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वास्तविक खाता

वास्तविक खाता
खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? Image from Pixabay.

खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है?

खाता (Account) का क्या अर्थ है? खाता की परिभाषाएँ; लेखांकन में, एक खाता सामान्य खाता बही में एक रिकॉर्ड होता है जिसका उपयोग लेनदेन को सॉर्ट और स्टोर करने के लिए किया जाता है; खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? 1) व्यक्तिगत खाते, 2) वास्तविक खाते, और 3) नाममात्र के खाते; लेखांकन या अकाउंटेंसी आर्थिक संस्थाओं जैसे व्यवसायों और निगमों के बारे में वित्तीय जानकारी का माप, प्रसंस्करण और संचार है।

खातों के वर्गीकरण को जानें और समझें।

खातों का वर्गीकरण निम्नानुसार दिया गया है:

व्यक्तिगत खाते (Personal Accounts):

व्यक्तियों, फर्मों, कंपनियों, सहकारी समितियों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों से संबंधित खातों को वास्तविक खाता व्यक्तिगत खातों के रूप में जाना जाता है।

व्यक्तिगत खातों को आगे तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. प्राकृतिक व्यक्तिगत खाते (Natural Personal Accounts): व्यक्तियों के खाते (प्राकृतिक व्यक्ति) जैसे कि अखिलेश का खाता, राजेश का खाता, सोहन का खाता प्राकृतिक व्यक्तिगत खाते हैं।
  2. कृत्रिम व्यक्तिगत खाते (Artificial Personal Accounts): फर्मों, कंपनियों, बैंकों, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, लायंस क्लब, मैसर्स शाम एंड संस, पंजाब नेशनल बैंक, नेशनल कॉलेज जैसे वित्तीय संस्थानों के खाते कृत्रिम व्यक्तिगत खाते हैं।
  3. प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाते (Representative Personal Accounts): सीमित खर्च और आय से संबंधित लेनदेन रिकॉर्ड करने वाले खातों को नाममात्र खातों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है; लेकिन, कुछ मामलों में (लेखांकन की अवधारणा के मिलान के कारण) एक विशेष तिथि पर राशि, व्यक्तियों के लिए देय है या व्यक्तियों से वसूली योग्य है।
  • व्यय या आय के विशेष प्रमुख से संबंधित है, और।
  • ऐसे व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है जिनके लिए यह देय है या जिनसे यह वसूली योग्य है।

ऐसे खातों को प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाते के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जैसे, बकाया खाता, पूर्व-भुगतान बीमा खाता आदि।

वास्तविक खाते (Real Accounts):

वास्तविक खाते संपत्ति / संपत्ति से संबंधित खाते हैं; इन्हें मूर्त वास्तविक खाते और अमूर्त वास्तविक खाते में वर्गीकृत किया जा सकता है; मूर्त संपत्ति (जो छुई, खरीदी और बेची जा सकती है) जैसे भवन, संयंत्र, मशीनरी, नकदी, फर्नीचर आदि से संबंधित खातों को मूर्त वास्तविक खातों के रूप में वर्गीकृत किया गया है; अमूर्त वास्तविक खाते (जिनमें भौतिक आकार नहीं है) अमूर्त संपत्ति से संबंधित खाते हैं जैसे सद्भावना, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, पेटेंट आदि।

नाममात्र के खाते (Nominal Accounts):

आय, व्यय, हानि और लाभ से संबंधित खातों को नाममात्र खातों के रूप में वर्गीकृत किया गया है; उदाहरण के लिए मजदूरी खाता, किराया खाता, ब्याज खाता, वेतन खाता, खराब ऋण खाते, खरीद; खाता आदि नाममात्र के खातों की श्रेणी में आते हैं।

खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है Image

खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? Image from Pixabay.

वास्तविक खाता कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंखाते (Accounts) के तीन प्रकार होते हैं। इन नियमों के अनुसार ही आप व्यवसाय में होने वाले दो पक्षों के बीच व्यवहार में खातों को अलग अलग कर सकेंगे। वह खाते जो किसी व्यक्ति, फर्म, संस्था अथवा कंपनी से संबंधित होते हैं। व्यक्तिगत (Personal) खाते कहलाते हैं।

नाममात्र का खाता क्या है उदाहरण सहित?

इसे सुनेंरोकेंप्रतिनिधि व्यक्तिगत खाते (Representative Personal Accounts): सीमित खर्च और आय से संबंधित लेनदेन रिकॉर्ड करने वाले खातों को नाममात्र खातों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है; लेकिन, कुछ मामलों में (लेखांकन की अवधारणा के मिलान के कारण) एक विशेष तिथि पर राशि, व्यक्तियों के लिए देय है या व्यक्तियों से वसूली योग्य है।

बन्द बही क्या है?

इसे सुनेंरोकेंखाता-बही या लेजर (ledger) उस मुख्य बही (पुस्तक) को कहते हैं जिसमें पैसे के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है। आजकल यह कम्पयूटर-फाइल के रूप में भी होती है। खाता बही में सभी लेन-देन को खाता के अनुसार लिखा जाता है जिसमें डेबित और क्रेडित के के दो अलग-अलग कॉलम होते हैं।

शाखा खाता का क्या आशय है उनमें लेखा करने के क्या नियम है?

इसे सुनेंरोकेंब्रांच अकाउंटिंग एक बहीखाता प्रणाली है जिसमें किसी संगठन के प्रत्येक शाखा या परिचालन स्थान के लिए अलग खाते रखे जाते हैं। तकनीकी रूप से, शाखा खाता एक अस्थायी या नाममात्र खाता बही खाता है, जो एक निर्दिष्ट लेखा अवधि के लिए होता है।

वास्तविक खाते क्या है?

इसे सुनेंरोकेंव्यापार के स्वामी द्वारा व्यवसाय से मुद्रा निकालने के लिए आहरण खाता खोला जाता है। इस प्रकार आहरण खाता भी व्यक्तिगत खाता होता है। वस्तुओं और सम्पत्ति के खाते वास्तविक खाते कहलाते हैं। इन खातों को वास्तविक इसलिए कहा जाता है कि इनमें वर्णित वस्तुएं, विशेष सम्पत्ति के रूप में व्यापार में प्रयोग की जाती है।

नकल बही के अनुसार खाते कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवास्तविक खाते संपत्ति / संपत्ति से संबंधित खाते हैं; इन्हें मूर्त वास्तविक खाते और अमूर्त वास्तविक खाते में वर्गीकृत किया जा सकता है; मूर्त संपत्ति (जो छुई, खरीदी और बेची जा सकती है) जैसे भवन, संयंत्र, मशीनरी, नकदी, फर्नीचर आदि से संबंधित खातों को मूर्त वास्तविक खातों के रूप में वर्गीकृत किया गया है; अमूर्त वास्तविक …

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Accounts कितने प्रकार के होते हैं तथा उनके Rules के बारे में Full जानकारी

हमें बहुत अच्छा लगा यह जानकर की आप हमारी साइट पर आकर Accounts के बारे में पढ़ते हैं और बहुत कुछ आपको सीखने को मिलता रहा है। आज फिर हम आपके लिए यह लेख प्रकाशित कर रहे हैं जिसमें आपको खातों (Accounts) के बारे में बताएंगे कि Accounts कितने प्रकार के होते हैं। Accounts के Rules क्या हैं और बताएंगे की खातों के अनुसार Journal में Entry कैसे की जाती है। अगर आप बैंक अकाउंट के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िए, आपको Bank Accounts के प्रकार और उनके उपयोग के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।

जर्नल में एंट्री करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि विचारहीन व्यवहार कौनसे दो खातों को प्रभावित करते हैं। इनमें से कौनसे खाते को Dr किया जाए और कौनसे खाते को Cr किया जाए। अतः अलग – अलग प्रकार के खातों एवम् उनसे Related नियमों की जानकारी हासिल करना आवश्यक है।

  • जर्नल (Journal) की पूरी जानकारी – Advantage and Defenition of Journal

खाते कितने प्रकार के होते हैं व उनके नियमों को विस्तार से समझाइए। Kinds of Accounts and Their Rules

खाते (Accounts) के तीन प्रकार होते हैं।

  • व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
  • वस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account)
  • अवस्तुगत या आय व्यय से संबंधित या नाम मात्र का खाता (Nominal Account)

अब आपको यह तो पता चल गया होगा कि खाते कितने प्रकार के होते हैं। आइए अब हम आपको इनकी पहचान और नियमों के बारे में समझा देते हैं।

  • लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषा । Manual Accounts क्या है

Feature में जब भी आप जर्नल या टैली में एंट्री करेंगे तो आपको ये नियम follow करने होंगे। इन नियमों के अनुसार ही आप व्यवसाय में होने वाले दो पक्षों के बीच व्यवहार में खातों को अलग अलग कर सकेंगे।

वह खाते जो किसी व्यक्ति, फर्म, संस्था अथवा कंपनी से संबंधित होते हैं। व्यक्तिगत (Personal) खाते कहलाते हैं।

For example: Shyam का खाता, Rani Account, Sanjay Account, Tarun Baverages Limited Account, Karnataka Vishvavidyalay Account, Life Insurance Corporation Account, Drawings Account, Capital Account, Bank Account etc.

अगर दो पक्षों के बीच लेन-देन में व्यक्तिगत खाता प्रभावित होता है तो यह नियम लागू होगा।
पाने वाले व्यक्ति के खाते को Debit करो तथा देने वाले व्यक्ति के खाते को Credit करो।

  • Debtors और Creditors क्या हैं । Business Information for The Accountant

2. वस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account) –

वह खाते जो किसी वस्तु या संपत्ति से संबंधित होते हैं वस्तुगत (Real) खाते कहलाते कहलाते हैं। इस खाते में वस्तुओं का लेनदेन तथा खरीदना और बेचना शामिल होता है।

For example: Furniture A/c, Machinery A/c, Building A/c, Cash A/c, Purchase A/c, Sales A/c, Purchase Return a/c, Sales Return Account etc. खाते वस्तुगत खाते के अन्दर आते हैं।

जर्नल में एंट्री करने का नियम –
जो वस्तु व्यापार में आती है उसे Debit करो और जो वस्तुएं पर से जाती है उसे Credit करो।

  • Business में Stock क्या है और Accounting में इसकी गणना कैसे की जाती हैं ?

3. अवास्तविक खाता (Nominal Account) –

Income or Expenses से Related Accounts जैसे कि लाभ हानि (loss and profit) खाता अवास्तविक (Nominal) खातों के अंतर्गत आते हैं। इन्हें नाम मात्र का खाता या आय व्यय से संबंधित खाता भी कहते हैं।
For Example: Insurance Premium Account, Salary a/c, Commission a/c, Intrest a/c, Office Expenses a/c, Wages a/c, Rent a/c, Depreciation of value a/c, Carriage Account etc. खाते Nominal अकाउंट के अंदर आते हैं।

जर्नल में लेखा करने के नियम –
समस्त व्यय एवं हानियों को Debit करो तथा समस्त आय एवं लाभ को Credit करो।
नॉमिनल खाते में आमदनी को क्रेडिट किया जाता है व खर्चों को डेबिट किया जाता है।

  • Business or Manual Accounting से Related Questions and Answers

आपने इस आर्टिकल में खातों के कितने प्रकार होते हैं व इनके नियम क्या हैं (What are the types of accounts in business and their rules) के बारे में पढ़ा। अगर आपको इस पोस्ट से कुछ फायदा हुआ है तो अपने मित्रों के साथ शेयर करें। हां अगर कोई कंफ्यूजन या कंटेंट को समझने पढ़ने में परेशानी हो रही हो तो कमेंट में पूछ सकते है। Good Luck!

खाते कितने प्रकार के होते हैं ? वास्तविक खातों को किस प्रकार बन्द किया जाता है ?

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प्रत्येक लेनदेन में दो पहलू या पक्ष होते हैं। खाता-बही (Ledger) में प्रत्येक पक्ष का एक खाता बनाया जाता है। खाता (Account) खाता बही (लेजर) का वह भाग है जिसमें व्यक्ति, वस्तुओं अथवा सेवाओं के सम्बन्ध में किए हुए लेनदेनों का सामूहिक विवरण लिखा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक खाते की स्थिति का पता लग जाता है कि वह खाता लेनदार (Creditor) है तथा देनदार (Detor)। दोहरी प्रणाली के अनुसार स्रोतों में लेनदेनों को लिखने के लिए खातों के वर्गीकरण को जानना आवश्यक है।

व्यक्तिगत खाते (Personal accounts)

1. एक व्यक्ति का खाता, (जैसे राम का खाता, मोहन का खाता, पूंजी खाता)

2. फर्म का खाता (जैसे गुप्ता ब्रदर्स, मै. गणेश प्रसाद राजीव कुमार)

अव्यक्तिगत खाते (Impersonal accounts)

वास्तविक खाते (real accounts)

माल खाता (Goods account),

रोकड खाता (cash account)

नाममात्र खाते (nominal accounts)

जिन खातों का सम्बन्ध किसी विशेष व्यक्ति से होता है, वे व्यक्तिगत खाते कहलाते हैं। व्यक्ति का अर्थ स्वयं व्यक्ति, फर्म, कम्पनी और अन्य किसी प्रकार की व्यापारिक संस्था होता है। दूसरे शब्दों में, सब लेनदारों तथा देनदारों के खाते व्यक्तिगत खाते होते हैं। इस दृष्टि से पूंजी (capital) तथा आहरण (drawing) के खाते भी व्यक्तिगत होते हैं क्योंकि इनमें व्यापार के स्वामी से सम्बन्धित लेनदेन लिखे जाते हैं। व्यापार के स्वामी के व्यक्तिगत खाते को पूंजी खाता कहा जाता है। व्यापार के स्वामी द्वारा व्यवसाय से मुद्रा निकालने के लिए आहरण खाता खोला जाता है। इस प्रकार आहरण खाता भी व्यक्तिगत खाता होता है।

वस्तुओं और सम्पत्ति के खाते वास्तविक खाते कहलाते हैं। इन खातों को वास्तविक इसलिए कहा जाता है कि इनमें वर्णित वस्तुएं, विशेष सम्पत्ति के रूप में व्यापार में प्रयोग की जाती है। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें बेचकर व्यापारी अपनी पूंजी को धन के रूप में परिवर्तित कर सकता है। वास्तविक खाते आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्ति की तरह दिखाये जाते हैं। जैसे मशीन, भवन, माल, यन्त्र, फर्नीचर, रोकड व बैंक आदि के वास्तविक खाते होते हैं।

इन खातों को अवास्तविक खाते भी कहते हैं। व्यापार में अनेक खर्च की मदें, आय की मदें तथा लाभ अथवा हानि की मदें होती हैं। इन सबके लिए अलग-अलग खाते बनते हैं जिनको ‘नाममात्र’ के खाते कहते हैं। व्यक्तिगत अथवा वास्तविक खातों की तरह वास्तविक खाता इनका कोई मूर्त आधार नहीं होता। उदाहरण के लिए वेतन, मजदूरी, कमीशन, ब्याज इत्यादि के खाते नाममात्र के खाते होते हैं।

Accounting के Golden Rules क्या है | ( Golden Rules of Account)

दोस्तो, Accounting सीखने से पहले हमे accounting के कुछ रूल्स follw करना होगे जिन्हें हम Accounting के Golden Rules भी कहते हैं।
तो दोस्तों इस पोस्ट मे हम Accounting के प्रकार तथा उनके कुछ rules देखेंगे। जिससे हम आसानी से समझ जायगे की Accounting मे Rules के आधार पर journal entry किस प्रकार की जाती है।

Account 3 प्रकार के होते हैं

दोस्तों ये तीनों प्रकार के खातों के कुछ अपने – अपने Rules होते हैं जिन्हें हम Accounting के Golden Rules कहते हैं चलो अब हम इन्हें एक – एक कर समझते हैं।

Golden Rules Of Accounting

1. व्यक्तिगत खाता (Personal Account) :-

व्यक्तिगत खाते में वे सभी खाते आते हैं, जो किसी व्यक्ति, बैंक या संस्था से संबंधित होते हैं। उन्हें हम व्यक्तिगत खाते (Personal Account ) कहते हैं।

A. Ram को 5000 रू का माल बेचा।

इस एंट्री मे हम व्यक्तिगत खाते पर ध्यान देगे। इसमें व्यक्तिगत खाता Ram का खाता है।
अतः Ram पाने (Receiver) वाला है इसलिये
Ram A/c Dr. होगा।

B. Ramesh से 5000 रू का माल खरीदा।

इस एंट्री मे हम व्यक्तिगत खाते पर ध्यान देगे। इसमें व्यक्तिगत खाता Ramesh का खाता है।

वास्तविक खाते (Real Account) में वे सभी खाते आते हैं जो वास्तव में है। तथा जिन्हें छुआ जा सकता है। उन्हें हम वास्तविक खाता (Real Account) कहते हैं। साधारण भाषा मे कहे तो cash और वस्तुओं के खाते वास्तविक खाते (Real Account) है।

ये सभी खाते वास्तविक खाता (Real Account) के अंतर्गत आते है |
वास्तविक खाता (Real Account) के नियम :-

A. Ramesh से Bike खरीदी।

इस एंट्री मे हम वास्तविक खाते पर ध्यान देगे। इसमें वास्तविक खाता Bike का खाता है। अर्थात
व्यापार मे जो कैश / वस्तु आये उसे Dr. करेगे।
व्यापार मे जो कैश / वस्तु जाए उसे Cr. करेगे।

अतः हमारे पास Bike आ रहीं हैं। इसलिये
Bike A/c Dr. होगा।

B. Ram को 5000 रू का माल बेचा।

इस एंट्री मे हम वास्तविक खाते पर ध्यान देगे। इसमें वास्तविक खाता माल (Goods) का खाता है। अर्थात
व्यापार मे जो कैश / वस्तु आये उसे Dr. करेगे।
व्यापार मे जो कैश / वस्तु जाए उसे Cr. करेगे।

अतः हमारे पास से माल (Goods) जा रहा है इसलिये
माल (Goods) A/c Cr. होगा।

3. अवास्तविक खाता (Nominal Account) :-

अवास्तविक खाते के अंतर्गत व्यवसाय में होने समस्त हानिया व खर्च तथा लाभ व आय को शामिल किया जाता है |

जैसे :-
वेतन A/c
मजदूरी A/c
किराया A/c
ब्याज A/c

ये सभी खाते अवास्तविक खाता (Nominal Account) के अंतर्गत आते है |
अवास्तविक खाता (Nominal Account) के नियम :-

समस्त हनिया व खर्च नामे (Debit) ( all expenses and losses Dr. )

A. Ram को नगद वेतन दिया |

इस एंट्री मे हम अवास्तविक खाते पर ध्यान देगे। इसमें अवास्तविक खाता वेतन का खाता है।

अतः हमारे पास से वेतन जा रहा है | और वेतन एक खर्च है | इसलिये
वेतन A/c Dr. होगा।

B. Ramesh से नगद किराया प्राप्त हुआ।

इस एंट्री मे हम अवास्तविक खाते पर ध्यान देगे। इसमें अवास्तविक खाता किराया का खाता है।

अतः हमारे पास किराया आ रहा है | और किराया आय है | इसलिये
किराया A/c Cr. होगा।

दोस्तों मुझे विश्वास है , इस पोस्ट से आप सभी को जर्नल एंट्री करने में काफी मदद मिलेगी | तथा ये पोस्ट केसा लगा आप सभी को मुझे COMMENT BOX में जरूर बताये |

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास जरीवाला है। और Accounting सीखें हिंदी में ब्लॉग में आप का स्वागत है। दोस्तों आप को इस ब्लॉग पर Accounting, Tally Prime, Tally Erp 9, Commerce Stream आदि से सम्बंधित विषयो की जानकारी हिन्दी भाषा में मिलेगी। दोस्तों मेरा लक्ष्य इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को कम शब्दों में ज्यादा ज्ञान उपलब्ध करना है। और इसके लिए में हमेशा नई – नई जानकारी अपडेट करता रहता हु। इसलिए आप मेरे ब्लॉग से हमेशा जुड़े रहे। तथा सोशल आइकॉन की मदद से ब्लॉग को शेयर जरूर करे।

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