बाइनरी ऑप्शन टिप्स

वित्तीय नवाचार

वित्तीय नवाचार
उन्होंने कहा, 'आज तत्काल डिजिटल भुगतान में पूरी दुनिया में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले भारत की है. फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) क्षेत्र में भारत की ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है. इसलिए, मेरी आप सबसे अपेक्षा है कि फिनटेक में आप नए नवाचार को बढ़ावा दें. गिफ्ट आईएफएससी फिनटेक की वैश्विक प्रयोगशाला बनकर उभरे.' मोदी ने कहा कि आज भारत में एक बड़ा वर्ग है जो वृद्धि के लिए निवेश करना चाहता है. उनके लिए वित्तीय शिक्षा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं.

नवाचार का अर्थ

Vasant women college special program on innovation: वसंत महिला महाविद्यालय के द्वारा वित्तीय सेवाओं में नवाचार पर विशेष कार्यक्रम

वाराणसी, 28 नवंबरः वित्तीय नवाचार Vasant women college special program on innovation: वाणिज्य विभाग वसंत महिला महाविद्यालय, राजघाट के तत्वावधान में वित्तीय सेवाओं में नवाचार पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (बिलासपुर) के प्रोफेसर अमित मंगलानी ने फाइनेंसियल सिस्टम पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के प्रारंभ में वसंता कॉलेज की डायनामिक प्रिंसिपल प्रोफेसर अलका सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। अपने उदबोधन में प्रोफेसर सिंह ने कहा कि आज के डिजिटल युग में फाइनेंसियल सिस्टम की बेसिक जानकारी बहुत लाभप्रद है। विषय स्थापना कॉलेज की वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. डी.वित्तीय नवाचार उमा देवी ने की।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर अमित मंगलानी ने प्रतिभागियों के साथ वित्तीय नवाचार सेवाओं के विषय पर एक इंटरैक्टिव व्याख्यान किया। आपने प्रतिभागियों को वित्तीय व्यवस्था के विभिन्न रुप, म्यूचुअल फंड निवेश, भारत मे निवेश के विभिन्न माध्यम उनकी प्रगति, विभिन्न स्तर पर उनके आयाम एवं निवेश माध्यम के भावी विकास की संभावनाओ के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

नाबार्ड की परियोजना, किसानो से आजिविका संवर्धन पर बैठक

Nabard-project

आनंदपुरी 26 नवंबर : वागधारा संस्था ने नाबार्ड के सहयोग से वाडी परियोजना शुरू की है उसका जायजा फाँलोअप लेने के लिए नाबार्ड के राज्यमहाप्रबधंक व्ही.डी .नेगी, जिला प्रबंधक विश्राम मीना, वागधारा संस्था के कृषी एवं पोषण विषेतज्ञ पी एल पटेल ,सोहननाथ योगी, वाडी परियोजना कार्यक्रम अधिकारी प्रल्हाद रानावत के उपस्थिति में मानगढ वाडी विकास परियोजनाओं में लाभान्वित किसानो के साथ बैठक संपन्न हुई । पि. एल पटेल ने परियोजना का उद्देश्य आदिवासी विकास में मूल्य श्रृंखला को मजबूत करना है। वहीं आनंदपुरी ब्लाँक के 10 पंचायतो के 500 किसानो एवं परिवारों के वित्तीय विकास को बढ़ावा देना है। इस पहल के माध्यम से किसानों को हर गांव में ग्राम विकास एवं बाल अधिकार समितियां के माध्यम से संगठित किया गया है। जो सरकारी योजनाओं से लोगो को जोडा जाता है। नाबार्ड जिला प्रबंधक विश्राम मीना ने आजिविका बढाने हेतू कृषी कार्य सुधार और पशुपालन वानिकी पौधे वित्तीय नवाचार कृषको कि आमदनी में बढोतरी हो सकती हैं ईसके बारे में बताया वागधारा के हिरण ईकाई लिडर सोहननाथ ने बताया की वाडी परियोजना के माध्यम से एक स्थायी आजीविका का नेतृत्व करने के लिए आदिवासियों को सशक्त बनाने पर मुख्य ध्यान दिया गया है।इनमें मृदा संरक्षण, जल संसाधनों का विकास, सक्षम महीला समूहों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, प्रशिक्षण, कौशल विकास, बकरी पालन, मुर्गी पालन, केंचुआ पालन, सामुदायिक नर्सरी आदि जैसे आय-सृजन कार्यक्रम शामिल हैं। , हम आदिवासियों को टिकाऊ कृषि के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और नवाचार अपनाने के माध्यम से उनकी कृषि क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करना चाहते हैं। उपस्थित किसानों ने वाडीपरियोजना के विभिन्न पहलुओं पर ज्ञान प्राप्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए वागधरा के क्षत्रिय सहजकर्ता विकास मेश्राम, सहजकर्ता सुरेस पटेल ,कांता डामोर, सरदार कटारा ,रामू महाराज,अमृलाल,कालीदेवी ,ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

जैविक खेती के क्षेत्रा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों को मिलेगा एक-एक लाख रूपये का पुरस्कार

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जैविक खेती के क्षेत्रा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों को मिलेगा एक-एक लाख रूपये का पुरस्कार

श्रीगंगानगर । राज्य योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर जैविक खेती में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन सर्वश्रेष्ठ कृषकों को पुरस्कृत वित्तीय नवाचार किया जाएगा।
उप निदेशक कृषि (विस्तार) डॉ. गुगन राम मटोरिया द्वारा बताया गया कि इस हेतु जिले के जो कृषक गत पांच वर्षाे से कृषि उद्यानिकी फसलों में जैविक उत्पादन का कार्य कर रहा हो तथा कम से कम पिछले दो वर्षाे से लगातार जैविक प्रमाणिकरण करवा रहा हो, उन कृषकों को पुरस्कार हेतु वरीयता दी जाएगी। जो कृषक पूर्व में राज्य स्तर से पुरस्कृत किया जा चुका है वह कृषक इस वर्ष के लिए पात्रा नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि कृषक पुरस्कार हेतु मनोनीत कृषकों की संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार)/उप निदेशक कृषि (विस्तार) कृषि अनुसंधान केन्द्र/ कृषि विज्ञान केन्द्र/सहायक निदेशक उद्यान/ग्राहय परीक्षण केन्द्र के उप निदेशक द्वारा गठित कमेटी पुरस्कार हेतु कृषक का चयन प्रारम्भिक सत्यापन कर अन्तिम रूप से चयन हेतु जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। तत्पश्चात उपयुक्त पाए जाने वाले एक कृषक का अन्तिम रूप से चयन किया जाएगा। इसके नोडल प्रभारी अधिकारी उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद होंगे। अन्तिम स्तर पर कृषक का चयन राज्य स्तरीय गठित कमेटी द्वारा किया जाकर राज्य सरकार को अनुमोदन हेतु भिजवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जो कृषक जैविक खेती के लिए स्वयं के खेत मे वर्मी कम्पोस्ट इकाई/कम्पोस्ट पिट बना रखा हो, जैव कीटनाशक, जैव उर्वरक आदान स्वयं के तैयार कर उचित फसल चक्र अपनाकर हरी खाद का उपयोग करता हो तथा जैविक खेती संबंधी कोई नवाचार कर जैविक उत्पादन लेता हो जो कि राजकीय/निजी प्रमाणीकरण संस्था से प्रमाणित हो वही कृषक इस हेतु पात्रा माना जावेगा। कृषक पुरस्कार हेतु कृषक द्वारा किए जा रहे कार्याे का विवरण सम्पादित उल्लेखनीय गतिविधियों के फोटोग्राफ मय सीडी व चयन किए जाने के लिपिबद्व कारण आवेदन पत्रा के साथ संलग्न कर 10 दिसंबर 2022 तक उप निदेशक कृषि (विस्तार)कार्यालय श्रीगंगानगर में जमा करवा सकते हैं।

भारत वैश्विक वित्तीय क्षेत्र को आकार देने वाले चुनिंदा देशों में शामिल: PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा वित्तीय नवाचार कि भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और उसे ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहिए, जो इसकी वर्तमान और भविष्य की भूमिकाओं को निभा सकें. ये बात पीएम वित्तीय नवाचार ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्टी) सिटी में एक समारोह में कही.

गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो वैश्विक वित्तीय क्षेत्र में नए रुझानों को आकार देते हैं. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत ने आत्मविश्वास की कमी के चलते खुद को अपनी सीमाओं के भीतर सीमित कर लिया, लेकिन अब चीजें बदल रही हैं और देश तेजी से वैश्विक बाजारों के साथ खुद को एकीकृत कर रहा है.

उन्होंने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्टी) सिटी में एक समारोह में यह भी कहा कि भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और उसे ऐसे संस्थानों का निर्माण करना चाहिए, जो इसकी वर्तमान और भविष्य की भूमिकाओं को निभा सकें. मोदी ने इससे पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) की आधारशिला रखी और इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (आईआईबीसी) का उद्घाटन किया.

शिक्षा में नवीन प्रवृत्तियों पर संक्षिप्त लेख

नवाचार (Innovation) का अर्थ आक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार किसी नवीनता को लागू करना, किसी स्थापित वस्तु में परिवर्तन लाना, एक नवीन प्रचलन, स्थापित विधियों में परिवर्तन लाना इत्यादि है।

हिन्दी भाषा में नवाचार का अर्थ स्वतः स्पष्ट है। यह पद दो शब्दों ‘नव’ एवं ‘आचार’ के संयोग से बना है। ‘नव’ शब्द नवीनता का द्योतक है तथा ‘आचार’ परिवर्तन का। अतः ऐसा परिवर्तन जो स्थापित विधियों, परम्पराओं वस्तुओं आदि में नवीनता का समावेश करे, वही नवाचार है।

नवाचार के अर्थ एवं प्रकृति को भली-भांति समझने के लिए कुछ प्रख्यात समाजशास्त्रियों द्वारा दी गई परिभाषाओं का यहां उल्लेख करना समीचीन होगा।

(1) “कोई विचार, व्यवहार या वस्तु जो नया है एवं वर्तमान अवस्थित प्रारूप से जो गुणात्मक दृष्टि से भिन्न है……उसे नवाचार कहते हैं।’ -एच. जी. बार्नेट

नवाचारों को लाने में शिक्षा की भूमिका (Role of Education in Bringing Innovation)

वांछित परिवर्तन, राष्ट्रीय पुनरुत्थान और विकास के लिए सबसे पहली आवश्यकता है-मानव संसाधन का विकास। मानव के विकास का एकमात्र साधन है-शिक्षा का समुचित प्रचार और प्रसार।

हम एक नवीन और बेहतर समाज की रचना तथा एक कल्याणकारी एवं जन- आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाले राज्य की रचना में लगे हुए हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें सबके लिए शिक्षा की सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी क्योंकि शिक्षा उत्कृष्ट समाज रचना का सशक्त उपकरण या माध्यम है शिक्षा में सुधार लाने के निमित्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अनेक संस्थाएं एवं शिक्षा आयोगों ने कार्य किये हैं। इस प्रक्रिया में गति लाने के लिए भारत सरकार ने ‘नयी शिक्षा नीति’ को अपनाया है। यदि हमें एक समाज और राष्ट्र के रूप में जीवित रहना है तो शैक्षिक परिवर्तन की गति को तेज करना होगा। यही कारण है कि हमें शैक्षिक नवाचारों को समझने और उनके प्रचार एवं प्रसार में मनोयोग एवं दृढ़ निश्चय के साथ लगना होगा।

नवाचार की विशेषतायें बताइयें

नवाचार या नवीन प्रवृत्तियों की प्रमुख विशेषतायें निम्न हैं-

(1) नवाचार को एक नवीन विचार माना जाता है।

(2) गुणात्मक दृष्टि से वर्तमान परिस्थितियों की तुलना में नवाचार उन्नत या श्रेष्ठ होता है।

(3) नवाचार जानबूझ कर किया जाने वाला एक नियोजित प्रयास है।

(4) नवाचार में हमेशा विशिष्टता के तत्व विद्यमान रहते हैं।

(5) कोई भी व्यक्ति नवाचार जान-बूझकर अपनाता हैं। अतः इसकी उपयोगता स्वयंसिद्ध है।

(6) नवाचार वर्तमान परिस्थितियों में सुधार का नवीन प्रयास है।

अतः इसे मूलतः एक नवीन विचार मात्र न मानकर विचारों का समुच्चय मानना चाहिए, क्योंकि जब भी कोई नवाचार घटित होता है तब इसका संयोग या मिलन दो-चार तत्व से होता है जो पहले से ही विद्यमान हों। अतः नवाचार नूतन और पुरातन का ऐसा सम्मिलन हैं जो एक नवीन इकाई के रूप में अपनी निराली विशेषताओं के साथ प्रकट होता है।

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