ADR क्या है?

UP Assembly Elections 2022 : दूसरे चरण के चुनाव में 12 बिना पढ़े-लिखे, 67 साक्षर और 6 पीएचडी कर रहे उम्मीदवार हैं मैदान में
UP Assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) संस्था लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में प्रत्याशियों के स्व-शपथ पत्रों का पूरा विश्लेषण करने के बाद अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करती है। एडीआर प्रत्याशियों की शिक्षा, धनबल, आपराधिक इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी देती है। उत्तर प्रदेश में साल 2022 में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी यह संस्था अपनी भूमिका को पूरी संजीदगी के साथ निभा रही है।
Published: February 14, 2022 09:48:07 am
UP Assembly Elections 2022 : उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव के दूसरे चरण में विभिन्न दलों के व निर्दलीय मिलाकर कुल 586 अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूसरे चरण में सियासी मैदान में उतरने वाले खिलाड़ियों में निरक्षर से लेकर पीएचडी की डिग्रीधारक शामिल हैं। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के अनुसार दूसरे चरण के 586 में से 584 उम्मीदवारों के शपथ पत्र के विश्लेषण के आधार पर 114 प्रत्याशी आठवीं कक्षा तक पढ़े हैं, जबकि 12 उम्मीदवारों ने खुद को निरक्षर घोषित किया है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 102 उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं, जबकि पीएचडी करने वाले छह प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं।
बता दें कि ये सभी 586 उम्मीदवार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नौ जिलों अमरोहा, बरेली, बिजनौर, बदायूं, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, संभल और शाहजहांपुर की 55 विधानसभा सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका। क्योंकि वे या तो सही से स्कैन नहीं किए गए थे या अधूरे थे।
इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार 584 उम्मीदवारों में से 12 उम्मीदवार निरक्षर, 67 साक्षर, 12 उम्मीदवारों ने कक्षा पांच और 35 ने कक्षा आठ पास की है, जबकि 58 प्रत्याशियों ने कक्षा 10 और 88 उम्मीदवारों ने कक्षा 12 पास की है। इसमें 102 उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं, जबकि पीएचडी करने वाले छह प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं।
इन सीटों पर किस्मत आजमा रहे हैं उम्मीदवार
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बेहट, नकुड, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद, रामपुर मनिहारन, गंगोहा, नजीबाबाद, , नगीना, बढ़ापुर, धामपुर, नेहटौर, बिजनौर, चांदपुर, नूरपुर, , कांठ, ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद ग्रामीण, मुरादाबाद नगर, कुदरकी, बिलारी, चंदौसी, असमौली, संभल, स्वार, चमरउवा, बिलासपुर, रामपुर, मिलक, धनौरा, नौगावां सादाता, अमरोहा,हसनपूर, गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्सी, बदायूं, शेखूपुर, दातागंज, बहेडी, मीरगंज, भोजीपुरा, नवाबगंज, फरीदपुर, बिथरीचैन, बरेली, बरेली कैँट, आंवला, कटरा, शाहजहांपुर, जलालाबाद, तिलहर, पवायां, ददरौली विधानसभा सीट शामिल है।
ADR रिपोर्ट: यूपी के 45 विधायक पर आरोप तय, नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, बीजेपी में सब से ज़्यादा दागी, देखें लिस्ट..
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के करीब सभी पार्टियों को झटका लगा है। प्रदेश के मौजूदा 396 विधायकों में से 45 विधायकों के चुनाव लड़ने को लेकर संदेह है। क्योंकि शुक्रवार को जारी एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मौजूदा 45 विधायकों के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय किए गए हैं। इन 45 आरोपी विधायकों में आधे से भी ज़्यादा भाजपा के विधायक हैं। इन मामलों में कम से कम छह महीने की सजा सुनाई जाने पर ये विधायक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
सजा काटने और रिहा होने के बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते…
आपको बता दें कि एडीआर ने पहली बार यह रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विधायक अपनी सजा काटने और रिहा होने के बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हालांकि, चुनाव लड़ने की योग्यता या अयोग्यता तय करने का अधिकार केंद्रीय चुनाव आयोग के पास है।
45 में आधे से ज्यादा BJP के विधायक शामिल..
ADR के मुख्य समन्वयक डॉ. संजय सिंह ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि इनमें भाजपा के 32, सपा के 5, बसपा व अपना दल के 3-3 और कांग्रेस व अन्य दलों के 1-1 विधायक शामिल हैं। इन 45 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 13 वर्ष है। संजय सिंह ने राजनीतिक दलों से इन विधायकों को टिकट न देने की अपील की हैं। साथ ही सिफारिश की है कि जघन्य अपराधों में आरोप साबित होने के बाद चुनाव लड़ने पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
इन धाराओं में हुआ है आरोप तय..
बता दें कि सभी 45 विधायकों पर ये आरोप आरपी एक्ट (जनप्रतिनिधित्व अधिनियम/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) 1951 की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराधों में तय किए गए हैं। इन अपराधों में भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत गंभीर/भयानक/जघन्य प्रकृति के अपराध अर्थात हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण, लूट, महिलाओं पर अत्याचार, रिश्वत, अनुचित प्रभाव, धर्म, जाति, भाषा, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न ( IPC) समूहों के बीच दुश्मनी जैसे अपराध शामिल हैं। इसमें भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग, उत्पादन/निर्माण/खेती, कब्जा, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण, या किसी भी नशीली दवा के सेवन से संबंधित अपराध, जमाखोरी और मुनाफाखोरी से संबंधित अपराध, भोजन और दवाओं में मिलावट, दहेज आदि से संबंधित अपराध शामिल हैं। अपराध भी शामिल हैं। इसमें दोष सिद्ध होने के बाद कम से कम दो साल की कैद की सजा भी शामिल है।
अयोग्य ठहराए जाने के पैमाने…
- धारा 8 (1) में दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित।
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ADR क्या है?
- धारा 8(2) के तहत कम से कम 6 महीने की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर आयोग्य घोषित।
- धारा 8(3) के तहत 2 साल से कम की सजा के साथ दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित।
भाजपा के 32 विधायकों के खिलाफ 63 आपराधिक मामले लंबित..
बताते चलें कि भाजपा के 32 विधायकों के खिलाफ दस ADR क्या है? साल या उससे अधिक समय से कुल 63 आपराधिक मामले लंबित हैं। इस सूची में….
UP Elections 2022: एडीआर ने कहा, यूपी चुनाव के पहले चरण में 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले
एडीआर ने कहा कि कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं और उनमें से 8 के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि वे ADR क्या है? स्कैन नहीं किए गए थे या अधूरे थे।
Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 02, 2022 23:06 IST
Image Source : PTI REPRESENTATIONAL उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
Highlights
- ADR ने कहा कि प्रमुख दलों में, समाजवादी पार्टी के 28 उम्मीदवारों में से 21 (75 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक केस हैं।
- ADR ने कहा कि 12 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन्होंने ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध’ से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
- AAP के 52 उम्मीदवारों में से 5 (10 फीसदी) ने अपने खिलाफ 'गंभीर आपराधिक मामले' घोषित किए हैं।
नोएडा/नयी दिल्ली: चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूह एडीआर के अनुसार, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 12 महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं और 6 पर हत्या का आरोप है। ‘द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) ने कहा कि उसने राज्य के 11 जिलों में 58 विधानसभा सीटों से राजनीतिक दलों के 615 उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवारों के स्व-हलफनामों का विश्लेषण किया है। इन सीटों पर 10 फरवरी को चुनाव होने हैं।
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‘कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं, 156 के खिलाफ केस’
एडीआर ने कहा कि कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं और उनमें से 8 के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि वे स्कैन नहीं किए गए थे या अधूरे थे। उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि पर, एडीआर ने कहा, ‘विश्लेषण किए गए 615 उम्मीदवारों में से 156 (25 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 121 (20 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।’
सपा के 75 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ क्रिमिनल केस
ADR ने कहा कि प्रमुख दलों में, समाजवादी पार्टी (सपा) के 28 उम्मीदवारों में से 21 (75 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के 29 उम्मीदवारों में से 17 (59 प्रतिशत) उम्मीदवारों के खिलाफ क्रिमिनल केस हैं। उसने कहा कि इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 57 उम्मीदवारों में से 29 (51 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 ADR क्या है? उम्मीदवारों में से 21 (36 प्रतिशत), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 56 उम्मीदवारों में से 19 (34 प्रतिशत) और आम आदमी पार्टी (AAP) के 52 उम्मीदवारों में से 8 (15 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
‘सपा के 61 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले’
एडीआर ने कहा कि प्रमुख दलों में, सपा के 28 उम्मीदवारों में से 17 (61 प्रतिशत), RLD के 29 उम्मीदवारों में से 15 (52 प्रतिशत), BJP के 57 उम्मीदवारों में से 22 (39 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से 11 (19 फीसदी), बसपा के 56 उम्मीदवारों में से 16 (29 फीसदी) और AAP के 52 उम्मीदवारों में से 5 (10 फीसदी) ने अपने खिलाफ 'गंभीर आपराधिक मामले' घोषित किए हैं। समूह के अनुसार, 12 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन्होंने ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध’ से संबंधित मामले घोषित किए हैं और उनमें से एक ने रेप (IPC की धारा 376) से संबंधित मामला घोषित किया है।
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ADR Report
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार छठे चरण में चुनाव लड़ने वाले 27% (182) उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं वहीं 23% (151) उम्मीदवारों पर गंभीर प्रकृति के आपराधिक मामले हैं। इस चरण में 253 (38%) प्रत्याशी…
उत्तर प्रदेश के चुनाव जारी हैं, ऐसे में ADR ने पांचवे चरण के लिए प्रत्याशियों की कुंडली खंगालकर लोगों के सामने रख दी। भाजपा से लेकर सपा तक सभी पार्टियों में दाग़ी और करोड़पति प्रत्याशियों की भीड़ है।
न्यूज़क्लिक के डेली राउंडअप में आज हमारी नज़र रहेगी JNUTA ने की रिटायर्ड फ़ैकल्टी की पेंशन की मांग, डॉ कफ़ील ख़ान को योगी सरकार ने किया बर्ख़ास्त और अन्य ख़बरों पर।
एडीआर की ताज़ा जारी रिपोर्ट कांग्रेस के लिए तो चिंताजनक है ही, साथ ही देश के लोकतंत्र के लिए भी हानिकारक नज़र आती है। रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों-सांसदों के पार्टियां बदलने के सबसे प्रमुख कारणों में…
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पहले चरण में तकरीबन 328 यानी 30 फ़ीसदी से अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 244 यानी 23 फ़ीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
ADR की रिपोर्ट ने लोकसभा 2019 में जीते 539 सांसदों का विश्लेषण किया. उस रिपोर्ट के अनुसार 43% सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें से 29% पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं! क्या अब यही है भारत का…
आज हम बात कर रहे हैं एडीआर की ताज़ा रिपोर्ट की। साथ ही हम जायज़ा ले रहे हैं बिहार की पटना साहिब सीट का। इसके अलावा बात गायब बच्चों की। अंतर्राष्ट्रीय ख़बरों में बात सूडान और वेनुजुएला की।
Be Mains Ready
वैकल्पिक विवाद निवारण (एडीआर) शब्द का उपयोग कानूनी विवादों के समाधान हेतु अन्य वैकल्पिक तरीकों के लिये किया जाता है। व्यापारिक दुनिया के साथ ही आम लोगों द्वारा भी यह अनुभव किया जाता है कि मुकदमा दायर कर समय पर न्याय प्राप्त करना कई लोगों के लिये अव्यावहारिक हो गया है। न्यायालयों के पास अत्यधिक लंबित मामलों के परिणामस्वरूप विवाद से जुड़ी पार्टियों (पक्षों) को अपने मुकदमों की सुनवाई और निर्णय के लिये इंतज़ार करना पड़ता है। विलंबित न्याय की इस समस्या को दूर करने के लिये ही एडीआर तंत्र विकसित किया गया है।
भारत में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र