विदेशी मुद्रा बाजार

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:-
विदेशी मुद्रा बाजार
आदि डेरिवेटिव, मुद्रा बाजार के उपकरणों में लेनदेन को विनियमित करने की शक्ति.
45W. (1) बैंक, सार्वजनिक हित में, या अपने लाभ के लिए देश की वित्तीय प्रणाली को विनियमित ब्याज दरों या ब्याज दर उत्पादों से संबंधित नीति निर्धारण और में काम, सभी एजेंसियों या उनमें से किसी को इस निमित्त निर्देश दे सकता है प्रतिभूतियों, मुद्रा बाजार के उपकरणों, विदेशी मुद्रा, डेरिवेटिव, या बैंक के रूप में की तरह प्रकृति के अन्य उपकरणों से समय समय पर निर्दिष्ट कर सकते हैं:
इस उपधारा के तहत जारी निर्देशों प्रतिभूति संविदा (विनियमन) की धारा 4 के तहत मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों अधिनियम, 1956 (पर, उसमें उल्लेख किया लेनदेन के संबंध में ट्रेडों के निष्पादन या निपटान के लिए प्रक्रिया से संबंधित नहीं होगा बशर्ते कि 1956 का 42).
(2) बैंक, एजेंसियों उपधारा में निर्दिष्ट को विनियमित करने के लिए इसे सक्षम बनाने के उद्देश्य के लिए (1), उनमें से कोई भी जानकारी, बयान या अन्य विवरण के लिए कहते हैं, या किए जाने के लिए ऐसी एजेंसियों के निरीक्षण के कारण हो सकता है.
इस सप्ताह मजबूत हुआ रुपया लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, जानिए रिजर्व बैंक के खजाने में कितना है
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर
Updated on: Jul 30, 2022 | 9:00 AM
इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपए (Dollar vs Rupees) में तेजी दर्ज की गई. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बाजार के अनुरूप इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी की जिसके बाद डॉलर में कमजोरी आई और अन्य करेंसी में उछाल आया है. इस बीत देश का विदेशी मुद्रा भंडार 22 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.152 अरब डॉलर घटकर 571.56 अरब डॉलर रह गया. डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में निरंतर उतार चढ़ाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार घटा विदेशी मुद्रा बाजार है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 7.541 अरब डॉलर घटकर 572.712 अरब डॉलर रह गया था. विदेशी मुद्रा भंडार में आई विदेशी मुद्रा बाजार गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
गोल्ड रिजर्व में आई 14.5 करोड़ डॉलर की गिरावट
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 14.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.502 अरब डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 10.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.963 अरब डॉलर हो गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 2.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.96 अरब डॉलर हो गया.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को नौ महीनों में पहली बार रुपए में एक दिन की सबसे अधिक 45 पैसे की तेजी आई और यह तीन सप्ताह के उच्च स्तर 79.24 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. घरेलू शेयर बाजार में जोरदार तेजी तथा वैश्विक बाजार में डॉलर के कमजोर होने से रुपए को मजबूती मिली है. रुपए में 45 पैसे की तेजी आई, जो 20 अक्टूबर, 2021 के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त है.
डॉलर इंडेक्स में कमजोरी का असर
एलकेपी सिक्यॉरिटीज के शोध विश्लेषक और उपाध्यक्ष, जतिन त्रिवेदी ने कहा, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी के कारण रुपया मजबूत हुआ…कच्चा तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव ने रुपए के लाभ को कुछ हद तक सीमित रखा. एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, डॉलर की गिरावट और शेयर बाजार में तेजी के कारण रुपए में 20 अक्टूबर के बाद सबसे बड़ा एक दिन का लाभ दर्ज किया गया.
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर इंडेक्स 105.707 के स्तर पर बंद हुआ. लगातार दूसरे सप्ताह इस इंडेक्स में गिरावट आई है. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का भाव इस सप्ताह 110 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बंद हुआ. WTI क्रूड का भाव 98.62 डॉलर के स्तर पर बंद हुआ. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने शुक्रवार को 1046 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे.
भारत में विनिमय दर प्रबंधन: इतिहास और प्रकार
विदेशी मुद्रा बाजार वह बाजार है जिसमे विदेशी मुद्राओं को खरीदा व बेचा जाता है। सन 1971 तक IMF के एक सदस्य होने के नाते भारत में ‘निशिचित विनिमय दर प्रणाली' का पालन होता था । ब्रेटन वुड्स प्रणाली के 1971 में ध्वस्त होने के बाद रुपए का मूल्य चार साल तक पौंड के द्वारा निर्धारित होता रहा परन्तु बाद में यह व्यवस्था भी ख़त्म हो गयी I वर्तमान में भारत में प्रबंधित विनिमय दर प्रणाली चलन में है।
वर्तमान में भारत, बाजार और अन्तराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार विनिमय दर का निर्धारण करता है। मुद्रा की मांग व आपूर्ति बाजार आधारित विनिमय दर का निर्धारण विदेशी मुद्रा बाजार करती है। विनिमय दर एक मुद्रा के संबंध में दूसरी मुद्रा का मूल्य है। विदेशी मुद्रा को खरीदने वाले व बेचने वाले लोगों में शेयर दलाल, छात्र, वाणिज्यिक बैंक, केंद्रीय बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, विदेशी मुद्रा दलाल आदि होते हैं। विदेशी मुद्रा विनिमय के प्रमुख कार्यों में निम्न कार्य शामिल हैं:
Forex reserves: रुपये की कमजोरी का 'साइड इफेक्ट', विदेशी मुद्रा भंडार में 7.5 अरब डालर की गिरावट
Forex reserves रुपये में होने वाली किसी बड़ी गिरावट को रोकने के लिए आरबीआइ को बार-बार मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करना पड़ा रहा है। इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर आने लगा है। देश का विदेशी मुदा भंडार सिकुड़ रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क/जागरण ब्यूरो। रुपये में लगातार हो रही गिरावट (Rupee Price Fall) का असर आरबीआइ (RBI) की सेहत पर दिखाई देने लगा है। आरबीआइ की ओर से रुपये की गिरावट को रोकने के लिए किए गए बार-बार के हस्तक्षेप के कारण 15 जुलाई को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserves) 15 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 7.541 अरब डालर घटकर 572.712 अरब डालर रह गया है। आरबीआइ की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, आठ जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डालर घटकर 580.252 अरब डालर रह गया था।
विदेशी मुद्रा भंडार के पांच बड़े फायदे
1. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना किसी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेते होता है। साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च का बोझ उठाया जा सकता है।
2. बड़ा विदेशी मुद्रा रखने वाला देश विदेशी व्यापार को आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।
3. सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय भी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है। इसके साथ कच्चा तेल, दूसरी जरूरी सामान की आयत में बढ़ा नहीं आती है।