व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

व्यापारियों को जीएसटी से लाभ
नई दिल्ली. भारत में स्टेनलेस स्टील की मांग में अगले दो दशक में तेज वृद्धि के अनुमान लगाए जा रहे हैं. इसका सीधा लाभ भारत में स्टेनलेस स्टील निर्माता कंपनियों को मिलेगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू स्टेनलेस स्टील की मांग 2047 तक 2 करोड़ टन पहुंचने की उम्मीद है. इसका सीधा अर्थ है कि जहां इस मांग से जिंदल स्टेनलेस स्टील (जेएसएल) जैसे अग्रणी निर्माता फायदे में रहेंगे, वहीं नई निर्माण क्षमताओं का विकास भी होगा.
दुनिया के स्टेनलैस स्टील बाजार का आकार 2021 में 195.65 अरब डॉलर आंका गया था. यह बाजार 2022 में 204.17 अरब डॉलर से बढ़कर 2029 में 298.85 अरब डॉलर होने का अनुमान है. इस अवधि में 5.6 प्रश की वार्षिक मिश्रित दर (सीएजीआर) से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है.
स्टेनलेस स्टील के विजन डॉक्यूमेंट 2047 के अनुसार 2021-22 में देश की स्टेनलेस स्टील की मांग 3.7-3.9 लाख टन थी. मांग में इस तेजी के कारण समझ आते हैं. निर्माण, बुनियादी ढांचे, मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में स्टेनलैस स्टील की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, क्योंकि यही क्षेत्र जीडीपी में प्रमुख योगदान देने वाले क्षेत्र हैं. खपत 12.5-12.7 लाख टन से बढ़कर 19-20 होने लाख टन होने वाली है.
भारत में स्टेनलेस स्टील की स्थापित क्षमता 6.6-6.8 लाख टन की है. उद्योग इस क्षमता के दोहन के मामले में 2021 में 50 प्रश पर काम कर रहा था, जो 2022 में 58-60 प्रतिशत पर आ गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावित मांग की आपूर्ति करने के लिए भारत को बड़ी मात्रा मे उत्पादन क्षमताएं बढ़ानी होंगी.
स्टेनलेस स्टील उद्योग के विस्तार का अनुमान ऐसे भी लगाया जा सकता है कि प्रति व्यक्ति खपत लगातार बढ़ रही है. जो इस बात का संकेत देता है कि क्षमताएं बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी. देश की स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 2022 में 2.5 किग्रा हो गई है, जो 2010 में 1.2 किग्रा थी.
वर्ष 2040 तक स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 8-9 किग्रा हो जाएगी. वर्ष 2047 तक यह खपत 11-12 किग्रा हो जाने का अनुमान है. अब स्टील की खपत में तेजी आने का अनुमान है, क्योंकि सरकार विभिन्न सेक्टरों में अपना खर्च बढ़ा रही है.
स्टील की सालाना खपत 2030-31 में 30 करोड़ टन के पार होने का अनुमान है. वहीं 2030-31 में क्रूड स्टील का उत्पादन 25.5 करोड़ टन हो जाएगा. सबसे अहम वृद्धि ग्रामीण इलाकों में होगी. सरकार ने स्टील की ग्रामीण खपत का लक्ष्य बढ़ाकर 2030-31 में 38 किग्रा प्रति व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. केंद्रीय बजट 2022-23 में सरकार ने 47 करोड़ रुपए का आवंटन स्टील मंत्रालय के लिए किया था.
जिंदल स्टेनलेस स्टील की गलन क्षमता (मेल्ट कैपेसिटी) 11 लाख टन सालाना है. देश के पूर्वी इलाके में जिंदल स्टेनलेस स्टील की इकाई है. कारखाने की क्षमता व्यापारियों को जीएसटी से लाभ 2.5 लाख टन प्रति वर्ष है. इस कांप्लेक्स की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 32 लाख टन स्टेनलेस स्टील प्रतिवर्ष तक ले जाई जा सकती है. जेएसएल के वित्त और रणनीति का नेतृत्व संभालने वाले अनुराग मंत्री चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं. उनका रिकॉर्ड रहा है कि उनके कार्यकाल में कंपनियों के मूल्यांकन में 3-5 गुना वृद्धि हुई है.
मोदी की पूजा करने वालों को 'फल' तुरंत मिलता है: राहुल गांधी
उज्जैन। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आयोजित एक जनसभा में प्रधानमंत्री पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस देश में जो भी व्यक्ति या उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पूजा’ कर रहा है, उन्हें सबकुछ मिल रहा है। इसके विपरीत वास्तविक तपस्वियों जैसे किसान, श्रमिक, युवा और छोटा व्यवसाय करने वालों का हक छीना जा रहा है।
सभा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि उज्जैन में विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर मंदिर है। भगवान शिव सहित श्रीराम और श्रीकृष्ण समेत सभी ने तपस्या की। इसी तरह हमारे देश में भी किसान, श्रमिक, युवा, छोटे और मंझोले व्यापारी व्यवसायी और मीडिया के साथी भी प्रतिदिन तपस्या कर रहे हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इन तपस्या करने वालों का हक छीन रही है और इनकी जेब से पैसा निकालकर देश के दो चार पांच बड़े उद्योगपतियों को दे रही है।
राहुल ने कहा कि देश के जो प्रमुख चार पांच उद्योगपति हैं, वे मोदी की पूजा करते हैं। इन उद्योगपतियों को सब कुछ दिया जा रहा है। इनके हवाले हिंदुस्तान का पूरा धन किया जा रहा है। रेलवे, बंदरगाह, हवाईअड्डे, सड़कें, बिजली और पानी सब कुछ इनके हवाले किया जा रहा है। मोदी सरकार ने बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही नोटबंदी की। जीएसटी लागू किया। कोविड संकटकाल के दौरान भी मोदी सरकार की नीतियां गरीबों के हित में नहीं थीं। इस तरह देश की रीढ़ तोड़ दी गयी है।
राहुल ने कहा कि हिंदू धर्म कहता है कि तपस्वियों की पूजा करना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ऐसा नहीं कर रही है। वह तो आज के तपस्वियों को चोट पहुंचा रही है। किसानों को फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है।
यादव परिवार अच्छी तरह जानता है कि उनकी एकता कब तक चलेगी: केशव प्रसाद मौर्य
समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनके प्रतिनिधित्व वाली मैनपुरी संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के पुनर्मिलन को लेकर सपा पर निशाना साधते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यादव परिवार सबसे अच्छी तरह जानता है कि यह एकता कब तक चलेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके मौर्य ने दावा किया कि अब जनता ने वंशवादी राजनीति को खत्म करने का मन बना लिया है।
भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य के समर्थन व्यापारियों को जीएसटी से लाभ में मौर्य ने कहा कि लोगों में मुलायम सिंह यादव के लिए सहानुभूति है, लेकिन वे उपचुनाव में सपा को वोट नहीं देंगे। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पांच दिसंबर को होने वाले मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सपा ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को टिकट दिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा लगता है कि चुनाव के बाद यादव परिवार एकजुट रहेगा, मौर्य ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह उनका मामला है।’’
चाचा-भतीजा (शिवपाल और अखिलेश) जिनके बीच 2016 में आपसी विवाद के बाद लंबे समय से अच्छे संबंध नहीं थे, एक बार फिर से एक साथ आए हैं और डिंपल की जीत को मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि बताते हुए सीट बरकरार रखने की कोशिश में लगे हैं।
2016 में अखिलेश यादव व्यापारियों को जीएसटी से लाभ जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उस समय राज्य सरकार के मंत्री शिवपाल सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया था। तब चाचा और व्यापारियों को जीएसटी से लाभ भतीजे के बीच रिश्ते खराब हो गए थे। 2017 में जब अखिलेश यादव सपा के अध्यक्ष बने, तब शिवपाल पार्टी से अलग हो गए। शिवपाल सिंह यादव ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया।
हालांकि दोनों ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले हाथ मिलाया था, लेकिन उसके बाद उनके रिश्ते फिर से खराब हो गए।
जब से शिवपाल सिंह यादव ने सपा से नाता तोड़ा है, ऐसी अफवाहें थीं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने हर बार इसका खंडन किया, लेकिन भाजपा सरकार द्वारा उनकी पार्टी के लिए एक बंगले के आवंटन ने अटकलों को हवा दी थी। उसी दौरान राज्य सरकार ने 2018 में शिवपाल सिंह यादव को ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा भी मुहैया कराई जिसे रविवार को घटाकर ‘वाई श्रेणी’ का करने का आदेश दे दिया गया।
शिवपाल सिंह यादव खेमे की करीबी मानी जाने वाली मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के बाद, सत्तारूढ़ दल से उनकी निकटता के कयास लगाए जाने लगे। मैनपुरी उपचुनाव घोषित व्यापारियों को जीएसटी से लाभ होने के बाद यह संकेत मिला कि भाजपा ने शिवपाल सिंह यादव के एक समय करीबी रघुराज सिंह शाक्य को इसलिए अपना उम्मीदवार बनाया है ताकि शिवपाल की ताकत का अनुकूल लाभ मिल सके।
हालांकि सपा द्वारा मैनपुरी के लिए अपने स्टार प्रचारक के रूप में शिवपाल यादव के नाम की घोषणा के बाद पुनर्मिलन प्रक्रिया शुरू हुई और बाद में उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से डिंपल यादव की जीत सुनिश्चित करने के लिए कहा। इसके बाद अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल दोनों ने शिवपाल यादव से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया।
केशव मौर्य ने कहा, ‘‘‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) के प्रति सहानुभूति की भावना है और लोगों ने उनके निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि दी है।’’
मौर्य ने मैनपुरी में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘लेकिन, वे अखिलेश यादव की पार्टी (समाजवादी पार्टी) या उसके उम्मीदवार (डिंपल यादव) को वोट देने के लिए तैयार नहीं हैं।’’ मौर्य ने उपचुनाव में भाजपा के बड़े अंतर से जीतने का भरोसा जताया।
मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं- मैनपुरी, भोगांव, किशनी, करहल और जसवंत नगर। 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा ने करहल, किशनी और जसवंत नगर सीटों पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा ने मैनपुरी और भोगांव सीटों पर जीत हासिल की।
अखिलेश की करहल विधानसभा सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसी तरह जसवंत नगर क्षेत्र का व्यापारियों को जीएसटी से लाभ प्रतिनिधित्व शिवपाल यादव करते हैं। मैनपुरी में पांच दिसंबर को मतदान और आठ दिसंबर को मतगणना होगी।
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जो नरेंद्र मोदी की ‘पूजा’ कर रहा है, उसे सब कुछ मिल रहा है – राहुल
उज्जैन, ( एजेंसी /वार्ता): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि इस देश में जो भी व्यक्ति या उद्योगपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘पूजा’ कर रहा है, उन्हें सबकुछ मिल रहा है। लेकिन वास्तविक तपस्वियों जैसे किसान, श्रमिक, युवा और छोटा व्यवसाय करने वालों का हक छीना जा रहा है।
श्री गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के तहत मध्यप्रदेश के उज्जैन में शाम को जनसभा को संबोधित किया। इसके पहले उन्होंने उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन किए। जनसभा में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।
श्री गांधी ने अपने भाषण की शुरूआत ‘जय महाकाल’ के साथ की। लगभग 25 मिनट के भाषण में श्री गांधी ने कहा कि महाकाल मंदिर भगवान शिव का है। भगवान शिव के अलावा श्रीराम और श्रीकृष्ण समेत सभी ने तपस्या की। इसी तरह हमारे देश में भी किसान, श्रमिक, युवा, छोटे और मंझौले व्यापारी व्यवसायी और मीडिया के साथी भी प्रतिदिन तपस्या कर रहे हैं। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इन तपस्या करने वालों का हक छीन रही है और इनकी जेब से पैसा निकालकर देश के दो चार पांच बड़े उद्याेगपतियों को दे रही है।
श्री गांधी ने कहा कि देश के जो प्रमुख चार पांच उद्योगपति हैं, वे श्री मोदी की पूजा करते हैं। इन उद्योगपतियों को सबकुछ दिया जा रहा है। इनके हवाले हिंदुस्तान का पूरा धन किया जा रहा है। रेलवे, बंदरगाह, हवाईअड्डे, सड़कें, बिजली और पानी सब कुछ इनके हवाले किया जा रहा है। मोदी सरकार ने बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए ही नोटबंदी की। जीएसटी लागू किया। कोविड संकटकाल के दौरान भी मोदी सरकार की नीतियां गरीबों के हित में नहीं थीं। इस तरह देश की रीढ़ तोड़ दी गयी है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कन्याकुमारी से 80 दिन से अधिक समय पहले शुरू हुयी उनकी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वे अब तक 2000 से अधिक किलोमीटर चल चुके हैं। लेकिन इसे तपस्या व्यापारियों को जीएसटी से लाभ नहीं मानते हैं। आज के असली तपस्वी वे किसान, श्रमिक, युवा और छोटे व्यापारी हैं, जो प्रतिदिन तपस्या कर रहे हैं। लेकिन उन्हें तपस्या का फल नहीं मिल रहा है।
श्री गांधी ने कहा कि हिंदू धर्म कहता है कि तपस्वियों की पूजा करना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार ऐसा नहीं कर रही है। वह तो आज के तपस्वियों को चोट पहुंचा रही है। किसानों को फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है। उर्वरक नहीं मिल रहा है। मिलता है, तो काफी महंगा है। पेट्रोल भी बहुत महंगा कर दिया गया है। युवाओं को रोजगार नहीं दिए जा रहे हैं। युवा नौकरी के लिए परीक्षा देते हैं, तो व्यापमं जैसा घोटाला हो जाता है। बच्चे बड़ी बड़ी डिग्रियां हासिल कर रहे हैं, इसके बावजूद वे मजदूरी जैसे कार्य करने विवश हैं।
श्री गांधी ने कहा कि वे मीडिया की बात भी करना चाहते हैं। मैदान में काम करने वाले मीडिया कर्मचारी सच देख रहे हैं और वे जनता के सामने इसे लाना भी चाहते हैं, लेकिन उनके पीछे भी लगाम लगी हुयी है। यह लगाम वे लोग थामे हुए हैं, जो श्री मोदी की पूजा कर रहे हैं। यही हो रहा है देश में।
श्री गांधी ने कहा कि यह यात्रा कांग्रेस की नहीं हिंदुस्तान की है। हिंदुस्तान के असली तपस्वियों की है। उन्होंने भाजपा और उसके नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ये लोग भगवान के सामने हाथ जोड़ते हैं और इसके बाद गरीबाें, किसानों, युवाओं और इसी तरह के अन्य वर्गों का हक छीनते हैं। यह सब करना उचित नहीं है।
श्री गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज मध्यप्रदेश में सातवां दिन है। यात्रा आज उज्जैन पहुंची और सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच श्री गांधी ने महाकाल मंदिर में दर्शन किए। व्यापारियों को जीएसटी से लाभ इसके पहले उन्होंने यहीं पर जैन मंदिर परिसर तपोभूमि पहुंचकर जैन मुनि के दर्शन किए। यात्रा का रात्रिविश्राम आज यहीं पर रहेगा।
श्री गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उज्जैन के बाद आगरमालवा जिले से होते हुए चार दिसंबर को राजस्थान की सीमा में प्रवेश कर जाएगी।