वित्तीय बाजार के प्रकार

रूसी तेल पर प्राइस कैप तय! इतनी हो सकती है कीमत, भारत पर पड़ेगा ये असर
यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण पश्चिमी देशों का आर्थिक प्रतिबंध झेल रहा रूस भारत को सस्ते दाम में तेल बेच रहा है. भारत को तेल बेच रहे रूस पर नकेल कसने के लिए अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूसी कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर से 70 डॉलर प्रति बैरल के बीच कैपिंग पर विचार कर रहा है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 24 नवंबर 2022, 1:16 PM IST)
रूसी तेल पर प्राइस कैप की कीमत 65 डॉलर से 70 डॉलर प्रति बैरल हो सकती है. दरअसल, सस्ते दामों में भारत को तेल बेच रहे रूस पर नकेल कसने के लिए जी-7 समूह और यूरोपीय यूनियन जल्द ही प्राइस कैप का एलान करने वाला है. ऐसे में इसका असर भारत पर पड़ सकता है. प्राइस कैप पर मंजूरी के लिए यूरोपीय यूनियन में शामिल सभी देश के राजदूतों ने बुधवार को बैठक की और इसमें प्राइस कैप लेवल का प्रस्ताव भी रखा. मंजूरी मिलते ही प्राइस कैप की घोषणा की जा सकती है.
सूत्रों के अनुसार, यूरोपीय यूनियन रूसी कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर से 70 डॉलर प्रति बैरल के बीच कैपिंग पर विचार कर रहा है. यानी रूस इससे सस्ता या महंगा तेल नहीं बेच पाएगा. अगर इस प्राइस कैप को मंजूरी मिलती है तो यह कैंपिग सीमा रूस की उत्पादन लागत से अधिक होगी. फिलहाल रूस अपने कच्चे तेल को छूट पर बेच रहा है. इस प्राइस कैप से उसके व्यापार पर प्रभाव पड़ सकता है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जी-7 के भी ज्यादातर सदस्य देश 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल के प्राइस कैप पर सहमत नजर आ रहे हैं. लेकिन कुछ सदस्य देश इस प्राइस कैप को बहुत अधिक बता रहे हैं. यह प्राइस कैप यूक्रेन युद्ध के शुरुआती समय की औसत कीमत के लगभग बराबर है.
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कच्चे तेल की कीमत में गिरावट
प्रस्तावित कैप प्राइस की खबरें बाहर आते ही तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. इसका कारण यह बताया जा रहा है कि तेल कंपनियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उनके द्वारा खरीदा गया कार्गो (तेल लदा मालवाहक जहाज) निर्धारित प्राइस कैप के अनुकूल हो. अगर रूस की ओर से बेचे गए तेल की कीमत मौजूदा छूट के स्तर पर ही रहती है तो रूस यह दावा कर सकता है कि उसके कारोबार पर पश्चिमी देशों के इस प्राइस कैप का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
फिलहाल रूसी तेल यूराल ब्रिटेन के ब्रेंट की तुलना में काफी छूट पर कारोबार कर रहा है. ब्रेंट तेल की कीमत जहां लगभग 85 डॉलर प्रति बैरल है. वहीं, रूसी यूराल सिर्फ 65 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से कच्चे तेल बेच रहा है.
ब्रूगल थिंक टैंक के विशेषज्ञ साइमन तगलीपिएत्रा का कहना है कि रूसी तेल की प्राइस कैप भी ब्रेंट तेल की कीमत के बराबर होनी चाहिए. वर्तमान प्राइस कैप रूस को बहुत नुकसान नहीं पहुंचाएगा.
प्राइस कैप क्यों?
प्राइस कैप का मुख्य उद्देश्य रूस की आय को कम करना है. पश्चिम की ओर से रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध का शुरू से ही मकसद रूस की आय के स्त्रोत को कम करना है ताकि यूक्रेन से युद्ध में इस्तेमाल किए जा रहे रूसी फंड में कमी आए.
अमेरिका चाहता है कि तेल बाजार में रूस की उपस्थिति भी मौजूद रहे और उसके राजस्व में भी कमी लाई जाए. इसी का परिणाम है कि कड़ी मशक्कत के बाद लागू हो रहे प्राइस कैप रूस के खिलाफ ज्यादा प्रभावी नहीं नजर आ रहा है. इसीलिए पोलैंड और बाल्टिक देश समेत कई यूरोपीय देश रूस पर जल्द से जल्द नए प्रतिबंध लगाने के लिए जोर दे रहे हैं. जी-7 समूह और यूरोपीय यूनियन के अधिकतर देश रूसी कच्चे तेल के आयात को बंद करने की योजना बना रहे हैं.
प्राइस कैप का क्या होगा असर
प्राइस कैप के लागू हो जाने के बाद अगर कंपनियां इसके अनुकूल तेल नहीं खरीदती हैं तो उस तेल के लिए कंपनियों को शिपिंग, बीमा और वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी. मतलब जी-7 समूह चाहता है कि वैश्विक बाजार में तेल की कीमत नहीं बढ़े इसलिए रूसी तेल का बाजार में रहना जरूरी है लेकिन उसकी कोशिश रूस की आय को कम करना भी है.
यूरोपीय यूनियन ने प्राइस कैप का उल्लंघन करने वाले देशों के लिए ग्रेस पीरियड भी जोड़ा है. प्रस्तावित किए गए प्राइस कैप में उल्लंघन के दंड के रूप में काफी छूट दी गई है. निर्धारित कीमत से ऊपर तेल खरीदने वाले जहाजों पर पहले के अनिश्चितकालीन प्रतिबंध के बजाय अब 90 दिनों तक रूसी तेल खरीदने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
भारत पर क्या होगा असर
यूक्रेन युद्ध के बाद से ही रूस भारत को काफी मात्रा में तेल बेच रहा है. भारत को रूस की ओर से तेल छूट पर मिल रहा है, जिस वजह से अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों के कड़े मिजाज के बावजूद दोनों देशों के बीच तेल का व्यापार जारी है. ऐसे में माना जा रहा है कि जो प्राइस कैप रूसी तेल पर लगाया जाएगा, उसका मौजूदा समय में असर भारत पर भी पड़ेगा.
अगर प्राइस कैप 65 से 70 डॉलर के बीच रहता है तो भारत के लिए यह वर्तमान जैसी ही स्थिति होगी. क्योंकि भारत इस समय पर भी जिस कीमत में रूस से तेल खरीद रहा है, वह संभवित प्राइस कैप के आसपास ही है.
भारत के पेट्रोलियम मंत्री का बयान
भारत के पेट्रोलियम और गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में प्राइस कैप पर पूछे गए सवालों का जवाब वित्तीय बाजार के प्रकार देते हुए कहा था कि भारत सरकार पर जी-7 और यूरोपीय यूनियन के प्राइस कैप को लेकर कोई दबाव नहीं है. उन्होंने कहा था कि जब प्राइस कैप लागू होगा तब देखा जाएगा. हम इसको लेकर किसी प्रकार के डर या तनाव में नहीं हैं.
हालांकि, केन्द्रीय मंत्री के बयान के इतर भारतीय तेल कंपनियां रूस से कच्चे तेल का ऑर्डर देना बंद कर दिया है. दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफायन कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पांच दिसंबर के बाद एक भी रूसी कार्गो का ऑर्डर नहीं दिया है. भारत पेट्रोलियम ने भी एक भी रूसी कार्गो का ऑर्डर नहीं दिया है.
सूत्रों के अनुसार, भारतीय कंपनियां विदेशी बैंकों की कार्रवाई की खतरे को देखते हुए सतर्क हैं. रूस और रोजनेफ्ट (Rosneft) की 49 फीसदी स्वामित्व वाली कंपनी नायरा ने अभी भी रूस से तेल खरीदना जारी रखा है. इसका परिणाम यह हुआ है कि विदेशी बैंकों ने नायरा से लेनदेन पर रोक लगा दी है. नायरा अब सिर्फ भारतीय बैंकों के साथ लेनदेन कर पा रही है.
भ्रष्ट्राचार के खिलाफ सरकार सख्त : वित्तीय अनियमितता करनेवाले अभियंताओं के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति
Ranchi : सरकारी पद का दुरुपयोग, आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए सुनियोजित ढंग से वित्तीय अनियमितता करनेवालों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हरेन्द्र कुमार मिश्रा, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, पश्चिमी सिंहभूम एवं दीप नारायण साहा, तत्कालीन सहायक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता अवर प्रमंडल, हाटगम्हरिया के विरुद्ध धारा- 420/409/467/468/471/120-बी के तहत अभियोजन स्वीकृत्यादेश दिया है. उपरोक्त के खिलाफ पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा जिलान्तर्गत हाटगम्हरिया थाना काण्ड संख्या-28/2016 19.10.2016 भारतीय दंड विधान 1860 की धारा 420/409 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. वर्तमान में कांड का अनुसंधान जारी है एवं अनुसंधान के क्रम में भारतीय दंड विधान की अन्य धाराओं को जोड़ा गया है.
यह है आरोप
अनुसंधान के क्रम में यह बात प्रकाश में आयी है कि प्राथमिकी अभियुक्तों द्वारा लघु ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत परमसाई गांव में योजना राशि प्राप्त करने के बाद योजना कार्य को अधूरा रखने, खराब गुणवत्ता, एकरारनामा के अनुसार सामानों को नहीं लगाने तथा वित्तीय बाजार के प्रकार वित्तीय बाजार के प्रकार योजना के अन्तर्गत निर्गत राशि का निकासी कर गबन किया गया है. इस प्रकार उपरोक्त वर्णित प्राथमिकी अभियुक्तों द्वारा सरकारी पद का दुरुपयोग, आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी एवं प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए सुनियोजित ढंग से वित्तीय अनियमितता करते हुए सरकारी राशि गबन करने का आरोप है.
मालूम हो कि पूर्व में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री ने अनिल कुमार सिंह, तत्कालीन अंचल अधिकारी, हेहल, रांची के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने, अनुसूचित जनजाति, अनसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग विभाग, झारखण्ड, द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पलामू थाना कांड संख्या 10/2021 के प्राथमिकी अभियुक्त मनोज कुमार, सहायक, जिला कल्याण कार्यालय, पलामू एवं सुभाष कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी, पलामू के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम, 2018) की धारा-7 (ए) के तहत अभियोजन स्वीकृत्यादेश, अरविन्द कुमार, तत्कालीन अध्यक्ष, झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग, आर. एन. सिंह, सदस्य (अभियंत्रण), झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग एवं गौरव बुधिया, प्रोपराईटर, मेसर्स बिहार फाउण्डरी एण्ड कास्टींग लि० के एवं अन्य के विरुद्ध निगरानी जांच कराये जाने की स्वीकृति दी है.
Share Market : यह कंपनी दे रही तगड़े रिटर्न के साथ-साथ 8 शेयर मुफ्त भी, बस खरीदना होगा मात्र एक शेयर
SHARE MARKET : शेयर बाजार (Share Market) में कई निवेशक (Investors) हर दिन निवेश (Invest) तो करते हैं, लेकिन शेयर बाजार (Share Market) में बिना किसी कंपनी वित्तीय बाजार के प्रकार के बैकग्राउंड को जाने ही निवेशक (Investors) उसकी वर्तमान स्थिति देखकर उस कंपनी में निवेश (Invest) कर देते हैं और उस कंपनी के कई शेयर (Share) खरीद लेते हैं। ऐसी ही गलतियों के कारण कई बार निवेशकों (Investors) को घाटे का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी निवेश (Invest) करना चाहते हैं और आपको भी इन बातों का डर सता रहा है कि कहीं आपका पैसा भी डूब न जाए, तो हम आपको निवेश (Invest) की सलाह से पहले उस कंपनी के बारे में जानकारी देंगे। तो आइए जानते हैं आज हम किस कम्पनी के शेयर (Shares) की बात कर रहे हैं.
ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड अपने निवेशकों को दे रही फ्री शेयर (Greatex Corporate Services Limited is offering free shares to its investors) -
ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड (Greatex Corporate Services Limited) अपने निवेशकों (Investors) को अच्छे रिटर्न के साथ साथ मुफ्त में शेयर (Share) यानी की बोनस शेयर (Share) भी दे रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड (Greatex Corporate Services Limited) अपने निवेशकों (Investors) को 1 शेयर (Share) के साथ 8 शेयर (Share) फ्री दे रही है। कंपनी ने 11 अक्टूबर को बोनस शेयर जारी करने का रिकॉर्ड डेट तय किया है।
ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड (Greatex Corporate Services Limited) ने पिछले 1 साल की समय सीमा के अंदर अपने निवेशकों (Investors) को 151.21 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। इस वर्ष भी इस कंपनी के शेयर (Shares) ने अपने निवेशकों (Investors) को अच्छा खासा रिटर्न दिया है। वहीं अगर इसकी वर्तमान कीमत की बात करें तो अभी (खबर लिखे जाने तक) इसकी मार्केट वैल्यू 546 रूपये है।
शेयर बाजार (Share Market) में ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड (Greatex Corporate Services Limited) ने अपने निवेशकों (Investors) को पिछले 6 महीने के अंदर तगड़ा रिटर्न दिया है। ग्रेटेक्स कॉरपोरेट सर्विसेज लिमिटेड (Greatex Corporate Services Limited) ने अपने निवेशकों (Investors) को पिछले 6 महीने के अंदर लगभग 181 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। पिछले 1 महीने की बात करें तो इस दौरान इस कंपनी के शेयर (Shares) ने अपने निवेशकों (Investors) को 57.98 फीसदी तक का रिटर्न दिया है।
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बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 92 अंक और मजबूत
मुंबई, 23 नवंबर (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 92 अंक की बढ़त में रहा। वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख के बीच बैंक शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 91.62 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,510.58 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 361.94 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 23.05 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,267.25 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, डॉ. रेड्डीज, कोटक महिंद्रा बैंक, सन फार्मा, मारुति, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख वित्तीय बाजार के प्रकार रूप से लाभ में रहे।
वहीं नुकसान में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, टाइटन, भारती एयरटेल और बजाज फिनसर्व शामिल हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मजबूती का रुख था। अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में मंगलवार को तेजी थी।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.05 प्रतिशत की बढ़त के साथ 89.29 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 697.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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PM Kisan: 10 करोड़ किसानों ने उठाया फायदा, ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन, खाते में आएंगे 6000 रुपए
PM Kisan Samman Nidhi Yojana: केंद्र सरकार ने 2019 की शुरुआत में पहली किस्त की अवधि के दौरान लाभार्थियों की संख्या 3.16 करोड़ थी. इस प्रकार लाभार्थियों की संख्या तीन गुना से अधिक हो गई है. इस योजना के तहत किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 6,000 रुपए की वित्तीय मदद मिलती है.
PM Kisan Samman Nidhi Yojana: पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) के तहत लाभार्थियों की संख्या 10 करोड़ को पार कर गई है. केंद्र सरकार ने 2019 की शुरुआत में पहली किस्त की अवधि के दौरान लाभार्थियों की संख्या 3.16 करोड़ थी. इस प्रकार लाभार्थियों की संख्या तीन गुना से अधिक हो गई है.
सालाना मिलते हैं 6000 रुपए
इस योजना के तहत किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 6,000 रुपए की वित्तीय मदद मिलती है. इसकी घोषणा फरवरी, 2019 में की गई थी लेकिन इसे दिसंबर, 2018 से लागू किया गया.
जारी हो चुकी है 12 किस्तें
पीएम किसान योजना (PM Kisan Scheme) ने 3 से अधिक वर्षों के दौरान करोड़ों जरूरतमंद किसानों को सफलतापूर्वक 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की है. यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में अंतरित की जा रही है. केंद्र सरकार ने योजना के तहत अब तक 12 किस्तें जारी की जा चुकी हैं.
किन किसानों को मिलता है इसका फायदा
PM Kisan Samman Nidhi के तहत केवल उन्हीं किसान को फायदा मिलता है, जिनके पास 2 हेक्टेयर यानी 5 एकड़ कृषि योग्य भूमि हो. अब सरकार ने जोत सीमा को खत्म कर दिया है. वहीं, अगर Income tax Return फाइल करने वाले व्यक्ति को पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi) के दायरे से बाहर रखा गया है. इसके अलावा वकील, डॉक्टर, सीए भी योजना से बाहर रखे गए हैं.