टैक्स लगाने की बात कही है वो लगेगा कैसे? आइये समझते हैं…
1. क्रिप्टोकरेंसी है क्या?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल डिजिटल करेंसी है। चलन के लिहाज से ये रुपया, डॉलर या पाउंड जैसी ही होती है। क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर काम करने वाली ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से यह वर्चुअल करेंसी बनी है। इसी वजह से इसे क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। फर्क ये है कि रुपया, डॉलर या पाउंड को देश के केंद्रीय बैंक जारी और नियंत्रित करते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कोई कंट्रोल नहीं होता है। यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत व्यवस्था है। बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं करती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है। यह जिस डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, उसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़ कर सकता है।
2. भारत में अभी किस तरह इसका लेन-देन होता है?
दुनियाभर में कई क्रिप्टोकरेंसी हैं, जिनका लेनदेन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और एक्सचेंज पर किया जा सकता है। इनमें सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। अगर आप क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं तो आपको क्रिप्टो वॉलेट खोलना पड़ेगा। यह वैसा ही है, जैसा आप स्टॉक ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं। क्वॉइनस्विच कुबेर, उनोकॉइन, वजीरएक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर कोई भी क्रिप्टो वॉलेट खोल सकता है। इसके लिए KYC समेत अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। इसके बाद आपको क्रिप्टो में निवेश करने के लिए अपने बैंक से पैसा डिपॉजिट करना होगा।
भारत में कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे हैं जो 100 रुपये से वॉलेट खोलने की अनुमति देते बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं हैं। वहीं, कुछ क्रिप्टो वॉलेट फ्री ट्रेडिंग की अनुमति देते हैं, तो कुछ इसके लिए कम से कम 100 रुपये मेंटेनेंस चार्ज वसूल सकते हैं। यह क्रिप्टो एक्सचेंज पर निर्भर करता है।
3. क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। कोई भी मुद्रा 'करेंसी' तभी कहलाती है, जब केंद्रीय बैंक उसे जारी करता है। जो भी केंद्रीय बैंक के दायरे से बाहर है, उसे हम करेंसी नहीं कहेंगे। हम ऐसी 'करेंसी' पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं, जिसे अभी जारी होना बाकी है। डिजिटल रुपये को RBI जारी करेगा, यही डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल दुनिया में जो कुछ है, वो संपत्तियां हैं। इसी तरह वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कहते हैं कि भले ही क्रिप्टो पर टैक्स लेने का नियम बना है, तब भी ये वैध मुद्रा नहीं होगी।
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। वहीं, भारत में जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा।
4. क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगेगा कैसे?
वित्त मंत्री ने मंगलवार को साफ किया कि आरबीआई के डिजिटल रुपये के अलावा क्रिप्टो वर्ल्ड में मौजूद सभी क्वाइन वर्चुअल असेट्स में गिने जाएंगे। इनके लेनदेन में अगर किसी को मुनाफा होता है तो हम उस पर 30 फीसदी टैक्स लगाएंगे। उदाहण के लिए, यदि आपको बिटकॉइन बेचने पर 100 रुपये की कमाई होती है, तो आपको 30 रुपये टैक्स के रूप में सरकार को देना होगा। इसी तरह क्रिप्टो की दुनिया में होने वाले हर लेनदेन पर एक फीसदी TDS भी लगेगा। TDS से सरकार को क्रिप्टो के लेनदेन का पता लग जाएगा और वह टैक्स वसूल सकेगी।
5. तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?
ऐसा नहीं है। आपको केवल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।
6. अगर मैं किसी को क्रिप्टो करेंसी तोहफे में देता हूं तो क्या मुझे भी टैक्स देना होगा?
नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं यानी भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।
7. 1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?
वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।
8. टैक्स लगाकर सरकार क्रिप्टो को मान रही है, इसे बढ़ावा दे रही है या इसे हतोत्साहित कर रही है?
दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
9. क्या मैं एक डिजिटल असेट में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे से कर सकूंगा?
अगर इथेरियम में नुकसान हुआ, तो इसकी भरपाई बिटक्वाइन में हुए लाभ से नहीं कर बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं सकेंगे। हर असेट यानी यूनिट अलग काम करेगी, उस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।
10. क्या यह क्रिप्टोकरेंसी खरीदने का सही समय है?
नहीं। टैक्सेशन की दरें अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। ऐसे में टैक्स से बचने के लिए 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर बिकवाली निकल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिप्टो करेंसी में अस्थिरता आएगी। सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है और रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है। ऐसे में वर्चुअल रुपये को लाकर क्रिप्टो को पूरी तरह बैन करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो में निवेश पर अगर घाटा होता है तो इसकी कोई जवाबदारी सरकार की नहीं होगी।
क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्रांति लाने के इरादे से लॉन्च किया गया था। लेकिन, हर क्रांति के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी — क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की देन है। आज, यहां आप पढ़ेंगे क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदों और इससे होने वाले नुकसान के बारे में।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे
क्रिप्टोकरेंसी सबसे सिक्योर करेंसी मानी जाती है, क्योंकि यह क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से मिलकर बनीं है।
क्रिप्टोकरेंसी पैसे के लिए एक नया सेंट्रलाइज्ड सिस्टम डिफाइन करती है। इस सिस्टम में ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर होने की जरूरत नहीं हैं। फलस्वरूप, समय और रिसॉर्स दोनों की बचत होती है।
क्रिप्टोकरेंसी किसी विश्वसनीय थर्ड पार्टी जैसे बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी की जरूरत के बगैर, दो पार्टी के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करना आसान बनाती है।
क्योंकि यह थर्ड-पार्टी मिडिएटर का उपयोग नहीं करती है, दो ट्रांजेक्शन करने वाली पार्टियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर, स्टैंडर्ड मनी ट्रांसफर की तुलना में ज्यादा फास्ट होते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से लाभ मिल सकता है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वैल्यू पिछले एक दशक में आसमान छू गई है, एक पॉइंट पर तो यह लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बेहद अस्थिर हैं। दुनिया भर में 24×7 इस पर ट्रेडिंग चलती रहती है। अक्सर, किसी भी देश में नियामक कार्रवाई की फुर्ती से कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसी तरह, अटकलें कीमतों को बढ़ा सकती हैं।
एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम, जो किसी को भी, कहीं भी पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, होने की वजह से इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में सरकारें एक मत नहीं है। कुछ देशों में सरकार ने इसे लीगल करार दे दिया है तो कहीं पर अभी भी इस पर कानून की तलवार लटकी हुई है।
मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खरीदारी जैसी नापाक गतिविधियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों के लिए एक लोकप्रिय उपकरण बन गई है। कुछ रिपोर्ट्स ने डार्क वेब पर ड्रग्स बेचने के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने के संकेत दिए हैं। क्रिप्टोकरेंसी भी हैकर्स की पसंदीदा बन गई है जो उनका इस्तेमाल हानिकारक गतिविधियों के लिए करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का एक नुकसान यह है कि कोई भी इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें माइन (खनन) कर सकता है। हालांकि, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए काफी एनर्जी की जरूरत होती है, कभी-कभी उतनी ऊर्जा, जितनी कि पूरे देश में खपत होती है।
हालांकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की वजह से बेहद सिक्योर है, लेकिन दूसरी क्रिप्टो रिपॉजिटरी, जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज और वॉलेट को हैक किया जा सकता है। समय-समय पर कई ऐसी ख़बरें आईं हैं जब एक्सचेंज और वॉलेट को हैक कर लिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी लाखों डॉलर वैल्यू के "कॉइन" चोरी कर लिए गए।
निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यह सलाह दी जा सकती है कि निवेश करने से पहले अपने धन लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और रिटर्न अपेक्षाओं के अनुरूप सावधानीपूर्वक निर्णय लें।
Crypto Currency क्या है - इसके फायदे और नुकसान क्या है?
आखिरकार Crypto Currency क्या है? क्यों आज के समय में क्रिप्टो करेंसी कि हर तरफ चर्चाएं हो रही है। आज लोग क्यों इस करेंसी में निवेश करना चाहते हैं। क्या सभी देश ने अपने यहां इसे कानूनी तौर पर वैध कर दिया है या अब भी कुछ देश ऐसे है जिसने cryptocurrency को कानूनी तौर पर illegal करार देते हुए अपने यहां बैन कर दिया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत में crypto currency में ट्रेड या निवेश करना legal है या illegal है। आज इस लेख में हम विस्तार से आपको crypto currency के बारे बताएगे।
Crypto Currency क्या है?
Crypto Currency कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी एक Digital या Virtual Currency है। यानी कि फिजिकली इसका कोई अस्तित्व नहीं है। यह एक ऐसी करेंसी है जिसे किसी भी संस्था या सरकार के द्वारा नहीं संचालित नहीं किया गया है। इस करेंसी का आज बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं तक कोई मालिक नहीं पता चला है। इसलिए यह एक decentralised currency है। एक डिजिटल करेंसी होने के कारण इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। इस करेंसी का प्रयोग किसी भी वस्तु या सर्विस का आदान-प्रदान करने के लिए किया जाता है और वेरिफिकेशन के लिए डिजिटल सिग्नेचर लिए जाते हैं।
इस करेंसी का कोई मालिक ना होने के कारण पहले इसे अवैध करार दिया गया था। लेकिन बिटकॉइन के इतने पॉपुलर होने के बाद कुछ देशों ने इसे legal कर दिया है। लेकिन आज भी ज्यादातर देश की सरकारों ने क्रिप्टोकरंसी को अपने देश में illegal कहां है।
Crypto currency कि Value
क्रिप्टो करेंसी की कोई भी फिजिकल अपीयरेंस ना होने के बावजूद भी आज इसकी वैल्यू बहुत अधिक है। शुरुआत में तो क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू बहुत कम थी। लेकिन धीरे धीरे इसकी वैल्यू बढ़ती गई और आज यह बहुत ही प्रचलित करेंसी बन गई है। आज इसकी वैल्यू रुपया, डॉलर, यूरो इत्यादि अलग-अलग देशों की करेंसी से भी कई गुना हो गई है। आप इस करेंसी की मदद से किसी सामान का लेन देन या इसमें ट्रेडिंग और निवेश भी कर सकते हैं। ट्रेड करने के लिए आपको technical analysis आना जरूरी है नहीं तो बिना ज्ञान के भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
Crypto Currency कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी निम्लिखित रूप से कार्य करती हैं:-
Crypto Currency का मुख्य कार्य, ब्लॉकचैन के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पैसे ट्रांसफर करना होता है। ब्लॉकचैन का कार्य बैंक की तरह होता है। सभी लेनदेन का रिकॉर्ड ब्लॉक चैन में होने के कारण धोखाधड़ी की संभावना काफी कम होती है।
पावरफुल कंप्यूटर्स के माध्यम से कुछ लोग क्रिप्टो करेंसी मे धोखाधड़ी ना हो इसके लिए निगरानी और जांच करते हैं। इसी प्रोसेस को क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग प्रोसेस कहा जाता है। जांच और निगरानी करने वाले लोगों को माइनर्स का जाता है। जांच और निगरानी करने के लिए एक कोड मिलता है। जिसे स्क्रीन पर आने वाले गणित के सवाल को सही हल करने के बाद प्राप्त किया जाता है। इस स्टेप के बाद Crypto Currency की माइनिंग प्रोसेस कंप्लीट मान लिया जाता है।
अब क्रिप्टो करेंसी में भी बैंक की तरह के एक्सचेंज की जरूरत पड़ती है जिसके माध्यम से transaction को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किया जा सके। क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से खरीदारी या बिक्री करने के लिए एक वॉलेट होता है जिसमें यह करेंसी स्टोर रहती है।
टॉप Crypto Currency कौन सी है?
1) Bitcoin (BTC) :-
Bitcoin दुनिया में सबसे पहले क्रीपटोकरंसी के रूप में आयी है। यह सबसे पॉपुलर और सफल Crypto Currency है। जिसे साल 2009 में सतोशी नाकामोटो के द्वारा निर्माण किया गया था। हालाकि इससे पहले भी वर्चुअल करेंसी को लॉन्च करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। बिटकॉइन को भी बनाने में काफी कढ़ी मेहनत करनी पड़ी थी लेकिन आज वही बिटकॉइन जिसको पहले कोई नहीं जानता था। शुरू में $5 में एक बिटकॉइन की कीमत थी। आज $64000 के पार चली गई है। यानी कि अगर रुपयों में बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत आज ₹46 लाख के पार पहुंच गई है। इससे आप इसके इंपॉर्टेंस को समझ सकते है। लेकिन सबसे बढ़ी बात यह है कि cryptocurrency में निवेश बहुत सोच समझ के किया जाता है। हर दिन इसकी कीमत में भारी fluctuation होता रहता है।
2.Ethereum (ETH) :-
Bitcoin के जैसे ही Ethereum भी decentralized Crypto Currency है। Vitalik Buterin के द्वारा Ethereum Crypto Currency बनाई गई थी। इसके टोकन को Ether के नाम से भी कहा जाता है। इसका plateform यूजर्स को वर्चुअल टोकन बनाने में मददगार साबित होता है। जिसे blockchain-based computing platform कहा जाता है। इसकी मदद से बिटकॉइन के जैसे ही currency के तौर प्रयोग कर सकते हैं। Bitcoin के बाद Etheremum सबसे पॉपुलर Crypto Currency है। आज लगभग Ethereum $4200 कि उचाई तक पहुंच गया है। लेकिन शरुआत में इसकी क़ीमत सिर्फ $2 कि थी।
3. Litecoin (LTC) :-
Litecoin को एक गूगल के employee Charles Lee ने साल 2011 ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के तौर पर रिलीज़ किया है। हालांकि अब गूगल के employee नहीं है। यह भी Bitcoin और Ethereum कि तरह decentralised cryptocurrency हैं। Bitcoin के मुकाबले इसकी blockchain 4 गुना कम है। हालांकि Litecoin के जयदातार फंक्शन्स बिटक्वॉइन से मिलते जुलते है। माइनिंग कि प्रक्रिया करने के लिए Scrypt algorithm का प्रयोग किया जाता है। यह बिटक्वॉइन से जायदा प्रचलित करेंसी नहीं है। Litecoin कि शुरू में कीमत सिर्फ $28 के आस पास थी। लेकिन आज इसकी कीमत तकरीबन $409 तक पहुंच गई है। लेकिन बिटक्वॉइन के मुकाबले बहुत कम है।
इनके अलावा कुछ अन्य टॉप Crypto Currency
Dogecoin (Doge)
Dash (DASH)
Peercoin (PPC)
Monero (XMR)
Faircoin (FAIR)
Ripple (XRP)
क्रिप्टो करेंसी के क्या लाभ है? Benefits Of Cryptocurrency
4. Crypto Currency में लेने देन बहुत कड़ी निगरानी और सुरक्षा में होता है। यह सामान्य लेन देन से बिल्कुल भिन्न है।
क्रिप्टो करेंसी के क्या नुकसान है? Disadvantages of Crypto Currency
1. Cryptocurrency में रिवर्स का ऑप्शन नहीं होने के कारण किसी भी ट्रांजैक्शन को वापस नहीं किया जा सकता है। अगर गलत ट्रांजैक्शन हो जाता है तो आप को भारी नुकसान हो सकता है।
3. क्रिप्टो करेंसी किसी भी देश की सरकार या संस्था या किसी मालिक के द्वारा संचालित नहीं की जाती है। यह बहुत बड़ा disadvantage है।
6. क्रिप्टो करेंसी में मार्केट बहुत flexible होती है। इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की होता है।
7. Cryptocurrency का ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी इत्यादि जैसे गलत काम के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
देश जहां Crypto Currency कानूनन वैध या अवैध है
Crypto Currency को legal कहने वाले देश:-
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- कनाडा
- ऑस्ट्रेलिया
- यूरोपीय संघ
- यूनाइटेड किंगडम
- फिनलैंड
Crypto Currency को illegal कहने वाले देश:-
- रूस
- चीन
- बोलीविया, कोलंबिया और इक्वाडोर
- वियतनाम
भारत में Crypto Currency Legal या Illegal ?
क्या बिटकॉइन इंडिया में बैन है?
दोस्तों इसका सवाल सभी के मन में घूम रहा होगा कि क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी कानूनी रूप से legal है या illegal है। इसके लिए हम आपको साल 2018 की एक न्यूज़ बताता हूं जब बिटकॉइन बहुत ही चर्चा में आया था। ऐसे ही भारत में भी बिटकॉइन के बहुत ही चर्चाएं होने लगी थी। इसी को देखते हुए साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगा दिया था। प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 (Banning बिटकॉइन ट्रेडिंग के नुकसान क्या हैं of Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2019) के ड्राफ्ट में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड या निवेश करने वालों के लिए सजा का प्रस्ताव रखा गया था।
ड्राफ्ट में वर्चुअल करेंसी की खरीदारी या बिक्री करने वाले लोग, तैयार करने वाले लोग, वॉलेट में वर्चुअल करेंसी को रखने वाले लोग या क्रिप्टो करेंसी के द्वारा किसी भी तरह की डील करने वाले लोगों को दोषी पाए जाने पर 10 साल जेल की सजा का प्रस्ताव रखा गया था।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जब इसकी सुनवाई चली तो सर्वोच्च अदालत ने मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी के लिए एक आदेश जारी किया। अपने आदेश में कहा कि वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी का कानूनी रूप से लेनदेन किया जा सकता है।