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निवेश क्या है

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Investment Tips: इस तरह करें इन्वेस्टमेंट, तो आपका पैसा हो जाएगा डबल, ऐसे समझे क्या है फंडा

आज कल लोगों को अपना पैसा सही जगह इन्वेस्टमेंट (Investment) करने पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है, क्योकि डिजिटल फ्रॉड (Digital Fraud) के मामले काफी बढ़ गए है.

By: ABP Live | Updated at : 11 Aug 2022 06:31 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Investment Planner in India : आज कल लोगों को अपना पैसा सही जगह इन्वेस्टमेंट (Investment) करने पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है, क्योकि डिजिटल फ्रॉड (Digital Fraud) के मामले काफी बढ़ गए है. वही दूसरी ओर शेयर बाजार (Share Market) में भारी उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है. सभी निवेशकों की हिम्‍मत पैसा लगाने की नहीं होती है.

Investment Double
ऐसे में सुरक्षा की गारंटी के साथ अपने निवेश को दोगुना करने के लिए आपको लंबा इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि आखिर कौन सा निवेश का विकल्‍प है जो सुरक्षा के साथ जल्‍दी पैसों को डबल बना दे.

NPS Tier-2
अगर सुरक्षित निवेश विकल्‍पों पर नजर डालें तो इसमें Fixed Deposit, PPF, Sukanya Samriddhi Yojana, Kisan Vikas Patra (KVP), National Savings Certificate (NSC) and National Pension Scheme (NPS) Tier-2 जैसे ऑप्‍शन आते हैं. इक्विटी म्‍यूचुअल फंड में जुलाई में सिर्फ 8,898 करोड़ का निवेश है, जो 9 महीने में सबसे कम है. ऐसे में सुरक्षित विकल्‍प का महत्‍व बढ़ जाता है, आप अपना पैसा कहां लगाएं, इसे एक्‍सपर्ट के नजरिये से देखें.

Mutual Fund
बैंकबाजार डॉट कॉम (bankbazaar.com) के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि ज्‍यादातर निवेश विकल्प पैसा डबल कर सकते हैं. पैसा डबल होने में समय कितना लगेगा. कुछ म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) योजनाएं 4-5 साल में डबल करने की क्षमता रखती हैं. सरकारी निवेश विकल्पों में जोखिम नहीं है पर पैसा जल्दी डबल करना है तो जोखिम लेना होगा और बाजार से जुड़े विकल्पों में निवेश करना होगा.

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क्या है नियम
आपका पैसा कितने साल में दोगुना होगा. रूल ऑफ 72 Formula यह जानने का आसान तरीका है. इसके तहत आप अपने निवेश पर मिल रहे ब्याज दर से 72 में भाग देते हैं. आपने 4 फीसदी सालाना ब्याज दर पर किसी बैंक में निवेश क्या है फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) कराई है तो इसके दोगुना होने में 18 साल लगेंगे. इसके लिए आपको 72 को 4 से भाग देना होगा, जिसका परिणाम 18 होगा. ऐसे निवेश करें, ये है निवेश का तरीका.

Bank and FD
रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने के बाद अधिकतर बैंक अपनी एफडी की ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. इस समय एफडी पर औसतन 6 फीसदी का ब्‍याज मिल रहा. ऐसे में यहां आपका पैसा डबल होने में करीब 12 साल लग जाएंगे.

PPF
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भी निवेश का बेहतर तरीका है और इस पर अभी सालाना 7.1 फीसदी दर से ब्याज मिल रहा है. लिहाजा इसमें आपके पैसे दोगुना होने में 10.14 साल लगेंगे.

Sukanya Samriddhi Yojana: अगर आप अपनी बेटी के नाम पर सुकन्‍या खाता खुलवाते हैं तो 9.4 साल में आपका पैसा दोगुना हो जाएगा. अभी सुकन्‍या योजना में सालाना 7.6 फीसदी की दर से ब्‍याज मिल रहा है.

KVP- यानी किसान विकास पत्र भी निवेश के लिए बेहतर सरकारी योजना है. इस पर अभी सालाना 6.9 फीसदी की दर से गारंटीड ब्‍याज दर मिल रही है. ऐसे में यह विकल्‍प 10.43 साल में आपके पैसे को दोगुना कर देगा.

NPS- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NPS) भी सरकार की ओर से चलाई जाने वाली लघु बचत योजना है और इस पर अभी सालाना 6.8 फीसदी की दर से ब्‍याज मिल रहा है. ऐसे में आपके पैसे 10.58 साल में दोगुना हो जाएंगे.

NPS Tier-2 : नेशनल पेंशन स्‍कीम का यह खाता हर किसी के नाम खोला जा सकता है. इसे निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में काम करने वाले या प्रोफेशनल भी खोल सकते हैं. पिछले कुछ साल का रिकॉर्ड देखें तो 50 फीसदी से ज्‍यादा निवेश इक्विटी में करने वाले फंडों ने इस खाते को 10 से 12 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर हम 10 फीसदी सालाना का भी रिटर्न देखें तो आपके पैसे 7.2 साल में दोगुना हो जाएंगे.

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Published at : 11 Aug 2022 06:31 PM (IST) Tags: Share Market Investment Mutual fund fixed deposit Investment Planner in India bankbazaar हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in निवेश क्या है Hindi

Mutual Funds में निवेश करने का सही तरीका क्या है? उदाहरण के साथ सीखें

नई दिल्ली: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिम के अधीन है। हालांकि, अगर कोई लंबे समय तक इसमें निवेश करता है तो जोखिम कारक कम हो जाता है जबकि म्यूचुअल फंड रिटर्न अधिकतम हो जाता है। अब इसमें निवेश कैसे करें? पहले तो आपको यह जानना चाहिए कि म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है। बता दें कि म्यूचुअल फंड का मुख्य कार्य स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश प्रदान करना है। अच्छे रिटर्न के लिए इन निवेशों को एक साथ लाया जाता है।

अब निवेश कैसे करें? इसपर ध्यान देते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 36 साल है और एसआईपी में नए हो और आप प्रति माह 10,000 रुपये निवेश करने की योजना बना रहा है तो आपको कैसे निवेश करना चाहिए?

चूंकि आप म्यूचुअल फंड में निवेश की मूल बातें नहीं जानते हैं, इसलिए आपको म्यूचुअल फंड सलाहकार की मदद लेनी चाहिए। आप संदर्भ के लिए अपने मित्रों और सहकर्मियों से पूछ सकते हैं। नए निवेशकों को मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। केवल आपके निकट एक म्यूचुअल फंड सलाहकार ही आपको सही दिशा दिखाने में सक्षम होगा।

हम हमेशा निवेशकों से लक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहते हैं। यह आपको दैनिक बाजार की गतिविधियों के बारे में चिंता करने के बजाय अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। हमेशा ऐसे म्युचुअल फंड चुनें जो आपके निवेश उद्देश्यों और जोखिम प्रोफाइल से मेल खाते हों। अगर आप लंबी अवधि में संपत्ति बढ़ाना चाहते हैं, तो आप लार्ज कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। अगर आप थोड़ा और जोखिम लेने को तैयार हैं तो फ्लेक्सी कैप स्कीमों में निवेश कर सकते हैं।

अनावश्यक जोखिम न लें और रिटर्न के पीछे न भागें। अपने लक्ष्यों पर ध्यान दें और जोखिम लेने से पहले कुछ अनुभव और ज्ञान हासिल करें।

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What is ESG theme Investment: ईएसजी थीम निवेश क्या है

ईएसजी ESG

ESG Investments: ईएसजी इन्वेस्टमेंट (ESG Investment) नए जमाने के नए निवेश का एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रहा है। ईएसजी का मतलब है एनवायरनमेंटल सोशल और कॉर्पोरेट गवर्नेंस। जैसा कि देखा गया है निवेशकों की रुचि थीम पर आधारित निवेश की ओर बढ़ रही है, ऐसे में ईएसजी थीम निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कई म्यूचुअल फंड कंपनियों ने भी ईएसजी के निवेश क्या है प्रति अपनी रुचि दिखाई है। कॉर्पोरेट क्षेत्र में पर्यावरण से संबंधित विषयों के बारे में जागरूकता बढ़ी है। वहीं सोशल और गवर्नेंस के सिद्धांत भी मुख्यधारा में आ रहे हैं। अब ज्यादातर कंपनियाँ और कॉर्पोरेट क्षेत्र ईएसजी के नियमों के आधार पर क्षेत्र में बिज़नेस बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

बाजार में माना जा रहा है कि वे कंपनियाँ जिनमें भविष्य में अच्छे प्रदर्शन की योग्यता है वे इन सिद्धांतों को अपनाती हैं। ईएसजी में निवेश का मतलब है कि उन कंपनियों में निवेश करना जो एनवायरमेंटल सोशल और गवर्नेंस संबंधी उच्च मानदंडों को पूरा करती हैं। इसमें वित्तीय जोखिम की संभावना भी कम होती है।

ईएसजी के फायदे

ईएसजी के ऊँचे मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियाँ अक्सर मजबूत होती हैं। इन कंपनियों में निवेश करने से बेहतर रिटर्न की संभावना बहुत अधिक हो जाती है। वहीं जिन कंपनियों में ये मानदंड स्तरीय नहीं होते वहाँ जोखिम ज्यादा होता है।

म्यूचुअल फंड का भी भरोसा

किसी निवेश क्या है भी कंपनी के प्रदर्शन और जोखिम का जब आकलन किया जाता है तो जिम्मेदारी, नैतिक मूल्य और स्टेबिलिटी पर ध्यान दिया जाता है। ये सभी कंपनियाँ जो ईएसजी के मानदंड ऊँचे रखती हैं वे इसी श्रेणी में गिनी जाती हैं। इसके चलते एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ इन कंपनियों में सक्रिय निवेश कर रही हैं।

ईएसजी थीम से जुड़ी कंपनियाँ बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर के लिए भी महत्त्वपूर्ण हो चली हैं। ये दोनों ही सेक्टर क्रेडिट मूल्यांकन करते समय इस बात पर ध्यान रखते हैं कि किस प्रकार रिस्क या जोखिम कम किया जाए, सही मूल्यांकन हो सके, और लोन अग्रीमेंट और अवधि के निर्धारण सही तरीके से लागू किया जा सके।

ईएसजी थीम अपनाने से कंपनियों को भी खासा फायदा

इन सिद्धांतों के अपनाने से संसाधनों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से होता है जिससे टॉपलाइन ग्रोथ बढ़ती है और पूंजी भी बढ़ाई जा सकती है। कुल मिलाकर ये सिद्धांत कॉर्पोरेट ग्रोथ के लिए फ़ायदेमंद हैं। वहीं इनका अप्रत्यक्ष रूप से फायदा भी मिलता है। कंपनी की छवि निवेशकों के बीच बेहतर होती है। यह भी देखा गया है कि यदि ईएसजी से संबंधित गलत खबरें आने से कंपनी के कीमतों पर इसका उल्टा असर पड़ता है। साथ ही, ईएसजी थीम वित्तीय प्रणाली और बैंकिंग नेटवर्क मजबूत होने में भी सहायक है।

ईसीजी अभी प्रारंभिक चरण में

वैश्विक संस्थागत निवेशकों ने अपनी ईएसजी पॉलिसी और कल्चर को बहुत अच्छी तरह परिभाषित कर लिया है। वहीं म्यूचुअल फंड ने भी ईएसजी टीम पर भरोसा दिखाया है। हालांकि भारत में निवेशकों का एक बड़ा समूह अभी भी ईएसजी के प्राथमिक चरण में ही है। हालांकि हालिया रुझान में ऐसा देखा गया है कि निवेशक उन कंपनियों में निवेश से बच रहे हैं जिनका ईएसजी मापदंड अच्छा नहीं है।

What is ESG Investing

ESG Investments: ईएसजी इन्वेस्टमेंट (ESG Investment) नए जमाने के नए निवेश का एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रहा है। ईएसजी का मतलब है एनवायरनमेंटल सोशल और कॉर्पोरेट गवर्नेंस। जैसा कि देखा गया है निवेशकों की रुचि थीम पर आधारित निवेश की ओर बढ़ रही है, ऐसे में ईएसजी थीम निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कई म्यूचुअल फंड कंपनियों ने भी ईएसजी के प्रति अपनी रुचि दिखाई है। कॉर्पोरेट क्षेत्र में पर्यावरण से संबंधित विषयों के बारे में जागरूकता बढ़ी है। वहीं सोशल और गवर्नेंस के सिद्धांत भी मुख्यधारा में आ रहे हैं। अब ज्यादातर कंपनियाँ और कॉर्पोरेट क्षेत्र ईएसजी के नियमों के आधार पर क्षेत्र में बिज़नेस बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

बाजार में माना जा रहा है कि वे कंपनियाँ जिनमें भविष्य में अच्छे प्रदर्शन की योग्यता है वे इन सिद्धांतों को अपनाती हैं। ईएसजी में निवेश का मतलब है कि उन कंपनियों में निवेश करना जो एनवायरमेंटल सोशल और गवर्नेंस संबंधी उच्च मानदंडों को पूरा करती हैं। इसमें वित्तीय जोखिम की संभावना भी कम होती है।

ईएसजी के फायदे

ईएसजी के ऊँचे मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियाँ अक्सर मजबूत होती हैं। इन कंपनियों में निवेश करने से बेहतर रिटर्न की संभावना बहुत अधिक हो जाती है। वहीं जिन कंपनियों में ये मानदंड स्तरीय नहीं होते वहाँ जोखिम ज्यादा होता है।

म्यूचुअल फंड का भी भरोसा

किसी भी कंपनी के प्रदर्शन और जोखिम का जब आकलन किया जाता है तो जिम्मेदारी, नैतिक मूल्य और स्टेबिलिटी पर ध्यान दिया जाता है। ये सभी कंपनियाँ जो ईएसजी के मानदंड ऊँचे रखती हैं वे इसी श्रेणी में गिनी जाती हैं। इसके चलते एसेट मैनेजमेंट कंपनियाँ इन कंपनियों में सक्रिय निवेश कर रही हैं।

ईएसजी थीम से जुड़ी कंपनियाँ बैंकिंग और नॉन बैंकिंग सेक्टर के लिए भी महत्त्वपूर्ण हो चली हैं। ये दोनों ही सेक्टर क्रेडिट मूल्यांकन करते समय इस बात पर ध्यान रखते हैं कि किस प्रकार रिस्क या जोखिम कम किया जाए, सही मूल्यांकन हो सके, और लोन अग्रीमेंट और अवधि के निर्धारण सही तरीके से लागू किया जा सके।

ईएसजी थीम अपनाने से कंपनियों को भी खासा फायदा

इन सिद्धांतों के अपनाने से संसाधनों का इस्तेमाल बेहतर तरीके से होता है जिससे टॉपलाइन ग्रोथ बढ़ती है और पूंजी भी बढ़ाई जा सकती है। कुल मिलाकर ये सिद्धांत कॉर्पोरेट ग्रोथ के लिए फ़ायदेमंद हैं। वहीं इनका अप्रत्यक्ष रूप से फायदा भी मिलता है। कंपनी की छवि निवेशकों के बीच बेहतर होती है। यह भी देखा गया है कि यदि ईएसजी से संबंधित गलत खबरें आने से कंपनी के कीमतों पर इसका उल्टा असर पड़ता निवेश क्या है है। साथ ही, ईएसजी थीम वित्तीय प्रणाली और बैंकिंग नेटवर्क मजबूत होने में भी सहायक है।

ईसीजी अभी प्रारंभिक चरण में

वैश्विक संस्थागत निवेशकों ने अपनी ईएसजी पॉलिसी और कल्चर को बहुत अच्छी तरह परिभाषित कर लिया है। वहीं म्यूचुअल फंड ने भी ईएसजी टीम पर भरोसा दिखाया है। हालांकि भारत में निवेशकों का एक बड़ा समूह अभी भी ईएसजी के प्राथमिक चरण में ही है। हालांकि हालिया रुझान में ऐसा देखा गया है कि निवेशक उन कंपनियों में निवेश से बच रहे हैं जिनका ईएसजी मापदंड अच्छा नहीं है।

निवेश और विनिवेश में अन्तर

Zerodha

निवेश और विनिवेश में अंतर को समझने के लिए आइए पहले हम इन दोनों शब्दों के अलग अलग मतलब को समझते है और जानते है कि – निवेश क्या है? और विनिवेश क्या है ?

आइए पहले निवेश को समझते है –

निवेश क्या है?

बिल्कुल आसान शब्दों में कहे तो – अतिरिक्त धन कमाने के लिए , धन के रूप में पूंजी लगाने की प्रक्रिया को ही निवेश कहते है, जैसे – बैंक में व्याज के रूप में अतिरिक्त धन कमाने के लिए , फिक्स्ड डिपाजिट में पैसे जमा करना,

इस उदहारण में बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट करने और उस से व्याज कमाने की प्रक्रिया को निवेश कहा जा सकता है,

लेकिन अगर निवेश के सही अर्थ की बात की जाये तो निवेश एक बहुत व्यापक शब्द है, जिसका अलग अलग लोगो के लिए अलग मतलब होता है , और निवेश वास्तव में एक फाइनेंसियल प्लानिंग का नाम है.

निवेश को बेहतर तरीके से समझने के लिए आप इन अर्तिक्ल को जरुर पढ़े,

Investment Blog (Posts)

  1. निवेश क्या है? (What is Investment?)
  2. निवेश की जरूरत क्यों है (Why-do-we-need-to-invest)
  3. कौन सा इन्वेस्टमेंट हमारे लिए बेस्ट है Which is Best Investment
  4. Investment Where to Invest
  5. INVESTMENT से पहले सावधानी
  6. Types of investment (इन्वेस्टमेंट के विकल्प )
  7. निवेश की जरूरत क्यों है ? (Why do we need to Invest?)

आइए अब विनिवेश को समझते है ..

विनिवेश क्या होता है ?

विनिवेश शब्द का उपयोग खास तौर से सरकार अन्य बड़ी संस्थाओ और कंपनी द्वारा किया जाता है, जिसका मतलब ये होता है कि – कोई ऐसा निवेश जिसमे पर्याप्त लाभ नहीं हो रहा है तो उस निवेश को योजनाबद्ध तरीके से निवेश का कुछ हिस्सा बेचकर, निवेश को लाभप्रद बनाना,

विनिवेश का उद्देश्य किसी कंपनी के आधारभूत बदलाव करके उस कंपनी को लाभप्रद बनाना होता है,

अब जैसा मैंने पहले निवेश क्या है कहा – विनिवेश शब्द का अधिकतर इस्तेमाल सरकार के द्वारा किया जाता है, यहाँ तक किस सरकार के पास एक विनिवेश निति भी होती है, जिसके तहत जो सरकारी कंपनी लाभ नहीं कमा पा रही है, उसके कुछ शेयर यानि हिस्से को प्राइवेट कंपनी को बेच कर सबसे पहले उस कंपनी के मैनेजमेंट को ठीक किया जाता है ताकि वह लाभ कमा सके.

निवेश और विनिवेश में अंतर

निवेश और विनिवेश में अंतर कुछ इस प्रकार से समझा जा सकता है –

  1. निवेश शब्द एक आम शब्द है जिसका मतलब होता है पैसे का निवेश करके अतिरिक्त पैसे कमाना जबकि विनिवेश का अर्थ होता है घाटे में रहने वाले निवेश या निवेशित कंपनी में आधारभूत बदलाव या उसका कुछ हिस्सा बेच कर उसे लाभ प्रद बनाना.
  2. निवेश आम जनता द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जबकि विनिवेश सरकार या बड़ी संस्थानों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है.

तो दोस्तों, आज के पोस्ट में हमने निवेश और विनिवेश में अंतर के बारे में बात की, इस पोस्ट से जुड़े सवाल या विचार आप नीचे कमेंट करके शेयर कर सकते है ,

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