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कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए

कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए

India may soon have single e-commerce platform

भारत में जल्द ही एक एकल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हो सकता है जो खरीदारों, विक्रेताओं, रसद खिलाड़ियों और भुगतान सुविधाकर्ताओं को एक साथ लाएगा, उपभोक्ताओं को उत्पादों, विक्रेताओं और मूल्य विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ सशक्त बनाएगा।

प्रस्तावित प्लेटफॉर्म ग्राहकों को एकाधिकार प्रतियोगिता के दबाव में आने से बचाएगा, और उन्हें सुविधा भी प्रदान करेगा क्योंकि उन्हें अपनी पसंद के उत्पादों और सेवाओं को खोजने के लिए विविध ऐप का उपयोग करने या विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर खोज करने की आवश्यकता नहीं होगी।

डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) महामारी के दौरान टेक लीडर्स और स्टार्ट-अप उद्यमियों के सहयोग से डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) द्वारा शुरू की गई एक गैर-लाभकारी पहल है। इसके समर्थकों का मानना ​​है कि भारत के पास दुनिया को यह दिखाने का अवसर है कि ग्राहकों और अन्य हितधारकों की सुविधा के लिए पूरे कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए डिजिटल कॉमर्स को एक मंच पर कैसे लोकतांत्रित और संयोजित किया जाए, कुछ इसी तरह यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने एकाधिकार को तोड़ दिया है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों।

शुक्रवार को यहां एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीपीआईआईटी के सचिव अनुराज जैन ने कहा कि एक इंटरऑपरेबल सिस्टम का विकास किया जा रहा है, जो डिजिटल कॉमर्स के लिए एक खुला नेटवर्क होगा। यह मौजूदा क्लोज-लूप डिजिटल कॉमर्स सिस्टम के विपरीत होगा।

ओएनडीसी परियोजना ने देश भर के 85 शहरों में अल्फा परीक्षण पूरे किए, और इस साल अप्रैल में, इसे बीटा परीक्षण के लिए बेंगलुरु में सॉफ्ट लॉन्च किया गया। ओएनडीसी के प्रबंध निदेशक और सीईओ टी. कोशी ने कहा कि करीब 15 से 20 उद्यमी, लॉजिस्टिक पार्टनर, वेंडर, मॉम और पॉप स्टोर नेटवर्क से जुड़ रहे हैं और 2,000 से अधिक डिजिटल वाणिज्य लेनदेन, ज्यादातर किराना और भोजन नेटवर्क पर किए गए।

इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस खुले नेटवर्क में न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में ई-कॉमर्स को बदलने की क्षमता होगी।

“यह खरीदारों और विक्रेताओं और भुगतान प्लेटफार्मों के बीच एक विवाह है। यह छोटे विक्रेताओं को बड़े खरीदारों से जोड़ेगा। इससे ग्राहकों को एक बड़ा बाजार और अच्छी कीमत का विकल्प मिलेगा,” मंत्री ने कहा।

यह बताते हुए कि मौजूदा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कैसे काम करते हैं, उन्होंने कहा, “जब आप ई-कॉमर्स का उपयोग करते हैं, तो आप एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर जाते हैं, जहां आपको केवल वही उत्पाद देखने को मिलेंगे, जो उस प्लेटफॉर्म पर बेचे जाते हैं, क्योंकि इसके एल्गोरिदम आपको केवल दिशा में मार्गदर्शन करेंगे। कुछ उत्पाद।”

हालांकि, ओएनडीसी नेटवर्क पर, खरीदार अपने पसंदीदा समय और स्थान के आधार पर, सर्वोत्तम मूल्य पर, उनके लिए सबसे अच्छा क्या है, कई प्लेटफार्मों में से चुनने में सक्षम होंगे।

उन्होंने कहा कि देश में 60 मिलियन से अधिक किराना स्टोर और छोटे खुदरा विक्रेता बड़े प्रारूप के आगमन के कारण अस्तित्व के खतरे में थे, बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां बहुत अधिक वित्तीय ताकत और बाहुबल के कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए साथ हिंसक मूल्य निर्धारण, छूट चलाने और बहुत आकर्षक प्रदर्शन करने में सक्षम थीं। विपणन।

भारत आज डेटा का सबसे बड़ा उपभोक्ता था, श्री गोयल ने कहा। “हमारे पास दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से की तुलना में डिजिटल रूप से सबसे अधिक वित्तीय लेनदेन हैं। पिछले महीने ही, मुझे बताया गया है कि हमने ₹600 करोड़ से अधिक का डिजिटल वित्तीय भुगतान किया है, जो कि अधिकांश बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से किए जा रहे कार्यों से अधिक है।”

ओएनडीसी प्लेटफॉर्म के पूरे देश में रोल आउट के लिए निर्धारित समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, “यह कुछ ऐसा है जिसे हम पहली बार करने का प्रयास कर रहे हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जो आपको रातों-रात परिणाम नहीं दे सकती। ये बड़े पैमाने पर खेल को बदलने वाली प्रौद्योगिकियां हैं, जिन्हें एक लंबे परीक्षण चरण की आवश्यकता है।”

आरी से काटकर शव के 35 टुकड़े, बदबू न आए इसलिए छिड़कता था परफ्यूम, तस्वीरों से समझिए श्रद्धा के कातिल आफताब का खूनी खेल

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने श्रद्धा के शव कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए के 35 टुकड़े किए। इसके बाद इन टुकड़ों को छतरपुर एन्क्लेव इलाके के जंगलों, यहां श्मशान घाट के पास नाले के पास दो जगह, एमबी रोड के पास 100 फुटा रोड और धान मिल कंपाउड के पीछे टुकड़े फेंके। शव के टुकड़ों को फेंकने के लिए इसने 15 दिन से अधिक का समय लिया। शाम और देर रात में जब इसे सही मौका मिलता था, यह बैग में शव के टुकड़ों को भरकर ठिकाने लगाने निकल जाता था।

आफताब ने क्यों की श्रद्धा की हत्या

पुलिस पूछताछ में आरोपी आफताब आलम ने ने बताया कि वह दोनों मुंबई से पहले मार्च-अप्रैल महीने में हिल स्टेशन घूमने गए थे। फिर अप्रैल के अंतिम दिनों में वह यहां महरौली इलाके में आए। जहां मई के पहले सप्ताह में उन्होंने छतरपुर पहाड़ी की गली नंबर-1 में एक कमरे का फ्लैट किराए पर लिया। यहां 18 मई की रात को उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को आरी से काटकर धीरे-धीरे उसे ठिकाने लगा दिया।

बदबू न आए इसलिए छिड़कता था पर्फ्यूम

आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े करने के लिए बाजार से एक आरी खरीदी थी। शव के टुकड़ों को पैक करने के लिए पॉलिथीन भी खरीदकर लाया। बदबू ना आए, इसके लिए इसने 300 लीटर वाला फ्रिज भी खरीदा। जिसमें पॉलिथीन में पैक शव के तमाम टुकड़ों को रख दिया। बदबू को रोकने के लिए घर में अगरबत्ती और परफ्यूम भी छिड़कने लगा।

कैसे पकड़ा गया आफताब

पुलिस ने 12 नवंबर को आफताब को गिरफ्तार किया। इस दौरान वह गुरुग्राम में जॉब करता रहा। किसी को इसके उपर शक नहीं हुआ। यह किसी से अधिक बोलता भी नहीं था। फ्लैट 9 हजार रुपये महीने के किराए पर लिया गया था। जिसका समय से यह किराया दे देता था। पुलिस ने इसे इसके मोबाइल फोन की लोकेशन और अन्य तकनीकी मदद से पकड़ा। पुलिस का कहना है कि इसे अपने किए पर कोई अधिक पछतावा नहीं है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इससे पहले भी किसी और की भी हत्या या अन्य कोई अपराध तो नहीं किया।

पुलिस कराएगी नार्को टेस्ट

पुलिस का कहना है कि वह आरोपी का नार्को टेस्ट कराएगी। इसके लिए कोर्ट से इजाजत मांगी जा रही है। अब तक श्रद्धा के शव की 15 हड्डियां बरामद हुई हैं। लेकिन यह सब सुनिश्चित करने के लिए शव के मिले टुकड़ों का भी डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, ताकि इस बात का मिलान किया जा सके कि बरामद हड्डियां और शव का अन्य हिस्सा श्रद्धा के शव का ही है या फिर किसी और का।

दोनों पहले मुंबई के कॉल सेंटर में करते थे काम

पुलिस तफ्तीश में पता लगा है कि दोनों पहले मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करते थे। दिल्ली आने पर आफताब गुरुग्राम के एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। श्रद्धा भी अपने लिए जॉब ढूंढ रही थी। पुलिस का कहना है कि आफताब श्रद्धा से शादी करने की बात कहता था, लेकिन दोनों को अभी शादी करनी थी, इस बात को लेकर फिलहाल आफताब ने कुछ नहीं कहा है। उसने पुलिस को बताया है कि हत्या की मुख्य वजह दोनों का एक-दूसरे पर शक कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए करना रहा। जिसके चलते आए दिन दोनों के बीच झगड़ा हो जाता था। दोनों कई बार एक-दूसरे का मोबाइल भी चेक करते थे। बाहर जाने पर लोकेशन भी मंगाकर यह कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए देखते थे। शव को काटते वक्त आफताब तेज आवाज में म्यूजिक बजाता था। शव काटने के बाद उसने पूरा फर्श धो दिया। पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने बस एक बार इसके साथ लड़की को देखा था, फिर नहीं देखा। उन्होंने सोचा कि कोई दोस्त होगी। 18 मई के बाद से उन्होंने लड़की को नहीं देखा।

अलग-अलग धर्म होने पर जताया था विरोध

श्रद्धा के पिता विकास मदन(59) ने बताया कि वह अपनी मां के साथ पालघर महाराष्ट्र में रहते हैं। वह इलेक्ट्रॉनिक्स आइटमों की सेल एंड सर्विस का काम करते कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए हैं। उनकी पत्नी सुमन मदन की मृत्यु 23 जनवरी 2020 में हो गई थी। इसके बाद से ही वह अपने बच्चों से अलग अपनी मां के साथ रह रहे हैं। परिवार में 27 साल की बेटी श्रद्धा के अलावा 23 साल का बेटा है। उन्होंने बताया कि 2018 में श्रद्धा ने मुंबई के एक कॉल सेंटर में जॉब करना शुरू किया था। वहां आफताब भी काम करता था। 8-9 महीने बाद पता लगा कि श्रद्धा और आफताब रिलेशन में हैं। उन्होंने बेटी से दूसरे धर्म में शादी करने को लेकर कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए विरोध किया था, लेकिन उनकी बेटी नहीं मानी थी। वह घर से यह कहकर आफताब के साथ रहने लगी कि मैं आज से आपकी बेटी नहीं। श्रद्धा के दोस्तों से परिजनों को पता लगा कि पहले यह दोनों नया गांव और फिर वसाई महाराष्ट्र में रहते थे। बीच-बीच में श्रद्धा अपने परिवार से बात करती थी। उसने बताया था कि आफताब उससे मारता-पीटता है। इससे परेशान होकर वह घर आ भी गई थी। लेकिन आफताब के माफी मांगने पर वह फिर उसके साथ चली गई। फिर उनकी श्रद्धा से कई महीनों तक बात नहीं हुई।

बने रैपिड रेल का पहला पैसेंजर, दिल्ली ट्रेड फेयर में एनसीआरटीसी (NCRTC) के स्टॉल पर दें दो सवालों के जवाब; चुने जाने पर 20 लोग कर सकेंगे यात्रा

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देश की पहली रीजनल रैपिड रेल मार्च 2023 में चलेगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने आपको पहली ट्रेन में बैठने का मौका दिया है। दिल्ली व्यापार मेले में पहुंचकर आप सिर्फ दो सवालों के सही जवाब देकर लकी ड्रा में हिस्सा ले सकते हैं। इस ड्रॉ से चुने गए 20 प्रतिभागियों को पहले दिन ही रैपिड रेल में बैठने का मौका मिलेगा। Read Also:-Video : सन्यासी के वेश में शैतान! पहले दान लिया उसके बाद हाथ जोड़े और फिर किया पूर्व सांसद पर कटार से हमला किया

NCRTC ने इस स्टॉल में रैपिड रेल की टैक्नोलॉजी को प्रदर्शित किया है।

लकी ड्रॉ के जरिए पहले 20 यात्रियों का चयन किया जाएगा
दिल्ली के प्रगति मैदान में एक व्यापार मेला लगाया गया है। एनसीआरटीसी (NCRTC) ने अपना स्टॉल भी लगाया है। एमओएचयू (MoHU)के सचिव मनोज जोशी ने एनसीआरटीसी (NCRTC) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह की उपस्थिति में स्टॉल का उद्घाटन किया। हॉल नंबर-5 में लगे इस स्टॉल को देखने के लिए लोगों में उत्सुकता है। स्टॉल का मुख्य आकर्षण भारत की पहली क्षेत्रीय ट्रेन के पहले यात्री होने का मौका है।

इसके लिए स्टॉल देखने आने वाले लोगों को बस अपने मोबाइल से एक क्यूआर कोड स्कैन करना होगा, जो उन्हें एक फॉर्म में ले जाएगा। इसमें रैपिड रेल को लेकर दो सवाल पूछे जाएंगे। सही जवाब देने वाले प्रतिभागियों को लकी ड्रा में शामिल किया जाएगा। इस ड्रॉ से 20 भाग्यशाली लोगों का चयन किया जाएगा, जो मार्च-2023 में शुरू होने वाली पहली रीजनल रैपिड में प्रथम यात्री के रूप में यात्रा कर सकेंगे।

स्टॉल पर वर्चुअल स्टेशन फील
बूथ का वर्चुअल रियलिटी (VR) जोन भी आकर्षण का केंद्र है। इसके जरिए मेहमानों को ऐसा महसूस हो सकेगा जैसे वे खुद किसी रैपिड रेल के स्टेशन पर पहुंच गए हों। स्टॉल पर इंटरैक्टिव टच स्क्रीन न केवल ट्रेनों की विभिन्न विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पर परियोजना के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को भी प्रदर्शित करते हैं।

रैपिड रेल का ट्रायल रन अगले महीने होगा
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा, गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किमी लंबाई का ट्रैक प्राथमिकता खंड है। इस सेक्शन में ट्रायल रन दिसंबर-2022 के पहले सप्ताह में होगा। ट्रायल रन की सभी तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं।

इसके बाद मार्च-2023 से इस खंड में रैपिड रेल का परिचालन शुरू किया जाएगा। दूसरे चरण में रीजनल रैपिड रेल दिसंबर-2023 में दुहाई डिपो से मेरठ दक्षिण तक और जनवरी-2025 में पूरे दिल्ली-मेरठ ट्रैक पर चालू होगी। रैपिड रेल चलने के बाद मेरठ से दिल्ली की 82 किमी की दूरी महज 45 मिनट में पूरी हो जाएगी।

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श्रद्धा मर्डर मिस्ट्री में कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए एक और नया खुलासा, आफताब और श्रद्धा ने पति-पत्नी बनकर लिया था फ्लैट

Another new revelation in Shraddha murder mystery Aftab and Shraddha had taken the flat as husband and wife

श्रद्धा मर्डर मिस्ट्री में एक और नया खुलासा, आफताब और श्रद्धा ने पति-पत्नी बनकर लिया था फ्लैट

Another new revelation in Shraddha murder mystery, Aftab and Shraddha had taken the flat as husband and wife

Shraddha Murder Case: श्रद्धा मर्डर केस में मुंबई कनेक्शन की जांच जारी है. इस बीच पता चला है कि मुंबई में किराये पर फ्लैट लेते समय आफताब और श्रद्धा ने खुद को पति-पत्नी बताकर रेंट एग्रिमेंट बनवाया था. फ्लैट मालिक जयश्री पाटकर के मुताबिक, दोनों के बीच बहुत झगड़ा होता था, दोनों बिल्डिंग के नीचे भी लड़ते रहते थे.

श्रद्धा मर्डर केस में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस हत्याकांड के तार मुंबई से भी जुड़े हैं, जिसको सुलझाने की कोशिश पुलिस कर रही है. मुंबई के वसई इलाके के रीगल अपार्टमेंट में आफताब और श्रद्धा किराये पर रहते थे. साल 2020 से 2021 तक श्रद्धा और आफताब रीगल अपार्टमेंट के 302 नंबर फ्लैट में रहे.

फ़्लैट को किराये पर लेते समय आफताब और श्रद्धा ने खुद को पति-पत्नी बताकर रेंट एग्रिमेंट बनवाया था. फ्लैट मालिक जयश्री पाटकर के मुताबिक, आफताब और श्रद्धा ने उनके एजेंट से यह कहा कि वे परिवार के अन्य सदस्यों के साथ यहां रहने आएंगे और दोनों पति-पत्नी हैं.

अक्सर दोनों के बीच होती थी लड़ाई
साथ ही फ्लैट की मालिक जयश्री पाटकर ने यह भी बताया कि वो कभी आफताब और श्रद्धा से नहीं मिली थी, उनके किराये के एग्रिमेंट का सारा काम उनके रियल एस्टेट एजेंट ने ही किया था, मगर फ्लैट की मालिक जयश्री पाटकर के अनुसार, उनको यह पता चला था कि दोनों अक्सर लड़ते थे और दोनों के बीच बहुत झगड़ा होता था.

जयश्री पाटकर के अनुसार, दोनों के बीच लड़ाई घर में तो होती ही थी साथ ही बिल्डिंग के नीचे भी दोनों कई बार झगड़ा करते थे, यह बात मुझे सोसाइटी के लोगों से पता चली थी. आफताब और श्रद्धा के बीच झगड़ा इतना होता था कि आसपास के लोगों तक भी आवाज पहुंचती थी.

वहीं रीगल कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के सचिव दिलीप सावंत के मुताबिक, उनको जो रेंट एग्रिमेंट की कॉपी दी गई थी, उसमें अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 तक 11 महीने के लिए किराए पर फ्लैट दिया दिया गया था और उस समय जमा किए एग्रिमेंट में आफ़ताब और श्रद्धा ने अपने आपको शादीशुदा लिखा था.

चैट रिट्रीव करने में जुटी दिल्ली पुलिस

इस बीच श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस ने छानबीन तेज कर दी है. आफताब, श्रद्धा और इनके दोस्तों की चैट्स को रिट्रीव करने में दिल्ली पुलिस जुटी है. कत्ल के दिनों के दौरान की चैट रिट्रीव की जा रही है. पुलिस ने अलग-अलग मैसेजिंग ऐप्स को चिट्ठी लिखकर चैट की डिटेल्स की जानकारी मांगी है.कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए

श्रद्धा, आफताब के फोन की पास्ट लोकेशन का पता लगाने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स को लिखा जाएगा. 18 कई कत्ल के दिन से पहले और बाद की लोकेशन की जानकारी ली जाएगी. आफताब ने इंटरनेट पर क्या-क्या सर्च किया है उसकी हिस्ट्री जानने के लिए गूगल को भी चिट्ठी दिल्ली पुलिस लिख सकती है.

पुलिस को बरगलाने की कोशिश कर रहा है आफताब

आफताब ने अपने चेहरे पर कई किस्म के नकाब लगा रखे हैं और उन नकाबों के जरिए वो सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहा है. वो दिल्ली पुलिस को तरह-तरह की वजहें बताकर बरगलाने में लगा है. कभी वो पुलिस को ये बताता है कि श्रद्धा शादी के लिए दबाव डाल रही थी. कभी वो पुलिस को ये बताता है कि श्रद्धा उस पर शक कर रही थी. कभी वो पुलिस को ये बताता है कि पैसे की किल्लत के चलते उनके बीच झगड़ा हुआ.

Shraddha Murder Case: आरोपी आफताब ने शव के 35 टुकड़े करने के बाद जलाया था श्रद्धा का चेहरा, घर में काम करने वाले प्लंबर ने खोले कई राज

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दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस में रोज बड़े खुलासे हो रहे हैं। आरोपी आफताब से पूछताछ चल रही है। आफताब इस घटना को लेकर रोज नए राज खोल रहा है। अब पूछताछ में सामने आया है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके चेहरे को जलाया था। उसने ऐसा उसकी पहचान छिपाने के लिए किया था। ताकि कोई उसको पहचान ना सके। उसके दिमाग में बाद में शव के टुकड़े करने का आइडिया आया था। उसने इन सभी चिजों के बारे में जानकारी इंटरनेट से ली थी।

श्रद्धा मर्डर केस में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल श्रद्धा मर्डर केस में एक बड़ा गवाह सामने आया है। गवाह ने बताया है कि कैसे आफताब और श्रद्धा फ्लैट में शिफ्ट हुए थे। प्लंबर ने कहा है कि उसने श्रद्धा और आफताब को पहली बार साथ देखा था। प्लंबर ने इस पूरे मामले को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं। छतरपुर स्तिथ घर में शिफ्ट हो जाने के बाद श्रद्धा और आफताब के प्लंबर का काम देखने वाले व्यक्ति ने दोनों को साथ देखा था।

प्लंबर राजेश कुमार उनके घर की पानी की समस्या का काम देखता था। उसने दोनों के घर आने के बाद समझाया था कि पानी कहां से चलेगा, मोटर का बटन कहां है। जब ये लोग आए थे तो मैंने दोनों को कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए कैसे एक फ्लैट बाजार में व्यापार करने के लिए साथ देखा था। इसके बाद प्लंबर राजेश को मकान मालिक का फोन आया कि मोटर चेक कर पानी क्यों नही आ रहा, किरायेदार परेशान हैं। तब प्लंबर ने मकान मालिक को बताया था कि गर्मी होने के कारण पानी की कमी है।

शिफ्ट हो जाने पर ही श्रद्धा दिखी थी, लेकिन उसके बाद उसने कभी श्रद्धा को नहीं देखा। यहां ग्राउंड वाटर सुबह 5-7 के बीच आता है। मोटर से समर्सिबल का पानी भी आता था। अक्सर आरोपी आफताब खाना लेने नीचे आता था। एक बार डिलीवरी बॉय खाना लेकर आया था उसने मुझसे ही पूछा था कि यहां आफताब कौन है। जिसके बाद ये नीचे खाना लेने आया था। तब मुझे पता चला कि इसका नाम आफताब है।

दिल्ली पुलिस ने आफताब को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद पुलिस उसे उन जंगलों में ले गई जहां उसने श्रद्धा की बॉडी के टुकड़े फेंक थे। हालांकि पुलिस अब आफताब का नार्को टेस्ट करने जा रही है, जिसके बाद ही सच सामने आएगा। वो लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी का नार्को टेस्ट कराने का फैसला लिया है।

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