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प्रीमियम ब्रोकर्स

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टर्म इंश्योरेंस खरीदना है? जल्दी कीजिए, कुछ दिनों में बढ़ सकता है प्रीमियम

Harsha Engineers Listing Strategy: पहले ही दिन शेयर पहुंचे 49% प्रीमियम पर, प्रॉफिट बुक करें या बने रहें, एक्सपर्ट्स की ये है राय

Harsha Engineers Listing Strategy: हर्षा इंजीनियरिंग के शेयरों की आज बंपर लिस्टिंग हुई और यह 49 फीसदी प्रीमियम भाव तक चल गया। लिस्टिंग के बाद अब एक्सपर्ट्स निवेशकों का रूझान मिला-जुला दिख रहा है

Harsha Engineers Listing Strategy: हर्षा इंजीनियर्स के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में उम्मीद के मुताबिक ही धमाकेदार लिस्टिंग हुई।

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Harsha Engineers Listing Strategy: हर्षा इंजीनियर्स के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में उम्मीद के मुताबिक ही धमाकेदार लिस्टिंग हुई। घरेलू मार्केट में कमजोर रूझानों के बावजूद हर्षा इंजीनियर्स की दमदार लिस्टिंग ने निवेशकों को आज खुश होने का मौका दिया। लिस्टिंग के बाद इसमें खरीदारी के चलते भाव और मजबूत हुए और अभी यह 330 रुपये के इश्यू प्राइस के मुकाबले करीब 50 फीसदी प्रीमियम 493.70 रुपये (Harsha Engineers Share Price) के भाव पर ट्रेड कर रहा है।

इसमें निवेश बनाए रखें या प्रॉफिट बुक करें, इसे लेकर एनालिस्ट्स का मिला-जुला रूझान है। अधिकतर एक्सपर्ट्स बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए प्रॉफिट बुक करने की सलाह दे रहे हैं। आज सेंसेक्स और निफ्टी 50 में एक फीसदी से अधिक की गिरावट है।

Life Insurance कंपनियों की न्यू बिजनेस प्रीमियम से इनकम 15% बढ़कर 24,916 करोड़ रुपये हुई, क्या फिर सब पर भारी पड़ी LIC?

Life insurance firms : एक साल पहले की समान अवधि यानी अक्टूबर, 2021 में सभी 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की न्यू बिजनेस इनकम 21,606.25 करोड़ रुपये थी

लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल (Life Insurance Council) ने अक्टूबर महीने के लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की इनकम से जुड़े डेटा जारी किए हैं

Life insurance firms new business premium : भारत की लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की न्यू बिजनेस प्रीमियम के रूप में होने वाली इनकम अक्टूबर, 2022 में 15.3 फीसदी बढ़कर 24,916.58 करोड़ रुपये हो गई। लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल (Life Insurance Council) के 7 नवंबर को जारी डेटा में यह बात सामने आई है।

एक साल पहले की समान अवधि यानी अक्टूबर, 2021 में सभी 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की न्यू बिजनेस इनकम 21,606.25 करोड़ रुपये थी। पब्लिक सेक्टर की एकमात्र और सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की पिछले महीने नई पॉलिसी के प्रीमियम से इनकम 18 फीसदी बढ़कर 15,920.13 करोड़ रुपये हो गई।

ये है दलालों का 'प्रीमियम' फर्जीवाड़ा

KANPUR: दलालों पर लगाम लगाने और पैसेंजर को कंफर्म सीट दिलाने के लिए रेलवे ने प्रीमियम तत्काल कोटा शुरू किया। बड़ी बात ये है कि यह कोटा सिर्फ नार्मल पैसेंजर के लिए है, जो इसे अपनी पर्सनल आईडी से ही बुक करा सकता है, लेकिन दलालों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। खास बात यह है कि दलाल रेलवे की डायनेमिक फेयर स्कीम के तहत किराया फिक्स न होने का फायदा भी उठा रहे हैं और पैसेंजर्स की जेब पर डाका डाल रहे हैं।

प्रीमियम तत्काल कोटे में दलालों की सेंधमारी

दलालों ने प्रीमियम तत्काल कोटे में सेंधमारी किसी शातिर तरीके से नहीं बल्कि बेहद आसान तरीके से की है। उन्हें मालूम है कि एजेंट आईडी से तत्काल प्रीमियम टिकट की बुकिंग नहीं होती है। यह सिर्फ पर्सनल आईडी से बुक होती है। ऐसे में दलाल पर्सनल आईडी से ही प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत बुकिंग कर रहे हैं। बुकिंग कराने तक तो ठीक था, लेकिन जो टिकट पैसेंजर को दिया जा रहा है, उसमें किराये की रकम को बदल दिया जाता है। दरअसल तत्काल प्रीमियम टिकट जिस डायनेमिक फेयर स्कीम के तहत बनाए जाते हैं, ये दलाल उसका फायदा उठा रहे हैं। क्योंकि इसमें किराया हमेशा बदलता रहता है।

फर्जीवाड़े को इस तरह समझे

प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत होने वाली बुकिंग की खासियत यही है कि डायनेमिक फेयर स्कीम में सीटों का किराया उसकी उपलब्धता के अनुसार तय होता है। रेलवे ने ज्यादा भीड़ भाड़ वाली ट्रेनों में ही यह कोटा लागू किया है। ऐसे में तत्काल प्रीमियम कोटे में होने वाली टिकट बुकिंग में किराया तत्काल कोटे के किराए से दो गुने से भी ज्यादा हो सकता है। अगर बतौर उदाहरण इसे समझाया जाए तो यदि तीन पैसेंजर्स को 9 मई को कानपुर से दिल्ली श्रमशक्ति एक्सप्रेस से जाना है। वह तत्काल प्रीमियम कोटे के तहत टिकट बुक कराते हैं तो जरूरी नहीं कि इन तीनों का किराया एक ही हो। एक टिकट बनने पर भी तीनों के किराए में अंतर हो सकता है, लेकिन अगर आप दलाल से प्रीमियम तत्काल कोटे में टिकट बुक कराते हैं, जिसका उसे अधिकार भी नहीं है। फिर भी वो पर्सनल आईडी बनाकर प्रीमियम कोटे की टिकट बुक करता है और इन तीन टिकटों के किराए के फर्क में ही खेल करता है।

दलालों ने ऐसे उठाया तत्काल प्रीमियम कोटे का फायदा

मो। अयान ने म् मई को कानपुर सेंट्रल से मुंबई सीएसटी के लिए एक दलाल से प्रीमियम ब्रोकर्स पुष्पक एक्सप्रेस के स्लीपर कोच के तीन टिकट तत्काल प्रीमियम कोटे से बुक कराए। इस कोटे से फ् कंफर्म टिकटों के लिए उन्होंने फ्म्97 रुपए किराया अदा किया। जिसमें ख्ख्.ब्7 रुपए सर्विस चार्ज भी जुड़ा था। इस हिसाब से एक टिकट की कीमत क्ख्ख्भ् रुपए के करीब पड़ी। ए-ब् साइज के जिस कागज को उन्हें टिकट बता कर दिया गया, उसमें ट्रांजेक्शन नंबर आईडी, पीएनआर नंबर दिया था, लेकिन रेलवे का कोई सिम्बल नहीं बना था, जिससे यह स्पष्ट हो कि वह रेलवे का टिकट है। सिर्फ नीचे किराया दिया गया था। वहीं उसी दिन प्रीमियम तत्काल कोटे में पुष्पक एक्सप्रेस की स्लीपर सीट का किराया रेलवे की वेबसाइट से चेक किया गया तो पता चला कि एक सीट का किराया 7भ्0 रुपए ही था। दलाल से कराए टिकट के बदले मो। अयान को भ्00 रुपए ज्यादा देने पड़े।

प्रीमियम तत्काल कोटे में बुकिंग के नियम

क्- एजेंट आईडी से नहीं सिर्फ पर्सनल आईडी से ही होगी बुकिंग

ख्- डायनेमिक फेयर स्कीम के तहत इस कोटे में सीटों की उपलब्धता के अनुसार ही किराया घटेगा या बढ़ेगा

फ्- सिर्फ ई टिकट की ही होगी बुकिंग

ब्- सिर्फ कंफर्म टिकट ही प्रीमियम ब्रोकर्स मिलेगा आरएसी या वेटिंग लिस्ट नहीं होगी

भ्- बच्चों का भी पूरा किराया वसूला जाएगा

म्- इस कोटे में किराए पर कोई कंसेशन नहीं मिलेगा

7- बुकिंग के समय एक यात्री के आईडी पू्रफ नंबर को भी दर्ज किया जाएगा

8- इस कोटे के तहत बुक सीटों में कैंसिलेशन पर कोई रिफंड नहीं मिलेगा

9- तत्काल कोटे की इंटरनेट बुकिंग के ही सारे नियम इस कोटे में भी लागू होंगे।

तत्काल प्रीमियम कोटे के तहत दलाल तो दूर एजेंट भी टिकट बुक नहीं कर सकते। दलालों को दूर रखने के लिए ही यह सुविधा शुरू की गई है। ऐसे में अगर इस कोटे के टिकट में अगर कोई गड़बड़ी है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

टर्म इंश्योरेंस खरीदना है? जल्दी कीजिए, कुछ दिनों में बढ़ सकता है प्रीमियम

लॉकडाउन के दौरान आपका टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम भी बढ़ जाएगा। इंश्योरेंस ब्रोकर्स के मुताबिक, 10 अप्रैल 2020 से टर्म लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम बढ़ सकता है। पहले प्री्मियम 1 अप्रैल से बढ़ना था, लेकिन कोरोनावायरस के कारण अब यह 10 अप्रैल से बढ़ सकता है। इंडस्ट्री के सूत्रों ने प्रीमियम ब्रोकर्स ऐसी जानकारी दी है।

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टर्म इंश्योरेंस खरीदना है? जल्दी कीजिए, कुछ दिनों में बढ़ सकता है प्रीमियम

कुछ दिन बाकी, बढ़ जाएगा टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम

पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के सीबीओ-लाइफ इंश्योरेंस, संतोष अग्रवाल का कहना है कि मौजूदा प्रीमियम रेट पर जो लोग पॉलिसी खरीदना चाहते हैं उनके पास अभी कुछ दिनों का वक्त बाकी है। इसके बाद प्रीमियम बढ़ जाएगा। अग्रवाल ने बताया, 'रीइंश्योरेंस की बढ़ी हुई लागत को देखते प्रीमियम ब्रोकर्स हुए 10 अप्रैल से प्रीमियम बढ़ सकता है। प्रीमियम में 15 से 40 पर्सेंट तक की बढ़ोतरी हो सकती है, यह इंश्योरर पर निर्भर करता है।' उन्होंने आगे कहा, बिजनस स्ट्रेस को देखते हुए रीइंश्योरर कॉस्ट रिवाइज कर चुके हैं। इंश्योरेंस कंपनियों के लिए रीइंश्योरेंस प्रीमियम रेट बढ़ गए हैं, लिहाजा टर्म इंश्योरेंस प्लान पर असर पड़ना तय है।

कॉस्ट क्यों बढ़ा रहे रीइंश्योरर?

बीमाकर्ता आमतौर पर एक ऐसे कॉन्सेप्ट पर काम करते हैं, जिसके तहत प्रीमियम से इकट्ठा होने वाले पैसे का फंड तैयार किया जाता है। इस फंड से उन पॉलिसीहोल्डर्स को क्लेम का भुगतान किया जाता है जो साल के दौरन मौत का शिकार हो जाते हैं। लिहाजा, टर्म इंश्योरेंस में व्यक्तिगत लॉस की ग्रुप शेयरिंग की जाती है। यही वजह है कि टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम का रेट करते समय इंश्योरर को अलग-अलग उम्र के लोगों में मौत की दर को कैलकुलेट करना होता है।

LIC का मॉर्टैलिटी टेबल है आधार

lic-

अग्रवाल का कहना है, 'हमारे पास जो टर्म इंश्यरोंस पॉलिसीज हैं, वे LIC के मॉर्टैलिटी टेबल पर आधारित हैं क्योंकि अन्य आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।' प्रीमियम की गणना करते हुए निजी क्षेत्र के बीमाकर्ताओं का मानना है कि सरकारी बीमा कंपनियां मौत की जो दर मानती हैं, वे उनसे कम हैं। बहरहाल, इंडस्ट्री के लेटेस्ट आंकड़ों के मुताबिक, ऐसा मालूम पड़ता है कि मृत्यु दर पहले के मुकाबले ज्यादा है, जिसके आधार पर प्रीमियम की गणना की जाती है।

प्रीमियम पर विचार की क्यों पड़ी जरूरत?

टर्म इंश्योरेंस के क्लेम पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ गए हैं। यही वजह है कि इंडियन हों या ग्लोबल इंश्योरर, सब कवर के मामले में सतर्कता बरत रहे हैं। प्रीमियम रेट पर दोबारा काम किया जा रहा है। रीइंश्योरेंस की कॉस्ट बढ़ने के कारण पॉलिसी खरीदने वालों के लिए प्रीमियम बढ़ा सकती हैं।

कहां से आता है प्रॉफिट?

लाइफ इंश्योंरेस कंपनियों के प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा अमूमन टर्म इंश्योरेंस की सेल से आता है। प्रॉफिटेबिलिटी और प्रीमियम के ट्रेड-ऑफ के जरिए बीमाकर्ता रणनीतिक फैसले लेती हैं।

टर्म प्लान पर रीइंश्योरेंस की कॉस्ट का कैसे पड़ता है असर?

बीमाकर्ताओं द्वारा टर्म पॉलिसी प्रीमियम मॉर्टैलिटी, उम्र और व्यवसाय के जोखिम, आदि को देखते हुए तय किए जाते हैं। इसके अलावा यह भी देखा जाता है कि रीइंश्योरर पर कितना जोखिम पहुंचता है। यहां यह समझना जरूरी है कि रीइंश्योरर कंपनियां ऐसी बीमा कंपनियां होती हैं जो इंश्योरर को फाइनैंशल सपॉर्ट देती हैं और जोखिम का कुछ हिस्सा खुद वहन करती हैं।

जल्द लागू होंगे बढ़े हुए प्रीमियम

बजाज कैपिटल के चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर विनय तालुजा ने बताया, बीमाकर्ताओं ने प्रीमियम रिवाइज कर दिए हैं और जल्द ये लागू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रीमियम बढ़ सकते हैं क्योंकि हर टर्म प़लिसी का सम अश्योर्ड का बड़ा हिस्सा रीइंश्योर्ड होगा।

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