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आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना

आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना
crypto currency in hindi

जब बिटकॉइन लगे महंगा तो आजमाएं दूसरी क्रिप्टोकरेंसी

चर्चित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत 51,000 डॉलर के आसपास पहुंच गई है और कई क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को इसकी कीमत अब बहुत ज्यादा लगने लगी है। यही वजह है कि निवेशक ऐसी क्रिप्टोकरेंसी तलाश रहे हैं, जिनके भाव फिलहाल इतने नहीं बढ़े हैं कि उनकी हैसियत से बाहर हो गए हों। निवेशक उन पर दांव लगाना चाहते हैं ताकि भाव बढऩे पर अच्छा मुनाफा कमाया जा सके।

कॉइनमार्केटकैप के मुताबिक दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 1.54 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच गया है। भले ही इसमें बिटकॉइन का सबसे ज्यादा योगदान हो और वह सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी हो मगर वह इकलौती आभासी मुद्रा नहीं है। दुनिया में 6,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी हैं और आभासी मुद्राओं के बाजार में उनकी हिस्सेदारी 34 फीसदी के करीब है। जेबपे में वरिष्ठ ब्लॉकचेन इंजीनियर राशि जायसवाल कहती हैं, 'अगर एक से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी हो तो विविधता का फायदा मिल जाएगा।' उनका इशारा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश करने की ओर है। मगर बिटकॉइन के दूसरे विकल्प कौन हैं?

बिटकॉइन की सफलता देख कई क्रिप्टोकरेंसी बाजार में उतारी गई हैं। कॉइनमार्केटकैप के मुताबिक बाजार हैसियत के लिहाज से बिटकॉइन के बाद शीर्ष 5 क्रिप्टोकरेंसी इथीरियम, बाइनैंस कॉइन, टीथर, पोल्काडॉट और कार्डेनो हैं। रिपल और लाइटकॉइन भी लंबे अरसे तक इस फेहरिस्त में डटे रहे थे और अब भी आसपास ही हैं।

बाजार पूंजीकरण यानी बाजार में हैसियत के लिहाज से यह दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट पर आधारित विकेंद्रीकृत ओपन-सोर्स ब्लॉकचेन की मदद से बनाया गया है। वजीरएक्स के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी निश्चल शेट्टी कहते हैं, 'ईथर असल में इथीरियम ब्लॉकचेन की क्रिप्टोकरेंसी है। यह बिटकॉइन ब्लॉकचेन से अलग एकदम नई ब्लॉकचेन है।'

बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से यह तीसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। इसका इस्तेमाल बाइनैंस क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर शुल्क अदा करने में किया जाता है। जायसवाल बताती हैं, 'डेवलपरों के बीच बाइनैंस चेन की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है क्योंकि इससे उनके नेटवर्क पर लेनदेन करना काफी आसान है।'

यह बिटकॉइन का हल्का और ज्यादा रफ्तार वाला रूप है। इसे बिटकॉइन के सोर्स कोड पर ही बनाया गया है, इसलिए इसमें और बिटकॉइन में काफी समानताएं दिखती हैं। कॉइनडीसीएक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्य अधिकारी सुमित गुप्ता बताते हैं, 'असल में इसे कम कीमत वाले लेनदेन करने के लिए तैयार किया गया था और रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिहाज से यह काफी अच्छी है।'

यह ब्लॉकचेन पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। इसका ज्यादातर इस्तेमाल बड़ी कंपनियां करती हैं, जिन्हें भारी रकम लेनी-देनी होती है।

कई कंपनियों ने अपनी मुद्राएं निकाल दी हैं, जिन्हें टोकन कहा जाता है। इनका इस्तेमाल उसी कंपनी से सामान या सेवाओं के लेनदेन में किया जा सकता है, जिसने इन्हें जारी किया है। शेट्टी समझाते हैं, 'अगर आप अपना टोकन तैयार करना चाहते हैं तो नई ब्लॉकचेन बनाने की कोई जरूरत नहीं है। पहले से मौजूद किसी भी ब्लॉकचेन पर आप टोकन तैयार कर सकते हैं। नई ब्लॉकचेन बनाने की जरूरत तब पड़ती है, जब आप नया कॉइन तैयार करना चाहते हैं।'

कम से करें शुरू

जो क्रिप्टोकरेंसी में पहली बार शुरुआत करने जा रहे हैं, उन्हें बिटकॉइन पर ही दांव खेलना चाहिए। कॉइनक्रंच डॉट इन के संस्थापक नमीश सांघवी का कहना है, 'यह सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी है और इसके बारे में बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है।' उनकी सलाह है कि एक बार क्रिप्टोकरेंसी की बारीकियां और काम करने के तरीके समझ आ जाएं तो आप दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश कर सकते हैं। नौसिखिया निवेशकों को तो पहला दांव बहुत छोटा बमुश्किल 100 रुपये का खेलना चाहिए। आपके कुल निवेश का 5 फीसदी से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में नहीं होना चाहिए। बाजार हैसियत के लिहाज से शीर्ष 10-15 करेंसी से नीचे जाएंगे तो जोखिम हो सकता है। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत बढऩे के साथ ही अगर उनमें निवेश आपके तय आवंटन से ऊपर पहुंचे तो फौरन कुछ कॉइन बेचकर मुनाफा कमा लें। क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में इतना अधिक उतार-चढ़ाव रहता है कि मौका मिलते ही मुनाफा कमा लेना अच्छा रहेगा। जब भाव नीचे आए तो और निवेश कर दें। टुकड़ों में निवेश करने से आपको उतार-चढ़ाव का पूरा फायदा उठाने का मौका मिलेगा। बड़ी और अधिक स्थापित क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से आपको मंदी के आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना दौर में भी रकम लगाए रहने का हौसला मिलेगा। आप दुनिया के कई हिस्सों में बिटकॉइन का इस्तेमाल मुद्रा के रूप में कर सकते हैं। इससे कई तरह का सामान खरीदा जा सकता है। आपको शायद यकीन नहीं हो मगर कई देशों में तो आप बिटकॉइन से एक कप कॉफी भी खरीद सकते हैं। लेकिन भारत में तस्वीर कुछ अलग है। अगर यहां आप कोई सामान खरीदने या किसी तरह की सेवा हासिल करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करते हैं तो आपको लेनदेन शुल्क के तौर पर खासी रकम चुकानी पड़ती है।

Budget 2022: RBI लॉन्च करेगा डिजिटल करेंसी, क्रिप्टो से कमाई पर लगेगा 30% टैक्स

Budget 2022: RBI ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी में है. इसको लेकर इस बार के बजट में ऐलान कर दिया गया है.

File Photo: RBI

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 01 फरवरी 2022, 3:47 PM IST)
  • डिजिटल करेंसी को साल 2022 से जारी करेगा RBI
  • ये करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित होगी

आज Budget 2022 पेश किया गया है. इस बार के बजट में डिजिटल करेंसी पेश करने की भी बात कही गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा RBI ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल मनी को पेश करेगा. इसे आप भारत सरकार की Cryptocurrency कह सकते हैं.

निर्मला सीतारमण ने बताया कि सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) आने से डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा. उन्होंने आगे कहा कि इससे करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम काफी सस्ता हो जाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि ब्लॉकचेन (Blockchain) और दूसरी टेक्नोलॉजी का यूज करके रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी को जारी करेगा. Bitcoin पर अभी बैन लगाने की कोई बात नहीं कही गई है. लेकिन, इस पर अब टैक्स देना होगा.

Bitcoin और दूसरे क्रिप्टो निवेशकों को बड़ा झटका लगा है. बजट में बताया गया है वर्चुअल डिजिटल एसेट पर 30 परसेंट का टैक्स लगेगा. इसके अलावा वर्चुअली डिजिटली एसेट्स को ट्रांसफर करने पर 1% TDS भी लगेगा.

क्रिप्टोकरेंसी में अगर आपको कोई गिफ्ट देता है तो ऐसी स्थिति में जो शख्स गिफ्ट रिसीव करेगा उसे टैक्स देना होगा. NFT पर भी ये टैक्स लागू हो सकता है. हालांकि बजट भाषण में NFT का जिक्र सीधे तौर पर नहीं किया गया है. चूंकि NFT ब्लॉकचेन पर बेस्ड है और यहां किए गए ट्रांजैक्शन क्रिप्टोकरेंसी में ही किए जाते हैं, इसलिए यहां भी वही 30% टैक्स लगाया जा सकता है.

आपको बता दें कि डिजिटल करेंसी एक आभासी मुद्रा है. यानी आप असली पैसे की तरह इसे छू या देख नहीं सकते हैं. इसका पूरा बिजनेस ऑनलाइन सिस्टम पर आधारित होता है. इसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin भी बेस्ड है. ये अभी सबसे ज्यादा लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है.

अब भारत में RBI ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करेंसी को जारी करेगा. इसे कंप्यूटर अल्गोरिदम की मदद से तैयार किया जाता है. क्रिप्टो में किसी भी लेनदेन का हिसाब ब्लॉकचेन में उपलब्ध होता है. इस वजह से इसे ट्रैक किया जा सकता है.

इसको लेकर क्रिप्टो-एक्सचेंज प्लेटफॉर्म CoinDCX ने कहा है ये बजट फॉरवर्ड-लुकिंग और इंस्पिरेशनल है. इसने उन सभी प्वाइंट्स को टच किया है जो मॉडर्न, पावरफुल, डिजिटल और सस्टेंड ग्रोथ के लिए जरूरी है. हम बजट का स्वागत करते हैं और वित्त मंत्री को फ्यूचरस्टटिक बजट पेश करने के लिए बधाई देते हैं.

क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर टैक्सेशन सही दिशा में लिया गया एक कदम है. इससे इंडस्ट्री को काफी कॉन्फिडेंस मिलेगा. भारत का डिजिटल इनोवेशन पर फोकस और ब्लॉकचेन टेक्नलॉजी का प्रोमोशन एक स्वागत योग्य कदम है. ब्लॉकचेन पर बेस्ड CBDC ग्लोबल इकॉनोमी में एक पावरफुल पॉजिशन पर जाने में हेल्प करेगा. इस विजनरी कदम का हम स्वागत करते हैं.

BioCatch के कंट्री हेड Vikram Gidwani ने Digital Rupee पर कहा कि ये काफी बढ़िया कॉन्सेप्ट है. हम सराकर के इस कदम का स्वागत करते हैं और RBI की गाइडलाइंस का इंतजार कर रहे हैं. डिजिटल मनी को सेफ साइबर थ्रेट से सेफ रखने के लिए और भारत को साइबर क्राइम से मुकाबला करने के लिए फुल-प्रूफ डिफेंस सिस्टम की जरूरत होगी. इसके लिए बायोमैट्रिक, mule डिटेक्शन जैसे टेक्नोलॉजी की मदद से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सकता है.

बिटकॉइन (Bitcoin) मुद्रा क्या है और कैसे काम करती है?

वर्तमान समय में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली मुद्रा बिट कॉइन (Bitcoin) है. बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा का एक रूप है सरल शब्दों में, यह एक गणितीय संरचना है जो एल्गोरिदम पर चलता है. इसे किसने विकसित किया था इसके बारे में कोई भी ठोस सबूत नही है लेकिन छदम रूप से इसके संस्थापक का नाम ‘सोतशी नाकामोतो’ माना जाता हैl जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है.

Bitcoin currency

बिटकॉइन एक तरह की एक डिजिटल मुद्रा (digital currency) और स्वतन्त्र मुद्रा है | इस पर किसी भी संस्था या देश का अधिकार नहीं है| इसका मालिक, भौतिक (physical) रूप से चीजों की खरीदारी नहीं कर सकता बल्कि बिटकॉइन का उपयोग ऑनलाइन ही क्या जा सकता है.

इसका अधिग्रह होने पर अधिकारी सिर्फ ऑनलाइन शॉपिंग या हस्तांतरण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं| इसका उत्पादन स्वतन्त्र रूप से कंप्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली “Mining” के द्वारा किया जाता है| Miners विशेष प्रकार के हार्डवेयर का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के लेन देन को पूरा करते है और नेटवर्क को सुरक्षित करते है जिनके बदले में नए बिटकॉइन बनते है जो miners को मिलते है|

जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है। बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है। जबकि गोल्‍डमैन साक्‍स और न्‍यूयॉर्क स्‍टॉक एक्‍सचेंज तक ने इसे बेहद तेज और कुशल तकनीक कहकर इसकी तारीफ की है।

इसलिए दुनियाभर के बिजनेसमैन और कई कंपनियां फाइनैंशियल ट्रांजेक्‍शन के लिए इसका इस्‍तेमाल खूब कर रहे हैं। इसे किसने विकसित किया था इसके बारे में कोई भी ठोस सबूत नही है लेकिन छदम रूप से इसके संस्थापक का नाम सोतशी नाकामोतो माना जाता हैl

(बिटकॉइन के संस्थापक सोतशी नाकामोतो)

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Image source:Daily Mail

1- इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी।

2- यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है।

3- इस समय दुनिया भर में 1 करोड से अधिक बिटकाइन हैं, जिनका मूल्य 55 हज़ार करोड रुपए है।

बिटकॉइन का इस्तेमाल कौन कर रहा है ?

दुनिया का पहला ओपन पेमेंट नेटवर्क बिटकॉइन चर्चा में है। क्‍योंकि, फाइनैंशियल ट्रांजैक्‍शन के लिए यह सबसे तेज और कुशल मानी जा रही है। इसलिए बिटकॉइन को वर्चुअल करंसी भी कहा जाता है।

दरअसल बिटकॉइन एक नई टेक्नोलॉजी है जि‍सका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा सकता है। हजारों कंपनियों, लोगों और गैर लाभकारी संगठन ने ग्लोबल बिटकॉइन सिस्टम को अपनाया है। हालांकि इस मुद्रा का व्यापार, निर्माण और नियंत्रण अन्य बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जाता है l

कोई केंद्रीय संस्था नहीं है

बिटकॉइन को किसी संस्था द्वारा नियंत्रित नही किया आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना जाता है जिसका अर्थ है कि इसके ऊपर सरकार या बैंक का कोई अधिकार नही हैl इनका उपयोग या खरीदारी किसी के द्वारा भी की जा सकती हैl चूंकि इनके व्यापार को रोका नही जा सकता है इसलिए कोई भी बैंक या प्राधिकरण आपको इंटरनेट द्वारा किसी और को अपने बिटकॉन्स भेजने से रोक नही सकता है। लेकिन इसमें एक दुविधा यह भी है कि यदि आपके साथ कोई धोखा होता है तो आप किसी के पास भी इसके बारे में आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना शिकायत दर्ज नही करा सकते हैं l

इसका मूल्य कितना होता है ?

दुनिया भर में Bitcoins के वितरण की सीमा मात्र 210,00000 है यानि कि कुल मिलकर पूरे विश्व में 210,00000 ही बनाए जाएँगे उसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा| कुछ ऐसी भी मूलभूत प्रक्रियाएं हैं जो इसे जटिल बनाती हैं और अधिकृत व्यक्ति को इसे समझने के लिए तकनीकी जानकारी होना आवश्यक हो जाता हैl

जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह एक छदम मुद्रा है जिसने 2013 में बहुत प्रसिद्धि पाकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में उठा पटक मचा दी थी l दरअसल तीन साल पहले वजूद में आई बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करंसी बन गई है। इस समय एक बिटकॉइन को ऑनलाइन या बाजार में तकरीबन 790676 रुपये में बेचा जा सकता है। इसका मूल्य इसकी मांग और पूर्ती के बीच के समन्वय पर पड़ता है या खरीदने वाला जितना मूल्य देने को तैयार हो जाये l

(वर्तमान में बिट कॉइन का मूल्य इस प्रकार है)

bitcoin price 2017

इसकी कीमत आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना हर देश में अलग अलग होती हैl चूँकि इसका चलन विश्व बाज़ार में है, इसलिए इसकी कीमत हर देश में इसकी मांग के अनुसार होती है| इस समय एक बिटकॉइन का खरीदी मूल्य 790676 रूपए है वहीँ अमेरिका में एक बिटकॉइन की कीमत $604 है आज बिटकॉइन का चलन विश्व बाज़ार में बहुत तेज़ी पर हैl लेकिन इस बाजार में अस्थिरता बहुत अधिक होती हैl

बिटकॉइन की बिक्री और खरीद कैसे की जाती है?

डिजिटल करंसी बिटकॉइन का उपयोग करने वाले बिजनेसमैन की संख्‍या लगभग 30 लाख बताई जा रही है और जूपिटर रिसर्च के मुताबिक यह संख्‍या 2019 तक 50 लाख तक पहुंच सकती है।

बिटकॉइन को हासिल करने के लिए आपको बहुत मेहनत करने की ज़रूरत नहीं है आप खनन (mining ) जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से डिजिटल मुद्रा कमा सकते हैं ( बिटकॉइन की संरचना करने के लिए एक विशेष सॉफ़्टवेयर की मदद ली जा सकती है जिसे बिटकॉइन बनाने वाला सॉफ्टवेयर कहा जाता (Bitcoin Miner) है l यह सॉफ्टवेयर बिटकॉइन नेटवर्क में आपके लिए एक जगह को सुरक्षित कर लेगाl

how-bitcoins-works

Image source:How-To Geek

कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी माध्यम के ट्रांजेक्‍शन किया जा सकता है। वहीं, इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है। जबकि जटिल कम्‍प्‍यूटर एल्गोरिथम्स और कम्‍प्‍यूटर पावर से इस मुद्रा का निर्माण किया जाता है जिसे माइनिंग कहते हैं।

बिटकॉइन को किसी को अपनी सेवा देकर भी सैलरी के रूप में कमाया जा सकता है l यदि आप चाहें तो इसे वास्तविक मुद्रा जैसे डॉलर और यूरो से भी बदल सकते हैं l

साधारण मुद्रा की तरह बिटकॉइन को भी आसानी से खर्च किया जा सकता है l इसका इस्तेमाल आप सामान खरीदने के लिए, कुछ गैर-सरकारी संगठनों को दान करने या उन्हें किसी और को भेजने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं l कुछ ऐसी विभिन्न साइटें जैसे विकिलीक्स, पी 2 पी फाउंडेशन, वर्डप्रेस.कॉम और बिटकॉइन.ट्रेवल हैं जो बिटकॉइन को स्वीकार करते हैं l अभी हाल ही में दुनिया में आतंक मचाने वाले रैन्समवेयर वायरस को बनाने वाले हैकरों ने फिरौती के तौर पर bitcoin मुद्रा की ही मांग की हैl

भारत में भारतीय रिज़र्व बैंक लोगों को इस मुद्रा में निवेश करने से रोक रहा है लेकिन फिर भी लोग इसमें बड़ी संख्या में निवेश कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार इस bitcoin मुद्रा के दोषों को देखते हुए इसके वाणिज्यिक प्रसार को रोकने के लिए जल्दी ही कानून बनाने की बात सोच रही है l ज्ञातब्य है कि भारतीय रिज़र्व बैंक पहले से ही इस मुद्रा में किसी भी प्रकार के निवेश को गैर कानूनी बताता आया है और उसने लोगों को इस मुद्रा से दूर रहने की सलाह भी दी है क्योंकि यह मुद्रा, बैंकिंग नियमन अधिनियम,1934 के नियमों का पालन भी नही करती है l

क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं और उनके प्रकार – What is Cryptocurrency in Hindi

आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं (what is cryptocurrency in hindi) ? आज हर कोई cryptocurrency की बातें कर रहा हैं. crypto आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना currency ने बहुत ही कम समय में फाइनेंसियल मार्केट में अपना सत्ता मजबूत जाहिर कर दिया हैं | चूँकि cryptocurrency को digital money भी कहा जाता हैं क्योंकि ये केवल और केवल online ही मौजूद हैं और क्रिप्टोकरेंसी को हम physically लेन – देन नहीँ कर सकते | तो चलिए क्रिप्टोकरेंसी के वृत्तांत जानकारी को सिरे से समझते हैं |

cryptocurrency kya hai

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क्या हमारे, आप के दादा – परदादा जी कभी सोचे होंगे कि हमारे बाल बच्चों को भविष्य में सामान खरीदने के लिए पॉकेट में रुपया लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी. और अब से सामान को खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके जेब में कितने रुपए हैं क्योंकि अब तो बस स्कैन करना होता है. यदि हम आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना और पुराने जमाने की बात करें तो जब रुपए का प्रचलन भी कम हुई करती थी . आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जीवन निर्वहन के लिए सामानों का परस्पर अदला बदली किया जाता था जिसे हम आमतौर पर वस्तु विनिमय प्रणाली आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना के नाम से जानते हैं. उस समय एक समान के बदले लगभग उसी मूल्य के दूसरे सामान को खरीद लिया जाता था. जैसे गेहूं देकर चावल लेना , धान अथवा चावल देकर चूड़ा खरीदना इत्यादि वस्तु विनिमय प्रणाली में शामिल थे. वस्तुओं के आदान-प्रदान में काफी समस्याओं का सामना किया गया होगा तभी रुपया का प्रचलन हुआ होगा. वैसे भी कहते हैं ना की आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है बिल्कुल वही हुआ होगा. आजकल तो रुपए की जगह बहुत हद तक डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड बगैरा ने ले रखी है. शुरुआती समय में इन सभी का कुछ ना कुछ लिमिटेशन हुआ करता था. जैसे नेट बैंकिंग अपने कार्यालय समय सीमा में ही सर्विस उपलब्ध किया करती थी किंतु जब से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना कि लोकप्रियता बढी है तब से तो मानो इस क्षेत्र में क्रांति ही आ चुकी है . जैसे पेटीएम, गूगल पे, अमेजॉन पे इत्यादि पर ट्रांजैक्शन के विकल्प उपलब्ध हो गए हैं. जिससे अब बैंक जाने की जरूरत ही कम होने लगी है। इन सभी प्लेटफॉर्म की खास बात यह है की इसमें वॉलेट की सुविधा भी उपलब्ध है। यदि आपके वॉलेट में रुपये हो तो कभी भी किसी भी समय कहीं भी ऑनलाइन पेमेंट करके आप काम कर सकते हैं. आज हम एक खास विषय पर जानकारी साझा करने जा रहा हूं और वह है क्रिप्टो करेंसी. वैसे भी आजकल क्रिप्टो करेंसी कि काफी सुर्खियों में रहा है.
इस आर्टिकल में हम जाने वाले हैं:-

क्रिप्टो करेंसी क्या है?
यह कितने प्रकार का होता है?
यह कैसे काम करती है?
इसे नियंत्रित कौन करता है?
यह सुरक्षित है अथवा नहीं?
विश्व में इसका प्रचलन और लोकप्रियता?
भारत का क्रिप्टो करेंसी को लेकर स्टैंड् क्या है?
भारत में इसके लिए कानूनी प्रावधान क्या है?

इस तरह हम इस आर्टिकल में बहुत कुछ जानने वाले हैं तो बने रहिए हमारे साथ दिमाग की बत्ती जला कर.

what is cryptocurrency in hindi

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Table of Contents


क्रिप्टोकरेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)?

जैसे अलग-अलग देशों की अपनी मुद्रा होती है जिससे उस देश की अर्थव्यवस्था चलती है और वह मुद्रा उस देश की सरकार द्वारा स्थापित किसी संस्था द्वारा जारी की जाती है.
उदाहरण के लिए कि भारत की मुद्रा रुपया है जो भारत सरकार द्वारा गठित भारतीय आभासी मुद्रा और सामान का उपयोग करना रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाती है.
उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मुद्रा है जिसे कोई भी सरकार जारी नहीं करती है अपितु यह कंप्यूटर एल्गोरिथम पर काम करती है.

types of cryptocurrency

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क्रिप्टोकरेंसी कितने प्रकार का होता है? (Types of Cryptocurrency)

वैसे तो क्रिप्टोकरेंसी कई प्रकार के होते हैं पर मैं कुछ मुख्य प्रकार के क्रिप्टो की बात करने जा रहा हूं.
Bitcoin, एथेरियम, tether, BNB, USD coin, solana, XRP, cardano, terra, dog coin, लाइट coin, Dia, Waves इत्यादि.
गौरतलब है कि इन सब में बिटकॉइन काफी प्रचलित है. इसकी लोकप्रियता कुछ इस कदर है कि क्रिप्टो का सीधा सा मतलब लोग बिटकॉइन से समझते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है? (cryptocurrency kaise kaam karta hai)

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता। अर्थात क्रिप्टो करेंसी पर किसी देश, राज्य अथवा संस्था का नियंत्रण नहीं होता है . तो हम कह सकते हैं कि क्रिप्टो करेंसी एक स्वतंत्र मुद्रा है और इसके लिए क्रिप्टो ग्राफि का प्रयोग किया जाता है. वैसे जानकारी के लिए बता दूं कि क्रिप्टो करेंसी दरअसल वित्तीय लेनदेन का एक जरिया है और इससे कोई भी वस्तु खरीदी जा सकती है. इससे स्पष्ट होता है कि क्रिप्टो का काम ठीक वही है जो भारत में भारतीय रुपया, बांग्लादेश में टाका अथवा अमेरिकी डॉलर के समान ही है.किंतु फिर प्रश्न यह उठता हैं की :-


क्रिप्टोकरेंसी और बाकी देशों की मुद्राओं में क्या अंतर है?

व्यवहारिक तौर पर क्रिप्टो और रुपया मैं कोई भी अंतर नहीं है अर्थात रुपयों से कोई भी सामान खरीदी अथवा बेची जा सकती है उसी प्रकार क्रिप्टो से भी सामान खरीदी अथवा बेची जा सकती है.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों बार-बार दे रहे है चेतावनी, अब आगे क्या होगा?

Cryptocurrency Latest News; आपको बता दें कि पिछले हफ्ते पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें क्रिप्टो बाजार के नियमन, इसके खतरों और दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए फैसलों और चलन पर चर्चा की गई थी.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों बार-बार दे रहे है चेतावनी, अब आगे क्या होगा?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Nov 18, 2021 | 11:52 AM

Cryptocurrency Latest News-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India) ने गुरुवार को ‘सिडनी डायलॉग’ ( Sydney Dialogue) में क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका दुरुपयोग न हो. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें क्रिप्टो बाजार के नियमन, इसके खतरों और दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए फैसलों और चलन पर चर्चा की गई थी.

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है. लेकिन इसके आप 100-500 और 2000 रुपये के नोट की तरह अपनी जेब में नहीं रख सकते. हालांकि, इसके जरिए आप कोई भी सामान खरीद सकते हो. अगर आसान शब्दों में कहें तो इस आप छू नहीं सकते लेकिन रख सकते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी जता चुके हैं चिंता

बीते कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के फ्यूचर को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि अनियंत्रित क्रिप्टो बाजार का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग का प्रमुख जरिया बन सकता है.

छोटे निवेशकों को लोक-लुभावने वादों से फंसाया जा रहा और उनके पैसे ऐसे निवेश में फंस रहे, जहां से रिटर्न पर बहुत जोखिम होगा.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने दो टूक कहा कि इससे अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर जोखिम बढ़ेगा.

Take crypto-currency or bitcoin for example.

It is important that all democratic nations work together on this and ensure it does not end up in wrong hands, which can spoil our youth: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2021

अब तक क्या हुआ

पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अहम बैठक हुई थी, जिसमें क्रिप्टो बाजार के नियम, खतरों और दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए फैसलों पर चर्चा की गई थी.

बैठक के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सरकार इस पर कड़ी निगरानी रख रही है. वहीं, SEBI और RBI भी कई मामलों को सहमत नहीं है. इसीलिए नया रेग्युलेटर लाने की खबरें आ रही है.

इसके अलावावित्त मामलों संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) ने भी क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी फ्रेमवर्क पर चर्चा की. केंद्र सरकार ने माना कि वर्चुअल करेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसका नियमन यानी रेगुलेशन जरूरी है.

क्रिप्टोकरेंसी अब आगे क्या?

रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने हाल में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में बहुत जोखिम है. क्रिप्टोकरेंसी लागू करने की राह में वैल्यूएशन सबसे बड़ी चुनौती है. अगर सरकार इसे मंजूरी देने पर आगे बढ़ती है, तो बैंकरों को सावधान रहना होगा और उन्हें अपनी स्थिति पहले से स्पष्ट बनानी होगी.

एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में डिप्टी गवर्नर ने कहा, इसे संपत्ति के रूप में परिभाषित करते समय भी स्थिति स्पष्ट होना जरूरी है. हमें नहीं पता कि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन किस तरह से किया जाएगा.

लेकिन उतार-चढ़ाव के बड़े जोखिम को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी को किसी व्यक्ति की संपत्ति मानना मुश्किल काम होगा. बैंकर किसी कर्जधारक को इस संपत्ति के आधार पर न तो लोन देंगे और न ही इसे गिरवी संपत्ति के रूप में वर्गीकृत कर सकेंगे.

बाजार में आ रही नई-नई क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जोखिम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एआरसी गवर्नेंस टोकन नाम की आभासी मुद्रा एक घंटे के भीतर 28 लाख फीसदी चढ़ गई. उसकी कीमत 0.34 डॉलर से बढ़कर 9,991.70 डॉलर पहुंच गई. हालांकि, एक घंटे के भीतर क्रिप्टो ने 90 फीसदी बढ़त गंवा दी और कीमत 906 डॉलर प्रति क्वाइन पर आ गई. ये भी पढ़ें-India’s Biggest IPO: देश के सबसे बड़े आईपीओ Paytm की शेयर बाजार में हुई लिस्टिंग, इश्यू प्राइस 2150 रु के मुकाबले 1955 रु पर लिस्ट

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