एक्सेस ब्रोकर

सेबी ने को-लोकेशन मामले में NSE पर 1 करोड़ का जुर्माना लगाया, जानिए क्या थी गड़बड़ी
सेबी ने जिस को-लोकेशन मामले में NSE पर 1 करोड़ और कंपनी के पूर्व CEO रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण पर 25-25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, वह पूरा मामला क्या है?
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 1 करोड़ एक्सेस ब्रोकर रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही कंपनी के पूर्व CEO रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण पर भी 25-25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना को-लोकेशन (Co-location) मामले में लगा है। आज हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि क्या है को-लोकेशन और NSE ने क्या गड़बड़ी की थी?
क्या है को-लोकेशन और क्यों सेबी ने शुरू की जांच
को-लोकेशन का मतलब है कि ब्रोकरेज हाउस अपने सर्वर एक्सचेंज के अहाते में लगाते हैं ताकि वो NSE के सर्वर से नजदीक रहे। नजदीक रहने के कारण ब्रोकरेज हाउस के सदस्य बहुत एक्सेस ब्रोकर तेजी से NSE के सर्वर को एक्सेस कर सकते हैं। इससे उन्हें बाय और सेल ऑर्डर जल्दी-जल्दी प्लेस करने में मदद मिलती है।
कई ब्रोकरेज हाउस हैं जिन्होंने ये को-लोकेशन की सुविधा चुनी हैं। सेबी को 2015 में एक ब्रोकर से शिकायत मिली कि को-लोकेशन फैसेलिटी लेने वाले बाकी लोगों के मुकाबले OPG सिक्योरिटीज को ज्यादा जल्दी डेटा मिल रहे हैं। और यह को-लोकेशन के सिद्धांत के खिलाफ है। को-लोकेशन में डेटा एक्सेस हर सदस्य के लिए पारदर्शी और बराबर होना चाहिए।
इस शिकायत के बाद ही सेबी ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि NSE सभी सदस्यों में बराबरी नहीं रख पाई है। सेबी को यह भी पता चला कि कंपनी के CEO रवि नारायण और चित्रा रामकृ्ष्णा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा गड़बड़ियां हुई हैं और इसके लिए ये दोनों जिम्मेदार हैं।
नारायण 2000 से लेकर 2013 तक NSE के MD और CEO थे। उनके बाद रामकृष्णा ने अप्रैल 2013 से लेकर दिसंबर 2016 तक पद संभाला। इससे पहले वह 2010 से 2013 तक कंपनी की ज्वाइंट MD और 2008 से लेकर 2010 तक डिप्टी MD थीं।
NSE के खिलाफ क्या थी शिकायत?
सेबी को 2015 में एक शिकायत मिली थी जिसमें NSE पर यह आरोप लगाया गया था कि वह Tick by Tick डेटा प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करती है ना कि उसे ब्रॉडकास्ट करती है। Tick by Tick डेटा प्रोटोकॉल में डेटा एक के बाद एक आता है। यानी इसमें किसी एक ब्रोकर के पास डेटा सबसे पहले आएगा और दूसरे के पास उसके बाद। जबकि ब्रॉडकास्ट में डेटा एकसाथ सभी ब्रोकर के पास पहुंचता। ऐसे में जिस ब्रोकर के पास डेटा सबसे पहले पहुंचता था वह कम लोड में सर्वर से कनेक्ट कर लेता था जिसका फायदा उसे दूसरों के मुकाबले जल्दी मिलता था।
शिकायतकर्ता का आरोप था कि Omnesys Tech को इस Tick by Tick प्रोटोकॉल फीचर की जानकारी थी। इस कंपनी का दूसरा सबसे बड़ा शेयरहोल्डर NSE था। सेबी के पास पहुंची शिकायत के मुताबिक, OPG सिक्योरिटीज ने Omnesys से किसी को नियुक्त कर लिया था। साथ ही NSE डेटासेंटर स्टाफ के साथ भी "कुछ डील" कर ली थी ताकि उसे पता चले कि वह खास सर्वर कब ऑन हो रहा है जिसपर लोड सबसे कम है। इससे दूसरे ब्रोकरेज हाउस के बजाय OPG सिक्योरिटीज को ज्यादा फायदा होता था।
शेयर बाजार में बढ़ती दिलचस्पी के बीच Demat Account की सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी, फर्जीवाड़े से बचने को इन 8 बातों का रखें ख्याल
Safeguard against Demat Account Frauds: आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.
पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं.
Safeguard against Demat Account Frauds: पिछले कुछ महीनों से शेयर मार्केट में तेजी के चलते अधिक से अधिक लोग इसके प्रति आकर्षित हुए हैं. पहले की तुलना में अब अधिक लोग इक्विटी में पैसे लगा रहे हैं. शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए अब डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है. डीमैट खाते के जरिए फिजिकल शेयरों के ट्रांसफर में पहले कुछ दिन तक लग जाते थे जबकि डीमैट खाते के जरिए आसान तरीके से और जल्द शेयरों का लेन-देन होता है. हालांकि जैसे कुछ भी 100% परफेक्ट नहीं होता है, वैसे ही डीमैट खाते में भी फर्जीवाड़ा हो सकता है.
डीमैट खाते से जुड़े फर्जीवाड़े के कुछ मामले सामने आए हैं जैसे कि ब्रोकर्स ने बिना निवेशकों की सहमति के किसी ट्रेड पर मार्जिन फंड के कोलैटरल के रूप में प्रयोग करने के लिए ईटीएफ यूनिट्स को ट्रांसफर कर लिया. आपके डीमैट खाते से जुड़ा कोई फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. भारत में सीडीएसएल और एनएसडीएल नामक दो डिपॉजिटरीज आपके शेयरों व सिक्योरिटीज को सुरक्षित रखते हैं लेकिन इनका डीमैट खाताधारकों से सीधे कोई संपर्क नहीं होता है. ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) लाइसेंस स्टॉकब्रोकर्स और इंटरमीडियरीज को इश्यू करते हैं जो ग्राहकों को डीमैट खाते खोलने की सर्विस देते हैं.
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अकाउंट रिकॉर्ड मेंटेन रखें
जिस तरह आप अपने बैंक खाते के डिजिटल पासबुक को नियमति तौर पर चेक करते रहते हैं, वैसे ही डीमैट खाते में डीपी होल्डिंग और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. इसमें आपने जो भी ट्रांजैक्शन किए हैं, उसकी पूरी डिटेल्स रहती है. अगर ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट पाने में कोई दिक्कत हो रही है तो तुरंत अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें.
जरूरी डॉक्यूमेंट्स सुरक्षित रखें
हर डीमैट खाते का एक डेबिट इंस्ट्रक्शन स्लिप (डीआईएस) बुकलेट होता है जिसे सुरक्षित रखना जरूरी है. जब आप एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में शेयरों को ट्रांसफर करते हैं तो आपको इस स्लिप पर साइन करना होता है. ऐसे में इसे मजबूत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखें क्योंकि अगर आपका साइन किया हुआ यह स्लिप किसी अन्य शख्स के हाथ में चला गया तो इसका गलत प्रयोग हो सकता है.
ब्रोकरेज स्क्रूटनी
लोगों की स्टॉक मार्केट में बढ़ती दिलचस्पी के बीच बहुत से ब्रोकरेज फर्म खुल रहे हैं. ऐसे में किसी ब्रोकरेज फर्म को चुनने से पहले उनके ट्रैक रिकॉर्ड और मार्केट क्रेडिटिबिलिटी इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी कर लें. इसके अलावा यह भी पता कर लें कि क्या ब्रोकरेज फर्म किसी भी रूप में प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में शामिल तो नहीं है. प्रोप्रॉयटरी ट्रेडिंग में है तो वहां खाता खुलवाने से परहेज करें क्योंकि यहां कंफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला बन सकता है जो आपके हितों के लिए नुकसानदेह हो सकता है.
लंबे समय तक न हो यूज तो फ्रीज करवा लें खाता
कुछ निवेशक जब विदेशों में जाते हैं तो उन्हें आमतौर पर अपने डीमैट खाते का ख्याल नहीं रहता है. हालांकि इससे आपके डीमैट खाते में फर्जीवाड़े का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप लंबे समय के लिए अपने खाते का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं तो अपने डीपी को एक एप्लीकेशन देकर इसे फ्रीज करवा लें. इससे अकाउंट तब तक फ्रीज रहेगा जब तक आप दोबारा एप्लीकेशन नहीं देते हैं. यहां यह ध्यान रहे कि किसी डीमैट खाते को तभी फ्रीज करवाना चाहिए, जब इसका इस्तेमाल लंबे समय तक नहीं करना हो. खाते को फ्रीज करवाने का प्रमुख एक्सेस ब्रोकर फायदा यह है कि आपको अपने निवेश पर डिविडेंड और बोनस मिलता रहेगा लेकिन किसी नए स्टॉक की खरीदारी के लिए कोई राशि नहीं कटेगी.
पॉवर ऑफ अटार्नी
ब्रोकर के पास पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आपके डीमैट खातों का एक्सेस रहता है. ऐशे में निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है और निवेशकों को जनरल पर्पज की बजाय लिमिटेड पर्पस एग्रीमेंट के रूप में ब्रोकर को पॉवर ऑफ अटार्नी बनाना चाहिए. लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी का मतलब हुआ कि जब भी ब्रोकरेज को आपके बिहाफ पर खरीदारी-बिक्री या ट्रासंफर करना होगा, उसे आपसे हर बार सहमति लेनी होगी. इसके अलावा निवेशकों को अगर कोई पेंडिंग ड्यू नहीं है तो बिना किसी पूर्व नोटिस के लिमिटेड पर्पज पॉवर ऑफ अटार्नी को रद्द करने का अधिकार रखना चाहिए.
मजबूत पासवर्ड रखें
डीमैट खाते का पासवर्ड हमेशा मजबूत रखें और इसे ऐसे रखें जिसका अनुमान लगाना कठिन हो. इसके अलावा डीमैट खाते को किसी भी पब्लिक वाई-फाई या अन्य गैर-भरोसेमंद नेटवर्क पर खोलने से बचें.
एमसएमएस सुविधा
अधिकतर ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रीयल टाइम एसएमएस की सुविधा देते हैं. इसके तहत जब भी आपके खाते के जरिए कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसकी सूचना एसएमएस के जरिए आपको प्राप्त होती है. इस फीचर को सब्सक्राइब करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे खाते से जुड़ी कोई अनियमितता समय रहते पकड़ में आ जाएगी और ब्रोकर्स को कहकर इसे फिक्स्ड किया जा सकेगा.
क्रेडिट टाइम को चेक करें
आमतौर पर आप जो भी स्टॉक खरीदते हैं, वे दो से तीन दिन के भीतर आपके डीमैट खाते में दिखने लगते हैं. अगर आपके डीमैट खाते में इस दौरान भी खरीदे हुए शेयर नहीं दिखा रहे हैं तो अपने ब्रोकरेज फर्म से संपर्क करें. अगर आपका ब्रोकरेज फर्म शेयरों को कुछ फायदे के बदले में ब्रोकर्स के खाते में कुछ दिन और रहने को कहता है तो ऐसी स्थिति से बचें और ब्रोकर को पूरी पारदर्शिता बरतने को कहें.
(इनपुट: एंजेलवन)
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RuntimeBroker.exe क्या है और यह क्यों चल रहा है?
यदि आप विंडोज पर टास्क मैनेजर से गुजर रहे हैं8 मशीन, आपने संभवतः RuntimeBroker.exe को पृष्ठभूमि में चलाते देखा होगा। रनटाइम ब्रोकर प्रक्रिया Microsoft द्वारा बनाई गई थी और यह विंडोज 8 में एक मुख्य प्रक्रिया है।
यदि आप विंडोज 8 मशीन पर टास्क मैनेजर से गुजर रहे हैं, तो आपने संभवतः RuntimeBroker.exe को पृष्ठभूमि में चल रहा देखा होगा। क्या ये सुरक्षित है? क्या यह एक वायरस है?
अच्छी खबर - रनटाइम ब्रोकर प्रक्रिया माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बनाई गई थी और विंडोज 8 और विंडोज 10 में एक कोर प्रक्रिया है। क्या आप अधिक जानना चाहते हैं? पढ़ते रहिये।
यदि आपने अभी विंडोज 8 या विंडोज में लॉग इन किया है10 और फिर भी कोई भी ऐप नहीं चलाएंगे, आप शायद RuntimeBroker.exe को अभी तक नहीं देख पाएंगे। RuntimeBroker.exe यूनिवर्सल ऐप्स द्वारा ट्रिगर हो जाता है, और यदि प्रक्रिया समाप्त हो जाती है, तो वर्तमान में सभी खुले ऐप तुरंत पूरी तरह से बंद हो जाएंगे।
तो फिर यह क्या करता है? खैर, रनटाइम ब्रोकर यह जांचता है कि क्या कोई ऐप इसकी सभी अनुमतियों (जैसे आपकी तस्वीरों को एक्सेस करना) घोषित कर रहा है और उपयोगकर्ता को सूचित कर रहा है या नहीं इसकी अनुमति दी जा रही है। विशेष रूप से, यह देखना दिलचस्प है कि हार्डवेयर तक पहुंच के साथ यह कैसे कार्य करता है, जैसे कि ऐप की वेब कैमरा स्नैपशॉट लेने की क्षमता। इसे अपने ऐप्स और आपकी गोपनीयता / सुरक्षा के बीच के बिचौलिए के रूप में सोचें।
प्रक्रिया के तारों के माध्यम से एक त्वरित नज़र"विंडोज आंशिक ट्रस्ट घटकों के लिए प्रक्रियाएं" का हिस्सा होने के लिए Runtimebroker.exe की Microsoft परिभाषा को दिखाता है। आप इसकी अधिकांश संबंधित रजिस्ट्री प्रविष्टियों और इन स्थानों पर ही प्रक्रिया पा सकते हैं:
- HKEY_LOCAL_MACHINESOFTWAREMicrosoftWindowsRuntime
- सी: WindowsSystem32RuntimeBroker.exe
स्म्रति से रिसाव
विंडोज 8 के ओईएम रिलीज के तुरंत बाद औरविंडोज 10, उपयोगकर्ताओं ने RuntimeBroker.exe से जुड़े मेमोरी लीक की रिपोर्ट करना शुरू कर दिया। इन लीक का नतीजा भौतिक प्रणाली संसाधनों पर एक बहुत बड़ा नाला है जो रंटिमब्रोकर को कई गीगामीटर मेमोरी का उपयोग करने का कारण बना सकता है। इन लीक्स के साथ संबद्ध थर्ड-पार्टी ऐप्स हैं जो एक लाइव टाइल अपडेट फ़ंक्शन को लागू करते हैं, जिसे "टाइल यूपीडेटर.गेटस्किल्डटाइलटेबिलिटीज़" कहा जाता है। जब टाइल अपडेट चलती है, तो विंडोज अनुरोध भेजता है, लेकिन वास्तव में फ़ंक्शन से जुड़ी मेमोरी को कभी जारी नहीं करता है।
ध्यान दें कि प्रत्येक अपडेट कॉल थोड़ी मात्रा का उपयोग करती हैस्मृति। हालांकि, प्रभाव स्नोबॉल अनुरोधों के रूप में बार-बार समय के साथ भेजे जाते हैं, और स्मृति कभी भी वास्तविक नहीं होती है। इसे ठीक करने के लिए एप्लिकेशन के डेवलपर को यह बदलना होगा कि रिसाव के साथ विशेष रूप से ऐप के लिए लाइव टाइल अपडेट कैसे काम करता है। एंड-यूज़र के रूप में, एकमात्र विकल्प ऐसी मेमोरी लीक वाले किसी भी ऐप का उपयोग करने से बचने के लिए है, और उनके अपडेट होने की प्रतीक्षा करें।
निष्कर्ष
RuntimeBroker।exe एक सुरक्षित Microsoft प्रक्रिया है, जो Windows 8 और Windows 10 में ऐप अनुमतियों के साथ शामिल है। इसमें 3000 k से कम RAM का उपयोग करते हुए एक प्रकाश प्रणाली पदचिह्न है। आप इस प्रक्रिया को पृष्ठभूमि में चल रहे प्रदर्शन से नहीं देख पाएंगे। जब तक आप अपने सभी ऐप्स को बंद करने का कोई त्वरित तरीका नहीं ढूंढते, तब तक इस प्रक्रिया को अकेला छोड़ दिया जाना चाहिए।
इंडिया दिस वीक: 16 मई-22 मई 2011
इंडिया दिस वीक में सप्ताह भर की उन महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाओं का उल्लेख है, जो प्रतियोगी छात्र/छात्राओं हेतु अति उपयोगी है.
16 May 2011
• ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम की 63 वर्षीया प्रमुख जे जयललिता को मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंटीनरी हॉल में राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. जे जयललिता के नेतृत्त्व वाली 34 सदस्यीय मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई.
• ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के नेता एन रंगासामी केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री बने.
• हरियाणा राज्य सरकार द्वारा लिंग जांच की सूचना देने वालों को एक लाख रुपये देने की इनाम की घोषणा.
• भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ब्रोकरों को अपने ग्राहकों तक पहुंच के नियमों में ढील दी. अब एक बार मंजूरी लेने के बाद ब्रोकर ग्राहकों के खातों को बिना किसी अड़चन के एक्सेस कर सकेंगे. सेबी ने इस बारे में अपने पूर्व के आदेश को वापस ले लिया, जिसमें ब्रोकरों को इसके लिए हर साल मंजूरी को अनिवार्य किया गया था.
17 May 2011
• कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन की संस्तुति से पैदा हुए राजनीतिक संकट के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री येद्दयुरप्पा ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अपने विधायकों की राष्ट्रपति भवन में परेड कराई.
• उत्तर प्रदेश की फैजाबाद विशेष अदालत ने बहुचर्चित शशि हत्याकांड में बहुजन समाज पार्टी के विधायक आनंद सेन यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई.
• देसी गर्ल के नाम से मशहूर बालीवुड स्टार प्रियंका चोपड़ा माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर फालोवर्स की दौड़ में पूर्व विदेश मंत्री शशि थरूर को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर पहुंच गई. पहले नंबर पर मास्टर बलास्टर सचिन तेंदुलकर हैं.
• बाजार पूंजीकरण के लिहाज से ओएनजीसी को पीछे छोड़ते हुए कोल इंडिया लिमिटेड सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई. कोल इंडिया लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण 2.5 लाख करोड़ रुपये हो गया, दूसरी ओर ओएनजीसी का बाजार पूंजीकरण 2.37 लाख करोड़ रुपये हो गया.
• रिलायंस इंडस्ट्रीज के आग्रह को दरकिनार करते हुए केंद्र सरकार ने जून 2011 तक केजी बेसिन के डी-6 ब्लॉक में दो और कुएं खोदने का कंपनी को आदेश दिया.
• केंद्र सरकार ने बुनियादी उद्योगों की सूची में प्राकृतिक गैस और उर्वरक क्षेत्र को भी शामिल करने का फैसला किया.
18 May 2011
• कांग्रेस नेता तरुण गोगोई लगातार तीसरी बार असम के मुख्यमंत्री बने.
• कांग्रेस नेता ओमन चांडी केरल के मुख्यमंत्री बने.
• गोदरेज अप्लायंसेज ने अपनी तरह का पहला अनोखा रेफ्रिजरेटर लांच किया. इसमें एफएम रेडियो और म्यूजिक प्लेयर लगा हुआ है.
• भारतीय वाणिज्य उद्योग महासंघ (फिक्की) के महासचिव अमित मित्रा ने पद से इस्तीफा दे दिया. ज्ञातव्य हो को अमित मित्रा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर जीते हैं.
• सार्वजनिक क्षेत्र की महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) और नेक्सजीटीवी ने संयुक्त उद्यम करार के तहत मोबाइल टीवी सेवा लांच किया.
• नगालैंड की 1810 करोड़ रुपये की सालाना वार्षिक योजना को केंद्रीय योजना आयोग द्वारा मंजूरी प्रदान.
19 May 2011
• 58वें राष्ट्री य फिल्म पुरस्काजर में सलमान खान अभिनीत दबंग सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक फिल्म घोषित की गई. जबकि सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए आदमिंडे मगन अबू (मलयालम) को चुना गया.
• स्वतंत्र भारत में पहली बार जाति, धर्म के आधार पर जनगणना और गरीबी रेखा से नीचे गुजर करने वालों की गिनती को केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान की. साथ ही पहली बार शहरी गरीबों का भी आकलन होना है. हालांकि जाति और धर्म से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाने का फैसला किया गया.
• केंद्रीय योजना आयोग ने महाराष्ट्र की 42 हजार करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को मंजूरी प्रदान की.
• केंद्र सरकार ने अपनी मौजूदा विनिवेश नीति में भारी बदलाव करते हुए लखनऊ स्थित कंपनी स्कूटर्स इंडिया (एसआइएल) में केंद्र की पूरी 95 फीसदी हिस्सेदारी किसी बाहरी कंपनी को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की.
20 May 2011
• पश्चिम बंगाल की प्रथम महिला मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला.
• 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी और डीएमके सांसद कनीमोरी को न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया गया. न्यायिक हिरासत में कनीमोरी को तिहाड़ जेल भेजा गया.
• उत्तर प्रदेश के नोएडा निवासी अर्जुन वाजपेई ने 8516 मीटर ऊंचे माउंट ल्होत्से पर पहुंचकर सबसे कम आयु (17 वर्ष) का पर्वतारोही और पहला आम भारतीय बनने का विश्व रिकार्ड बनाया. ज्ञातव्य हो कि माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले सबसे कम आयु के भारतीय के रूप में भी अर्जुन वाजपेई का ही रिकार्ड (वर्ष 2010 में) है.
• अर्मांडो कोलासो को भारतीय फुटबॉल टीम का चार महीने के लिए अंतरिम कोच नियुक्त किया गया. वह बॉब हॉटन की जगह लेंगे.
21 May 2011
• भारतीय वायुसेना की 27 वषीय फ्लाइट लेफ्टीनेंट निवेदिता ने 8848 मीटर पर स्थित विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एवरेस्ट पर चढ़ कर नया रिकार्ड बनाया. यह कारनामा करने वाली वह भारतीय वायुसेना की पहली महिला हैं.
• भारत ने हवा से हवा में मार करने वाली सुपरसोनिक बैलेस्टिक मिसाइल अस्त्र का सफल परीक्षण किया. इसे चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आइटीआर) से प्रक्षेपित किया गया.
• जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बहुचर्चित ब्लू फिल्म प्रकरण में मुख्य आरोपी जनार्दन को दिल्ली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर लिया.
22 May 2011
• केंद्र सरकार ने कर्नाटक के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को खारिज कर दिया.
• प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यूपीए-2 सरकार के दो साल पूरे होने के मौके को भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतिबद्धता दिखाई और भविष्य में ऐसा न होने को सुनिश्चित कराने का वादा किया.
• आईपीएल-4 की अंतिम चार टीम मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाईटराईडर्स, रॉयल चैलेंजर बैंगलुरू और चेन्नई सुपर किंग्स बनीं.
सभी प्रतियोगी परीक्षा के करेंट अफेयर्स की तैयारी हेतु जागरण जोश का करेंट अफेयर्स पढ़ें .