क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर

हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.21 अरब घटकर 545.65 अरब डॉलर हुआ
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.21 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर हो गया, जबकि फॉरेन करेंसी असेट्स 4.698 अरब डॉलर गिरकर 484.901 अरब डॉलर रह गया। इसके साथ ही फॉरेक्स रिजर्व 2 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस …
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.21 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर हो गया, जबकि फॉरेन करेंसी असेट्स 4.698 अरब डॉलर गिरकर 484.901 अरब डॉलर रह गया। इसके साथ ही फॉरेक्स रिजर्व 2 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इस दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 45.8 करोड़ डॉलर घटकर 38.186 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी है। 16 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 5.219 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह 2.23 अरब डॉलर घटकर 550.87 अरब डॉलर रह गया था। वैश्विक घटनाक्रमों के कारण केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के बीच भंडार में यह कमी आई है।
Rupee Vs Dollar: रुपया हुआ धराशायी, जानें क्या होगा आपकी जेब पर असर
डीएनए क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर हिंदी: भारतीय रुपया (Indian Currency) आज यानी कि सोमवार को अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. आज भारतीय रुपया 77.42 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. रॉयटर्स के मुताबिक शंघाई में कड़े लॉकडाउन से वैश्विक मार्केट बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वहीं अमेरिका में फेडरल रिजर्व नीतियों में परिवर्तन करने से अमेरिकी शेयर वायदा में गिरावट देखने को मिली. इसका असर भारतीय बाजार में भी गिरावट देखने को क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर मिली.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया और भी ज्यादा कमजोर हो गया है जिसके बाद यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. सोमवार को रुपया 0.3% की गिरावट के साथ 77.1825 डॉलर प्रति डॉलर पर आ गया, जो मार्च में पिछले रिकॉर्ड निचले 76.9812 को छू गया था. इसके पहले शुक्रवार को रुपया 55 पैसे टूटकर 76.90 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था.
क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर
-पिछले हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार में 14.73 अरब डॉलर का इजाफा
नई दिल्ली, 19 नवंबर (हि.स)। आर्थिक र्मोचे पर सरकार के लिए अच्छी खबर है। विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल से ज्यादा की सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज हुई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान 14.73 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के जारी आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 11 नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान 14.73 अरब डॉलर बढ़कर 544.क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर 72 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में अगस्त 2021 के बाद यह सबसे ज्यादा बढ़ोतरी रही है। इससे पहले बीते 4 नवंबर को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 529.99 अरब डॅालर रहा था।
Rupee Against Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़ रही है कमजोरी, ज्यादा रिटर्न के लिए कैसे तैयार करें पोर्टफोलियो
डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भारतीय निवेशकों क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर को अपने पोर्टफोलियो रिटर्न को बढ़ाने में मदद मिलती है.
Rupee Against Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट आज भी जारी रही. शुरूआती कारोबार बाजार में डॉलर के मुकाबले में रुपया क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर 82.66 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. एक्सपर्ट्स की क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर माने तो ग्लोबल मार्केट में जारी अनिश्चितता की वजह डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आगे भी गिरावट जारी रह सकती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में रुपया 83.50 के स्तर तक गिर सकता है. इस अनिश्चितता का असर न सिर्फ भारतीय करेंसी पर हो रहा, बल्कि दुनिया भर के देश इससे प्रभावित हो रहे हैं.
अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा रुपया
इससे पहले सोमवार को रुपया 82.40 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था. गिरावट का यह दौर इस साल जनवरी 2022 से जारी है. डॉलर लगातार रुपये के मुकाबले मजबूत हो रहा है और आने वाले दिनों में भी ऐसा ही जारी रह सकता है. रुपये को कमजोर होने से बचाने के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले 2 सालों से कमी की जा रही है. इस साल अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.
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यूएस फेड की सख्त आर्थिक नीतियो का असर
डॉलर में मजबूती के पीछे यूएस फेड अपनाई गए सख्त आर्थिक नीति को माना जा सकता है. इसके साथ ही अमेरिकी में जॉब की बढ़ती संख्या भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है. फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में अभी और भी इजाफा किये जाने की उम्मीद है. डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है. ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को किसी विदेशी स्कूल में भेजने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप अमेरिकी शेयरों में निवेश करने या विदेशी बैंक खाते में पैसा रखने के बारे में सोच सकते हैं. विदेशों में क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर भेजे गए पैसो पर RBI द्वारा Liberalized Remittance Scheme अपनाई जाती है. इस नीति के तहत नाबालिगों सहित सभी निवासियों को किसी भी वैध चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए हर फाइनेंशियल ईयर में 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक टैक्स फ्री ट्रांजेक्शन की परमिशन दी गई है.
भारतीय वैश्विक परिषद
अपनी वर्तमान विदेशी मुद्रा संकट के बीच श्रीलंका ने अगस्त 2021 में देश में आपातकाल की घोषणा की थी। श्रीलंका के ज्यादातर बैंक आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए धन मुहैया कराने हेतु विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे हैं। देश के राजस्व में करीब 80 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई है। [i] सेंट्रल बैंक ने एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 200 रुपये से अधिक की दर से वायदा कारोबार और रुपये के स्पॉट ट्रेडिंग (हाज़िर कारोबार) पर प्रतिबंध लगा दिया है क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर [ii] । इसके कारण इस द्वीपीय राष्ट्र में विदेशी मुद्रा संकट और गंभीर हो गया है। हालांकि, यह स्थिति रातोंरात नहीं बनी है। इसके कई कारण हैं जैसे 2019 में ईस्टर बम हमले, कोविड-19 महामारी का फैलना और कई राजनीतिक फैसले जिन्होंने अपेक्षित परिणाम नहीं दिए। आसन्न संकट को भांपते हुए सरकार ने इस साल की शुरुआत में ही वाहनों, खाद्य तेलों और कुछ अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाकर इसे टालने की कोशिश की लेकिन इससे कुछ विशेष लाभ क्या होगा विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का असर नहीं हुआ। इस संकट की ओर ले जाने वाले कई महत्वपूर्ण कारकों में से कुछ महत्वपूर्ण कारकों का विश्लेषण इस लेख में किया गया है।