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अग्रणी सूचक

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#नानकमत्ता श्री गुरुद्वारा साहब में मैंने प्रायश्चित स्वरूप कुछ देर #झाड़ू लगाकर सफाई की। मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूँ।
1/2 pic.twitter.com/QfyRGhWnTR — Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 3, 2021

प्रार्थना न करने का पाप

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई अग्रणी सूचक व्यक्ति आपका सबसे अच्छा दोस्त होने का दावा करता है और आपसे कभी बात नहीं करता है? जो भी दोस्ती थी वह निश्चित रूप से तनावपूर्ण होगी। इसी तरह, संचार के बिना परमेश्वर के साथ एक रिश्ता खराब हो जाता है।

प्रार्थना न करना पाप है। हमें इसके बारे में ईमानदार से रहने की जरूरत है। भविष्यवक्ता शमूएल ने यह स्पष्ट किया जब उन्होंने इस्राएल के लोगों से वादा किया कि वह उनके लिए प्रार्थना करेंगे:

फिर यह मुझ से दूर हो कि मैं तुम्हारे लिये प्रार्थना करना छोड़कर यहोवा के विरुद्ध पापी ठहरूं; (१ शमूएल १२:२३)

शमूएल ने माना कि परमेश्वर के लोगों के लिए प्रार्थना करने में विफलता परमेश्वर के खिलाफ पाप है। यदि आप एक पासबान, एक समूह पर्यवेक्षक, J-12 अगुवे हैं, तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि जो लोग परमेश्वर ने आपको दिए हैं, उनके लिए प्रार्थना करने में विफलता एक पाप है, जिसे आपको बदलना होगा।

जब अगुवे परमेश्वर के लोगों के लिए प्रार्थना नहीं करते हैं तो हम भावना क्षेत्र में एक अग्रणी सूचक संकेत भेज रहे हैं कि हम वास्तव में उन लोगों के लिए नहीं ले जा रहे हैं जो हम अग्रणी हैं। प्रभु यीशु ने ऐसे लोगों को "चरवाहा के बिना भेड़ की तरह देखा" (मत्ती ९:३६) फरीसी भी परमेश्वर के लोगों को परेशान करने में अपने स्वयं के सामान के साथ बहुत व्यस्त थे।

प्रार्थना में असफल होना, प्रभु के प्रति प्रेम में कमी का सूचक है। प्रार्थना न करना इंगित करती है कि सांसारिकता धीरे-धीरे ध्यान में नहीं आती।

मैं ने अक्सर देखा है कि चंगाई, छटकारा और भविष्यवाणियां सभा सबसे बड़ी भीड़ को लाती हैं क्योंकि हर कोई एक चंगाई, एक छुटकारा, एक भविष्यवाणी आदि की उम्मीद कर रहा है (यह कोई गलत नहीं है)। हालांकि, लोगों को मध्यस्थी में भाग लेने के लिए कहें और आम भावना यह है कि वे किसी चीज़ से चूक गए है।

क्या मैं आपको कुछ बता सकता हूँ? जब प्रार्थना न करना हमारे जीवन में प्रचलित है, तो हम एक दूसरे से प्यार करने में विफलता के लिए भी दोषी हैं और यह एक दूसरे के लिए मध्यस्थी की कमी में प्रदर्शित किया करता है।

प्रभु यीशु ने हमें मत्ती २६:४१ में चेतावनी दी: "जागते रहो, और प्रार्थना करते रहो, कि तुम परीक्षा में न पड़ो।"

प्रार्थना न करना प्रलोभन के तीरों को हमें मारने की अनुमति देती है जो हमें पाप के दलदल में और अधिक गहराई तक ले जाती है।

पिता, यीशु के नाम से मुझे उस समय के लिए क्षमा कर, जो मैं प्रार्थना करने में असफल रहा हूँ।

पिता, यीशु के नाम से, मेरे जीवन में प्रार्थना में आने वाली हर रूकावट और अड़चन को जड़ से उखाड़ के फेंक दे।

पिता, यीशु के नाम से, मेरे जीवन में प्रार्थना न करने की आत्मा को अपनी आग से भस्म कर दे।

पिता, यीशु के नाम से, यीशु के लहू के द्वारा मैं हर एक शैतानी द्वार को बंद करता हूं जो मेरे प्रार्थना जीवन में रूकावट डालने के अग्रणी सूचक लिए खोला गया है।

डिफकनेक्ट 2.0 से मिलेगा रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा, स्वदेशी उपकरणों से सेना हो रही लैस

केंद्र सरकार रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे कर स्वदेशी उपकरणों से सेना को लैस करने का लगातार प्रयास कर रही है। इसी महत्वकांक्षी पहल को आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में ‘डिफकनेक्ट 2.0’ कार्यक्रम की शुरुआत की। यह कार्यक्रम रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार – रक्षा नवाचार संगठन (iDEX-DIO) के द्वारा आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा कि डिफकनेक्ट 2.0, इंडियन डिफेन्स स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास की राह का एक शानदार उत्सव है। यह हमारे इनिशिएटिव “इनोवेशंस फॉर अग्रणी सूचक डिफेन्स एक्सीलेंस” की सफलता का विशाल सूचक है। iDEX ने अब तक अनेक नई और होम-ग्रोन टेक्नोलॉजीज को विकसित होने और आगे बढ़ने में मदद की है।

उद्देश्य

इसका उद्देश्य डिफेन्स स्टार्टअप्स के साथ नियमित रूप से जुड़ने की रणनीति को जारी रखना है। कार्यक्रम का आयोजन मूल रूप से स्वदेशी नवाचारों का पता लगाने के लिए किया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप स्टार्टअप्स, उद्योग जगत और सैन्य प्रतिनिधियों को एक साथ लाया जा सके। डिफकनेक्ट अग्रणी सूचक 2.0 कार्यक्रम के माध्यम से यह आयोजन रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और संभावित सहभागिता के पर्यवेक्षण के लिए एक व्यापक संगठन की तरह कार्य करता है।

क्या है डिफकनेक्ट 2.0

डिफकनेक्ट 2.0, iDEX-DIO से जुड़े नए इनोवेटर्स को उद्योग जगत की हस्तियों के सामने अपनी क्षमताओं, उत्पादों और अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन करने का एक अनोखा मंच उपलब्ध कराता है। स्टार्टअप्स के लिए यह अवसर निवेश प्राप्त करने और भविष्य के परिचालनों अग्रणी सूचक का नेतृत्व करने को लेकर लाभ उठाने के लिए है। यह आईडेक्स स्टार्ट-अप्स से मिलने व आईडेक्स और इससे संबंधित भागीदारों की ओर से विकसित की जा रही उनकी नवीन तकनीकों को समझने का अवसर है। इसमें रक्षा उद्योग के साथ सत्र, विभिन्न घोषणाएं और iDEX-DIO की समर्थित स्टार्टअप्स की प्रदर्शनियां शामिल होंगी इस कारण यह कार्यक्रम रक्षा क्षेत्र में भारत के अग्रणी उद्योगों से नए इन्वेस्टर्स को आकर्षित करेगा।

आत्मनिर्भरता को बढ़ावा

रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा खरीद पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केंद्रीय बजट 2022-23 की घोषणा के अनुसार 25 प्रतिशत रक्षा अनुसंधान विकास बजट के साथ उद्योग स्‍टार्टअप्‍स और शिक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान अग्रणी सूचक विकास खोला जाएगा। 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित पूंजीगत खरीदारी बजट का 68 प्रतिशत निर्धारित किया गया है, जो 2021 में 58 प्रतिशत के मुकाबले अधिक है। जांच और प्रमाणीकरण जरूरतों को पूरा करने के लिए स्‍वतंत्र नोडल अम्‍ब्रेला निकाय स्‍थापित कर स्वदेशीकरण को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।

अब तक के डेवलपमेंट

सैन्य प्रौद्योगिकी के भविष्य के लिए आईडेक्स अलग-अलग पहलों के माध्यम से इनोवेटर्स को आगे बढ़ा रहा है। सेना को अपने प्रमुख कार्यक्रमों जैसे डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डीआईएससी) और ओपन चैलेंज (ओसी) को सुचारू रूप से चलाने और चुनौतियों का विघटनकारी समाधान खोजने में आईडेक्स जैसे मंच महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग नए इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप्स से 2,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। कई तकनीकी क्षेत्रों की परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए आईडेक्स उद्यमियों को 1.50 करोड़ रुपए तक का अनुदान प्रदान कर उनकी मदद कर रहा है।

पंज प्यारे बयान पर हरीश रावत का प्रायश्चित, गुरुद्वारा साहिब में लगाई झाड़ू, जूते साफ किये

मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूं. मैं पुनः आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिए मैं सबसे क्षमा चाहता हूं.

पंज प्यारे बयान पर हरीश रावत का प्रायश्चित, गुरुद्वारा साहिब में लगाई झाड़ू, जूते साफ किये

ChandiGarh : पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार को नानकमत्ता के श्री गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेका, झाड़ू लगाई और जूते साफ किये. बता दें कि हरीश रावत प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों को पंज प्यारा कहकर विवाद में फंस गये थे. जान लें कि विवाद बढ़ने के तुरंत बाद ही हरीश रावत ने एक फेसबुक पोस्ट पर कहा था कि प्रायश्चित के रूप में वो उत्तराखंड के किसी गुरुद्वारे में झाड़ू लगायेंगे और सफाई करेंगे. कहा था कि उनका मकसद सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था.

#नानकमत्ता श्री गुरुद्वारा साहब में मैंने प्रायश्चित स्वरूप कुछ देर #झाड़ू लगाकर सफाई की। मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूँ।
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 3, 2021

हरीश रावत ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो शेयर किया

हरीश रावत ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, नानकमत्ता श्री गुरुद्वारा साहब में मैंने प्रायश्चित स्वरूप कुछ देर झाड़ू लगाकर सफाई की. मैं, सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूं. मैं पुनः आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिए मैं सबसे क्षमा चाहता हूं.

इससे पहले रावत ने फेसबुक पर लिखा, कभी आप आदर व्यक्त करते हुए, कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं. मुझसे भी अपने अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है.

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मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं

इससे पूर्व हरीश रावत ने कहा था कि मैं इतिहास का विद्यार्थी हूं. पंज प्यारों के अग्रणी स्थान अग्रणी सूचक की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती . मुझसे गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस अग्रणी सूचक पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं. मैं प्रायश्चित स्वरूप अपने राज्य के किसी गुरुद्वारे में कुछ देर झाड़ू लगाकर सफाई करूंगा. मैं सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूं.

विवाद की पृष्ठभूमि में जायें तो हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा और पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह के साथ बैठक की थी. बैठक बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने सिद्धू और कार्यकारी अध्यक्षों को पंज प्यारा बताया था.

इनोसेंट हार्ट्स के 'इनोकिड्स के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि एक दिसंबर | जज़्बे को सलाम' संदेश के साथ इनोसेंट अग्रणी सूचक हार्ट्स के खिलाड़ियों को किया पुरस्कृत | यूथ फेस्टिवल रचनात्मकता बढ़ाने में सहाई एवं सामूहिक भागीदारी का माहौल पैदा करते हैं: डॉ. एस.के. मिश्रा | दोआबा कॉलेज के ईसीए के विद्यार्थियों का बढिय़ा प्रदर्शन | सेंट सोल्जर छात्रों ने की इंडस्ट्रियल विजिट |

दोआबा कालेज में सेव स्पैरोस प्रोजेक्ट स्थापित

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जालंधर (अरोड़ा) :- दोआबा कालेज में एनजीओ दस्तक वेल्फेयर काऊँसिल- (पँछिओं के संरक्षण की अग्रणी संस्था) द्वारा कॉलेज के ईको क्लब के सहयोग से कॉलेज के बोटैनीकल गार्डन में सेव स्पैरोस प्रोजेक्ट लगाया गया जिसमें प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी बतौर मुख्य मेहमान उपस्थित हुए जिनका हार्दिक अभिनंदन प्रो. संदीप चाहल- प्रधान एनजीओ दस्तक, डा. अश्वनी कुमार व डा. शिविका दत्ता- संयोजक ईको क्लब, डा. राकेश कुमार- विभागध्यक्ष बॉटनी व बीएससी के विद्यार्थियों ने किया। प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने कहा कि कॉलेज में 2014 से एनजीओ दस्तक द्वारा कॉलेज में मौजूद बढिय़ा वातावरण के सूचक पँछियों- गोरईया अथवा चिडिय़ा, ग्रीनबीईटर, हूपू अथवा हुड़हुड़ (पंजाब के पूर्व राज्य पक्षी), ड्रॉंगों, बया पक्षी अथवा बिजड़ा आदि पर विद्धार्थियों के सहयोग से कार्य कर रही है। इसके अन्तर्गत ही कॉलेज में सेव स्पैरोका प्रोजेक्टइसके तहत घरैलू चिडिय़ा अथवा गोरिया अग्रणी सूचक के लिए वॉटर एवं ट्रमाईट प्रूफ लकड़ी के विशेष घौंसलों की स्थापना की गई है। प्रिं. डा. प्रदीप भंडारी ने बताया कि ईको क्लब के स्दस्यों अथवा विद्यार्थियों को एनजीओ दस्तक की तरफ से 15 दिवस के विशेष बर्ड वाचिंग टैक्नीकस पर शार्ट ट्रम कोर्स करवाया जाएगा। प्रो. संदीप चाहल ने विद्यार्थियों को पक्षी गोरईया अथवा चिडिय़ा की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि यह भूचाल आने की पूर्व सूचना ज्यादा चह चहाकर दे देते हैं जिसके कारण पक्षी विज्ञानी इसे बढिय़ा वातावरण का सूचक मानते हैं। प्रो. चाहल ने कहा कि जिन ईलाको में चिडिय़ा अपने घोंसले बनाती है वह ईलाके मोबाईल टावरों की ईलेकट्रोमेगनेटिक रेडिएशन से रहित होते हैं इसीलिए पुराने समय में जब मोबाईल फोन नहीं होते थे तो पंजाब को चिडिय़ा का चम्बा कहा जाता था।

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