शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

Bonus Issue VS Stock Split: कंपनियां अपने शेयरधारकों को खुश करने के लिए कई अलग-अलग तरीके अपनाती है. इसके तहत, कंपनियां कई बार अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देती है. वहीं, कई बार उन्हें एक्स्ट्रा शेयर भी दिया जाता है. स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने वाले निवेशक अक्सर स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) और बोनस शेयर (Bonus Share) के बारे में सुनते होंगे, लेकिन कई लोगों को इसका मतलब नहीं पता होता है. क्या है इनका मतलब और कंपनियां क्यों करती हैं इन शब्दों का इस्तेमाल. आइए समझते हैं.
Stock Split Hindi | स्टॉक स्प्लिट क्या होता है ?
Meaning of Stock Split in Hindi: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या शेयर बाजार की जानकारी रखते हैं तो आपने स्टॉक स्प्लिट का नाम तो सुना ही होगा. एक शेयर बाजार निवेशक के रूप में, आपको शेयर बाजार की कुछ महत्वपूर्ण शर्तों के बारे में पता होना चाहिए। उनमें से एक महत्वपूर्ण शब्द स्टॉक स्प्लिट या शेयर स्प्लिट है।
कई निवेशक तब चिंतित हो जाते हैं जब उनके किसी निवेशित शेयर में स्टॉक स्प्लिट हो जाता है और उन्हें समझ नहीं आता कि स्टॉक स्प्लिट क्या होते हैं और उन्हें क्या करना होता है? जैसा कि हाल ही में आईआरसीटीसी के शेयर विभाजन में हुआ था।
दोस्तों इस लेख में हम स्टॉक स्प्लिट के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे जिसमें स्टॉक स्प्लिट क्या है, रिवर्स स्टॉक स्प्लिट क्या है और स्टॉक स्प्लिट कैसे काम करता है।
Meaning of Stock Split in Hindi | स्टॉक स्प्लिट का अर्थ,
स्टॉक स्प्लिट को समझने के लिए, आइए सबसे पहले समझते हैं, स्प्लिट का हिंदी अर्थ क्या है,
Split का हिंदी अर्थ – विभाजन (Divide), या टुकड़े करना (Cut into Parts)
और इस प्रकार Meaning of Stock Split in Hindi है – डिवाइडिंग स्टॉक
स्टॉक स्प्लिट यानी स्टॉक का बंटवारा सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, क्योंकि मेरा क्या मतलब है अगर मेरे पास किसी कंपनी का स्टॉक है तो वह कैसे बंटेगा?
हां, इसका उत्तर यह नहीं है कि आपके पास जो स्टॉक है, उसका बंटवारा होना चाहिए, बल्कि शेयर बाजार में अक्सर ऐसा होता है, और कई कंपनियां अपने स्टॉक को इस तरह विभाजित और विभाजित करती रहती हैं,
इसलिए यह समझना आवश्यक हो जाता है कि – स्टॉक स्प्लिट क्या है? और इसका प्रभाव क्या है?
तो दोस्तों, Stock SPLIT को एक बहुत ही महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट घटना माना जाता है, और इसका शेयर बाजार और निवेशक पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है,
STOCK SPLIT क्या होता है? Meaning of Stock Split in Hindi
स्टॉक स्प्लिट बोनस शेयर जारी करने की प्रक्रिया के समान ही है, जब कंपनी स्टॉक स्प्लिट की घोषणा करती है, तो इसका मतलब है कि –
स्टॉक स्प्लिट कंपनी में शेयरों की संख्या में वृद्धि करेगा लेकिन कंपनी के बाजार पूंजीकरण और निवेशक द्वारा निवेश किए गए निवेश के निवेश मूल्य को प्रभावित नहीं करेगा,
स्टॉक SPLIT एक निश्चित अनुपात में किया जाता है, जैसे 1:1, या 1:2 या 1:5
स्टॉक स्प्लिट स्टॉक के अंकित मूल्य को विभाजित करता है, और जैसे ही अंकित मूल्य बदलता है, कंपनी के कुल शेयर की संख्या बदल जाती है लेकिन इसकी कुल पूंजी पर कोई भी नहीं होता है,
उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी का शेयर मूल्य जिसकी बाजार में कीमत 100 रुपये है और उसका मूल्य 2 रुपये है, और कंपनी का कुल हिस्सा 10 लाख है, और इस तरह कंपनी की कुल पूंजी है – 10 लाख X 2 = 20 लाख और बाजार पूंजीकरण है – 100 x 10 लाख = 10 करोड़,
स्टॉक स्पलीट क्या है ? (Stock Split Meaning in Hindi)
Split का मतलब है, बाँटना या फिर टुकड़े करना।
उसी तरह अगर हम Stock Split की बात करे तो उसका मतलब है, Stock यानी शेयर को टुकड़ो में बाटना।
शेयर बाजार में बहुत सी कंपनीओ ने अपने शेयर जारी किए हुए है।
जिसमे से कई कंपनीयां कई बार Stock Split नाम का corporate action लाती रहती है।
Stock Split के द्वारा यह कंपनीयां शेयर बाजार में जारी किए हुए अपने हर एक शेयर को कुछ टुकड़ो में विभाजित कर देती है।
यह टुकड़े कितने भी हो सकते है, जैसे 2,3,4 आदी। Split Meaning in Hindi
कंपनी की Face Value मे बदलाव :
स्टॉक स्प्लीट के दौरान कंपनी की Face Value मे बदलाव किया जाता है, face value शेयर की असली किमत होती है, जो की कंपनी बनाते वक्त एक शेयर के लिए निश्चित की गई होती है।
स्टॉक स्प्लीट के दौरान जिस अनुपात मे शेयर को विभाजित करना है, उसी अनुपात मे शेयर की face value को भी कम करना पड़ता है।
उदाहरण के तौर पर कंपनी A की face value 10 रुपए, उसके शेयर का बाज़ार मे दाम 10000 रुपए तथा उसके बाज़ार मे कुल शेयर 1 लाख है। Split Meaning in Hindi
अब कंपनी A अपने शेयर का दाम 10000 मे से 1000 करना चाहती है, जिस से उसके शेयर ज्यादा से ज्यादा छोटे निवेशक भी खरीद सके।
इसके लिए वह अपनी कंपनी के शेयर की face value 10 मे से 1 रुपए कर देगी, जिस से उसके बाज़ार मे 1 लाख के बदले 10 लाख शेयर हो जाएंगे।
तो क्या उस शेयर के दाम में कोई फर्क नहीं पड़ता है ?
जी ऐसा नहीं है। Stock Split का उस Share की Price पर भी असर पड़ता है।
तो कंपनीया अपने स्टॉक स्प्लिट क्यु करती है ? (Why do Companies Split their Stocks ?)
अगर बहुत सालो बाद भी Stock Split न किया जाए तो ऐसी कंपनीओ के एक शेयर का दाम बहुत बढ़ जाता है।
जैसे MRF जो Tyre बनाने वाली कंपनी है, उसके एक शेयर का दाम आज की तारीख में 58 हजार रुपए है।
यानी अगर किसी को MRF का सिर्फ एक ही शेयर खरीदना हो फिर भी उसे कम से कम 58 हजार रुपए निवेश करने पड़ेंगे।
अब इतनी बड़ी राशि हर कोई निवेश नहीं कर सकता।
क्युकी बहुत से लोगो का पूरा निवेश भी इस से कम होता है। Split Meaning in Hindi
ऐसे में बहुत कम लोग MRF के शेयर में निवेश करेंगे।
हमारे निवेश पर क्या असर होगा ? (Effect in our Investment)
जैसे ऊपर हमने बात की, Stock Split के अनुसार ही उस शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? शेयर का दाम बदल जाता है।
इस वजह से हमारे Stock Split से हमारे निवेश पर कोई फर्क नहीं पड़ता। Split Meaning in Hindi
जैसे अगर आपने Stock Split से पहले ABC कंपनी के 100 रुपए के हिसाब से 500 शेयर ख़रीदे होते तो
आपका कुल निवेश = 500 x 100 = 50 हज़ार रुपए होता।
और Stock Split के बाद
आपका कुल निवेश = 1000 x 50 = 50 हज़ार ही होता। Split Meaning in Hindi
इस तरह Stock Split सिर्फ शेयर के दाम को कम करने के लिए की गई प्रक्रिया ही है।
Stock Split क्या होता है? कंपनी और शेयरधारकों के लिए कैसे फायदेमंद? स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?
Stock Split: अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है.
Stock Split: शेयर बाजार में कई तरह के शब्दों या टर्म्स का इस्तेमाल होता है. ट्रेडिंग के दौरान इन शब्दों से निवेशकों का भी वास्ता पड़ता है. डिविडेंड, शेयर बायबैक, स्टॉक स्प्लिट जैसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं. हाल ही में दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी Amazon ने अपने स्टॉक स्प्लिट का ऐलान किया है. लेकिन, आखिर ये स्टॉक स्प्लिट होता क्या है? निवेशकों के लिए क्यों इतना खास है ये शब्द. कंपनियां क्यों और किस लिए करती हैं इसका इस्तेमाल? ऐसे तमाम सवाल आपके जहन में भी आते होंगे. आज हम आपको बताएंगे ये स्टॉक स्प्लिट क्या है और क्यों किया जाता है.
क्या होता है स्टॉक स्प्लिट का मतलब?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब शेयर विभाजन होता है. आसान शब्दों में कहें तो किसी भी एक शेयर को तोड़कर दो या उससे ज्यादा बना देना. स्टॉक स्प्लिट के जरिए कंपनियां अपने शेयरों को एक से ज्यादा शेयरों में विभाजित करती हैं. लेकिन, क्यों किया जाता है? बाजार के जानकारों का मानना है कि आमतौर पर जब किसी कंपनी का शेयर काफी महंगा होता है तो छोटे निवेशक उसमें निवेश करने से कतराते हैं. ऐसे में इन छोटे निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है. कई बार मार्केट में डिमांड बढ़ाने के लिए भी कंपनियां स्टॉक स्प्लिट करती हैं.
अगर किसी कंपनी के शेयर की वैल्यूएशन ज्यादा हो गई है तो शेयर को दो हिस्से में तोड़ा जाता है. अगर कोई कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है, तो शेयरधारकों को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है. इससे शेयरधारक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है. मान लीजिए किसी शेयरधारक के पास एक कंपनी के 400 शेयर हैं और कंपनी स्टॉक स्प्लिट लाकर 1 शेयर को 2 में तोड़ देती है तो शेयरधारक के पास अब कंपनी के 800 शेयर हो जाएंगे. हालांकि, उसकी निवेश की वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि, स्टॉक स्प्लिट करने से हर एक शेयर की वैल्यू आधी हो जाती है.
कंपनी पर क्या पड़ता है असर?
स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों में लिक्विडिटी आती है. छोटे निवेशकों का रुझान शेयर की तरफ बढ़ता है. कीमत कम होने से भी शेयरों में तेजी की संभावना बढ़ जाती है. शॉर्ट टर्म के लिए कंपनी के शेयरों में उछाल देखने को मिलता है. बाजार में कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. हालांकि, इससे कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Cap) पर कोई असर नहीं पड़ता.
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Explainer: शेयर बाजार में बोनस vs स्प्लिट, दोनों में क्या है फर्क और निवेशकों को किसमें है ज्यादा लाभ?
नायका अपने निवेशकों को बोनस शेयर देने का ऐलान कर चुकी है.
पिछले महीने बजाज फिनसर्व ने अपने निवेशकों को स्प्लिट (Split) और बोनस शेयर (Bonus Shares) का तोहफा एक साथ दिया. अब नायका अपने निवेशकों को बोनस शेयर देने का ऐलान कर चुकी है. आखिर बोनस और स्प्लिट में फर्क क्या है? समझिए.
- News18Hindi
- Last Updated : October 03, 2022, 15:08 IST
शेयर बाजार में बोनस और स्प्लिट शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? अलग-अलग कैसे हैं?
कंपनी अपने निवेशकों को खुश होकर मुफ्त शेयर बांटती है, जिसे बोनस कहते हैं.
बोनस की तरह शेयर स्प्लिट में कोई भी नया शेयर जारी नहीं होता है.
नई दिल्ली. नायका मार्केटप्लेस का संचालन करने वाली एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (FSN E Commerce Ventures) के शेयरों में आज (3 अक्टूबर को) दमदार रैली देखने को मिल रही है. 1270 रुपये पर खुलने बाद इसने 1,414 रुपये का हाई बनाया है. क्या आप जानते हैं शेयर में इस तेजी का कारण क्या है? कारण है कंपनी द्वारा बोनस शेयर्स जारी करने शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? की घोषणा. तो बोनस शेयर्स ऐसा क्या करिश्मा करते हैं कि शेयर उड़ने लगते हैं? शेयर बाजार में बोनस और स्प्लिट अलग-अलग कैसे हैं? अधिकतर निवेशक इन दोनों चीजों में कन्फ्यूज रहते हैं. तो चलिए आज आपके सारे सवालों का जवाब जान लीजिए.
क्या है स्टॉक स्प्लिट
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है- शेयरों का विभाजन. आसान शब्दों में इसका मतलब है किसी भी शेयर को दो या दो से ज्यादा हिस्सों में तोड़ देना. कंपनी इसमें नया शेयर जारी नहीं करती है बल्कि इसमें मौजूदा शेयरों को ही डिवाइड या स्प्लिट कर दिया जाता है. मान लीजिए, कोई कंपनी 1:2 रेश्यो में स्टॉक स्प्लिट का एलान करती है. इसका मतलब है कि अगर आपके पास उस कंपनी का एक शेयर है तो यह दो शेयर बन जाएगा. वहीं, 100 शेयरों की संख्या स्प्लिट के बाद 200 हो जाएगी.
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कंपनियां क्यों करती हैं स्टॉक स्प्लिट
अब सवाल यह है कि कंपनी ऐसा क्यों करती है? जानकारों की मानें तो जब किसी कंपनी का शेयर काफी ज्यादा हो जाता है तो छोटे निवेशक इसमें पैसा लगाने से कतराते हैं. छोटे निवेशकों के लिए इसमें निवेश को आसान बनाने के लिए ही कंपनी स्टॉक स्प्लिट करती है. इसके अलावा, कई बार मार्केट में डिमांड बढ़ाने के लिए भी स्टॉक स्प्लिट किया जाता है.
बोनस इश्यू तब होता है जब मौजूदा शेयरधारकों को निश्चित अनुपात में अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं. मान लीजिए कि कोई कंपनी 4:1 के रेश्यो में बोनस इश्यू का एलान करती है तो इसका मतलब है कि अगर किसी शेयरहोल्डर के पास 1 शेयर हो तो उसे इसके बदले 4 शेयर मिलेंगे. इसका मतलब है कि अगर किसी निवेशक के पास 10 शेयर हैं तो उसे बोनस शेयर के रूप में कुल 40 शेयर मिल जाएंगे.
बोनस इश्यू VS स्टॉक स्प्लिट: शेयर की कीमत
बोनस इश्यू- बोनस इश्यू में शेयर की कीमत जारी किए गए शेयरों की संख्या के अनुसार एडजस्ट हो जाती है. मान लीजिए किसी कंपनी ने 4:1 रेश्यो में बोनस इश्यू का एलान किया है. अब इसे उदाहरण के समझते हैं.
- बोनस इश्यू से पहले स्टॉक की कीमत- 100 रुपये
- बोनस इश्यू से पहले कुल शेयर संख्या- 100 शेयर
- बोनस जारी होने के बाद शेयरों की संख्या हो जाएगी- 400 शेयर
- वहीं, बोनस इश्यू के बाद स्टॉक की कीमत हो जाएगी- 25 रुपये
स्टॉक स्प्लिट- स्टॉक स्प्लिट में शेयर की कीमत अनुपात में आधी हो जाती है.
- मान लीजिए, स्टॉक स्प्लिट रेश्यो- 1:2
- स्टॉक स्प्लिट से पहले स्टॉक की कीमत- 100 रुपये
- स्टॉक स्प्लिट से पहले कुल शेयर संख्या- 100 शेयर
- स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर संख्या- 200 शेयर
- स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर की कीमत- 50 रुपये
बोनस इश्यू VS स्टॉक स्प्लिट: क्या है अंतर और निवेशकों के लिए क्या है इसके मायने
स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर दोनों में ही शेयरों की संख्या बढ़ जाती है और मार्केट वैल्यू कम हो जाती है. हालांकि, केवल स्टॉक स्प्लिट में ही फेस वैल्यू कम हो जाती है, जबकि बोनस इश्यू में यह नहीं होता. स्टॉक स्प्लिट और बोनस इश्यू में यही मुख्य अंतर है. कंपनियां इन दोनों तरीकों से अपने शेयरहोल्डर्स को इनाम देती है. बोनस इश्यू और स्टॉक स्प्लिट दोनों में ही शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त राशि देने की जरूरत नहीं होती. स्टॉक स्प्लिट में पहले से उपलब्ध शेयर स्प्लिट हो जाती है. इसका मतलब है कि आपके पास उपलब्ध शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. वहीं, शेयरों की कीमत कम हो जाती है. हालांकि, आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे पर स्टॉक स्प्लिट के चलते कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
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