बाइनरी ऑप्शन टिप्स

ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी

ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी
Vijay Kediya

stop loss (Page 182)

भाव उम्मीदों से बनते हैं और उम्मीद बनती है माकूल खबर से। इसलिए ब्याज दर में कमी की खबर लगते ही निफ्टी सारी सुस्ती छोड़कर खुला ही करीब 150 अंक या 1.78% ऊपर। लगातार बढ़ता-बढ़ता 2.50 बजे के आसपास 3% चढ़ गया और आखिर में 2.62% की बढ़त के साथ 8500 से ज़रा-सा नीचे बंद हुआ। यह 9 मई 2014 के बाद पिछले आठ महीनों की सबसे बड़ी दैनिक बढ़त है। करते हैं अब शुक्रवार का अभ्यास…और और भी

भावों की भाषा है, अबूझ भगवान नहीं

भावों की भाषा सीखना-समझना फैंच या स्पैनिश सीखने से कम नहीं। लेकिन ट्रेडिंग में सफल होना है तो भावों की भाषा में पारंगत होना बहुत ज़रूरी है। भाव को भगवान मानने से काम नहीं चलेगा। उसकी तह में पैठने के लिए तमाम किताबें पढ़नी पड़ेंगी, टेक्निकल एनालिसिस तक की थाह लेनी पड़ेगी। कारण, हमारे पास देखने को भाव और आजमाने को अपनी बुद्धि व अभ्यास के अलावा और कुछ नहीं है। अब परखते हैं गुरु की दशा-दिशा…और और भी

पारदर्शिता आई, मगर बहुत-बहुत कम

कल बाज़ार के एक पुराने जानकार से मिला। कहने लगे कि सच बहुत कड़वा होता है, पर सच यही है कि बीते दो दशक में अच्छी पारदर्शिता आने के बावजूद अपना बाज़ार अभी सचमुच पूरा पारदर्शी नहीं हुआ है। एक्सचेंज या सेबी वही आंकड़े बताते हैं जिनमें गहरा गोता लगाकर भी सच की मणि नहीं मिलती। मैं भी सोचने लगा कि अक्सर ठीक ढाई बजे बाज़ार अचानक पलटी क्यों मारता है? सोचिए, समझिए। अब बुधवार की बुद्धि…और और भी

न टूटे कभी स्टॉप-लॉस का अनुशासन

ट्रेडिंग में स्टॉप-लॉस का वही महत्व है जो गाड़ी में ब्रेक का। दरअसल, स्टॉप-लॉस का तत्व हर ट्रेडर के डीएनए का हिस्सा होना चाहिए। लेकिन बहुत से लोग अपने को सही ठहराने के लिए स्टॉप-लॉस को उल्टी दिशा में गिराते-उठाते रहते हैं। लॉन्ग सौदे में शेयर गिर गया तो स्टॉप-लॉस को और नीचे ले जाते हैं। शॉर्ट किया तो स्टॉक के बढ़ने पर स्टॉप-लॉस उठा दिया। इस तरह अनुशासन तोड़ना घातक होता है। अब मंगलवार का अभ्यास…और और भी

कमाना उल्लास व अवसाद के ध्रुवों से

शेयर बाज़ार नशे में टुन्न किसी मनोरोगी जैसा है। यह कहना है दुनिया के सबसे कामयाब निवेशक वॉरेन बफेट का। हम उनकी बात को कतई चुनौती ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी नहीं दे सकते क्योंकि ऐसी सोच की बदौलत ही उन्होंने करीब 7300 करोड़ डॉलर की दौलत बनाई है। लेकिन यह भी सच है कि बाज़ार उल्लास और अवसाद की अतियों के बीच झूलता है। समझदार ट्रेडर ‘नशे में टुन्न मनोरोगी’ बाज़ार के इसी बर्ताव से कमाते हैं। अब सोमवार का व्योम…और और भी

यहां दिखता कुछ, और होता है कुछ

बड़ी उलटबांसियां चलती हैं बाज़ार में। जैसे अगर किसी शेयर में खरीदनेवाले बिड, बेचनेवाले ऑफर से कई गुना ज्यादा हों, खबर भी जबरदस्त हो तो सामान्यतः उसका भाव चढ़ जाना चाहिए। फिर भी वह ठहरा हुआ है तो हम खरीदने के लिए लपकते हैं। लेकिन सावधान! इस स्थिति में संस्थाएं बेचने को तैयार बैठी रहती हैं और अगले कुछ दिनों में उस शेयर में भारी गिरावट आ सकती है। अब नज़र डालते हैं शुक्रवार की मनोदशा पर…और और भी

बाज़ार में कमाई के तरीके हैं तमाम

कमोडिटी, फॉरेक्स या स्टॉक ट्रेडिंग मूलतः किसी अन्य व्यापार जैसी है। लेकिन इसमें कई विशिष्टताएं और स्तर हैं। बाज़ार जब ट्रेंड में चल रहा हो, तब दूसरा प्रपत्र और जब सीमित रेंज में भटक रहा हो, तब कोई दूसरा प्रपत्र। हर स्थिति में यहां कमाई का ज़रिया निकाला गया है। जैसे, बाज़ार जब सीमित दायरे में हो, तब कमाई के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग में ‘बटरफ्लाई’ नाम की रणनीति अपनाई जाती है। अब पकड़ते हैं गुरु की दशा-दिशा…और और भी

बाहरी हवाओं से हिली बाज़ार की चूल

यूरोप, अमेरिका और एशिया, खासकर जापान की भारी गिरावट ने मंगलवार की सुबह साफ संकेत दे दिया था कि भारतीय बाज़ार में भारी गिरावट आ सकती है। लेकिन सेंसेक्स 3.07% और निफ्टी 3% गिर जाएगा, इसका अंदेशा किसी को नहीं था। यह 3 सितंबर 2013 के बाद किसी एक दिन में आई सबसे तगड़ी गिरावट है। डर इतना गहरा कि निफ्टी के 50 में से 48 शेयर गिरे गए। ऐसे में क्या होनी चाहिए ट्रेडिंग की रणनीति…और और भी

बुद्धि भ्रष्ट न हो मुनाफे की लालच में

निवेश/ट्रेडिंग उनके लिए है जिनके पास ज़रूरत से ज्यादा धन है। जो ऐसी स्थिति में नहीं हैं, उन्हें पहले कोई कामधाम करके कमाने का इंतज़ाम करना चाहिए। लेकिन जिनके पास पूंजी है, उन्हें भी ज्यादा लाभ की जगह अपनी पूंजी की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। पर अक्सर होता यह है कि ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में हम मतिभ्रम का शिकार हो जाते हैं और अपनी आधार पूंजी गंवा बैठते हैं। अब करें मंगलवार का अभ्यास…और और भी

भाव हमेशा सच और सच ही बोलते हैं

संख्याएं कभी झूठ नहीं बोलती क्योंकि उनमें कोई भावना नहीं होती। इसी तरह भाव हमेशा सच और सच ही बोलते हैं। लेकिन उनके पीछे छिपी बाज़ार भावनाओं को पकड़ना हमारा काम है। भावों के पीछे की भावना को समझने के लिए हमें भावना-मुक्त होना पड़ता है। पर सहज इंसान होने के नाते यह काम बेहद मुश्किल है। भावनाओं से ऊपर उठने के लिए साधना करनी पड़ती है जो अभ्यास से सधती है। अब देखें सोम का व्योम…और और भी

निवेश – तथास्तु

भारत में शेयर बाज़ार से कमाने की कारगर रणनीति यही है कि ट्रेडर मौका देखे तो निवेशक बन जाए तो निवेशक को ज़रूरत पड़े तो ट्रेडर बन जाए। वैसे, दोनों के बीच बड़ी साफ विभाजन रेखा है। ट्रेडर हमेशा सटोरिया होता है। वह बहुत कम जानकारी जुटाकर अनजाने में छलांग लगाता है। वहीं, निवेशक कतई सटोरिया नहीं होता। वह जितना संभव है, उतना जानकर ही दांव लगाता है। वह जो भी शेयर खरीदे, उसके पीछे निष्पक्ष व […]

पेड सेवा

क्या आप जानते हैं?

जर्मन मूल की ग्लोबल ई-पेमेंट कंपनी वायरकार्ड ने बैंकिंग और इसके नजदीकी धंधों में अपने हाथ-पैर पूरी दुनिया में फैला रखे थे। फिर भी उसका कद ऐसा नहीं है कि इसी 25 जून को उसके दिवाला बोल देने से दुनिया के वित्तीय ढांचे पर 2008 जैसा खतरा मंडराने लगे। अलबत्ता, जिस तरह इस मामले में …

अपनों से अपनी बात

भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी …

ट्रेडिंग शरू कैसे करे और ट्रेडिंग शरू करने के रूल्स। How to Start trading on Stock Market

हेलो दोस्तों आपका हमारा ब्लॉग में स्वागत ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी हे। दोस्तों अगर आप वो लोग है जो ट्रेडिंग से पैसा कामना तो चाहते है लेकिन कमाने जगह पैसा गवा देते ह। आप किसी ट्रेडर को देखकर या किसी यूट्यूब में देखकर जो महीने के लाखो रुपये काम रहे है तो आप भी उसकी तरह लाखो पुरिये कमाएंगे लेकिन रुपये कमाने जगाये रुपये गवाते है। आप ने हर कोशिश कर के देखा ली बहुत ज्यादा स्ट्रॅटजी सिखली फिर भी आप लोस्स कर रहे है। अगर असा है तो है आर्टिकल आपकी जिंदगी बदल देग। तो आज में ट्रेडिंग के बारेमे बहुत सारा राज़ खोलने वाला हु।

Vijay Kediya

दोस्तों अपने Vijay Kediya का नाम तो सुना होगा उसकी Net worth Rs 1000+ Cr से भी ज्यादा है

उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था के वो जब ट्रेडिंग करते थे तब उसका इतना बुरा हाल हो गया था के उसके पास अपने बसों के लिए एक दूध की दोटल लेनेके पैसा नहीं था। मतलब जिसकी आज Net worth Rs 1000+ Cr से भी ज्यादा है। उन्होंने भी ट्रेडिंग में ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी पैसा डुबाया है।

तो अब आप को में बता रहा हु के आप को ट्रेडिंग शरू करनी है तो कैसे करे उससे पहले मेरी आपको एक वीनती है आप अभी स्टॉक मार्किट में नये है। तो आप लोन केकर कभी ट्रेडिंग न करे वहा आपका लोस्स होगा तो आप बड़े मुसीबत में फस सकते है।

अगर आपको ट्रेडिंग कर के पैसा कमाना है। तो आपको ट्रेडिंग करना सीखना पड़ेगा।

  • Trading Strategy
  • Support Resistance
  • Indicators
  • Price Action
  • Candlestick Pattens
  • Chat Patterns
  • Stock Selection

ये सब आपको पहले सीखाना पड़ेगा लोग पहले ट्रेडिंग करते है फिर लोस्स होने के बाद ये सब सीख ते है लेकिन आपको वो गलती नहीं करनी है। पहले आप ये सब सिख लो बादमे ट्रेडिंग शरू करना

जैसे ही आप स्कुल में परीक्षा देने जाते है तो उससे पहले आप परीक्षा की तयारी करते है वैसेही ट्रेडिंग करने से पहले आपको ट्रेडिंग की तैयारी करनी पड़ती है

ट्रेडिंग शरू करने के रूल्स | Share Market Rules in Hindi

1 . एक ही स्टॉक में या तो एक ही ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी सेक्टर में सारा पैसा न लगाएं

शेयर बाजार में जब भी आप निवेश करे तो कभी भी एक ही स्टॉक में या तो एक ही सेक्टर में पैसा मत लगाएं।

उदाहरण के तौर पर यदि आप बैंकिंग सेक्टर में पैसा लगा रहे हैं तो 7-9 बैंकों में ही सारा पैसा ना लगाएं।

बल्कि ऐसा कर सकते हैं कि 1-2 बैंकों में पैसा लगाएं साथ ही साथ 1-2 फार्मा कंपनियों में भी पैसा लगाएं इसके अलावा भी अपनी वित्तीय पोजीशन के हिसाब से अलग-अलग सेक्टर की 1-2 अच्छी कंपनियों में निवेश करें उससे आपका रिस्क काम हो जायेगा ।

शेयर बाजार में कभी भी सारे सेक्टरों के दाम ना एक साथ बढ़ते हैं और ना ही एक साथ गिरते हैं बल्कि कोई सेक्टर बढ़ता है तो कोई घटता है।

2 . दूसरों के बहकावे में आकर कभी भी निवेश नहीं करना

कभी आपका ब्रोकर आपको कहेगा कि यही शेयर में निवेश कर लीजिए कभी टीवी और न्यूज़पेपर वाले दिखने मिलेगा आपको के यह स्टॉक बढ़ेगा ने वाला है जल्दी से निवेश करें बहुत बड़ा प्रॉफिट बन जाएगा।

यूट्यूब या टेलीग्राम में इसी प्रकार तमाम टिप्स देने वाले लोग भी दिन भर आपके फोन में बतायेगे आप इस स्टॉक में निवेश करें बहुत मोटा मुनाफा होगा।

लेकिन इस तरह के झांसे और लालच में आकर आप कभी भी ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी आंख बंद करके अपने पैसे मत निवेश करें आप खुद ही सोचें कि यदि किसी ने कुछ ऐसे शेयर की पहचान कर ली है जो भविष्य में बहुत ज्यादा बढ़ने वाले हैं तो वह आपको क्यों बताएगा वह खुद ही अपना ढेर सारा पैसा लगाकर बड़ा लाभ कमाएगा।

3 . ट्रेडिंग प्लान होनी चाहिए

ट्रेड के बारेमे आपको पता होना चाहिए कि आप क्या करने जा रहे है

एक बार यह तय हो जाने के बाद कि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग करना चाहते हैं, उसके बाद ट्रेडिंग करने के लिए एक व्यापक योजना बनाएं। अपनी योजना पर अभ्यास करें और फिर उसके बाद ही सही रणनीति को चुनाव करें।

प्रत्येक ट्रेडिंग दिन के लिए एक ट्रेडिंग प्लान बनाएं। ट्रेडिंग प्लान में अपने टारगेट प्राइस और स्टॉप-लॉस लगाये

ऐसा करने से ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी आपको निश्चित रूप से किसी भी नुकसान होने वाले ट्रेड से बचने और लाभदायक होने वाले ट्रेड पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी।

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Uttarakhand News: बंगाल काण्ड से सतर्क हो कांग्रेस जुटी विधायकों की सुरक्षा की तैयारी में, बनायी नई रणनीति

Uttarakhand News: कबूतरों की तरह विधायकों की सुरक्षा की तैयारी में जुटी कांग्रेस, बंगाल काण्ड से सतर्क पार्टी ने बनाई रणनीति

Uttarakhand News: उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के जनादेश को हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी लूटने से बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने व्यापक रणनीति तैयार की है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम पर पार्टी ने हर जिले के पार्टी प्रत्याशियों को अपने प्रतिनिधियों से जोड़ दिया है।

Uttarakhand News: उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के जनादेश को हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से लूटने से बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने व्यापक रणनीति तैयार की है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम पर पार्टी ने हर जिले के पार्टी प्रत्याशियों को अपने प्रतिनिधियों से जोड़ दिया है। पार्टी को डर है कि बहुमत के आंकड़े से मामूली पीछे रहने पर भाजपा बंगाल की तरह उसके निर्वाचित विधायकों को तोड़ सकती है।

बंगाल में विधायकों की असफल खरीद-फरोख्त के सूत्रधार भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की उत्तराखण्ड में उपस्थिति से चौकन्नी हुई कांग्रेस ने उसी प्रकार अपने निर्वाचित विधायकों की सुरक्षा के लिए मुस्तैदी दिखानी शुरू कर दी है, जैसे किसी बाज के दिखते ही कबूतरों की हिफाज़त की जाती है। नवनिर्वाचित विधायकों को अपने जिले के केंद्रीय पर्यवेक्षक के संपर्क में रहकर उनके निर्देशों का पालन तो करना ही होगा। तोड़-फोड़ से बचने के लिए कल मतगणना के तुरंत बाद कांग्रेस अपने नवनिर्वाचित विधायकों को नज़रबंद कर सकती है। हालांकि, कांग्रेस यह कदम केवल त्रिशंकु विधानसभा अथवा विधानसभा में बहुमत के आंकड़े के समीप पहुंचने की स्थिति में उठाने की तैयारी है।

विधानसभा चुनाव के बाद लम्बी-चौड़ी जीत की संभावनाएं देख रही कांग्रेस पार्टी को एग्जिट पोल में आए रुझानों के बाद से जबरदस्त झटका लगा है। एग्जिट पोल पर अविश्वास व्यक्त करने के बाद भी पार्टी एग्जिट पोल को सिरे से नकारने की स्थिति में नही है। पूर्व में बहुमत से भी ज्यादा विधायकों की उम्मीद लगा रही कांग्रेस पार्टी ने एग्जिट पोल के आस-पास ही परिणाम रहने की सूरत में प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी को आशंका है कि यदि एग्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार भाजपा यदि बहुमत से मामूली दूरी पर रही तो वह राज्य में सरकार बनाने के लिए अन्य दलों के निर्वाचित विधायकों को अपने पाले में लाने के लिए खरीद-फरोख्त कर उनमें सेंध लगा सकती है।

उसकी इस आशंका को बल मिला है भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की राज्य में मौजूदगी और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल के साथ चल रही जुगलबंदी से। बता दे कि यह वही कैलाश विजयवर्गीय हैं जिन पर बंगाल चुनाव नवनिर्वाचित विधायकों को खरीदने का प्रयास करने के आरोप लगे थे। लेकिन तेज-तर्रार तृणमूल नेत्री ममता बनर्जी के कारण इनकी दाल गल नहीं पाई थी।

इसी के साथ 2016 में प्रदेश की हरीश रावत सरकार में हुई बगावत के दौरान भी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की विशेष भूमिका रही थी, जिसे कांग्रेस अभी तक नही भूली है। इतना ही नहीं भाजपा का एक विधायक मतगणना से पहले ही कांग्रेस के प्रत्याशियों के भाजपा के संपर्क में होने का दावा कर चुका है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी न केवल अपने नवनिर्वाचित विधायकों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है बल्कि वह ममता बनर्जी की तरह आक्रामक शैली में उल्टे भाजपा के ही नवनिर्वाचित विधायकों पर नजर रखने की कोशिश कर रही है।

पार्टी भाजपा को अब "शठे शाठयम समाचरेत" की शैली में जवाब देने की रणनीति को धार देने में जुटी है। फिलहाल कांग्रेस की नजरें विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 36 पर हैं। जादुई आंकड़े से कम या बराबर रहने और भाजपा के टक्कर में आने की स्थिति में कांग्रेस अपने विधायकों की सुरक्षा के लिए उन्हें राज्य से बाहर शिफ्ट करने की योजना पर भी काम कर रही है। पार्टी की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से संपर्क कर उन्हें किसी भी स्थिति के लिए सतर्क रहने को कहा जा चुका है।

कांग्रेस की रणनीति के तहत राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से उत्तराखंड के लिए नामित पर्यवेक्षकों सांसद दीपेंद्र हुड्डा, एमबी पाटिल और प्रदेश प्रभारी देहरादून पहुंच चुके हैं। इनकी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की मौजूदगी में पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के साथ मीटिंग के दौरान मतगणना के बाद की हर संभावना पर मंथन किया जा चुका है। मीटिंग से निकला सार यह है कि मतगणना में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में पार्टी अपने विधायकों को सुरक्षा के लिहाज से राजस्थान या छत्तीसगढ़ शिफ्ट कर सकती है।

लेकिन विधायकों का आंकड़ा ठीक-ठाक रहा तो विधायकों को उत्तराखण्ड में ही रखा जा सकता है। पार्टी ने जहां कुछ नेताओं को नवनिर्वाचित विधायकों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है। तो वहीं बहुमत के आंकड़े के आस-पास रहने की सूरत में जरूरत पड़ने पर अन्य दलों व निर्दलीयों को भी अपने पाले में लाने के लिए कुछ नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में सरकार बनने लायक परिस्थितियाँ बनी तो सरकार हर हाल में कांग्रेस ने ही बनानी है। गोआ और मणिपुर जैसी स्थितियां कांग्रेस उत्तराखण्ड में नहीं देखना चाहती।

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यह कैसे काम करता है

सबसे पहले, आपको अपनी निवेश राशि के साथ पहला क्षेत्र भरना होगा। डिफ़ॉल्ट मुद्रा डॉलर में है लेकिन यह अन्य मुद्राओं के साथ भी काम करती है।

उसके बाद "शुरू करने की तिथि - शुरू होने की तिथि - रवाना होने की तिथि“वह क्षेत्र जहाँ आपको अपना निवेश शुरू करने की तारीख दर्ज करनी होगी। बस रिक्त स्थान के दाईं ओर कैलेंडर आइकन पर टिक करें और अपनी प्रारंभिक तिथि चुनें।

नीचे दिया गया अगला बॉक्स “ब्याज दरजिसमें आपको अपने लाभ की अपेक्षित दर दर्ज करनी होगी। मान लें कि आपके पास $ 10,000 का निवेश है और आप कम से कम $ 500 कमाने की उम्मीद करते हैं, तो आपको 5% ब्याज दर का उपयोग करने की आवश्यकता है।

और फिर आपको "भरने" की आवश्यकता होगीअवधि“वह क्षेत्र जो आपके निवेश के लाभ कमाने की अवधि बताता है। आप अपनी शर्तों के अनुसार जितना चाहें उतने लचीले हो सकते हैं - दिन, सप्ताह या महीने के आधार पर चयन करना। आप एक ऐसा शब्द चुन सकते हैं जो 1 से 2 दिनों के लिए छोटा हो, या यहां तक ​​कि क्षेत्र में दिनों की सही संख्या दर्ज करके वर्षों ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी या दशकों तक।

ब्याज अवधि के लिए, आपको यह चुनना होगा कि आप कितनी बार अपने मुनाफे को अपनी निर्धारित ब्याज दर के अधीन लेंगे। पहले उल्लिखित समान उदाहरण का उपयोग करते हुए, यदि आप $ 10,000 का निवेश करते हैं और प्रति दिन 5% का लाभ उठाने की आशा करते हैं, तो आप लाभ के साथ स्वतः $ 500 प्रति दिन ले लेंगे।

फिर "के लिए एक छोटा सा टिक बॉक्स है।चक्रवृद्धि ब्याज“यदि आप चाहते हैं कि आपके निवेश में आपके मुनाफे को जोड़ा जाए तो उन्हें टिक या चेक किया जाना चाहिए। ऊपर के समान परिदृश्य के साथ, यदि आप कल $ 500 का लाभ उठाते हैं, तो आज आपका कुल निवेश $ 10,500 होगा।

अंतिम क्षेत्र में, "प्रतिशत लाभ पुनः निवेश”, आपको चक्रवृद्धि ब्याज को निर्दिष्ट करना होगा। इस क्षेत्र में, आप पिछले सभी निवेश किए गए निवेश के बजाय लाभ के केवल एक छोटे हिस्से को पुनर्निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं। अभी भी पहले के उदाहरण का जिक्र करते ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी हुए, यदि आप $ 10,000 का निवेश 5% साप्ताहिक की ब्याज दर के साथ करते हैं, तो $ 50 के प्रत्येक लाभ के लिए 500% लाभ पुनर्निवेश का उपयोग करके, आपको मूल निवेश के रूप में $ 10,250 का लाभ होगा।

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ट्रेडिंग बैलेंस ग्रोथ कैलकुलेटर आपको प्रत्येक कदम पर नजर रखने की अनुमति देता है। एक व्यापारी के रूप में आपके कौशल के स्तर के बावजूद, यह उपकरण आपको आपके संभावित लाभ और आपकी ट्रेडिंग रणनीति या योजना के अनुसार कैसे चलता है, के बारे में जानकारी देता है।

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बसपा का मिशन 2024: मायावती का 'भाई-भतीजावाद' आनंद बने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आकाश को मिला बड़ा पद

बसपा प्रमुख मायावती मिशन-2024 में जुट गई हैं. मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में अहम जिम्मेदारी सौंपी है. आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तो आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया है. बसपा में यह दोनों ही पद काफी महत्वपूर्ण हैं और मायावती के बाद इनकी पोजिशन नंबर दो की होगी.

मायावती और आकाश आनंद

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 09 मार्च 2022,
  • (अपडेटेड 09 मार्च 2022, 12:34 PM IST)
  • बसपा ने 2024 के चुनाव की तैयारी अभी से शुरू की
  • ट्रेडिंग रणनीति के लिए तैयारी
  • मायावती ने भतीजे आकाश को राष्ट्रीय जिम्मा सौंपा
  • भाई आनंद कुमार की नंबर दो की हैसियत होगी

उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही बसपा प्रमुख मायावती ने 2024 की चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. मायावती ने अपने सिपहसलारों को नई जिम्मेदारी सौंप दी है, जिसमें उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार और भतीजे आकाश आनंद को अहम भूमिका में रखा है. एक बार फिर से आनंद कुमार को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है तो आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है. मायावती ने इस तरह से बसपा में नंबर दो की पोजिशन पर भाई और भतीजे को बैठाया है

बसपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है. इसके लिए बसपा में नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद पर तैनात रामजी गौतम को हटाते हुए मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बना दिया है. इस तरह वह पूरे आने वाले चुनाव में आकाश आनंद पार्टी की राष्ट्रीय समस्याओं पर नजर रखेंगे. वो बसपा प्रमुख मायावती के दिशा-निर्देश में काम करेंगे.

आनंद कुमार को फिर उपाध्यक्ष पद

मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया है, जो पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने के लिए काम करेंगे. इससे पहले भी बसपा प्रमुख ने आनंद कुमार को सियासत में लेकर आई थी तो उन्हें इन्हें यही पद सौंपा था, पर जब उन पर परिवारवाद का आरोप लगा तो हटा दिया था. इसके बाद 2019 चुनाव के बाद दोबारा से आनंद कुमार कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त कर दिया था और अब फिर से उसी पर उनकी तैनाती की गई है.

बसपा ने राज्यों को सात सेक्टर में बांटा

बसपा ने अपने सियासी आधार को मजबूत और विस्तार करने के लिए राज्यों को सात सेक्टर (क्षेत्र) में बांटकर काम करने की रणनीति बनाई है. पार्टी ने हर सेक्टर के लिए अलग-अलग प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं, जिसके लिए मायावती ने सांसद रामजी गौतम, अशोक सिद्धार्थ, अशोक रणधीर सिंह बेनीवाल, दिनेशचंद्र, सुबोध कुमार और लालजी गौतम मिलकर जिम्मेदारी सौंपी है.

बसपा ने अपने राष्ट्रीय महासचिव की संख्या में वृद्धि की है, जिसमें अब छह महासचिव कर दिए हैं. पहले राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा थे अब इनके अलावा अशोक सिद्धार्थ, आर एस मित्तल, मेवालाल लाल गौतम, आर श्रीधर और मुनकाद अली को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है.

बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता एमएच खान के मुताबिक पार्टी मजबूती से अब 2024 के चुनाव को लड़ेगी. बसपा का अपना एक मिशन है, जिसे लेकर वो चलती है. विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी अब 2024 के चुनाव की तैयारी में जुट रही है. बसपा हमेशा दो कदम आगे चलती है. इस बार नई जिम्मेदारी दी गई है, जिसके लिए टीम को बड़ा किया गया है. बसपा ने लोकसभा चुनाव में अपनी तैयारी अभी से कर ली है जबकि बाकी पार्टियां विधानसभा में ही व्यस्त हैं.

बसपा की साख दांव पर लगी

बता दें कि 2012 के यूपी चुनाव से बसपा का सियासी ग्राफ लगातार गिरा है. हालत यह हो गई थी कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल सकी थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा महज 19 सीटें ही जीत सकी थी, लेकिन 2019 में सपा के साथ मिलकर 10 संसदीय सीटें जीतने में कामयाब रही. वहीं, 2022 के चुनाव में बसपा ने किसी के साथ गठबंधन नहीं किया और सभी 403 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ी है. इसके चलते बसपा का सियासी भविष्य दांव पर लगा है.

वहीं, यूपी चुनाव नतीजे से पहले ही बसपा प्रमुख मायावती ने मिशन-2024 की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके लिए उन्होंने अपने संगठन का विस्तार करते हुए टीम गठित कर दी है. ऐसे में उन्होंने अपने भाई-भतीजे के अलावा अपने भरोसेमंद नेताओं को मोर्चे पर लगा दिया है.

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