अस्थिर ब्याज क्या है?

यह लगातार तीसरा हाइक है इसके पहले आरबीआई ने मई और जून में कुल मिलाकर 0.90 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की थी यानी कि पिछले 4 महीनों में रेपो रेट में 1.4 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। हाई इन्फ्लेशन को काबू में करने के लिए आरबीआई रेपो रेट को 25 से 20 तक बेसिक प्वाइंट तक बढ़ा सकती है। शक्तिकांत दास ने यह भी कहा है कि मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी इन्फ्लेशन कंट्रोल करने के लिए नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का फैसला किया है।
Savings Account Interest: बचत खाते में रखे पैसों पर कैसे जुड़ता है ब्याज, समझें कैलकुलेशन
बैंक में बचत खाता होना होना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह इमरजेंसी फंड के रूप में काम करता है.
Savings Account Interest Calculator: बैंक में बचत खाता होना होना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह इमरजेंसी फंड के रूप में काम करता है. इसमें से जब जरूरत हो पैसे निकाले जा सकते हें. लेकिन यह पैसे अगर एफडी, एनएससी जैसी योजनाओं में डाल दें तो एक तय समय के लिए इन्हें नहीं निकाला जा सकता है. इसलिए बचत खाता होना जरूरी है. बैंक इन बचत खातों में पैसा रखने की एवज में ब्याज भी देते हैं. यह ब्याज 2.7 फीसदी से 4 फीसदी तक या कुछ बैंकों में इससे भी ज्यादा हो सकते हैं. आमतौर पर ज्यादातर प्रमुख बैंक अस्थिर ब्याज क्या है? 2.7 फीसदी से 4 फीसदी के बीच ब्याज दे रहे हैं. आईडीएफसी बैंक में यह ब्याज 7 फीसदी है.
कैसे जुड़ता है ब्याज
मान लीजिए कि महीने की पहली तारीख को आपके एक सेविंग अकाउंट में 1 लाख रुपये हैं. यह बैलेंस पहली से 5 तारीख तक रहता है. मान लीजि कि आपका बैंक या डाकघर आपको 4 फीसदी ब्याज दे रहा है.
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PM Kisan 12th Installment Alert: पीएम किसान की 12वीं किस्त में बड़ा अपडेट, इन 10 केस में नहीं मिलेगी अस्थिर ब्याज क्या है? रकम
1,00,000 (जमा रकम) X 4 %(ब्याज दर)/100 = 4000 रुपये
इस 4000 की रकम को अस्थिर ब्याज क्या है? 365 (साल के दिन) से भाग करें
यह 10.95 रुपये होगा, जो एक दिन का ब्याज है. ऐसे में 5 दिन का ब्याज 54.80 रुपये हुआ.
3 महीने या 6 महीने पर खाते में जुड़ जाता है ब्याज
उपर दिए गए कैलकुलेशन के जरिए कुछ बैंक 3 महीने तो कुछ 6 महीने का कुल ब्याज आपके खाते में डाल देते हैं. ब्याज खाते में जुड़ने के बाद जो रकम होती है, अस्थिर ब्याज क्या है? उस पूरी रकम पर आगे इसी तरह से रोज के हिसाब से ब्याज कैलकुलेट किया जाता है.
एसबीआई: 2.7 फीसदी
एचडीएफसी बैंक: 3.5 फीसदी
आईसीआईसीआई बैंक: 3 फीसदी
डाकघर: 4 फीसदी
पीएनबी: 3.25 फीसदी
बैंक आफ बड़ौदा: 3.5 फीसदी
एक्सिस बैंक: 3 फीसदी
Monetary Policy Committee,नीतिगत ब्याज दरों में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने कितना प्वाइंट बढ़ाया है
Monetary Policy Committee: केंद्रीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने 5 अगस्त 2022 को हुई मासिक मॉनेटरी पॉलिसी की समीक्षा करने के बाद नीतिगत ब्याज अस्थिर ब्याज क्या है? दरों में 50 बेसिक प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इसके बाद रेपो रेट 4.9 परसेंट से बढ़कर 5.4 परसेंट हो गया है। रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी बैठक की घोषणा में कहा है कि हम हाई इन्फ्लेशन की समस्या से वर्तमान में गुजर रहे हैं और फाइनेंशियल मार्केट में अस्थिर हैं। वैश्विक और घरेलू परिदृश्य को देखते हुए मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने बेंचमार्क्स रेट में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। 5 अगस्त 2022 के बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट कोविड-19 के पूर्व स्तर पर पहुंच गया है।
वह ब्याज दर जिस पर एक देश का केंद्रीय बैंक घरेलू बैंकों को प्रायः बहुत ही अल्पकालिक ऋण के रूप में पैसा उधार देता है, उसे कहा जाता है:
Key Points
- रेपो रेट एक अल्पकालिक उपाय है और यह अल्पकालिक ऋणों को संदर्भित करता है और बाजार में धन की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- बैंक दर एक दीर्घकालिक उपाय है और यह आरबीआई की दीर्घकालिक मौद्रिक नीतियों द्वारा नियंत्रित होता है।
Additional Information
- नकद दर
- मुद्रा दर बैंकों के बीच अस्थिर अल्पकालिक अग्रिमों की वित्तीय लागत है।
RBI की क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान, ब्याज दरों में बदलाव नहीं
- नई दिल्ली,
- 30 जुलाई 2013,
- (अपडेटेड 30 जुलाई 2013, 5:55 PM IST)
भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. आरबीआई ने ब्याज दरों अस्थिर ब्याज क्या है? अस्थिर ब्याज क्या है? में कोई बदलाव नहीं किए हैं.
आरबीआई ने कहा है कि मुद्रा बाजार में स्थिरता आने के बाद तरलता घटाने के लिए हाल में उठाए गए कदम वापस लिए जाएंगे. मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही समीक्षा घोषणा में रिजर्व बैंक ने मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास दर के अनुमान को 5.7 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी कर दिया और कहा कि घरेलू और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है.
3 महीने या 6 महीने पर खाते में जुड़ जाता है ब्याज
उपर अस्थिर ब्याज क्या है? दिए गए कैलकुलेशन के जरिए कुछ बैंक 3 महीने तो कुछ 6 महीने का कुल ब्याज आपके खाते में डाल देते हैं. ब्याज खाते में जुड़ने के बाद जो रकम होती है, उस पूरी रकम पर आगे इसी तरह से रोज के हिसाब से ब्याज कैलकुलेट किया जाता है.
एसबीआई: 2.7 फीसदी
एचडीएफसी बैंक: 3.5 फीसदी
आईसीआईसीआई बैंक: 3 फीसदी
डाकघर: 4 फीसदी
पीएनबी: 3.25 फीसदी
बैंक आफ बड़ौदा: 3.5 फीसदी
एक्सिस बैंक: 3 फीसदी