क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग

क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग
बिटकॉइन में लगे पैसे का क्या होगा, क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार के बिल में क्या है: जानिए सब कुछ

B2Broker: कंपनी की नई वेबसाइट और ब्रांडिंग का विकास

एक हाई-प्रोफाइल मीडिया और पीआर अभियान के बीच हाल ही में B2Broker ने अपनी नई वेबसाइट और कॉर्पोरेट ब्रांडिंग शुरू की। यह कंपनी का पहला प्रमुख वेबसाइट और कॉर्पोरेट पहचान अद्यतन था जिसमें 20 से अधिक लोगों की एक टीम शामिल थी और इस प्रकृति की सबसे गहन परियोजनाओं में से एक थी जिसे कंपनी ने चलाया है। इस परियोजना में शामिल लोग फ़ोरेक्ष और क्रिप्टोकरेन्सी उद्योग में व्यापक अनुभव वाले सच्चे पेशेवर थे, जिनके पास तकनीकी अनुभव भी था और वे इस तरह से पहले कभी उद्योग में नहीं देखे गए तरीके से परियोजना को लागू करते हैं। यह परियोजना कंपनी की विस्तार योजनाओं के साथ गठबंधन और प्रमुख वैश्विक प्रौद्योगिकी और तरलता प्रदाता के रूप में अपनी स्थिति को प्रतिबिंबित करने के लिए सावधानीपूर्वक समन्वित और समयबद्ध क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग रणनीति थी।

संक्षेप समग्र संक्षेप में B2Broker के लिए एक नई वेबसाइट और प्रावरणी डिजाइन करना था जो न केवल अपने ग्राहकों से अपील करेगा, बल्कि उन्हें उच्च-गुणवत्ता और प्रभावी डिजाइन से अवगत कराएगा, लेकिन उन्हें अभ्यास में इसकी सुविधा महसूस करने में सक्षम करेगा। परियोजना के पीछे का तर्क कंपनी के शुरू होने के बाद हुए घटनाक्रमों पर आधारित था। कंपनी की वेबसाइट का पिछला संस्करण दो साल पहले बनाया गया था और उस दौरान उत्पाद में सुधार, बाजार में कंपनी की स्थिति को मजबूत करने, अधिक काम और अधिक विपणन खर्च के मामले में बहुत कुछ बदल गया था। संक्षिप्त का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह था कि साइट को व्यवसाय को प्रतिबिंबित करना चाहिए - उत्पादों और कंपनी के बारे में जानकारी का एक धन और एक अभिनव और आधुनिक क्षमता में इसके विकास के साथ अभिनव। टीम के लिए मुख्य फोकस दृश्य विचारों और अवधारणाओं का चित्रण था। संभावित ग्राहकों को कंपनी के प्रसाद के बारे में और अधिक समझने में मदद करने के लिए नई डिजाइन अवधारणाओं, रंगीन छवियों और चित्रमय तत्वों को बनाने के लिए उन्हें काम सौंपा गया था, ताकि सभी लाभों को जल्दी से सराहना करने के लिए B2Broker को पेशकश करनी पड़े। एक वर्ष के दौरान, 20 टीम के सदस्यों ने उद्योग में सर्वश्रेष्ठ वेबसाइट बनाने के लिए काम किया, जिसने न केवल कंपनी के उत्पादों के पूर्ण सार को प्रतिबिंबित किया, बल्कि उद्योग के बारे में सामान्य जानकारी प्रदान की। एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य बिक्री प्रक्रिया को सरल बनाना था ताकि संभावित ग्राहकों को वेबसाइट पर B2Broker उत्पादों के बारे में सभी जानकारी मिल सके।

नई ब्रांडिंग इस रणनीति का परिणाम एक नया दृश्य पदानुक्रम है। ब्रांड रणनीति नौ सर्किलों के उपयोग पर आधारित है जो कंपनी के मुख्य उत्पादों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग विज़ुअलाइज़ेशन इन उत्पादों को देखना आसान बनाता है, जो ग्राहकों को पहेली की तरह अपने व्यवसाय का निर्माण करने, हमारी कंपनी के साथ काम करने और हमारे उत्पादों का उपयोग करने की अनुमति देता है। इसके अलावा, इस आरेख के चारों ओर का वर्ग उपयोगकर्ता की सुरक्षा, स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है। रंग हरे पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित किया गया था जो अच्छे लाभ का प्रतीक है, जबकि विभिन्न रंगों में बाजार की वृद्धि और जीवन शक्ति का प्रतीक है।

दोनों ग्राफिक्स और पाठ का सही मिश्रण प्राप्त करना डिजाइनरों के संक्षिप्त विवरण का एक अनिवार्य हिस्सा था। यह महत्वपूर्ण था कि उन्होंने कंपनी के विचारों को केवल पाठ की तुलना में अधिक तेज़ी से और प्रभावी ढंग से व्यक्त किया और स्वच्छ और सरल नज़र के साथ कल्पना और ग्राफिक्स से युक्त अवधारणाएँ बनाने पर काम किया।

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एक हाई-प्रोफाइल मीडिया और पीआर अभियान के बीच हाल ही में B2Broker ने अपनी नई वेबसाइट और कॉर्पोरेट ब्रांडिंग शुरू की। यह कंपनी का पहला प्रमुख वेबसाइट और कॉर्पोरेट पहचान अद्यतन था जिसमें 20 से अधिक लोगों की एक टीम शामिल थी और इस प्रकृति की सबसे गहन परियोजनाओं में से एक थी जिसे कंपनी ने चलाया है।

सारांश नई वेबसाइट और ब्रांडिंग कंपनी के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इसे उद्योग में B2Broker की प्रमुख स्थिति, प्रस्ताव पर प्रौद्योगिकी और तरलता सेवाओं की चौड़ाई और कंपनी के संचालन की वैश्विक प्रकृति को प्रतिबिंबित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। टीम ने कंपनी की नई वेबसाइट और ब्रांडिंग को विकसित करने के लिए अथक परिश्रम किया, विशिष्ट संदेश का निर्माण किया और एक सुसंगत दृश्य पहचान का निर्माण किया। इस परियोजना में मौजूदा और संभावित दोनों ग्राहकों को दिखाने के लिए एक गहन और विस्तृत प्रक्रिया शामिल थी जो बी 2 बीरोक को अद्वितीय बनाती है और कंपनी की विशेषज्ञता और उत्पादों और सेवाओं के प्रसाद की सीमा को बढ़ाती है। नई अत्याधुनिक वेबसाइट और अधिक विशिष्ट ब्रांड अब पूरी तरह से कंपनी के उद्देश्य को व्यक्त करते हैं। परिणाम एक स्टाइलिश आधुनिक वेबसाइट है जो एक फैशनेबल डिजाइन के साथ प्रसन्नता देता है और व्यावहारिक शैक्षिक जानकारी तक पहुंच प्रदान करता है जो कि लिक्विडिटी और प्रौद्योगिकी समाधान की तलाश में उद्योग में सभी के लिए उपयोगी होगा।

क्रिप्टोकरेन्सी अपडेट : बिटकॉइन, एथेरियम के दाम में वृद्धि

Crypto Markets surge marginally in green, Bitcoin, Ethereum rise

24 घंटे के क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग वॉल्यूम में स्थिर मुद्रा का 76.67 प्रतिशत यूएसडी 49.04 बिलियन था, जबकि विकेन्द्रीकृत वित्त (डीएफआई) का 12.96 प्रतिशत क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग यूएसडी 8.29 बिलियन था। 7 फरवरी की सुबह, बिटकॉइन का बाजार वर्चस्व 0.22 प्रतिशत बढ़कर 41.51 प्रतिशत हो गया, और मुद्रा 42,204.91 अमरीकी डालर पर कारोबार कर रही थी।

रुपये में बिटकॉइन 2.02 प्रतिशत बढ़कर 33,22,183 रुपये हो गया, जबकि एथेरियम 0.19 प्रतिशत बढ़कर 2,37,499.9 रुपये हो गया।

हिमस्खलन 0.24 प्रतिशत बढ़कर 6,180 रुपये हो गया, जबकि कार्डानो 2.95 क्रिप्टोकुरेंसी बढ़कर 91.55 रुपये हो गया। पिछले 24 घंटों में पोलकाडॉट 0.92 प्रतिशत बढ़कर 1,715.65 रुपये और लिटकोइन 3.26 प्रतिशत बढ़कर 9,825 रुपये पर पहुंच गया। टीथर 0.11 प्रतिशत गिरकर 78.3 रुपये प्रति यूनिट पर आ गया।

डॉगकोइन 7.95 प्रतिशत बढ़कर 12.52 रुपये हो गया, जबकि मेमेकोइन एसएचआईबी 27.02 प्रतिशत बढ़ गया। टेरा (LUNA) अपने मूल्य का 1.64 प्रतिशत गिरकर 4,368 रुपये पर आ गया।

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बिटकॉइन में लगे पैसे का क्या होगा, क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार के बिल में क्या है: जानिए सब कुछ

वित्त मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने हाल ही में क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन और बीएसीसी के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित लोगों से बैठकों के बाद यह प्रस्ताव दिया था कि क्रिप्टो करेंसी को सीधे तौर पर बैन न करके उनका नियमन किया जाना चाहिए।

क्रिप्टोकरेन्सी बिल

बिटकॉइन में लगे पैसे का क्या होगा, क्रिप्टोकरेंसी पर मोदी सरकार के बिल में क्या है: जानिए सब कुछ

केंद्र सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टो करेंसी के नियमन और नियंत्रण सम्बंधित बिल लाने वाली है। निजी क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित/बंद करने के आलावा सरकार द्वारा लाए जाने वाले बिल का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रस्तावित आधिकारिक डिजिटल करेंसी के नियमन हेतु एक कानूनी रूपरेखा तैयार करना होगा। इसके साथ ही पिछले कुछ वर्षों से क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग, उसके इस्तेमाल और उसपर सरकारी नियंत्रण को लेकर व्याप्त संशय दूर किया जा सकेगा।

ज्ञात हो कि क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग और उसमें निवेश के मामले में भारत दूसरा सबसे बड़ा देश है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी, उसके चलन और उससे सम्बंधित अन्य विषयों पर संज्ञान लेने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी के साथ बैठक की थी।

प्रस्तावित बिल का उद्देश्य सरकार द्वारा बताए जाने के बावजूद क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग और उनमें निवेश को लेकर पहले से व्याप्त भ्रम के और बढ़ने की संभावना है। कुछ लोगों का मानना है कि निजी क्रिप्टो करेंसी पर देश में पूरी तरह से बैन लगना चाहिए। वहीं अन्य का यह मानना है कि क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से बैन न लगाकर कानून की सहायता से उनके इस्तेमाल, ट्रेडिंग और उनमें निवेश सम्बंधित नियम बनाकर उसे जारी रहने देना चाहिए। सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’ के संसद में लाने से क्रिप्टो करेंसी से सम्बंधित ऐसे तमाम प्रश्नों के उत्तर मिलने की संभावना है।

विज्ञप्ति के अनुसार बिल का उद्देश्य; भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रस्तावित और भविष्य में जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के चलन हेतु नियम बनाना है। साथ ही बिल में; देश में डिजिटल करेंसी संबंधित बुनियादी तकनीक को प्रोत्साहित करने वाली क्रिप्टो करेंसी को छोड़कर अन्य सभी तरह के निजी डिजिटल करेंसी पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। हालाँकि, सरकार की ओर से निजी क्रिप्टो करेंसी को अभी तक परिभाषित नहीं किया गया है पर अनुमान लगाया जा रहा है कि वे क्रिप्टो करेंसी जो उनके इस्तेमाल करने वालों की जानकारी गुप्त रखती हैं, उनके इस्तेमाल, ट्रेडिंग और उसमें निवेश पर इस बिल में प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रहेगा।

विशेषज्ञों के अनुसार निजी क्रिप्टो करेंसी पर सीधे तौर पर प्रतिबंध के परिणामस्वरूप भारत में चल रहे क्रिप्टो एक्सचेंज का ऑपरेशन बंद हो जाएगा। इसी वर्ष सितंबर में जब चीन ने क्रिप्टोकरेंसी पर सीधा प्रतिबंध लगाया था तब हूओबी ने चीन में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया था। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी कारणों से क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग, उनके इस्तेमाल और उनमें निवेश संबंधी नियम कठिन है और इसी वजह से सरकार निजी क्रिप्टो करेंसी को सीधे क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग तौर बैन कर देगी।

यही वजह है कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों के बीच यह संशय बना हुआ है कि निजी क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार की योजना क्या रहेगी? यदि बिल में निजी क्रिप्टो करेंसी पर सीधे तौर पर बैन का प्रस्ताव रहेगा तो सरकार उनमें निवेश करने वालों को राहत देने के लिए क्या करेगी? एक अनुमान के अनुसार क्रिप्टो करेंसी में करीब 6 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश है।

हाल के दिनों में भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश और ट्रेडिंग को लेकर लगातार हो रहे विज्ञापनों की वजह से केवल सरकार ही नहीं आर्थिक विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की थी। वित्त मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने हाल ही में क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन और बीएसीसी के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित लोगों से बैठकों के बाद यह प्रस्ताव दिया था कि क्रिप्टो करेंसी को सीधे तौर पर बैन न करके उनका नियमन किया जाना चाहिए। दूसरी ओर भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से क्रिप्टो करेंसी पर सीधे तौर पर बैन लगाने के प्रस्ताव है। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांति दास के अनुसार क्रिप्टो करेंसी किसी भी देश की वित्तीय प्रणाली के लिए संकट पैदा कर सकते हैं।

चीन में क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से बैन है। चीन का सेंट्रल बैंक क्रिप्टो करेंसी से लेन देन को अवैध घोषित कर चुका है। चीन के अलावा नाइजीरिया, तुर्की, क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग बोलीविया, क़तर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, विएतनाम जैसे देशों में क्रिप्टो करेंसी पर सम्पूर्ण बैन है। प्रस्तावित बिल जब संसद में पेश होगा तब भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार का दृष्टिकोण साफ़ हो जाएगा। साथ ही बिल पर बहस में ढेरों ऐसे तथ्यों के सामने आने की संभावना है जिन्हें लेकर अभी तक लोगों में संशय और भ्रम की स्थिति है।

ऐसे समय में जब विश्व की अर्थव्यवस्था को कोरोना जैसी महामारी की वजह बड़ा धक्का लगा है, यह तय करना आवश्यक है कि वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था का किसी और संकट से सामना न हो। ऐसे में क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक का फैसला चाहे जो हो, उस पर कानून और नियम बनाने का प्रस्ताव उचित दिशा में सही कदम है और इसका स्वागत होना चाहिए।

क्रिप्टोकरेन्सी ट्रेडिंग

MagnetGold (MTG) के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव किये जा सकते हैं. उसी बदलाव का एक रूप नए टोकन का पुनर्निर्माण (Minting) करना भी हो सकता हैं.

किसी भी स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को 100% Decentralized तभी माना जा सकता हैं जब उस स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट का कोई ओनर ना हो. लेकिन MagnetGold (MTG) के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट का ओनर कोई व्यक्तिविशेष हैं और वह इस स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में जब चाहे तब और जैसा चाहे वैसा बदलाव कर सकता हैं. इसके पहले दिसंबर 2021 में इन्होने स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव किया हैं.

MagnetGold (MTG) Vs. ApeJet: क्रिप्टोकरेन्सी निवेश के लिए कौन सा बेहतर टोकन है?

MLM के माध्यम से प्रमोट किये गए ज्यादातर Cryptocurrency Token (या Coin?) का minting होना हमेशा के लिए संभव रहा हैं. MLM Scams होने की अहम् वजह मींटिंग (Minting) ही रही हैं.

मींटिंग का सीधा अर्थ हैं नए टोकन का निर्माण करना. ज्यादातर MLM बिज़नेस में क्रिप्टोकरेन्सी को इसी तरह manipulate किया जाता हैं. स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में किसी व्यक्तिविशेष के ओनर होने की वजह से नए टोकन का निर्माण करने की संभावना हमेशा बनी रहती हैं.

आपको दिखाने के लिए टोटल सप्लाई कुछ और होता हैं मगर टोकन की संख्या में किसी भी समय बढ़ोतरी होने की संभावना बनी रहती हैं. बड़ी मात्रा में टोकन का निर्माण कर सेल (या Swap) करने से स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट ओनर द्वारा प्रॉफिट बुकिंग करने की संभावना बनी रहती हैं. जिससे ज्यादातर MLM क्रिप्टोकरेन्सी स्कैम बनकर उभरती हुयी देखी गयी हैं.

क्या ApeJet Token का Minting (पुनर्निर्माण) संभव हैं?

ApeJet Token का पुनर्निर्माण संभव नहीं हैं क्यूंकि यहां ओनर कोई व्यक्ति नहीं हैं एक null या dead वॉलेट हैं. यह ऐसा वॉलेट होता हैं जिसे कोई भी फिर से खोल नहीं सकता. आज तक इस प्रकार के वॉलेट को एक्टिव करने की तकनीक ही बनी नहीं हैं.

Technical Analysis of ApeJet & Block Aura (TBAC) Token

यही एक कारण हैं की जिसने ApeJet Token के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को बनाया हैं वह व्यक्ति भी इसमें अब बदलाव नहीं कर सकता. इसीलिए ना नए टोकन का मींटिंग होना संभव हैं और ना ही ApeJet टोकन का डिमांड और सप्लाई रेश्यो भविष्य में बिगड़ सकता हैं. इस बात को आप इस लिंक पर क्लिक कर स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट पढ़ें और तय करें.

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