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प्रवृत्ति पर व्यापार

प्रवृत्ति पर व्यापार
सरकार ने बढ़ाई शराब की लत
वर्तमान समय में युवा पीढ़ी का नशे में चूर रहना एक फैशन सा प्रवृत्ति पर व्यापार बन गया हैं। न केवल युवक, अपितु संभ्रात परिवार की लड़कियां भी इसकी आदी हो रही हैं। नशे की लत का शिकार युवा न केवल अपने परिवार के लिये अभिशाप प्रवृत्ति पर व्यापार बन जाता है, अपितु समाज व राष्ट्र के लिए भी कलंक साबित होता है। सबसे शर्मनाक पहलू तो यह हैं की सरकारों ने राजस्व की आड़ मे शराब सेवन को बढ़ावा देकर युवा पीढ़ी के भविष्य से खिलवाड़ ही किया है। ऐसी हालत में नशे के गर्त में डूबे युवाओं को कौन बचाएगा?
-गायत्री चौहान, जोधपुर
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आपकी बात, युवा वर्ग में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति का कारण क्या है?

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नशे की प्रवृत्ति को रोकने व नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने के उद्धेश्य से सचिव/सिविल जज(सीनियर डिविजन) अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने बैठक ली

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रूद्रपुर 16 नवम्बर 2019- नशे की प्रवृत्ति को रोकने व नशे के कारोबारियों पर नकेल कसने के उद्धेश्य से सचिव/सिविल जज(सीनियर डिविजन) अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने ए.डी.आर. केन्द्र रूद्रपुर के सभा कक्ष में आंठो तहसील हेतु गठित विशेष ईकाईयों के सदस्यों की बैठक ली उन्होने बताया नालसा (नशा पीड़ितों एवं नशा उन्मूलन के लिये विधिक सेवायें) योजना 2015 के क्रियान्वयन हेतु जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिले की आठो तहसीलों हेतु विशेष इकाइयों का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण द्वारा पूर्व में ड्रग बेचने वालो,ड्रग ट्रान्सपोर्टर व ड्रग विक्रेताओं आदि की पहचान करने हेतु पराविधिक कार्यकर्ताओं तथा एन.जी.ओ. की संयुक्त टीम बनाई गई है। इस टीम द्वारा जनपद में सर्वे कर रिपोर्ट प्रधिकरण के कर्यालय में उपलब्ध कराई गई। उन्होने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा नशे का व्यापार करने वाले सप्लायर व पैडलर्स के चिन्हीकरण के आधार पर आकस्मिक छापेमारी कर उनके खिलाफ सख्त प्रवृत्ति पर व्यापार कार्यवाही करें। उन्होने कहा इस कार्य को एक मिशन के प्रवृत्ति पर व्यापार रूप में ले ताकि समाज से इस बुराई का पूर्ण प्रवृत्ति पर व्यापार रूप से खात्मा हो सके।
बैठक में पैनल एडवोकेट रमेश चन्द्र शर्मा अखलाख अहमद पराविधिक कार्यकर्ता मुकेश चन्द्र, नसीर अहमद,सेवक सिंह मोहम्मद शाहिद,आमोद कुमार पाण्डेय वन विभाग, स्वास्थय विभाग व पुलिस अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।

विदेश व्यापार घाटे की नई चुनौती

12 अप्रैल को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के द्वारा वर्ष 2022-23 के वैश्विक व्यापार वृद्धि अनुमान से 4.7 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी किए जाने के मद्देनजर भारत के तेजी से बढ़ते हुए निर्यात पर भी असर होने के साथ-साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ने की आशंका भी बढ़ेगी…

हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश का व्यापार घाटा बढ़कर 192 अरब डॉलर हो गया है। फरवरी 2022 के आखिर से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल के वैश्विक दामों में इजाफे से पेट्रोलियम आयात के मूल्य में तेज उछाल के कारण प्रवृत्ति पर व्यापार पेट्रोलियम की आयात की जाने वाली खेपों का मूल्य एक साल पहले की तुलना में करीब दोगुना होने की वजह से आयात 610 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि भारत के द्वारा कच्चे तेल की कुल जरूरतों का करीब 85 फीसदी हिस्सा आयात किया जाता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से भारत का व्यापार घाटा बढ़ने की प्रवृत्ति दिखाता है। वित्त वर्ष 2021-22 में देश के कुल आयात मूल्य में पेट्रोलियम आयात का हिस्सा 26 प्रतिशत था। पेट्रोलियम उत्पादों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं और सोने का आयात एक-तिहाई तक बढ़ा और इसके परिणामस्वरूप व्यापार घाटे में इजाफा हुआ है। भारत का उत्पाद आयात वित्त वर्ष 2021-22 में पूर्ववर्ती वित्त वर्ष 2020-21 के 394.44 अरब डॉलर की तुलना में 54.71 प्रतिशत बढ़ा है। नतीजतन उत्पाद व्यापार घाटा पहली बार 100 अरब डॉलर का स्तर पार कर गया है। यह बात भी महत्त्वपूर्ण है कि पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के अलावा देश के व्यापार घाटे के बढ़ने का एक बड़ा कारण चीन से तेजी से बढ़े हुए आयात भी है। इस समय चीन से तेजी से बढ़ा आयात और देश का तेजी से बढ़ा विदेश व्यापार घाटा इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि पिछले 6-7 वर्षों से व्यापार घाटा घटाने के लगातार प्रयास हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के उपयोग की लहर को देशभर में आगे बढ़ाया है। हाल ही के वर्षों में चीन को आर्थिक चुनौती देने के लिए सरकार के द्वारा टिक टॉक सहित विभिन्न चीनी एप पर प्रतिबंध, चीनी सामान के आयात पर नियंत्रण, कई चीनी सामान पर शुल्क वृद्धि, सरकारी विभागों में चीनी उत्पादों की जगह यथासंभव स्थानीय उत्पादों के उपयोग की प्रवृत्ति जैसे विभिन्न प्रयास किए गए हैं। वर्ष 2019 और 2020 में चीन से तनाव के कारण देशभर में चीनी सामान का जोरदार बहिष्कार दिखाई दिया था।

आपकी बात, युवा वर्ग में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति का कारण क्या है?

फैशन बन गया है नशा
देश का युवा वर्ग आज नशे की गिरफ्त में फंसता जा रहा है। इसका एक कारण है सहनशक्ति की कमी। युवा आजकल बहुत जल्दी अपना हौसला खो देते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि वे डिप्रेशन में चले जाते हंै और फिर वे नशे की गिरफ्त में फंस जाते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को हालात से लडऩा सिखाएं और उन्हें मजबूत बनाएं। दूसरा बड़ा कारण ये है कि आजकल नशा फैशन बनता चला जा रहा है। गलत संगत में पड़कर नशे को फैशन मान लेना युवा वर्ग की सबसे बड़ी कमजोरी है। दूसरों की देखा-देखी भी लोग नशा करने लग जाते हैं। अपने आपको आधुनिक बनाने के लिए नशे का सहारा लेने लगते हैं, जो कि गलत है। युवा वर्ग की कमजोर सोच का फायदा उठाते हुए नशे के व्यापार में लगे हुए लोग उन्हें नशे के लिए प्रेरित करने लग जाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि युवा अपने आपको मजबूत बनाएं और गलत संगति से बचें। कोई भी परेशानी अपने माता-पिता के साथ में शेयर जरूर करें।
-सोनिका हेडाऊ बैतूल मध्यप्रदेश
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