क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार
निवेसको को शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट खाता होना आवश्यक है इसी खाते से आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग कर सकते है |

ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है? [2022] | What is Trading Volume in Stock Market in Hindi?

क्या आप शेयर मार्किट में नए हैं और यह जानना चाहते हैं की शेयर मार्किट में ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है? तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इसे पूरा ध्यान से पढ़ें – What is Trading Volume in Stock Market in Hindi?

Table of Contents

शेयर मार्किट में ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है? – What is Trading Volume in Stock Market in Hindi?

शेयर बाजार में वॉल्यूम का मतलब एक निश्चित समय सीमा में कारोबार किए गए शेयरों की कुल संख्या है। इसमें वह हर शेयर शामिल होगा जो समीक्षाधीन अवधि के दौरान खरीदा और बेचा जाता है। मान लीजिए, किसी कंपनी के 100 स्टॉक एक ही ट्रेडिंग दिन में खरीदे और बेचे गए, तो उस स्टॉक का ट्रेडिंग वॉल्यूम 200 होगा, भले ही वही 100 स्टॉक बाजार में कारोबार कर रहे हों।

इसलिए, वॉल्यूम उन शेयरों की कुल संख्या है जो कार्रवाई में थे। यह एक खरीद आदेश या बिक्री आदेश स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार हो सकता है। जब स्टॉक सक्रिय रूप से कारोबार करते हैं तो वॉल्यूम अधिक होता है। इसी तरह, अगर शेयरों में सक्रिय रूप से कारोबार नहीं किया जाता है तो वॉल्यूम कम होता है।

ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) को किसी भी प्रकार के वित्तीय साधन के लिए मापा जा सकता है: स्टॉक, बॉन्ड, डेरिवेटिव (वायदा और विकल्प अनुबंध), सोना और ज्यादातर सभी प्रकार की वस्तुएं।

ट्रेडिंग वॉल्यूम कहां देख सकते है?

सभी स्टॉक मार्केट एक्सचेंज स्टॉक की मात्रा को ट्रैक करते हैं। इसलिए, किसी विशेष शेयर के शेयर बाजार में मात्रा की जानकारी आसानी से उपलब्ध है। कोई भी एक्सचेंजों, समाचार वेबसाइटों, तीसरे पक्ष की वेबसाइटों को देख सकता है जिनके पास शेयर बाजार की जानकारी है। निवेशक ब्रोकरों और निवेश प्लेटफार्मों के साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम की जांच भी कर सकते हैं।

प्लेटफ़ॉर्म किसी विशेष समय सीमा के लिए वॉल्यूम दिखाने के लिए कैंडलस्टिक चार्ट का भी उपयोग करते हैं। हरे रंग की पट्टी खरीदारी की मात्रा दिखाती है और लाल पट्टी बिक्री की मात्रा दिखाती है।

उस समयावधि के आधार पर वॉल्यूम चार्ट भी होते हैं जिन्हें कोई ध्यान में रखना चाहता है। प्रति घंटा वॉल्यूम चार्ट, दैनिक, मासिक, 200-दिवसीय वॉल्यूम चार्ट आदि हो सकते हैं।

अक्सर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में किसी विशेष स्टॉक की ट्रेडिंग वॉल्यूम अलग-अलग होगी। यह भी एक कारण है कि एक स्टॉक के लिए सेंसेक्स और निफ्टी 50 के बीच थोड़ा सा अंतर हो सकता है। तार्किक रूप से, ऐसा होने के लिए स्टॉक को दोनों एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होना चाहिए।

ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या बताता है?

स्टॉक वॉल्यूम उस क्रिया को दर्शाता है जो किसी विशेष स्टॉक में हुई है। सभी गतिविधि, चाहे वह बिक्री हो या खरीदारी, वॉल्यूम मीट्रिक में दर्ज हो जाती है। यदि स्टॉक बहुत अधिक मात्रा दिखा रहा है, तो इसका मतलब है कि स्टॉक के आसपास बहुत अधिक रुचि या गतिविधि हो रही है। यह नकारात्मक या सकारात्मक हो सकता है। एक नकारात्मक समाचार विकास हो सकता है जो अधिक बिक्री को बढ़ावा दे सकता था।

उच्च मात्रा इंगित करती है कि शेयरों ने कितनी बार हाथ बदले हैं।

इसलिए, हम कह सकते हैं कि शेयर बाजार में मात्रा बाजार की गतिविधि और तरलता को मापती है। शेयरों में तरलता का मतलब है कि आसानी से एक निवेशक को निवेश से पैसा वापस मिल सकता है जब बिक्री का आदेश होता है या आसानी से एक निवेशक कर सकता है। अधिक मात्रा में बाजार में अधिक खरीदारों और विक्रेताओं का संकेत मिलता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे-how to do delivery trading :

डिलीवरी ट्रेडिंग करना तभी सही रहता है जब आप long term investment करते है डिलीवरी ट्रेडिंग में आप स्टॉक खरीदते है और अपने डीमेट खाते में होल्ड करके रखते है इसलिए आपका डीमैट खाता होने अनिवार्य है |

आप किसी भी ब्रोकरेज जैसे Upstox, zerodha, 5 paisa, groww, Astha trad, angel broking में डीमैट अकाउंट ओपन करके डिलीवरी ट्रेडिंग सुरु कर सकते है लेकिन ध्यान रहे हर एक ब्रोकर के कुछ हिडन चार्ज रहते है उन्हें स्टडी करने के बाद ही किसी ब्रोकरेज में ट्रेडिंग करे

डिलीवरी ट्रेडिंग में जब हम शेयर खरीदते है तब हमें फुल कैश पेमेंट करना होता है जब आप शेयर खरीद लेते है उसके बाद आपके शेयर आपके डीमैट खाते में सेव रहते है

delivery/holding trading जो सुरुआती निवेशक होते है उनको डिलीवरी ट्रेडिंग के द्वारा स्टॉक मार्केट में इंटर होना चाहिए स्टॉक मार्केट में उनकी ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टिंग की सुरुआत करना चाहिए

डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे-benefit of delivery trading:

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक लम्बे समय तक ट्रेडिंग कर सकते है और ये निवेशको के लिए फायदेमंद है
  • आप जिस भी कंपनी में निवेश करते है उनके द्वारा निकाला गया बोनस से भी आपको फायदा हो सकता है
  • यदि पूरी समझ और सही जानकरी के साथ डिलीवरी रीडिंग करे तो आप हमेशा फायदे में रहोगे
  • ट्रेडिंग में एक अच्छे शेयर में इन्वेस्ट करने पर आपको बैंक से लोन लेने में मदत भी मिलती है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशको को ब्रोकरेज नहीं देना पड़ता
  • ट्रेडिंग करते समय सभी शेयर्स की डिलीवरी अपने डीमैट खाते में ले सकते है
  • डिलीवरी ट्रेडिंग में एक फायदा ये है की निवेशक अपने शेयर को तब तक होल्ड करके रख सकता है जब तक उस शेयर को बेचने का सही समय ना आ जाये

डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क- delivery trading charges in Hindi :

  • डिलीवरी ट्रेडिंग में सबसे पहला शुल्क GST का लगता है ये GST का शुल्क 18% देना होता है वो भी ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन चार्ज दोनों पर देना होता है
  • 1899 में भारत स्टाम्प एक्ट ने गवर्नमेंट को डिलीवरी ट्रेडिंग पर स्टाम्प शुल्क लगाया गया है
  • इसमें STT (security transaction tax) लगता है जो की 0.25% खरीद और बिक्री पर लगता है इसके अलावा CTT और ट्रांजेक्शन चार्ज भी डिलीवरी ट्रेडिंग में सामिल है
  • बात करे exchange transition charge की इसमें NSE और BSE कुछ चार्ज लेते है यह चार्ज आपको 0.00325% खरीद और बिक्री पर देना होता है
  • ब्रोकरेज चार्ज आपको 0.2% देना ही पड़ता है कुछ ब्रोकरेज चार्ज जीरो होता है और फुल ब्रोकरेज सर्विस में 0.2% ब्रोकरेज देना ही पड़ता है

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:

इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):

इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)

स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?

ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।

इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।

मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।

ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।

अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।

तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।

Your access to retail indices and stock trading via derivatives

Classical investing in successful stock indices is attractive and requires patience to wait for significant returns, which can take several years. However, to profit from your investment, you need to invest a significant amount of money. Traders in the retail part of the market usually choose not to enter into trades of such volume and wait for possibly modest returns. But that doesn’t mean that you can’t benefit from stock price movements.

The OctaFX Trading platform offers access to stock index trading (a portfolio of shares issued by different companies or industries) through derivatives, which offer the opportunity to gain from price fluctuations on the most popular indices in minutes, rather than years.

An attractive alternative to traditional stock trading

Online stock trading with derivatives brings huge advantages to traders. Trading derivatives on stocks eliminates the restrictions associated with shorting, which usually require traditional stock traders to invest in the instrument before selling short, or there could be different margin requirements for short and long positions. Derivatives also offer additional benefits:

  • Robust platforms. Online stock trading platforms allow for automating trading with robots, which reduces guessing to minimum and removes factors of emotions and human errors.
  • Platform accessibility. Technologies stepped in to make these trading platforms robust and secure and available on smartphones, tablets, laptops, and desktops. More people can access stock trading with greater ease and monitor stock price movements on the go.

Profit on index fluctuations through derivatives

Since stock indices are not physical assets, they can be traded via products that reflect their price movements via the OctaFX derivatives trading platform. Derivatives on stocks and on indices enable trading assets without actually owning them. The price of a derivative reflects the price of the underlying asset. Essentially, a derivative is a contract between a trader and a spread-betting company. Derivatives on indices cover all the major markets around the world.

OctaFX offers derivatives on 10 of the most popular indices, including Dow Jones, NASDAQ, Nikkei, and EuroStoxx.

स्टॉक मार्केट क्या होती है? What is Stock Market ?

स्टॉक मार्केट (Stock Market) एक ऐसी जगह है जहां पर कुछ सेलर (शेयर बेचनेवाले) रहते हैं और कुछ बायर (शेयर खरीदनेवाले) रहते है ,बायर मार्किट में आते है शेयर खरीदने के लिए , शेयर का एक भाव पक्का किया जाता है और वो सौदा हो जाता है जिसे शेयर मार्किट कहते है।

जैसे कि मान लो आप मार्केट में जाते हो कोई भी चीज खरीदने के लिए ,आप दुकानदार से उस चीज का भाव पूछते हो, भाव थोड़ा बहुत ऊपर नीचे करके आप उस चीज को खरीद लेते हो, मतलब जो भाव आपने फिक्स किया है उस रेट पर दुकानदार उस चीज को बेचने के लिए तैयार है और आप वह चीज को उसी रेट पर खरीदने के लिए तैयार हो, स्टॉक मार्केट में भी ऐसा ही होता है , बायर और सेलर शेयर का एक भाव पक्का करते है और उस शेयर को खरीद या बेच देते है।

स्टॉक्स या शेयर्स क्या होते हैं ? What is Shares? (Shares meaning in Hindi)

अगर आप शेयर मार्किट (Stock Market) में नए है है तो आप को ये समझ लेना चाहिए स्टॉक और मार्किट ये दोनों अलग अलग शब्द है । इसमें स्टॉक्स , ये जो शब्द है इसी शब्द में इसका अर्थ छुपा हुवा है ,स्टॉक या शेयर का मतलब है हिस्सा,या जिसे हम कहते है एक भाग,अब ये हिस्सा कौन किसे देता है और कैसे इसका ट्रेडिंग होता है ये देखते है ।

मन लेते है कोई एक कंपनी है जो मार्किट में व्यापार चला रही है , उस कंपनी को अपना व्यापार बढ़ा ने के लिए पैसोंकी जरुरत पड़ेगी, पैसा या लोन स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग के प्रकार लेने के लिए उस कंपनी के पास दो विकल्प होते है .पहला विकल्प होता है बैंक्स (Banks) और दूसरा ऑप्शन होता शेयर मार्किट (Stock Market) ।

हम इन दोनों विकल्पोंके बारे मे विस्तार में बात करंगे की कंपनी को कौनसा विकल्प लाभदायक होता है।

३)शेयर मार्केट में निवेश कैसे करना है? How to Invest in Stock market?

शेयर मार्केट (Stock Market) में निवेश करने के लिए जिस भी कंपनी में आप निवेश (Investment) करने जा रहे हैं उस कंपनी का सारा विवरण आपके पास होना चाहिए।उस कंपनी की पिछले तीन महीने की सूचि आपके पास होनी चाहिए । कंपनी का मौलिक विश्लेषण आपको करना चाहिए। आपको कंपनी के आधारिक संरचना के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए ताकि जो कंपनी में आप निवेश करने जा रहे हैं उसमें आपको मुनाफा हो । बिना जानकारी निवेश करना आपको काफी नुकसान दिला सकता है।

स्टॉक मार्केट (Stock Market) में मुनाफा कमाने के लिए आपको एक सही कंपनी में निवेश करना बहुत जरूरी है, सही कंपनी का चुनाव करना और उसी कंपनी में निवेश करना यह एक अच्छे ट्रेडर की निशानी मानी जाती है।आप ऐसी कंपनी चुन सकते है जिनके उत्पादन मार्किट में अच्छे चल रहा हो ,जैसे कि कोलगेट ! कोलगेट यह रोज लगने वाली चीज है और जिसकी जरूरत कभी खत्म नहीं होगी। तो आप एफएमसीजी सेक्टर में निवेश कर सकते हो । दूसरा है बैंक सेक्टर ,आप बैंक्स में भी निवेश कर सकते हो। बैंक्स कभी बंद नहीं होंगे क्योंकि बैंकों की वजह से हमारी इकॉनमी भी चल रही है।

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