भग्न संरचना

"Fractals" Meaning In Hindi
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क्या आपने कभी सोचा है कि कीड़े पानी पर कैसे चल सकते हैं?
ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि वे पानी से हल्के या कम घने होते हैं, इसका उत्तर है … सतही तनाव!
सतह तनाव क्या है
यही कारण है कि बुलबुले बनते हैं, यह है कि पानी एक केशिका ट्यूब के किनारों को कैसे क्रॉल कर सकता है, और यह वह है जो पानी के तार जैसे कीड़ों को तालाब की सतह पर बिना तोड़े चलने की अनुमति देता है।
सतह तनाव एक तरल के सतह क्षेत्र को बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊर्जा है, और इस प्रकार एक तरल जितना संभव हो उतना छोटा सतह क्षेत्र रखना चाहता है। दूसरे शब्दों में, यह तरल के भीतर काम कर रहे आणविक बलों के कारण बाहरी बल का विरोध करने की सतह की क्षमता है। इन बलों में हाइड्रोजन बॉन्डिंग (मजबूत इंटरमॉलिक्युलर इंटरैक्शन) और फैलाव बल (कमजोर इंटरमॉलिक्युलर इंटरैक्शन) शामिल हैं।
पानी की अजीबता
इसके कई अन्य अद्वितीय गुणों में से, पानी की रासायनिक संरचना इसे एक बहुत अन्य तरल पदार्थों की तुलना में उच्च सतह तनाव - लगभग 72mN / m। उच्च सतह तनाव वाला एकमात्र तरल पारा है, 500mN/m पर। इस वजह से, सतह तनाव का प्रदर्शन करते समय पानी सबसे आम उदाहरण है, और हम इसे हर जगह क्रिया में देख सकते हैं।
पानी टेट्राहेड्रल संरचना में दो हाइड्रोजन परमाणुओं और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना होता है, और यह विन्यास पानी के अणुओं को इलेक्ट्रोस्टैटिक बॉन्ड बनाने की अनुमति देता है - जिसे हाइड्रोजन बॉन्ड कहा जाता है - पड़ोसी अणुओं के बीच।
सतहों को अक्सर या तो हाइड्रोफिलिक (पानी से प्यार करने वाला) या हाइड्रोफोबिक (पानी से नफरत करने वाला) के रूप में वर्णित किया जाता है, और यह पानी के अणुओं के साथ बंधन की सतह की क्षमता से निर्धारित होता है, न कि पानी केवल खुद को बांधता है। यह सतह बंधन क्षमता अक्सर आणविक ध्रुवीयता द्वारा निर्धारित की जाती है, और क्या हाइड्रोजन बंधन के लिए साइट हैं। रसायन विज्ञान में, 'जैसे आकर्षित करता है', इसलिए पानी की तरह एक ध्रुवीय अणु बिना किसी शुद्ध आवेश वाली सतह की तुलना में ध्रुवीय सतह की ओर अधिक आकर्षित होगा।
कमल के पत्ते
जब आप कमल के फूल की पत्तियों से बहते पानी को देखते हैं, तो आप देखेंगे कि पत्ता वास्तव में गीला नहीं होता है। पानी बिना किसी निशान के तुरंत बह जाता है। कमल प्रभाव सुपरहाइड्रोफोबिसिटी का एक विशेष मामला है, और यह दो कारकों के कारण होता है।
सबसे पहले, कमल के पत्ते क्यूटिकल्स से ढके होते हैं जो पत्ती की सतह पर एक मोमी पदार्थ का स्राव करते हैं। मोम और तेल हाइड्रोफोबिक होते हैं और इसलिए पानी की बूंदें पत्ती की सतह की तुलना में पानी की अन्य बूंदों का अधिक आसानी से पालन करेंगी।
दूसरे, कमल के पत्ते की सतह काफी चिकनी दिख सकती है, लेकिन वास्तव में यह सूक्ष्म स्तर पर बेहद खुरदरी होती है। यह पत्ती की सतह के कई छोटे-छोटे बिंदुओं से आच्छादित है, जिससे सतह के भग्न पदानुक्रम बनते हैं, और अंतराल जिसमें हवा फंस सकती है। इससे पानी की बूंद और पत्ती की सतह के बीच प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे पानी आसानी से लुढ़क जाता है।
सतह तनाव तोड़ना
किसी सतह की ऊर्जा को कम किया जा सकता है ताकि वह आसानी से टूट सके। यह सर्फेक्टेंट का उपयोग भग्न संरचना करके प्राप्त किया जाता है, लघु के लिए सर्फऐस कार्यIve ageएनटीएस।
सर्फैक्टेंट एक हाइड्रोफिलिक सिर और एक हाइड्रोफोबिक पूंछ वाले अणु होते हैं। अणु खुद को पानी और एक अन्य तरल पदार्थ (जैसे तेल या वायु) के एक इंटरफेस के साथ संरेखित कर सकते हैं और इससे सतह के साथ ऊर्जा कम हो जाती है।
आप इसकी कल्पना एक अतिरिक्त परत की तरह कर सकते हैं जो पानी के अणुओं को लेप करती है और उन्हें इंटरफेस से और एक दूसरे से अलग करती है। यह पानी के अणुओं को पतला फैलाता है और बुलबुले बनने का कारण बनता है।
डिटर्जेंट में, ये छोटे बुलबुले गंदगी और बैक्टीरिया को साफ करने के लिए खांचे और छिद्रों में जा सकते हैं। इमल्शन में, बुलबुले एक अन्य तरल पदार्थ में फैल सकते हैं, जैसे मार्जरीन बनाने के लिए तेल में निलंबित पानी के कण। पायसीकारी सर्फेक्टेंट दो चरणों की स्थिरता को कुछ समरूप में बदलने में सक्षम हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके लिए अलग होना बहुत कठिन है।
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भग्न मगन रत्नाकर में वह राह कौन सा अलंकार है
दे रही अभी दिखाई भग्न, मग्न रत्नाकर में वह राह । । धर्म का ले लेकर जो नाम, हुआ .
Answer:
Bro english plzzzzzzzzzzzxzzxxxz. .
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4. The environment has been destroyed completely. The pharsal verb that can replace the ital portion is- (2) destroyed out (4) rooted out (1) wiped ov … er (3) wiped out Choose the correct alternative : llad
पहाड़ी श्रंखला से घिरा विकट दुर्ग रणथम्भोर
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डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा
हम्मीर की आन-बान शान का प्रतीक रणथम्भोर दुर्ग राजस्थान का एक प्राचीन एवं प्रमुख गिरि दुर्ग है। बीहड़ वन और दुर्ग घाटियों के मध्य अवस्थित यह दुर्ग विशिष्ट सामरिक स्थिति और सुदृढ़ संरचना के कारण अजेय माना जाता था। दिल्ली से उसकी निकटता तथा मालवा और
हम्मीर की आन-बान शान का प्रतीक रणथम्भोर दुर्ग राजस्थान का एक प्राचीन एवं प्रमुख गिरि दुर्ग है। बीहड़ वन और दुर्ग घाटियों के मध्य अवस्थित यह दुर्ग विशिष्ट सामरिक स्थिति और सुदृढ़ संरचना के कारण अजेय माना जाता था। दिल्ली से उसकी निकटता तथा मालवा और मेवाड़ के मध्य में स्थित होने के कारण रणथम्भोर दुर्ग भग्न संरचना पर निरन्तर आक्रमण होते रहें। सवाईमाधोपुर से लगभग 13 किमी. दूर रणथम्भोर अरावली पर्वतमाला की श्रंखलाओं से घिरा एक विकट दुर्ग है। रणथम्भोर दुर्ग एक ऊंचे गिरि शिखर पर बना है और उसकी स्थिति कुछ ऐसी विलक्षण है कि दुर्ग के समीप जाने पर ही यह दिखाई देता है। दुर्ग की विषम प्राकृतिक स्थिति एवं ऐतिहासिक महत्व की वजह से वर्ष 2013 ई. में इसे विश्व विरासत सूची में शामिल कर इसकी कीर्ति को विश्व में फैलाया।
रणथम्भोर का वास्तविक नाम रन्त रू पुर है अर्थात् ’रण की घाटी में स्थित नगर’। ’रण’ उस पहाड़ी का नाम है जो किले की पहाड़ी से कुछ नीचे है एवं थंभ (स्तम्भ) जिस पर यह किला बना है। इसी से इसका नाम रणथम्भारै हो गया। यह दुर्ग चतुर्दिक पहडि़यों से घिरा है जो इसकी नैसर्गिक प्राचीरों का काम करती हैं। दुर्ग की इसी दुर्गम भौगोलिक स्थिति को लक्ष्य कर अबुल फजल ने लिखा हैं-यह दुर्ग पहाड़ी प्रदेश के बीच में बख्तरबंद दुर्ग है। रणथंभोर दुर्ग में जाने के लिये पहाड़ी श्रंखलाओं के मध्य चारों और प्राकृतिक छटा से भरपूर एक सर्पिला और तंग रास्ता दुर्ग की और जाता है। मोर कुंड से पहाड़ी का चढ़ाव मार्ग पर पक्का परकोटा एवं मोर द्वार एवं इसके बाद बड़ा दरवाजा बना है। आगे बढ़ने पर मैदानी भाग में पद्मला तालाब, तीन तरफ पहाड़ियाँ एवं चौथी ओर नजर आता है रणथंभोर का विशाल दुर्ग। यहीं से होती है दुर्ग की चढ़ाई ओर करीब एक किमी. चढ़ाई भग्न संरचना पर दिखाई देता है तीसरा नवलखा द्वार और आगे पक्की सीढियां चढ़ कर तीन द्वारों से और गुजरना होता हैं। किले की मजबूत चार दिवारी करीब 9 किमी.है। प्राचीर में बड़ी-बड़ी विशाल बुर्जे, भैरव
यंत्र,ढिकुलियाँ,मर्कटियंत्र लगे हुए हैं जिनसे शत्रु सेना पर पत्थर के गोले बरसाए जाते थे।दुर्ग के तीन ओर गहरी खाई हैं और इनके पीछे फिर ऊंची पहाड़ियाँ हैं, इन पर भी परकोटे बनाये गये हैं। इस प्रकार कई स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का अनूठा दुर्ग दूसरा नहीं मिलता।
दुर्ग में पांच बड़े तालाबों में जल का अटूट भण्डार हैं। पद्मिनी भवन, राजप्रासाद, जोहरे-भोहरे, हम्मीर के मस्तक वाला शिव मंदिर, हम्मीर कचहरी,बत्तीस खम्भों की छतरी प्राचीन स्मारक दुर्ग की शान हैं। दुर्ग में लक्ष्मीनाराण मंदिर (भग्न रूप में) जैन मंदिर , मुस्लिम संत की मस्जिद तथा समूचे देश में प्रसिद्ध त्रिनेत्र गणेश जी का मंदिर दुर्ग के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं एवं कई उद्यान बनाये गये हैं। दुर्ग के निर्माण की तिथि तथा उसके निर्माताओं के बार में प्रामाणिक जानकारी का अभाव है। रणथम्भोर किले का निर्माण रणथंमनदेव ने करवाया था। उसके उत्तराधिकारियों ने कई निर्माण कार्य किले में करवाये। दुर्ग को सर्वाधिक गौरव मिला यहाँ के वीर और पराक्रमी शासक राव हम्मीर देव चैहान के अनुपम त्याग और बलिदान से। हम्मीर ने सुलतान अलाउद्दीन खिलजी के विद्रोही सेनापति मीर मुहम्मदशाह (महमांशाह) को अपनी यहाँ शरण प्रदान की जिसे दण्डित करने तथा अपनी साम्रज्यवादी महत्वाकांक्षा की पूर्ति हेतु अलाउद्दीन ने 1301 ई. में रणथम्भोर पर एक विशाल सैन्य दल के साथ आक्रमण किया। पहले उसने अपने सेनापति नुसरत खां को रणथम्भोर विजय के लिए भेजा लेकिन किले की घेराबन्दी करते समय हम्मीर के सैनिकों द्वारा दुर्ग से की गई पत्थर वर्षा से वह मारा गया। क्रुद्ध हो अलाउद्दीन स्वयं रणथम्भोर पर चढ़ आया तथा विशाल सेना के साथ दुर्ग को घेर लिया। पराक्रमी हम्मीर ने इस आक्रमण का जोरदार मुकाबला किया।
अलाउद्दीन के साथ आये इतिहासकार अमीर खुसरो युद्ध के घटनाक्रम का वर्णन करते हुए लिखता है कि सुल्तान ने किले के भीतर मार करने के लिए पाशेब (विशेष प्रकार के चबूतरे) तथा गरगच तैयार करवाये और मगरबी (ज्वलनशील पदार्थ फेंकने का यन्त्र) व अर्रादा (पत्थरों की वर्षा करने वाला यन्त्र) आदि की सहायता से आक्रमण किया। उधर हम्मीरदेव के सैनिकों ने दुर्ग के भीतर से अग्निबाण चलाये तथा मंजनीक व ढेकुली यन्त्रों द्वारा अलाउद्दीन के सैनिकों पर विशाल पत्थरों के गोले बरसाये। दुर्गस्थ जलाशयों से तेज बहाव के साथ पानी छोड़ा गया जिससे खिलजी सेना को भारी क्षति हुई। इस तरह रणथम्भोर का घेरा लगभग एक वर्ष तक चला। अन्ततः अलाउद्दीन ने छल और कूटनीति का आश्रय लिया तथा हम्मीर के दो मंत्रियों रतिपाल और रणमल को बूंदी का परगना इनायत करने का प्रलोभन देकर अपनी और मिला लिया। इस विश्वासघात के फलस्वरूप हम्मीर को पराजय का मुख देखना पड़ा। अन्ततः उसने केसरिया करने की ठानी। दुर्ग की ललनाओं ने जौहर का अनुष्ठान किया तथा हम्मीर अपने कुछ विश्वस्त सामन्तों तथा महमांशाह सहित दुर्ग से बाहर आ शत्रु सेना से युद्ध करता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ। जुलाई, 1301 में रणथम्भोर पर अलाउद्दीन का अधिकार हो गया। बाद में किला लंबे समय तक मुगलों के अधीन रहा। समय-समय पर दुर्ग पर गोवोन्द राज,वाहलन देव,प्रहलादन,वीरनारायण। वांगभट्ट,नाहर देव,महाराणा कुम्भा,शेरशाह सूरी, अल्लाउद्दीन खिलजी,राव सुरजन हाड़ा, और मुगलों के अलावा आमेर के राजाओं का नियंत्रण रहा।
दुर्ग की सबसे ज्यादा ख्याति हम्मीरदेव के समय मिली जिसने 19 वर्ष इस पर शासन किया। उसने 17 युद्धों में से 13 में विजय प्राप्त करी। राव हमीर देव की विक्रम संवत 1345 अर्थात 1288ई.का शिलालेख काफी महत्वपूर्ण है जिस से उसके समय की जानकारी मिलती है। हम्मीर के इस अदभुत त्याग और बलिदान से प्रेरित हो संस्कृत, प्राकृत, राजस्थानी एवं हिन्दी आदि सभी प्रमुख भाषाओं में कवियों ने उसे अपना चरित्रनायक बनाकर उसका यशोगान किया है। हम्मीररासो , हम्मीरहठ एवं हम्मीर महाकाव्य प्रमुख कृतियाँ हैं। रणथम्भोर अपने में शौर्य, त्याग और उत्सर्ग की एक गौरवशाली परम्परा संजोये हुए है। किले के अनेक प्राचीन स्मारकों का वैभव लुप्त हो रहा है।
दुर्ग राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अंतर्गत है। दुर्ग की तलहटी में बाघों की क्रीड़ा स्थली के रूप में राष्ट्रीय रणथंभोर उद्यान वन्यजीवों एवं प्राकृतिक दृष्टि से विश्व के सैलानियो के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
रियासती काल में यह जयपुर के महाराजाओं की शिकारगाह थी। आजादी के बाद राज्य सरकार ने 7 नवम्बर 1955 को इसके 392.5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल को अभयारण्य घोषित किया। बाघ परियोजना के लिए चयनित 9 बाघ रिजर्व क्षेत्रों में से रणथम्भौर भी एक है। इसे 1 नवम्बर 1980 को राणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। उद्यान में जोगी महल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। इसके खुले बरामदे में बैठकर सामने बने पद्म तालाब में वन्यजीवों को विभिन्न गतिविधियां करते हुए देख मन अति प्रसन्न होता है। पद्म तालाब के अतिरिक्त राजबाग और मलिक तालाब के आस-पास भी सैकड़ों की संख्या में चीतल, सांभर, नीलगाय और जंगली सूअर भी घूमते हुए देखे जा सकते हैं। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यदि बाघ को नैसर्गिक वातावरण में देखना है तो रणथम्भौर से अच्छा कोई स्थान नहीं है। यहाँ 270 से अधिक प्रजाति के पक्षियों में ग्रेपेट्र्रिज, पेन्टेड पेेट्र्रिज, पेन्टेड स्टार्क, व्हाईट नेक्ड स्टार्क, ब्लैक स्टार्क, ग्रीन पिजन, क्रेस्टेड सरपेन्ट ईगल, कुएल, स्पूनबिल, तोते, उल्लू, बाज आदि पाए जाते हैं। रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न पानी के स्त्रोत, नाले, तालाब, झीलें, एनीकट एवं कुएं आदि हैं। रणथम्भौर बाघ परियोजना में विश्व बैंक एवं वैश्विक पर्यावरण सुविधा की सहायता भग्न संरचना से वर्ष 96-97 से इण्डिया ईको डवलपमेंट प्रोजेक्ट चलाया गया। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों की सहभागिता से उद्यान पर लोगों का दबाव कम करके जैव विविधता का संरक्षण करना है।
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फ्रैक्टल कैसे संलग्न करें पर संकेतक IQ Option
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IQ Option पर फ्रैक्टल पैटर्न की पहचान कैसे करें
फ्रैक्टल हाई
फ्रैक्टल पैटर्न में 5 कैंडलस्टिक्स होते हैं। तीर मध्य कैंडल के नीचे या ऊपर खींचा जाता है जो पैटर्न का निम्न या उच्च बिंदु है।
जब दो लोअर हाइज़ के बीच एक हायर हाई हो, तो बियरिश फ्रैक्टल पैटर्न उभरता है। यह ऊर्ध्वाकार तीर द्वारा दिखाया जाता है और कीमत में संभावित गिरावट का संकेत देता है।
जब दो हायर लोज़ के बीच एक लोअर लो होता है तब बुलिश फ्रैक्टल पैटर्न बनता है। इसे नीचे की ओर जाते तीर से दिखाते हैं और यह कीमत के ऊपर जाने का संकेत देता है।
फ्रैक्टल लो
पैटर्न की गणना करने में गणित से कहीं अधिक आवश्यक है निगरानी। आपको प्राइस चार्ट पर निम्न और उच्च बिंदु खोजने हैं। इसे ढूँढ लेने के बाद, आपको देखना होगा की लो/हाई के बाएँ तरफ कैंडल बन गई हैं या नहीं। फिर, पैटर्न की पुष्टि करने के लिए अगली दो कैंडल्स की प्रतीक्षा करनी होगी।
इसलिए यदि आपको एक उच्च बिन्दु और बाईं तरफ दो लोअर हाइज़ दिखते हैं, तो काफी संभावना है कि यही हमारा पैटर्न हो। हालांकि, दो और कैंडल्स दिखाई देने तक प्रतीक्षा करें। यदि वे भी लोअर हाइज़ हैं, तो फ्रैक्टल पूरी तरह से विकसित हो गया है।
जब आप निम्न बिंदु को अलग करते हैं और आपके बिंदु से बाईं ओर दो हायर लोज़ होते हैं, उसके बाद फिर से दो हायर लोज़ होते हैं, तो बुलिश फ्रैक्टल पूरा हो गया है।
आप फ्रैक्टल का व्यापार कैसे करते हैं IQ Option?
फ्रैक्टल बहुत ही सामान्य पैटर्न है। आपको अपने चार्ट पर कई तीर दिखाई देंगे। तीर निम्न/उच्च बिंदुओं पर दिखाई देते हैं। हालांकि, वे प्रवेश बिंदु का संकेत नहीं देते हैं क्योंकि फ्रैक्टल केवल तब पूरा होगा जब अगले दो बार पैटर्न की पुष्टि कर देंगे। इस प्रकार, तीर के बाद तीसरी कैंडल के बाद प्रवेश बिंदु होना चाहिए।
फ्रैक्टल पैटर्न प्रवृत्ति दिशा में संभावित परिवर्तन के बारे में जानकारी देता है। पैटर्न ही प्राइस बार में 'यू-शेप' बनाता है। जब कीमत पैटर्न के निचले बिंदु पर गिरती है और फिर बढ़ती है, तो हमारे पास एक बुलिश फ्रैक्टल के लिए 'यू-आकार' होता है। माना जा रहा है कि दाम और बढ़ेंगे। जब कीमत एक उच्च बिंदु तक बढ़ रही थी, एक उल्टा 'यू' उत्पन्न कर रही थी और फ्रैक्टल पैटर्न की पुष्टि कर रही थी, तो कीमत शायद नीचे चली जाएगी।
जैसा कि मैंने कहा, फ्रैक्टल पैटर्न से संकेत अक्सर दिखाई देंगे। इसलिए, आपको सिर्फ उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। आप तकनीकी विश्लेषण के अतिरिक्त रूपों का उपयोग कर सकते हैं जैसे प्रचलन विश्लेषण या धुरी अंक।
फ्रैक्टल ट्रेडिंग का एक अन्य तरीका ट्रेड में प्रवेश करना है जब कीमत फ्रैक्टल हाई/लो के ऊपर या नीचे बंद हो जाती है। आइए अनुकरणीय चार्ट देखें।
जब कीमत फ्रैक्टल हाई से ऊपर बंद हो जाती है तो आप 3 मिनट . खोल सकते हैं option मूल्य वृद्धि के लिए
प्राइस चार्ट पर कई तीर दिखाई दे रहे हैं। उस क्षण की खोज करें जहाँ कैंडल फ्रैक्टल उच्च / निम्न बिंदुओं के ऊपर या नीचे क्लोज़ होती है। इस मामले में, ऊपरी तीर के बाद चौथी कैंडल इस शर्त को पूरा करती है। कीमत वृद्धि के लिए 3-मिनट की पोजीशन लगाने का अच्छा समय है।
अगला चार्ट कीमत में गिरावट के लिए 3-मिनट के ट्रेडों को खोलने के दो उदाहरण दिखाता है। इन मामलों में, कीमत फ्रैक्टल लोज़ के नीचे क्लोज़ होती है। अतः, डाउनवर्ड का पूर्वानुमान है।
जब कीमत फ्रैक्टल लो से नीचे बंद हो जाती है तो आप 3 मिनट . खोल सकते हैं option कीमत में कमी के लिए
आप फ्रैक्टल कैसे पढ़ते हैं?
फ्रैक्टल ट्रेडिंग केवल स्थानीय चोटियों या बॉटम्स के ब्रेकआउट के आधार पर ट्रेडिंग के बारे में नहीं है। फ्रैक्टल्स का उपयोग चार्ट पढ़ने के लिए किया जा सकता है। उनकी मदद से आप क्षैतिज समर्थन और प्रतिरोध स्तरों को अधिक आसानी से निर्धारित कर सकते हैं और प्रवृत्ति रेखाएं खींच सकते हैं। लोकप्रिय तकनीकी विश्लेषण संरचनाओं जैसे सिर और कंधे की भग्न संरचना पहचान करना भी बहुत आसान है, डबल टॉप और त्रिकोण। सिद्धांत रूप में, मूल्य कार्रवाई वाली हर चीज को फ्रैक्टल्स की मदद से पढ़ा जा सकता है। वे विचलन का पता लगाने में भी सहायक होते हैं।
फ्रैक्टल ट्रेडिंग के बारे में अंतिम विचार
फ्रैक्टल इंडिकेटर उन पैटर्नों पर आधारित है जो अक्सर खुद को दोहराते हैं। यह कीमत की दिशा में बदलाव की भविष्यवाणी करने में मदद करता है।
बार-बार तीर दिखाई देने से आप परेशान हो सकते हैं। याद रखें कि उनमें से सभी ट्रेडिंग सिग्नल नहीं हैं। उन सभी का उपयोग करने के बजाय, आपको धैर्यपूर्वक अगली कैंडल बनने की प्रतीक्षा करनी चाहिए या अतिरिक्त इंडिकेटर और विश्लेषण के अन्य रूपों का प्रयोग करना चाहिए।
तीर आमतौर पर पैटर्न के बीच में दिखाई देते हैं। वे अच्छे प्रवेश बिंदुओं के बारे में गलत संकेत दे सकते हैं। ध्यान दें कि, दो और कैंडल्स हैं जो तब तक नहीं बननी चाहिए जब तक पैटर्न की पुष्टि न हो जाए। इस प्रकार, आपको तीर के विकसित होने के बाद तीसरी कैंडल से पहले ट्रेड नहीं खोलना चाहिए।
यह अनुशंसा की जाती है कि आप जांच लें कि डेमो अकाउंट पर फ्रैक्टल ट्रेडिंग कैसे काम करती है। इस तरह, आपके पास इसे बेहतर तरीके से जानने और सर्वोत्तम प्रवेश बिंदु प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग करने का तरीका जानने की संभावना होगी। एक बार जब आप फ्रैक्टल का उपयोग करने में विश्वास प्राप्त कर लेते हैं, तो उसके साथ वास्तविक खाते में व्यापार करें।