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क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ?

क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ?

शेयर बाजार निवेशकों के लिए जरूरी खबर: क्लाइंट के फंड सेटलमेंट का बदला तरीका, शेयर ट्रेडिंग पड़ेगा महंगा!

शेयर बाजार में ट्रेडिंग या शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज यानी 7 अक्टूबर 2022 से स्टॉक ट्रेडिंग देखने वाले ब्रोकरेज हाउसेज़ और ब्रोकर्स के लिए नया नियम लागू हो रहा है।

शेयर बाजार निवेशकों के लिए जरूरी खबर: क्लाइंट के फंड सेटलमेंट का बदला तरीका, शेयर ट्रेडिंग पड़ेगा महंगा!

Stock Market Trading: शेयर बाजार में ट्रेडिंग या शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज यानी 7 अक्टूबर 2022 से स्टॉक ट्रेडिंग देखने वाले ब्रोकरेज हाउसेज़ और ब्रोकर्स के लिए नया नियम लागू हो रहा है। दरअसल, SEBI ने क्लाइंट फंड के सेटलमेंट का तरीका बदल दिया है और इसको लेकर एक गाइडलाइंस भी जारी की गई है। नए नियम के तहतब्रोकर्स को क्लाइंट के रनिंग अकाउंट में बचा हुआ जो भी फंड होगा वो क्लाइंट के बैंक अकाउंट में वापस भेजना होगा। ऐसे में Zerodha के फाउंडर नितिन कामत का मानना है कि नए सिस्टम लागू होने के बाद ब्रोकरेज चार्जेज में इजाफा हो सकता है।

नितिन कामत ने किया ट्वीट
नितिन कामत ने इस नए नियम को लेकर करीबन 8 ट्वीट के जरिए अपनी बातें रखीं। वे लिखते हैं कि इस 7 अक्टूबर से महीने के प्रत्येक पहले शुक्रवार को सभी ब्रोकरेजों को नई खाता निपटान (AS) प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अनयूज्ड फंड को ग्राहक के बैंक खाते में वापस भेजना होगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ये राशि करीब 25,000 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है।
एक और ट्वीट में वे कहते हैं कि अगर आपके ज़ेरोधा अकाउंट की शेष राशि कम हो जाती है या आपको इस शनिवार को अपने बैंक में फंड मिलता है, तो आप जानते हैं समझ गए होंगे कि क्या वजह है? अब तक, AS एक चौथाई में फैला हुआ था। कामत कहते हैं कि मुझे ऐसा लग रहा है यह जांचने का एक और तरीका है कि ब्रोकरेज किसी भी तरह से ग्राहक पूंजी का दुरुपयोग क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? तो नहीं कर रहे हैं।

भारत में पहली बार ऐसा रेग्युलेशन
नितिन कामत एक और ट्वीट में कहा कि ऐसा रेग्युलेशन भारत में पहली बार हो रहा है। ज्यादातर देशों में ब्रोकरेज, बैंकों की तरह ही अनयूज्ड फंड को क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? हमेशा के लिए अपने पास रख सकते हैं और उनका उपयोग कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं के लिए भी कर क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? सकते हैं। लेकिन भारत में केवल कस्टमर के ट्रेडिंग या रेग्युलेटरी चार्ज के लिए ही इन फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कामत के मुताबिक, सभी नियामक परिवर्तनों के कारण अगले कुछ सालों में ब्रोकरेज रेट्स में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि ये बदलाव ग्राहक सुरक्षा के लिहाज से अच्छे हैं, लेकिन इनसे ब्रोकिंग उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी की जरूरतें बढ़ेंगी।

समझें नया नियम
बता दें कि नए नियम के मुताबिक, अब क्लाइंट की पसंद के हिसाब से अकाउंट सेटलमेंट होगा और यह सेटलमेंट या तो हर महीने या फिर हर तिमाही के पहले शुक्रवार को करना होगा। इसका मतलब है कि ब्रोकर्स के पास क्लाइंट्स का जो भी फंड बच जाएगा, उसे क्लाइंट के अकाउंट में ट्रांसफर करना पड़ेगा।

सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? सवाल का जवाब

कैश मार्केट में मार्जिन से जुड़े ने नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. सेबी ने इसे कुछ समय टालने की अपील ठुकरा दी है

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सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.

मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.

फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.

अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.

शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.

ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.

यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.

इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.

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जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्‍यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा

Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्‍ड्स, क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? म्‍यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्‍स छोटी फीस वसूलते हैं.

इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्‍स ही किन्‍हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्‍या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्‍योंकि हम आपको इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

Share Market: स्टॉक मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें

Share Market: स्टॉक मार्केट में कैसे बनें एक सफल निवेशक, जानें अहम बातें

aajtak.in

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  • नई दिल्ली ,
  • 22 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

शेयर मार्केट में सफल निवेशक बनना आसान नहीं है पर इन बातों का ध्यान रखकर आप शुरूआत कर सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि स्टॉक का चयन कोई आसान काम है क्या? इसका जवाब है- बिल्कुल आसान काम है. आप 5 मिनट में खुद बेहतर स्टॉक खोज सकते हैं. इसके लिए आपको कंपनी के कारोबार (Business of Company) पर फोकस करना होगा. जिस स्टॉक में आप पैसे लगा रहे हैं, उसका कारोबार बेहतरीन होना चाहिए. बस क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? एक यही अहम पैमाना है, जिसके आधार पर आप लंबी अवधि में शेयर से मोटा रिटर्न पा सकते हैं.

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