शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके

Where to Invest: म्युचुअल फंड या शेयर मार्केट. जानिए, कहां और कैसे करें निवेश की शुरुआत
Where to Invest जब भी पैसे को निवेश करने की बात आती है तो हमारे सामने कई यक्ष-प्रश्न आते हैं। आज हम कुछ ऐसे ही मूलभूत प्रश्नों के उत्तर जानेंगे जिससे निवेश के बारे में फैसले लेने में हमें मदद मिलेगी. तो आइए शुरू करते हैं सवालों-जवाबों की ट्रेडिंग.
नई दिल्ली, आशीष पाण्डेय। जब भी आप अपने पैसे को निवेश करने के बारे में सोचते होंगे, आपके सामने भी कई यक्ष-प्रश्न जरूर आते होंगे। जैसे – म्युचुअल फंड या शेयर मार्केट. कहां पैसे लगाना होगा ठीक? कब और कितने दिन के लिए लगाऊं पैसे? किस शेयर में या किस फंड में निवेश करूं? क्या सिर्फ आईपीओ में निवेश करना होगा सही निर्णय? क्या शेयर ट्रेडिंग और निवेश एक ही बात है, या यह दोनों अलग चीजें हैं? निवेश के लिए म्युचुअल फंड स्कीम या कोई शेयर कैसे सेलेक्ट करूं? कम से कम कितने शेयरों या कितनी स्कीमों में करना चाहिए निवेश? आज हम कुछ ऐसे ही मूलभूत प्रश्नों का उत्तर जानेंगे, जिससे अपने निवेश के बारे में महत्वपूर्ण फैसले लेने में हमें मदद मिलेगी। तो आइए देखें सवालों के निवेश पर जवाबों के रिटर्न.
कहां लगाएं पैसे – म्युचुअल फंड या शेयर मार्केट में.
जैसे ही आप निवेश करने का मन बनाते हैं, तो सबसे पहला और बेसिक प्रश्न जो दिमाग में तुरंत आता है वो यह कि पैसे कहां लगाएं? और इसका जवाब जानने के लिए आपको ईमानदारी से खुद से कुछ और प्रश्न करने होंगे, जैसे – क्या आपको शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी है? क्या आप अर्थव्यवस्था के संकेतों को समझते हैं? क्या आप कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट, बैलेंस शीट और प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट समझ पाते हैं? क्या आप खुद किसी शेयर से संबंधित रिसर्च कर सकते हैं? क्या आप नियमित समय पर अपने निवेश का मूल्यांकन खुद कर सकते हैं? और सबसे महत्वपूर्ण, क्या यह सब रिपोर्ट पढ़ने, मार्केट या किसी स्टॉक संबंधित रिसर्च करने और अपने निवेश को मॉनिटर करने के लिए आपके पास पर्याप्त समय है? यदि शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके इन सवालों के जवाब हां में हैं, तो निश्चित ही आपको शेयर मार्केट में निवेश करना चाहिए, अन्यथा आपके लिए म्युचुअल फंड सबसे अच्छा विकल्प है।
किसी भी म्युचुअल फंड में हर स्कीम के लिए एक अलग फंड मैनेजर होता है जिसकी अपनी एक पूरी टीम होती है, जो रिसर्च और निवेश से संबंधित संबंधित सभी निर्णय लेती है। नियमित अंतराल पर निवेशक से रिपोर्ट शेयर की जाती है, और इसके अतिरिक्त आप जब चाहें अपने पोर्टफोलियो या निवेश की वास्तविक स्थिति देख सकते हैं।
कैसे लगाएं पैसे - एसआईपी (SIP) या एकमुश्त निवेश.
निवेश से संबंधित एक बहुत ही स्वाभाविक प्रश्न जो दिमाग में आता है, वह यह कि पैसे किस तरह से निवेश किए जाएं? मैंने कई लोगों से सुना है कि उन्होंने SIP में निवेश किया है, जबकि ध्यान देने वाली बात यह है कि SIP कोई फंड या स्कीम नहीं, बल्कि पैसे लगाने का एक तरीका है। आइए, इसे थोड़ा और विस्तार से समझते हैं.
जब हम किसी म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो हमारे सामने मोड चुनने का विकल्प होता है – SIP या एकमुश्त (Lumpsum)। SIP मतलब हर महीने एक निश्चित तिथि पर एक निश्चित राशि आपके बैंक खाते से आपकी चुनी हुई म्युचुअल फंड स्कीम में निवेश के लिए कट जाएगी। जबकि, एकमुश्त तरीके में आप जितना भी निवेश करना चाहते हैं वह एक बार में ही भुगतान करना होगा।
SIP के माध्यम से निवेश करना उन लोगों के लिए विशेषकर सुविधाजनक है, जो ज्यादा पैसा नहीं बचा पाते और सैलरी या अन्य किसी तरह की नियमित आय प्राप्त करते हैं। वहीं जो लोग पैसा बचा लेते हैं उन्हें म्युचुअल फंड या शेयर मार्केट में एकमुश्त निवेश करने में कोई समस्या नहीं आती।
कब लगाएं पैसे – कैसे जानें कि यह निवेश करने का सही समय है.
निवेश की टाइमिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला होता है, विशेषकर शेयर मार्केट के लिए। मार्केट या स्टॉक के निचले स्तर पर खरीदना और ऊंचे स्तर पर बेचना (Buying Low & Selling High) ही प्रॉफिट की रेंज घटाता या बढ़ाता है। हालांकि, किसी भी निवेशक या ट्रेडर के लिए हर बार एकदम निचले स्तर पर खरीदना और एकदम ऊंचे स्तर पर बेचना संभव नहीं है। फिर भी निवेश करते समय यह ध्यान जरूर देना होता है कि आप मार्केट या जिस शेयर में निवेश कर शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके रहे हैं वो गिरावट के दौर में तो नहीं है।
म्युचुअल फंड में आप टाइमिंग के बारे में निर्णय लेने से बच जाते हैं, क्योंकि आपकी तरफ से यह निर्णय आपके फंड मैनेजर और उनकी एक्सपर्ट टीम लेती है। शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके और यदि आप SIP के माध्यम से निवेश करते हैं तो टाइमिंग का फैक्टर काफी हद तक प्रभावहीन हो जाता है, क्योंकि हर महीने नियत समय पर पैसा कटने से आपके निवेश का खरीद मूल्य औसत स्तर पर आ जाता है। फिर मार्केट चाहे ऊपर रहे या नीचे, उससे कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता।
निवेश से संबंधित और भी बहुत से ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर हम आगे आने वाले लेखों के माध्यम से जानेंगे. तो इंतजार करिए इस सीरीज़ में अगले आलेख का.
Investment Tips: अगर आपके पास हैं 2-5 लाख रुपए, तो इन जगहों पर करें निवेश, एफडी से बेहतर मिल सकता है रिटर्न
अगर आपको लगता है कि निवेश के लिए सिर्फ एफडी ही बेहतर विकल्प है, तो आप गलत सोच रहे हैं. यहां जानिए निवेश के वो टिप्स जो आपको एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न दे सकते हैं.
अगर आपके पास हैं 2-5 लाख रुपए, तो इन जगहों पर करें निवेश, एफडी से बेहतर मिल सकता है रिटर्न (Zee Biz)
लाइफ को सिक्योर करने के लिए इनवेस्टमेंट बहुत जरूरी होता है. आमतौर पर लोग एकमुश्त राशि को एफडी में निवेश करते हैं. इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है. लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद इसमें एक निश्चित ब्याज बढ़कर मिल जाता है. लेकिन आज के समय में आपके पास एफडी के अलावा भी काफी सारे विकल्प हैं, जहां निवेश करने पर आपको एफडी से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. आर्थिक मामलों की सलाहकार शिखा चतुर्वेदी बता रही हैं, निवेश के बेहतर तरीके, जो आपको भविष्य में अच्छा खासा मुनाफा करवा सकते हैं.
रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट
अगर आपके पास 2 लाख, 5 लाख या इससे ज्यादा पैसा है और इसके लिए बेहतर इनवेस्टमेंट प्लान की खोज कर रहे हैं, तो रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) में निवेश करें. ये एक तरह से म्यूचुअल फंड की तरह से होता है, लेकिन इसमें आप शेयर पर पैसा न लगाकर प्रॉपर्टीज पर पैसा लगाते हैं. इसे वो कंपनियां लॉन्च करती हैं, जिनके पास कॉमर्शियल प्रॉपर्टी होती है. इसमें आम लोगों से पैसा जुटाकर बड़ी प्रॉपर्टीज जैसे मॉल, पार्क आदि खरीदी जाती हैं. रीट में निवेश करने के लिए आपके पास सिर्फ डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. एक यूनिट होल्डर के तौर पर आपको डिविडेंड और REIT की बढ़े भाव के रूप में कमाई होगी. लेकिन इसे खरीदते समय एक बार देख लें अंडरलाइंग एसेट्स अच्छे होने चाहिए, तभी आपको फायदा मिलेगा.
इंडेक्स फंड्स
इंडेक्स फंड किसी मार्केट इंडेक्स को ट्रैक करता है, इसके रिटर्न भी लगभग उसी प्रकार के होते हैं जैसा कि इंडेक्स द्वारा ऑफर किए जाते हैं. इसमें कम जोखिम में हाई रिटर्न का फायदा उठाया जा सकता है. इंडेक्स फंड को कम लागत में किया जा सकने वाला इनवेस्टमेंट भी माना जाता है.अगर आप स्टॉक्स में निवेश करने से हिचकिचाते हैं, या म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए चयन नहीं कर पा रहे हैं, तो इंडेक्स फंड्स आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. इसके अलावा अगर आप SIP में इनवेस्ट करना चाहते हैं, तो इंडेक्स फंड में SIP भी किया जा सकता है. इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए आप फंड ऑफ हाउस की आधिकारिक वेबसाइट या किसी ऐप का उपयोग कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक ग्राम सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत कर सकता है. ये एक तरह से 999 शुद्धता वाले गोल्ड को डिजिटल तरीके से खरीदने जैसा है. इसका लॉक इन पीरियड 8 साल का होता है. 8 साल के बाद निकासी पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं होता. लेकिन इससे पहले निकासी करने पर आपको कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. इसमें इनवेस्टर को सालाना 2.5% का ब्याज मिलता है, जिसका भुगतान छमाही आधार पर होता है. ये जीएसटी के दायरे से भी बाहर होता है. इसमें आठ साल में निवेश की गई रकम पर 20% का ब्याज मिल सकता है. निकासी पर सोने के बाजार भाव के आधार पर भुगतान होता है और इसमें आपको सोने के भाव में तेजी का भी फायदा मिलता है.
क्या आपने भी अभी तक शेयर बाजार में निवेश नहीं किया, 2022 में कर सकते हैं शुरुआत, समझिए निवेश रणनीति
मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि अपनी पूंजी का बहुत कम हिस्सा ही Penny Stocks में लगाना चाहिए.
बाजार में बिना सोचे समझे निवेश करने की बजाय योजना बनाकर निवेश करना चाहिए. अगर आपने भी अभी तक बाजार में निवेश नहीं किया . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 05, 2022, 12:24 IST
Investment Tips: क्या आपने भी अभी तक शेयर बाजार में निवेश नहीं किया है. अगर शेयर बाजार में निवेश करने का सोच रहे हैं तो साल 2022 शुरुआत के लिए अच्छा समय हो सकता है. क्यों और कैसे हो सकता है ये जानना जरूरी है. पिछले साल आपने भी देखा- सुना होगा कि शेयर बाजार ने जोरदार रिटर्न दिया. वहीं आपने सुना होगा कि साल 2020 में शेयर बाजार बहुत ज्यादा गिरा था. शेयर बाजार ने अपनी गिरावट को जल्द ही रिकवर कर लिया. साथ ही निफ्टी ने बीते साल 20 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया.
इन घटनाओं ने एक बार फिर साबित किया कि अगर आप अच्छी कंपनी के शेयरों में निवेश करते हैं तो लॉन्ग टर्म में ये अच्छा रिटर्न देते हैं. साथ ही बीते साल ने ये भी बताया कि शेयर मार्केट का रास्ता एकतरफा नहीं होता, ये गिरता चढ़ता रहता है. लिहाजा बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए.
बाजार में बिना सोचे समझे निवेश करने की बजाय योजना बनाकर निवेश करना चाहिए. अगर आपने भी अभी तक बाजार में निवेश नहीं किया है तो यह साल आपके लिए शुरुआत के लिए अच्छा साल हो सकता है. आइए हम आपको यहां बताते हैं कि अगर आप बाजार में निवेश करने का सोच रहे हैं किन रणनीतियों को अपनाना होगा.
1- नियमित निवेश – बाजार में कब तेजी होगी या कब गिरावट इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. तेजी या गिरावट में पैसा लगाने से बचना चाहिए अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं. बल्कि आप नियमित निवेश या एसआईपी करते हैं. चाहें वो शेयर हो या म्यूचुअल फंड. इस तरह आपकी शेयर प्राइज एवरेज होकर सही रेट पर आ जाएगी.
2- पोर्टपोलियों में विविधता- अपने फोर्टफोलियों में विविधता रखें. किसी एक शेयर में पूरा पैसा न लगाएं. बल्कि कोशिश करें अलग अलग सेक्टर की मजबूत कंपनियों को पकड़े. जैसे ऑटो, बैंक, आईटी सेक्टर के अच्छे शेयरों को पकड़ें. एक ही शेयर या म्यूचुअल फंड में पूरा पैसा न लगाएं.
3-मजबूत कंपनी के शेयर में पैसा लगाए- अच्छी कंपनी के शेयरों को गिरावट में बेचने की बजाय खरीदें. कुछ समय के लिए अच्छे शेयर गिर सकते हैं लेकिन फिर वो रिकवर कर लेते हैं. इसलिए कमजोर या खराब शेयरों में पैसा न लगाएं.
4- लालच में न आएं- बाजार में जल्द से जल्द पैसे को कई गुना करने के चक्कर में न आएं. बहुत सारे यूट्यूब चैनल या टिप्स देने वाले आपको तुरंत करोड़पति बनाने का झांसा देते हैं. बाजार में आपको अपने निवेश पर बैंक या दूसरे निवेश माध्यमों से ज्यादा निवेश मिल सकता है न कि यह जादुई छड़ी है जो आपको कुछ दिन में ही अमीर बना देगा.
5- एक्सपर्ट से सलाह लें- अगर आप ज्यादा पैसा लगाना या लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं तो किसी मार्केट एक्सपर्ट या जानकारी सलाह लेकर पैसा लगाएं. किसी दोस्त या रिश्तेदार के टिप्स के भरोसे न चलें. बल्कि बहुत सारे ब्रोकरेज हाउस सर्टिफाइड एक्सपर्ट निवेश की सलाह देते हैं. ऐसे किसी विशेषज्ञ से ही सलाह लेकर पैसा लगाएं.
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शेयर मार्केट में पहली बार कर रहे हैं निवेश तो इन बातों का रखें खास ध्यान, जानिए क्या है निवेश का सही तरीका
किसी भी सेक्टर में निवेश करने के लिए सिर्फ़ रिटर्न ही नहीं देखना चाहिए.
लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए मार्केट को समझ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 27, 2022, 08:20 IST
हाइलाइट्स
लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है.
शेयर मार्केट में निवेश सीखने का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसलिए खुद ही इसे अनुभव से सीखना पड़ता है.
किसी के कहने से अपने निवेश को बदलने की बजाय अपनी रिसर्च और प्लानिंग को ध्यान में रखना चाहिए.
नई दिल्ली. अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है कि हम अपनी इनकम का कुछ हिस्सा कहीं ऐसी जगह निवेश करें, जो जरूरत पड़ने पर काम आ सके. हमारे देश में ज्यादातर लोग निवेश के लिए ट्रेडिशनल तरीकों को ही अपनाते हैं जो कि रिटर्न के मामले में उतने कारगर नहीं होते हैं. लगातार बढ़ती महंगाई से मुकाबला करने के लिए शेयर मार्केट में निवेश करना काफ़ी फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए मार्केट को समझते हुए सही तरीके से निवेश करना जरूरी है.
शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा होता है लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखते हुए आप इससे अच्छा रिटर्न ले सकते हैं. शेयर मार्केट में निवेश सीखने का कोई शॉर्टकट नहीं है, इसलिए खुद ही इसे अनुभव से सीखना पड़ता है. यदि आप शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं और जानकारी के अभाव में अब तक नहीं कर पाए हैं, तो आज हम आपके काम की जानकारी लेकर आए हैं. इस आर्टिकल में हम इसी पर बात करेंगे.
निवेश के लिए स्टॉक कैसे तय करें
शेयर मार्केट में निवेश की शुरूआत में निवेशक को रिटर्न पर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए. शुरूआत में ज्यादा उतार चढ़ाव वाले स्टॉक की बजाय ऐसे स्टॉक को चुनना फायदेमंद होता है, जो फंडामेंटली मजबूत होते हैं. स्टॉक का चुनाव कंपनी की ग्रोथ देखकर करना चाहिए. शुरुआती निवेशक को स्मॉलकैप शेयरों की बजाय लार्जकैप शेयरों में पैसा लगाना चाहिए. फिर धीरे-धीरे मार्केट को समझते हुए आगे बढ़ना चाहिए.
निवेश से पहले टारगेट तय करें
भविष्य में आपको किस काम के लिए और कितने रुपयों की जरूरत पड़ सकती है, उसके मुताबिक अभी से प्लानिंग करके निवेश की शुरुआत करें. निवेश करते समय आप इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि जिस सेक्टर में आप पैसा लगाने जा रहे हैं उसमें अभी कितना रिटर्न मिल रहा है और भविष्य में आगे उसकी क्या संभावनाएं है.
धैर्य रखना बेहद जरूरी
शेयर मार्केट में हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है. इसमें आपको कभी फायदा होगा तो कभी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है. इसलिए शुरुआती लोगों के लिए निवेश के तरीके आपको धैर्य से काम लेना पड़ता है, इसमें जल्दबाजी काम नहीं आती. किसी भी स्टॉक में एक बार पैसे लगाने के बाद रुककर मार्केट की गतिविधियों को देखना चाहिए और सही समय पर अच्छे रिटर्न के साथ पैसे को निकालना चाहिए. स्टॉक मार्केट में आप अपने अनुभव से सीखते हैं और उसी के अनुसार आगे की प्लानिंग करते हैं. इसलिए अपने हर अनुभव से सीखते रहना जरूरी है.
निवेश बदलने से होता है नुकसान
अगर कोई निवेशक एक जगह निवेश करने के बाद, किसी दूसरे सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन को देखकर अपने निवेश को स्विच कर लेता है, तो वह उसे शॉर्ट टर्म के लिए तो लाभ दे सकता है लेकिन बार-बार ऐसा करने से उसको बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है. किसी भी सेक्टर में निवेश करने के लिए सिर्फ़ रिटर्न ही नहीं बल्कि बाकी सब चीजों को भी ध्यान से देखना चाहिए कि वह वास्तव में कितना लाभ दे सकता है.
फ्री की सलाह पर निवेश से बचें
शेयर मार्केट में निवेश के लिए गाइड करने वाली किसी विश्वसनीय वेबसाइट या एक्सपर्ट के अलावा किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए. विशेष तौर पर सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले टिप्स के चक्कर में पड़ने से बचें. किसी के कहने से अपने निवेश को बदलने की बजाय अपनी रिसर्च और प्लानिंग को ध्यान में रखना चाहिए. मार्केट के उतार-चढ़ाव से घबराकर पैसे निकालने के बारे में सोचना भी सही नहीं है. इसके अलावा मार्केट की गतिविधियों को ध्यान से देखते हुए अपनी प्लानिंग में बदलाव कर सकते हैं.
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वर्ष 2022 में उच्च रिटर्न देने वाले भारत में शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
निवेश भारत में संपत्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह महंगाई को हराने, फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने और अपने आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाने में मदद करता है. अपने बैंक अकाउंट में पैसे को रखने की बजाय, आप स्टॉक्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विभिन्न विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
यह आपको फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट करके सुरक्षित जीवन जीने के लिए, भविष्य के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा बनाने में मदद कर सकता है.
मार्केट में कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जिनमें उच्च स्तर के जोखिम होते हैं और अन्य एसेट क्लास की तुलना में लॉन्ग-टर्म में लाभकारी रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.
कई इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध होने के कारण, सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. नीचे कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान दिए गए हैं, जो सेविंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
भारत में सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
अगर आप सोच रहे हैं कि पैसे कहां इन्वेस्ट करें, तो यहां कुछ प्रकार के इन्वेस्टमेंट दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं:
स्टॉक्स
स्टॉक किसी कंपनी या इकाई के स्वामित्व में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. स्टॉक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के लिए ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक हैं. लेकिन, ये मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, इसलिए पूंजी की हानि का जोखिम हमेशा बना रहता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट
जोखिम से बचने वाले इन्वेस्टर के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट एक आदर्श इन्वेस्टमेंट विकल्प है. एफडी आपके डिपॉजिट पर सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उच्च-जोखिम लेने वाले इन्वेस्टर भी अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाने के लिए एफडी, आरईआईटीएस और क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुनते हैं.
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड, फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं, जो लोगों के पैसे को संग्रह करते हैं और विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं, ताकि रिटर्न मिल सके. आप शुरुआत में छोटी डिपॉजिट राशि से शुरू करके भी अच्छा-खासा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम
रिटायर हो चुके लोगों के लिए सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम एक लॉन्ग-टर्म सेविंग विकल्प है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुरक्षित आय प्राप्त करना चाहते हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
पीपीएफ भारत में एक विश्वसनीय इन्वेस्टमेंट प्लान है. इन्वेस्टमेंट प्रति वर्ष मात्र रु. 500 से शुरू है और इन्वेस्ट किए गए मूलधन, अर्जित ब्याज़ और मेच्योरिटी राशि पर टैक्स से छूट दी जाती है. इसका लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का है, जिसमें विभिन्न पड़ावों पर आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.
एनपीएस
एनपीएस, लाभदायक सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है, जो पेंशन के विकल्प प्रदान करता है. आपके फंड बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज़, स्टॉक और अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट किए जाते हैं. लॉक-इन अवधि इन्वेस्टर की आयु द्वारा निर्धारित की जाती है, क्योंकि जब तक इन्वेस्टर 60 वर्ष की आयु का नहीं होता, तब तक यह स्कीम मेच्योर नहीं होती है.
रियल एस्टेट
रियल एस्टेट, भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है, जिसमें बेहतरीन संभावनाएं हैं. भारत के कई इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से फ्लैट या प्लॉट खरीदना भी सर्वश्रेष्ठ विकल्प में से एक है. क्योंकि प्रॉपर्टी की दर हर छह महीने में बढ़ सकती है, इसलिए जोखिम कम होता है और रियल एस्टेट एक ऐसे एसेट के रूप में काम करता है, जो लंबे समय में उच्च रिटर्न प्रदान करता है.
गोल्ड बॉन्ड्स
सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज़ हैं, जो सोने के ग्राम में मूल्यांकित किया जाता है. रिज़र्व बैंक, भारत सरकार की ओर से फिज़िकल गोल्ड रखने के विकल्प के रूप में बांड जारी करता है. इन्वेस्टर को कैश में इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है, और मेच्योरिटी पर बॉन्ड को कैश में रिडीम किया जा सकता है.
आरईआईटीएस
आरईआईटी, या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, ऐसी कंपनियां होती हैं, जो कई प्रॉपर्टी सेक्टर में, आय प्रदान करने वाले रियल एस्टेट का मालिक होती हैं या फाइनेंस करती है. इन रियल एस्टेट कंपनियों को आरईआईटी के रूप में पात्रता प्राप्त करने के लिए कई आवश्यकताओं को पूरा करना होता है. अधिकांश आरईआईटी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जो इन्वेस्टर को कई लाभ प्रदान करता है.
क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी, या क्रिप्टो, करेंसी का एक रूप है, जो डिजिटल या वर्चुअल रूप से मौजूद है और ट्रांज़ैक्शन सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है. क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्र द्वारा जारी होने या विनियमित किए जाने वाला प्राधिकरण नहीं है; बल्कि ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड करने और नई यूनिट जारी करने के लिए डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता है.
आपको अपने पैसे कहां इन्वेस्ट करने चाहिए?
अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, आप या तो मार्केट-लिंक्ड या मार्केट से अप्रभावित रहने वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं. मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट में अधिक रिटर्न मिलते हैं, लेकिन ये हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान नहीं होते क्योंकि इनमें पूंजी खोने का जोखिम रहता है. तुलना में, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट टूल, फंड की अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. बजाज फाइनेंस एक ऐसा फाइनेंसर है जो उच्च एफडी दरों और फंड की सुरक्षा का दोहरा लाभ प्रदान करता है.
जोखिम उठाने की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट के विकल्पों को किस तरह प्रभावित करती है
अधिकांश इन्वेस्टमेंट विकल्पों में कुछ अस्थिरता होती है, और आमतौर पर जब जोखिम का स्तर अधिक होता है, तो इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक होता है. इसलिए, अक्सर इन्वेस्टमेंट के निर्णय इन्वेस्टर्स की जोखिम क्षमता के आधार पर लिए जाते हैं.
कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: फिक्स्ड-इनकम विकल्पों में बॉन्ड, डिबेंचर, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, और सरकारी सेविंग स्कीम शामिल हैं.
मध्यम-जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: डेट फंड, बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड, और इंडेक्स फंड इस कैटेगरी में आते हैं.
अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: अस्थिरता वाले इन्वेस्टमेंट में स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प शामिल हैं.
बजाज फाइनेंस एफडी सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक क्यों है
- प्रति वर्ष 7.95% तक की उच्च ब्याज़ दरें. द्वारा एफएएए और इकरा द्वारा एमएएए की उच्चतम सुरक्षा रेटिंग के साथ समय-समय पर भुगतान का विकल्प
- समय से पहले निकासी से बचने के लिए एफडी पर लोन
बजाज फाइनेंस एफडी में इन्वेस्ट करना अब पहले से भी आसान है. हमारी एंड-टू-एंड ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्रोसेस के साथ अपने घर के आराम से अपनी इन्वेस्टमेंट यात्रा शुरू करें.