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एक पेनेटेंट बुलिश है

एक पेनेटेंट बुलिश है
कंपनी का कहना है कि पाउडर से जो जेल बनता है वो 10 साल तक रह सकता है.

एक पेनेटेंट बुलिश है

क्या भारत फोर्ज एक अच्छा दीर्घकालिक निवेश है? Moneyworks4me द्वारा पिछले 10 वर्षों के वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड विश्लेषण और भविष्य की संभावनाओं के आकलन से संकेत मिलता है कि भारत फोर्ज लिमिटेड एक अच्छा दीर्घकालिक निवेश है।

क्या भारत फोर्ज लंबी अवधि के लिए अच्छी खरीदारी है?

क्या भारत फोर्ज एक अच्छा दीर्घकालिक निवेश है? Moneyworks4me द्वारा पिछले 10 वर्षों के वित्तीय ट्रैक रिकॉर्ड विश्लेषण और भविष्य की संभावनाओं के आकलन से संकेत मिलता है कि भारत फोर्ज लिमिटेड एक अच्छा दीर्घकालिक निवेश है।

भारत फोर्ज कौन सा सेक्टर है?

टाइप जनता
में है INE465A01025
उद्योग फोर्जिंग धातु मशीनरी इंजीनियरिंग
स्थापित 1961 डॉ. नीलकंठराव ए. कल्याणी द्वारा
मुख्यालय पुणे, महाराष्ट्र, भारत

क्या भारत फोर्ज लार्ज कैप है?

भारत फोर्ज लिमिटेड, Auto Ancillaries क्षेत्र में सक्रिय, एक पेनेटेंट बुलिश है साल 1961 में निगमित, एक लार्ज कैप कंपनी है (मार्केट कैप – Rs 32637.76 करोड़) |

भारत फोर्ज क्या बनाती है?

भारत फोर्ज ऑटोमोबाइल (व्यावसायिक और यात्री वाहनों में), तेल और गैस, एयरोस्पेस, लोकोमोटिव, समुद्री, ऊर्जा (नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय स्रोतों में), निर्माण, खनन और सामान्य सहित कई क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण और सुरक्षा घटकों की एक विस्तृत श्रृंखला बनाती है। अभियांत्रिकी।

भारत फोर्ज के सीईओ कौन हैं?

श्री बीएन कल्याणी, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, भारत फोर्ज को वर्ष 2004 के बिजनेस स्टैंडर्ड सीईओ से सम्मानित किया गया है।

भारत फोर्ज के संस्थापक कौन हैं?

नीलकंठ कल्याणी
नीलकंठ कल्याणी ने 1951 में भारत फोर्ज की स्थापना की जो बाद में तेजी से विस्तार के साथ फोर्जिंग क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बन गया। भारत फोर्ज कल्याणी समूह की प्रमुख कंपनी है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फोर्जिंग निर्माता है।

भारत फोर्ज निर्माता क्या करता है?

भारत फोर्ज के अध्यक्ष कौन हैं?

श्री बीएन कल्याणी
श्री बीएन कल्याणी, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, भारत फोर्ज को वर्ष 2004 के बिजनेस स्टैंडर्ड सीईओ से सम्मानित किया गया है।

भारत फोर्ज की स्थापना किसने की?

कल्याणी समूह का मालिक कौन है?

कल्याणी समूह की स्थापना एक उद्योगपति नीलकंठराव कल्याणी ने की थी। समूह के अध्यक्ष वर्तमान में उनके बेटे बाबा कल्याणी हैं।

क्या कल्याणी M4 भारत में बनी है?

ये वाहन भारत में निर्मित और विकसित किए गए हैं। लद्दाख में सफल परीक्षणों के बाद, मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में कल्याणी M4 बख्तरबंद वाहनों के लिए एक आपातकालीन आदेश दिया। M4 को दक्षिण अफ्रीकी रक्षा उपकरण निर्माता – पैरामाउंट ग्रुप के साथ साझेदारी में बनाया गया है।

'ठोस बारिश' से मिलेगी सूखे से निज़ात?

'ठोस बारिश' से मिलेगी सूखे से निज़ात?

लेकिन क्या "सॉलिड रेन" इस समस्या से निज़ात दिला सकता है? और क्या इसका इस्तेमाल कर कई गुना ज़्यादा फसल हासिल की जा सकती है.

संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि हम जो पानी इस्तेमाल करते हैं उसमें एक बड़ा हिस्सा सिंचाई का होता है. कुछ शोधकर्ता इस पहलू पर काम कर रहे हैं कि क्या खेती में पानी लंबे समय तक इस्तेमाल हो सकता है.

सॉलिड रेन असल में एक पाउडर है जो बहुत ज़्यादा मात्रा में पानी सोख सकता है और फिर इसे पूरे साल थोड़ा-थोड़ा कर के छोड़ता रहता है ताकि पौधे सूखे में भी ज़िंदा रह सकें.

ख़ास बात ये कि सिर्फ 10 ग्राम पाउडर एक लीटर पानी सोख सकता है. इस पाउडर में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ एक तरह का शोषक पॉलीमर होता है जिसे मूल रूप से अमेरिका के कृषि विभाग ने तैयार किया है.

'300 फीसदी ज़्यादा फसल'

कंपनी का कहना है कि पाउडर से जो जेल बनता है वो 10 साल तक रह सकता है.

इस तकनीक का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल यूं तो बच्चों की नैपी में होता है लेकिन मेक्सिको के एक इंजीनियर सर्गियो जीसस रिको वेलासो ने इस तकनीक का एक अलग पेटेंट वाला संस्करण तैयार किया.

वेलासो ने एक कंपनी बनाई जो "सॉलिड रेन" बेचती है. ये कंपनी बीते 10 साल से मेक्सिको में ये उत्पाद बेच रही है.

कंपनी का कहना है कि मेक्सिको की सरकार ने "सॉलिड रेन" का परीक्षण किया और पाया कि इसे मिट्टी में मिलाने पर 300 फीसदी ज़्यादा फसल हासिल की जा सकती है.

सॉलिड रेन कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट एडविन गोन्जालेज़ के मुताबिक पानी की कमी की वजह से लोगों की इस उत्पाद में दिलचस्पी बढ़ी है.

गोंजालेज़ ने बीबीसी से कहा, "ये पाउडर पानी को जकड़ लेता है, हमारा उत्पाद ज़मीन में 8 से 10 साल तक बना रहता है, शुद्ध पानी इस्तेमाल करने पर ये और लंबे एक पेनेटेंट बुलिश है समय तक टिकता है."

सॉलिड रेन कंपनी का कहना है कि एक हेक्टेयर ज़मीन में 50 किलोग्राम पाउडर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

"ऐसे उत्पाद नए नहीं हैं और ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण भी नहीं हैं जिनसे ये लगे कि ये पानी कई साल तक रोक सकते हैं या मिट्टी में 10 साल तक रह सकते हैं."

-डॉक्टर लिंडा चाकर स्कॉट, वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी

हालांकि ये पाउडर सस्ता नहीं है, 50 किलोग्राम पाउडर की कीमत 1500 डॉलर यानी करीब 92 हज़ार रुपये है.

सॉलिड रेन का दावा है कि ये पाउडर प्राकृतिक है और कई साल तक इस्तेमाल किए जाने पर भी मिट्टी को ख़राब नहीं करेगा.

गोंजालेज़ कहते हैं, "हमारा उत्पाद ज़हरीला नहीं है, विघटित होने के बाद ये पौधे का हिस्सा बन जाता है."

'उतना असरदार नहीं'

हालांकि सभी इससे सहमत नहीं हैं कि सॉलिड रेन सूखे की समस्या का महत्वपूर्ण हल है.

वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी की डॉक्टर लिंडा चाकर स्कॉट कहती हैं, "ऐसे उत्पाद नए नहीं हैं और ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण भी नहीं हैं जिनसे ये लगे कि ये पानी कई साल तक रोक सकते हैं या मिट्टी में 10 साल तक रह सकते हैं.

जैसे ही जेल सूखने लगते हैं ये वातावरण का पानी भी सोखने लगते हैं. इसका मतलब ये हुआ कि ये सीधे पौधों की जड़ों से पानी लेने लगेंगे."

उनका मानना है कि लकड़ी का बुरादा भी उतना ही प्रभावकारी है और सस्ता भी है.

भले ही विज्ञान सॉलिड रेन जैसे पाउडर से होने वाले फ़ायदे के बारे में पूरी तरह से आश्वस्त न हो, सॉलिड रेन के वाइस प्रेसिडेंट एडविन एक पेनेटेंट बुलिश है गोंजालेज़ कहते हैं, "ऑस्ट्रेलिया और भारत के सूखे इलाकों से हमसे इस पाउडर के बारे में पूछा जा रहा है."

Chhattisgarh Weather Update : छत्तीसगढ़ के अनेक हिस्सों में बारिश, तापमान में गिरावट

Chhattisgarh Weather Update : छत्तीसगढ़ के अनेक हिस्सों में बारिश, तापमान में गिरावट

रायपुर। Chhattisgarh Weather Update छत्तीसगढ़ में मौसम का मिजाज निरंतर बदल रहा है। दिन में तेज धूप और रात में गरज-चमक के साथ बारिश होने से दिन के तापमान में आंशिक गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही उमस बढ़ने से जनसामान्य की बेचैनी बढ़ी है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर, एक पेनेटेंट बुलिश है दूसरा चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी विदर्भ और उसके आसपास तथा एक द्रोणिका 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर पूर्वी विदर्भ से एक पेनेटेंट बुलिश है तमिलनाडु तक स्थित है। इसके प्रभाव से आज सात मई को छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थान पर हल्की वर्षा होने या गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना जाहिर की गई है।

इसके साथ ही चेतावनी दी गई है कि प्रदेश के एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ तेज हवाएं चलेगी अथवा आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। अधिकतम तापमान में अगले 24 घंटे के बाद उत्तर छत्तीसगढ़ में वृद्धि संभावित है शेष भागों में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। तापमान का ट्रेंड वृद्धि की ओर अभी लगातार रहने की संभावना जाहिर की गई है।

धमतरी से मिली जानकारी के अनुसार अल सुबह से मौसम खराब है। आसमान में बादल छाए हुए हैं। तेज गर्जना के साथ सुबह से ही घंटे दो घंटे तक बारिश हुई। इससे रबी सीजन के धान फसल की कटाई नहीं कर पाने वाले किसानों की परेशानी बढ़ गई है। महासमुंद में भी देर रात तेज अंधड़ के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। अलसुबह 5 बजे से शुरू हुई रिमझिम बारिश सुबह करीब सात बजे थमी। इसके साथ ही आसमान साफ है और तेज धूप खिल गया है।

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दन्तेवाड़ा में बीती रात करीब एक घण्टे तक तेज हवा चली और इसके साथ ही झमाझम बारिश हुई। आज सुबह 7 बजे दोबारा तेज बारिश होने के बाद धूप निकल आया है। बारिश होने के बाद तेज एक पेनेटेंट बुलिश है धूप निकल आने से उमस बढ़ गई है। इसके पहले सप्ताहभर तक बिलासपुर और अंबिकापुर क्षेत्र में बारिश और अंधड़ से नागरिक परेशान थे। बिलासपुर शहर समेत संभाग के सभी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ का असर बना हुआ है। तेज धूप के बाद आसमान में बादल छाने से इस क्षेत्र में भी कहीं-कहीं पर गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

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आज सुबह दिन की शुरुआत बारिश से ही हुई और कुछ देर बाद आसमान साफ हो गया। तेज धूप निकल आया। दिन के समय में तापमान में बढ़ोतरी होने का अनुमान मौसम विभाग को है। राजधानी रायपुर एक पेनेटेंट बुलिश है में इस समय तापमान 30 डिग्री है। आज का अधिकतम तापमान 38 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है। दोपहर बाद आसमान में बादल छाने और शाम के समय गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

एसएलसीएम ग्रुप को एग्री रीच टेक्नोलॉजी के लिए मिला पेटेंट, वेयरहाउसिंग में काम आती है यह प्रौद्योगिकी

फिक्की के एक अध्ययन के अनुसार एग्री रिच टेक्नोलॉजी से फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 10 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी पर लाया जा सकता है इससे हर साल भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत होगी

Team RuralVoice WRITER: Sunil Kumar Singh

एसएलसीएम ग्रुप को एग्री रीच टेक्नोलॉजी के लिए मिला पेटेंट, वेयरहाउसिंग में काम आती है यह प्रौद्योगिकी

फसल कटाई के बाद अनाज प्रबंधन क्षेत्र में सक्रिय सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट (एसएलसीएम) ग्रुप ने रियल टाइम डाटा मैनेजमेंट की विशेष विधि के लिए पेटेंट हासिल किया है। ग्रुप ने 16 दिसंबर 2013 को इस पेटेंट के लिए आवेदन किया था। एसएलसीएम ग्रुप भारत के कृषि क्षेत्र की एकमात्र कंपनी है जिसे एग्रीकल्चर लॉजिस्टिक्स वेयरहाउस सेगमेंट में टेक्नोलॉजी का पेटेंट हासिल हुआ है।

आजादी के बाद से ही भारत का कृषि क्षेत्र स्थिर एक पेनेटेंट बुलिश है एक पेनेटेंट बुलिश है गति से आगे बढ़ता रहा है, लेकिन समस्या यह है कि वेयरहाउस में रखे जाने वाले अनाज का 10 फ़ीसदी हिस्सा नष्ट हो जाता है। इसकी वजह भंडारण की पुरानी व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर का अभाव, वैज्ञानिक तौर तरीकों की जानकारी न होना इत्यादि हैं।

रोचक बात यह है कि बीते 75 वर्षों में सभी सेक्टर में काफी तरक्की हुई है लेकिन कृषि भंडारण के क्षेत्र में एकमात्र कंपनी इस समस्या के समाधान का तकनीकी समाधान लेकर आई। इस प्रौद्योगिकी में कृषि क्षेत्र में दूसरी हरित क्रांति लाने की क्षमता है।

ग्रुप की इस उपलब्धि पर सीईओ संदीप सभरवाल ने कहा, जिस गति से प्रौद्योगिकी का विस्तार हो रहा है उसे देखते हुए मैंने एक दशक पहले वेयरहाउस मैनेजमेंट में फिजिटलाइजिंग की सोची थी। प्रोफेशनल टीम की मदद से हमने एग्री रीच नाम का एक सिस्टम तैयार किया जो वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में प्रभावी समाधान उपलब्ध कराने में सक्षम है। हमें अपने इनोवेशन में विश्वास था और हम भारतीय कृषि को बेहतर बनाना चाहते थे। इसलिए नौ साल पहले हमने पेटेंट के लिए आवेदन किया था। आज मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि भारत सरकार ने हमारे पेटेंट आवेदन को स्वीकार करते हुए उसे मान्यता दे दी है।

एग्री रीच फसलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग और मैनेजमेंट की सुविधा उपलब्ध कराता है। इस प्रणाली के तहत ऑडिट रसीद, क्वालिटी कंट्रोल और सर्विलांस जैसी कई तरह की सेवाएं मिलती हैं। इससे कृषि विशेषज्ञों को भंडारण किए गए अनाज या अन्य उपाय की गुणवत्ता बनाए रखें में मदद मिलती है।

एग्री रीच देश में कहीं भी 24 घंटे के भीतर वेयर हाउस ऑपरेशन शुरू करने में सक्षम है। वर्ष 2017 में एसएलसीएम ग्रुप का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 1010.9 करोड़ रुपए प्रतिदिन था जो आज (20 मार्च 2022) 5322.75 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।

सभरवाल ने कहा, एग्री रीच एक पेनेटेंट बुलिश है में भारत में कृषि भंडारण को पूरी तरह बदलने की क्षमता है। फिक्की के एक अध्ययन के अनुसार एग्री रीच फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 10 फ़ीसदी से घटाकर 5 फ़ीसदी पर ला सकता है। अगर इन आंकड़ों को मूल्य में परिवर्तित किया जाए तो भारत के कृषि उद्योग को सालाना 13 अरब डॉलर से ज्यादा की बचत होगी। इसका असर अधिक उत्पादकता, बेहतर क्षमता, किसानों की आमदनी और आखिरकार बेहतर खाद्य सुरक्षा के रूप में सामने आएगा।

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