विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार

यस बैंक नेट बैंकिंग: वे बातें जो आपको जानना जरूरी हैं
यस बैंक, भारत का 5 वां सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक, 2004 में स्थापित किया गया था। यस बैंक एक 'पेशेवर सेवा डिपॉजिटरी इंस्टीट्यूशन' है जिसने एक निगम, उपभोक्ता, और लघु और मध्यम व्यवसाय (एसएमई) मनी ट्रांसफर संचालन के निर्माण की दिशा में काम किया है, साथ ही साथ मुद्रा क्षेत्र, स्टॉकब्रोकिंग, वित्तीय विश्लेषण, बैंक, औद्योगिक और प्रक्रिया वित्तीय सेवाएं, और वित्तीय सलाहकार। यस बैंक के ग्राहक संस्थान की सेवाओं को कभी भी और कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं।
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गणतंत्र दिवस की झांकी का कैसे होता है चयन
दिल्ली में इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह के लिए अपने राज्य की झांकियों को मंजूरी नहीं दिए जाने से विपक्षी दलों द्वारा शासित तीन राज्य बेहद खफा हैं। सबसे ज्यादा रोष में केरल है जिसकी झांकी लगातार तीसरी बार अस्वीकार की गई है। हालांकि इस तथ्य का दूसरा पहलू यह है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए किसी राज्य की झांकी का चयन एक व्यापक प्रक्रिया का हिस्सा है जो बेहद थकाऊ भी है और चार महीने पहले यानी सितंबर से ही शुरू हो जाती है। जुलाई महीने विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार तक एक विषय चुना गया और 2022 की झांकी के लिए राज्यों को एक ही तरह के पत्र भेजे गए। इसकी प्रक्रिया कुछ इस तरह है:
झांकियों के दिशानिर्देश
गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की है। ऐसे में परेड से जुड़े सभी फैसले यही मंत्रालय लेता है। पत्र 16 सितंबर, 2021 को सभी राज्यों को भेजा गया था और उन्हें गणतंत्र दिवस 2022 की थीम से अवगत कराया गया था। यह थीम आजादी की 75वीं सालगिरह से जुड़ी थी जिसमें विशेष तौर पर 75वें साल में भारत, स्वतंत्रता संग्राम, विचार, उपलब्धियों से जुड़े विषय थे।
कुछ दिशानिर्देशों को हमेशा ध्यान में रखा जाता है जैसे कि दो अलग-अलग राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां एक जैसी नहीं हो सकतीं क्योंकि झांकियों के जरिये देश की विविधता को प्रदर्शित किया जाता है। ऐसे में राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी झांकियों के स्केच बनाएं। झांकियों में केवल राज्य/ केंद्रशाासित प्रदेश/विभाग के नाम ही होने चाहिए जो सामने हिंदी में और पीछे अंग्रेजी भाषा में लिखे होने चाहिए। क्षेत्रीय भाषा में यह नाम बगल के हिस्से में लिखे जा सकते हैं। इनको छोड़कर किसी भी तरह का लेखन या लोगो का इस्तेमाल नहीं हो सकता। मंत्रालय प्रतिभागियों से झांकियों के लिए पर्यावरण अनुकूल सामग्री का इस्तेमाल करने और प्लास्टिक या प्लास्टिक आधारित उत्पादों के इस्तेमाल से बचने के लिए भी कहता है।
इस वर्ष, राज्यों के लिए अतिरिक्त दिशानिर्देश दिए गए थे। मसलन, इस पहल में योग्य युवा डिजाइनरों को शामिल किया जाना, तस्वीरों और सामग्री को उभारने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले वॉल का इस्तेमाल करना, एलईडी लाइट का नए तरीके से इस्तेमाल करना, मेकेट्रोनिक्स या रोबोट का इस्तेमाल कर चीजों को घूमता हुआ दिखाया जा सकता है।
3 डी प्रिंटिंग का इस्तेमाल भी कुछ चीजों को दिखाने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और वर्चुअल रियालिटी जैसी तकनीक के इस्तेमाल की इजाजत भी शामिल है।
कैसे होता है चयन
रक्षा मंत्रालय ही कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला और नृत्य निर्देशन जैसे क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञ लोगों की एक समिति का गठन करता है। राज्यों को सलाह दी जाती है कि वे सीधे इस समिति के सदस्यों से कोई लॉबीइंग न करें। समिति कई दिनों तक घंटों तक बैठक करती है और स्केच के आधार पर प्रत्येक प्रस्ताव पर गहनता से चर्चा करती है। इसी बैठक में यह तय होता है कि क्या चीजें जोड़ी जानी चाहिए और क्या हटाई जानी चाहिए। इस तरह संभावित झांकी को छांटा जाता है। अगर किसी झांकी में नृत्य जोडऩा है तब उस नृत्य की वीडियो क्लिप मांगी जाती है। सबसे कठिन हिस्सा आता है, झांकी का 3 डी मॉडल। इस प्रस्ताव को किसी भी स्तर पर खारिज किया जा सकता है। केवल एक चरण से दूसरे चरण तक पहुंचने का यह मतलब नहीं है कि झांकी परेड में शामिल कर ली जाएगी।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि राज्य अपनी पसंद के डिजाइनरों को शामिल कर सकते हैं। लेकिन डिजाइनरों को रक्षा मंत्रालय की झांकियों की समिति के साथ हर चरण में मौजूद रहना आवश्यक है । अगर वे अनुपस्थित रहे तो झांकी को बाहर निकाला जा सकता है। इसके अलावा दो से अधिक झांकियां बनाने के लिए एक डिजाइनर को नहीं लगाया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसी डिजाइनर का झांकियों के निर्माण पर एकाधिकार न हो।
इस साल झांकियों पर प्रदर्शन करने वाले कलाकारों की संख्या को लेकर अतिरिक्तदिशानिर्देश जारी किए गए हैं और कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए इनकी तादाद सीमित की गई है।
चयन प्रक्रिया
अंतिम चयन करने में समिति, विजुअल अपील, जनता पर प्रभाव, झांकियों के विचार/विषय के ब्योरे पर ध्यान देती है। रक्षा मंत्रालय प्रत्येक प्रतिभागी को एक ट्रैक्टर और एक ट्रेलर देता है। झांकी उस पर फिट होनी चाहिए। मंत्रालय की तरफ से विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार झांकी के लिए किसी भी अतिरिक्त ट्रैक्टर या ट्रेलर या यहां तक कि किसी अन्य वाहन के इस्तेमाल की मनाही है। प्रतिभागी अपने मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए ट्रैक्टर या ट्रेलर को अन्य वाहनों से बदल सकते हैं, लेकिन कुल संख्या दो वाहनों से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ट्रैक्टर को झांकी के विषय के अनुरूप ही होना चाहिए और मंत्रालय के मुताबिक ट्रैक्टर और ट्रेलर के बीच लगभग छह फुट की दूरी होनी चाहिए ताकि उसे घुमाने में आसानी हो। जिस ट्रेलर पर झांकी रखी जाती है वह 24 फीट 8 इंच लंबा, आठ फीट चौड़ा, चार फीट दो इंच ऊंचा है। इसकी 10 टन वजन ढोने की क्षमता है। झांकी जमीन से 45 फीट से ज्यादा लंबी, 14 फीट चौड़ी और 16 फीट ऊंची से अधिक नहीं होनी चाहिए।
खारिज होने की आशंका
जाहिर है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समायोजित नहीं किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों सहित कई राज्यों की झांकियों को नियमित रूप से अस्वीकार कर दिया जाता है और इस वर्ष भी यही स्थिति रही। हालांकि झांकी शामिल न किए जाने पर निराशा भी व्यक्त की गई। इस साल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार स्टालिन ने कहा, 'यह बेहद निराशाजनक है कि तमिलनाडु की झांकी में तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानियों, वीओ चिदंबरनार, महाकवि भरथियार, रानी वेलू नचियार और मारुतु ब्रदर्स को गणतंत्र दिवस की परेड से बाहर रखा गया है।'
तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस (जिनकी 125 वीं जन्म शताब्दी इस वर्ष मनाई जा रही है) को दर्शाने वाली बंगाल की झांकी को शामिल नहीं विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार किया गया। यह हास्यास्पद है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कैसे बार-बार और योजनाबद्ध तरीके से हमारे इतिहास, संस्कृति और गौरव का अपमान करती है। नेताजी की झांकी को ठुकराकर उन्होंने एक बार फिर अपना पाखंड जाहिर किया है। उन्हें बिल्कुल माफ नहीं किया जा सकता है।'
बजट लाइव : आधार कार्ड से भी भरा जा सकेगा आयकर
By DTE Staff
Published: Friday 05 July 2019
- पेट्रोलियम उत्पादों पर एक रुपए प्रति लीटर सेस लगाया जाएगा
- इलेक्ट्रिक वाहनों के कुछ पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी में छूट
- जनधन बैंक खाताधारक महिलाओं को 5 हजार रुपये तक ओवर ड्राफ्ट की अनुमति
- सस्ते घर खरीदने के लिए होम लोन पर साढ़े तीन लाख की सब्सिडी मिलेगी
- आधार नंबर से आयकर दाखिल किया जा सकेगा
- इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा, यह 12 प्रतिशत था
- प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना से 30 लाख कामगारों को लाभ मिलेगा
- इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए लोन के ब्याज पर 1.5 लाख की अतिरिक्त आयकर छूट दी जाएगी
- एयर इंडिया में विनिवेश की रणनीति पर फिर विचार होगा
- इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाएगा
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से सुदृढ़ मत्स्यिकी ढांचे की स्थापना की जाएगी
- प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.38 लाख करोड़ से बढ़ कर 11.37 लाख करोड़ रुपए हो गया है
- बजट घाटा पांच प्रतिशत से कम: निर्मला
- 20 रुपए का सिक्का भी लाएगी सरकार
- स्वच्छ भारत के तहत 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण और 5.6 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हुए
- 2019-20 के लिए विनिवेश का लक्ष्य एक लाख पांच हजार करोड़ रुपए
- हाउसिंग फाइनेंस का रेग्युलेटर अब आरबीआई होगा, पहले नेशनल हाउसिंग बैंक था
- बुनियादी ढांचे पर अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा
- पिछले एक साल में एनपीए एक लाख करोड़ रुपए कम हुआ, चार साल में 4 लाख करोड़ रुपए की रिकॉर्ड रिकवरी हुई
- उज्ज्वला योजना से हर साल 18341 करोड़ रुपए की बचत
- एफपीआई निवेश की सीमा 24 प्रतिशत से बढ़ाकर क्षेत्रीय विदेशी निवेश सीमा तक करने का प्रस्ताव
- 2019-20 में चार नई एबेंसी बनेंगी
- भारतीय पासपोर्ट धारक एनआई को आधार के लिए 180 दिनों का इंतजार नहीं करना होगा
- नारी तू नारायणी योजना लॉन्च होगी, जिसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जो महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सुझाव रखेगी
- अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रिसर्च फाउंडेशन का प्रस्ताव
- स्वयं सहायता समूह में शामिल हर महिला मुद्रा स्कीम के तहत 1 लाख रुपए का लोन ले सकती है
- 2024 तक 256 जिलों में जल प्रबंधन का सुधार होगा
- 2022 तक डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर पार्ट योजना पूरी होगी: वित्त मंत्री
- रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम
- 35 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे जा चुके हैं, इससे 18341 करोड़ रुपए सालाना की बचत विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार की गई : निर्मला
- स्टैंड अप योजना ने सम्मान भरी जिंदगी दी, 2 साल में 300 उद्यमी बनकर उभरे
- सीवर सफाई में रोबोट का इस्तेमाल लिया जाएगा
- तमाम श्रम कानूनों को चार कोड में समाहित करने की योजना
- स्टार्ट अप्स के लिए नया दूरदर्शन चैनल
- भारत एक बड़ी अतंरिक्ष शक्ति के रूप में उभरा है, अब समय आ गया है जब हम अपनी इस क्षमता का व्यापारिक रूप से उपयोग करें
- उड्डयन, मीडिया, एनिमेशन एवीजीसी और बीमा जैसे क्षेत्रों में आगामी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का निर्णय सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श और गहन चिंतन के बाद लिया जाएगा
- सरकार 'गांव, गरीब और किसानों' को अपनी प्रत्येक योजनाओं में अहम स्थान देती है
- एनआरआई को फॉरेट पोर्टफोलिया इन्वेस्टमेंट से जोड़ा जाएगा
- विदेशी छात्रों को भारत लाने पर ध्यान
- कैंपा और जल शक्ति अभियान के लिए अतिरिक्त फंड
- यात्री ट्रेनों के लिए कुछ डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर खोले जाएंगे
- राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का 2 अक्टूबर को उद्घाटन किया जाएगा। यह देश के खुले में शौच से मुक्त होने के उपलक्ष्य में होगा
- रेलवे को सबअर्बन में निवेश के लिए प्रेरित किया जाएगा
- 81 लाख घर मंजूर हुए, 47 लाख में काम शुरू, 24 लाख लाभार्थियों को दिए गए
- 95 प्रतिशत शहर खुले में शौच से मुक्त
- वर्षा जल संरक्षण के लिए स्थानीय स्तर पर बुनियादी ढांचा विकसित होगा
- दलहन में डेढ़ साल में बड़ी तरक्की की है अब तिलहन में ऐसा ही किया जाएगा
- निजी उद्यम को कृषि व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा
- 2024 तक हर ग्रामीण घर में जल पहुंचाया जाएगा
- किसानों से उपज की खरीद के लिए 10 हजार संगठन बनेंगे
- वित्त मंत्री ने जीरो बजटिंग खेती पर बात की
- तिलहन का उत्पादन बढ़ाने पर जोर
- 80250 करोड़ की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण की शुरुआत की जाएगी: निर्मला
- गैस और पानी के लिए भी एक राष्ट्रीय ग्रिड बनेगा
- हर ग्रामीण के घर तक बिजली पहुंचाएंगे, लेकिन उनको घरों को छोड़कर, जो कनेक्शन नहीं चाहते हैं
- 1.95 करोड़ घर प्रस्तावित
- रेलवे में सुधार के लिए पीपीपी मॉडल पर काम होगा
- 3 करोड़ छोटे व्यापारियों के लिए पेंशन की पैरवी
- रेलवे में सुधार के लिए 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपए की जरूरत
- सिंगल ब्रांड रिटेल के लिए आसान होंगे नियम
- स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएं और बच्चे और नागरिकों की सुरक्षा को अहम स्थान दिया गया
- विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बीच एफडीआई का प्रवाह स्वस्थ
- वित्त मंत्री ने एमएसएमई के लिए जल्दी लोन की वकालत की
- सरकार ने जनभागीदारी, न्यूनतम सरकार अधिकतम अभिशासन के साथ टीम इंडिया के तौर पर कार्य किया
- उज्जवला डिस्कॉम योजना में सुधार किया जाएगा
- सार्वजनिक आवास निजी लोगों की मदद से उपलब्ध कराए जाएंगे
- मेक इन इंडिया के तहत एमएसएमई, स्टार्ट अप और रक्षा विनिर्माण पर जोर दिया गया
- खाद्यानों, दलहनों, तिलहनों, फलों और सब्जियों की स्व-पर्याप्तता और निर्यात पर विशेष रूप से जोर दिया गया
- छोटे कारोबारियों को बिना गारंटी लोन देने के लिए 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है
- वाटर ग्रिड का प्रस्ताव रखा वित्त मंत्री ने
- फेम 2 योजना के लिए 10 करोड़, मुख्य ध्यान विद्युत वाहनों के चार्जिंग सुविधाओं पर
- सरकारों द्वारा भारतमाला के दूसरे चरण को गति दी जाएगी
- सागरमाला उच्च प्राथमिकता, इस बार गरीबों के दृष्टिकोण से
- सिंचाई से हवाई जहाज के निर्माण तक की आधारभूत संरचनाओं पर ध्यान
- हमारा उद्देश्य मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक बनाना है: वित्त मंत्री
- हमने केंद्र राज्य गतिशीलता, सहकारी संघवाद, जीएसटी परिषद, राजकोषीय अनुशासन को प्रतिबद्धता प्रदान की है
- 2014-19 में खाद्य सुरक्षा पर प्रतिवर्ष औसत से दोगुना खर्च किया गया
- जीएसटी ने आर्थिक अनुशासन बढ़ाया
- शौचालयों विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार के निर्माण ने महिलाओं को सम्मान की जिंदगी देने में मदद की
- जल, जल प्रबंधन, नदी, नीली अर्थव्यवस्था हमारी प्राथमिकता: वित्त मंत्री
- इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी
- 5 साल में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता
- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओर भी चिराग जलता है: वित्त मंत्री
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण शुरू
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बजट को मंजूरी दी
- इस बार बजट ब्रीफकेस में नहीं, लाल रंग के मखमली कपड़े में लिपटा है
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छात्रों को मशीन बना रहे हैं कॉलेज, नेता आदर्श बन पाने में असमर्थ: चंद्रबाबू नायडू
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, राजनेता लोगों को प्रेरित नहीं कर पाते क्योंकि उन्होंने अपने मूल्यों को परिष्कृत नहीं किया है. The post छात्रों को मशीन बना रहे हैं कॉलेज, नेता आदर्श बन पाने में असमर्थ: चंद्रबाबू नायडू appeared first on The Wire - Hindi.
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, राजनेता लोगों को प्रेरित नहीं कर पाते क्योंकि उन्होंने अपने मूल्यों को परिष्कृत नहीं किया है.
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू. (फोटो: पीटीआई)
अमरावती: आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को टिप्पणी की कि राजनीतिक नेता लोगों को प्रेरित कर पाने में असमर्थ हैं, खासकर छात्रों को, और ऐसा इसलिए है क्योंकि नेताओं ने अपने मूल्यों को परिष्कृत नहीं किया है.
उन्होंने अफसोस जताया कि नेता अब तक आदर्श नहीं बन पाए हैं. नायडू ने राज्य विधानसभा में कहा, हमारे राजनीतिक नेताओं के मूल्य परिष्कृत नहीं हुए हैं, इसलिए हम अब तक आदर्श नहीं बन पाए हैं. हम लोगों को खासकर छात्रों को प्रेरित कर पाने में असमर्थ हैं. इसमें अभी और वक्त लगेगा.
वह छात्रों की आत्महत्या के मुद्दे पर एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान यह बातें बोल रहे थे. उन्होंने सदन में भाजपा के नेता पी विष्णु कुमार राजू के आग्रह पर प्रतिक्रिया देते हुए यह टिप्पणी की जिसमें ऐसी घटनाओं को रोकने के वास्ते कॉलेजों का निरीक्षण करने के लिए विधायकों की एक समिति गठित करने की बात कही गई थी.
मुख्यमंत्री ने ऐसे पैनल के गठन का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा, छात्रों को ऐसा लगता है कि विधानसभा केवल शोरगुल मचाने के लिए होती है. आजकल कोई भी छात्र विधायक नहीं बनना चाहता.
मुख्यमंत्री ने कहा, वह सिर्फ पुलिस उपनिरीक्षक, शिक्षक, आईएएस या आईपीएस अधिकारी बनना चाहते हैं. वह राजनीति की बातों पर हंसते हैं. अगर हम अनुकरणीय होंगे, तो विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार हम छात्रों के लिए आदर्श बन सकते हैं.
शिक्षण संस्थाएं जीवन के साथ खिलवाड़ करने से बाज आएं
आंध्रप्रदेश में विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या करने की बड़ी संख्या में घटनाएं सामने आने के मद्देनजर राज्य सरकार ने शिक्षण संस्थानों को चेताया कि वह छात्रों पर अनुचित दबाव बनाने और उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने से बाज आएं.
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में कहा कि विदेशी मुद्रा रोबोट के बारे में अतिरिक्त विचार विद्यार्थियों को मशीन और रोबोट के रूप में ढाला जा रहा है.
नायडू ने कहा, कई ऐसे कारण हैं जो विद्यार्थियों को आत्महत्या के लिए बाध्य कर रहे हैं. उनमें मुख्य रूप से उन पर बढ़ता दबाव है. अभिभावक भी बच्चों पर ज्यादा अंक लाने का दबाव डाल रहे हैं. कॉलेजों में विद्यार्थियों के कार्यनिष्पादन की ग्रेडिंग, स्वास्थ्य समस्याएं, पारिवारिक समस्याएं, प्रेम में विफलता, दबाव… कुछ कारण हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, कुछ विद्यार्थी अपनी जान दे रहे हैं क्योंकि वे छात्रावासों में रहने को इच्छुक नहीं हैं. कुछ अपने संस्थानों के उच्च मानकों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते.
छात्रों को रोबोट के रूप में ढाला जा रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के अलावा किसी तरह की गतिविधियों की गुंजाइश नहीं होती क्योंकि उन्हें सुबह पांच बजे से लेकर रात साढ़े दस बजे तक उन्हें पढ़ने के लिए बाध्य किया जाता है.
उन्होंने कहा, रविवार और अन्य छुट्टियों में भी विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने के लिए बाध्य किया जाता है. कोई खेल-कूद नहीं, कोई अतिरिक्त गतिविधियां नहीं, कोई टेलीविजन या अखबार नहीं, सामाजिक जिम्मेदारी की बात नहीं. विद्यार्थियों को मशीन एवं रोबोट के रूप में ढाला जा रहा है. यह बहुत परेशान करने वाली बात है.
उन्होंने कहा, शिक्षण संस्थानों को नयी तकनीकें अपनानी चाहिए और दीर्घावधि के अध्यापन को नहीं अपनाना चाहिए. उन्हें विद्यार्थियों में नये कौशल डालना चाहिए और उनकी रचनात्मकता बढ़ानी चाहिए. शिक्षा मजेदार होनी चाहिए और विद्यार्थियों को उसका आनंद लेना चाहिए. विद्यार्थियों को मशीनों के रूप में ढालना सही नहीं है. हम ऐसे प्रबंधनों को कड़ाई से दंडित करेंगे.