बाइनरी ऑप्शंस

क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता
क्रिप्टोकरेंसी की चुनौतियाँ

क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति

हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। बिटकॉइन ने 20,000 अमेरिकी डॉलर के मूल्य को पार कर लिया है। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में हुई इस वृद्धि से भारत में भी इसके प्रचलन व वैधता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर पुनर्विचार की माँग उठने लगी है।

क्रिप्टोकरेंसी : अवधारणा

  • क्रिप्टोकरेंसी कम्प्यूटराइज़्ड डाटाबेस पर संग्रहीत एक डिजिटल मुद्रा है। सुरक्षा की दृष्टि से इसे मज़बूत क्रिप्टोग्राफ़ी के उपयोग द्वारा डिजिटल बही-खातों में रिकॉर्ड किया जाता है। ये बही-खातें विश्व स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के उपयोगकर्ताओं के लिये वितरित होते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से किये गए प्रत्येक लेन-देन को ब्लॉक (Blocks) के रूप में कूटबद्ध किया जाता है। कई ब्लॉक एक-दूसरे से मिलकर वितरित बही-खाते (Distributed Ledger) पर ब्लॉकचेन का निर्माण करते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी में इनक्रिप्शन एल्गोरिद्म (Encryption algorithms) के रूप में भी अतिरिक्त सुरक्षा होती है। क्रिप्टोग्राफ़िक अथवा कूटबद्ध (Coded) विधियों का उपयोग मुद्रा के साथ-साथ उस नेटवर्क को भी सुरक्षित बनाने के लिये किया जाता है, जिस पर इसका कारोबार किया जा रहा है।
  • वर्तमान में, विश्व भर में लगभग 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं। फेसबुक द्वारा घोषित ‘लिब्रा’ के अतिरिक्त बिटकॉइन, एथरियम आदि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ अन्य उदाहरण हैं।

निजी क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाते हुए सरकार भारत में डिजिटल मुद्रा पेश करेगी

government-to-introduce-digital-currency-in-india-banning-private-cryptocurrency

Sabkuchgyan Team, नई क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता दिल्ली, 24 नवम्बर 2021. रिजर्व बैंक, आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर उठाई गई चिंताओं के बीच केंद्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 पेश करने की तैयारी कर रही है। इस विधेयक में भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और आरबीआई द्वारा पेश की गई डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिए एक रूपरेखा का प्रस्ताव करने की संभावना है। (Government to introduce digital currency in India, banning private crypto)

क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति

हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। बिटकॉइन ने 20,000 अमेरिकी डॉलर के मूल्य को पार कर लिया है। क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में हुई इस वृद्धि से भारत में भी इसके प्रचलन व वैधता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर पुनर्विचार की माँग उठने लगी है।

क्रिप्टोकरेंसी : अवधारणा

  • क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता कम्प्यूटराइज़्ड डाटाबेस पर संग्रहीत एक डिजिटल मुद्रा है। क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता सुरक्षा की दृष्टि से इसे मज़बूत क्रिप्टोग्राफ़ी के उपयोग द्वारा डिजिटल बही-खातों में रिकॉर्ड किया जाता है। ये बही-खातें विश्व स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के उपयोगकर्ताओं के लिये वितरित होते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से किये गए प्रत्येक लेन-देन को ब्लॉक (Blocks) के रूप में कूटबद्ध किया जाता है। कई ब्लॉक एक-दूसरे से मिलकर वितरित बही-खाते (Distributed Ledger) पर ब्लॉकचेन का निर्माण करते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी में इनक्रिप्शन एल्गोरिद्म (Encryption algorithms) के रूप में भी अतिरिक्त सुरक्षा होती है। क्रिप्टोग्राफ़िक अथवा कूटबद्ध (Coded) विधियों का उपयोग मुद्रा के साथ-साथ उस नेटवर्क को भी सुरक्षित बनाने के लिये किया जाता है, जिस पर इसका कारोबार किया जा रहा है।
  • वर्तमान में, विश्व भर में लगभग 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं। फेसबुक द्वारा घोषित ‘लिब्रा’ के अतिरिक्त बिटकॉइन, एथरियम आदि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ अन्य उदाहरण हैं।

निजी क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाते हुए सरकार भारत में डिजिटल मुद्रा पेश करेगी

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Sabkuchgyan Team, नई दिल्ली, 24 नवम्बर 2021. रिजर्व बैंक, आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर उठाई गई चिंताओं के बीच केंद्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 पेश करने की तैयारी कर रही है। इस विधेयक में भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और आरबीआई द्वारा पेश की गई डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिए एक रूपरेखा का प्रस्ताव करने की संभावना है। (Government to introduce digital currency in India, banning private crypto)

क्रिप्टोकरेंसी - ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी शब्द आज के वक्त में बहुत ज्यादा पॉपुलर हो गया है, इसके पीछे ब्लॉकचैन टेक्नॉलजी का ही हाथ है।क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता वित्त में ब्लॉकचेन की उपयोगिता को साबित कर रही है। यह बिना किसी वित्तीय मध्यस्थता के आधार पर वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड रखने वाला एक डेटाबेस है। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें जानकारी को रिकॉर्ड करके रखने में मदद मिलती है। इस सिस्टम में जानकारी कुछ इस प्रकार रिकॉर्ड की जाती है कि न तो इसे कोई हैक कर सकता है और न ही इसमे कोई बदलाव कर सकता है। ब्लॉकचेन एक स्पेसिफिक टाइप का डेटाबेस है जो हर ट्रांजैक्शन को स्टोर रखता है, ब्लॉकचेन में जो ब्लॉक होते हैं वह मॉनिटरी ट्रांजैक्शंस के डाटा को स्टोर करते हैं!

आखिर इसको ब्लॉकचैन का नाम क्यों दिया गया? : जिस प्रकार हजारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में एक साथ जोड़कर इंटरनेट की शुरुआत हुई , ठीक उसी प्रकार से डाटा ब्लॉकों को जोड़कर ब्लॉकचैन की शुरूआत हुई। इस टेक्नोलॉजी में डाटा ब्लॉक में स्टोर किया जाता है जो एक तरीके का डेटा का चेन बनाते हैं, और ये ब्लॉक्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इसी लिए इसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है।

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