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स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है

शेयर मार्केट में बहुत सारे लोगों को नहीं पता Option Trading क्या है, Call और Put क्या है। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने के लिए बहुत सारे माय्धाम है स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है उनमे से एक है Option Trading। बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में Call & Put खरीद करके ट्रेडिंग करते हैं। आज हम सरल भाषा में जानेंगे Option Trading कैसे करे, क्या हैं-

Option Trading क्या हैं:-

आपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।

ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।

Call और Put क्या है:-

Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो। आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।

Option Trading का Expiry कब होता है:-

Option Trading में दो तरह का Expiry होता है एक होता है सप्ताह और दूसरा होता है महीना में। सप्ताह (Weekly Expiry) में हर गुरूवार को ही NIFTY 50 और BANK NIFTY का expiry होता हैं। महीना में शेयर का अंतिम गुरूवार expiry होता है, जो शेयर Option Trading में लिस्टेड हैं।

शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है

कब ज्यादा नुकसान हो सकता है:-

जो लोग Call या Put Option को खरीदते है उनको Premium का ही ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो सकता है। लेकिन जो लोग Call और Put को बेच देते है उनका नुकसान असीमित हैं। बहुत बड़े बड़े ट्रेडर ही Call या Put को बेचते हैं उसके पास नॉलेज के साथ पैसा भी बहुत होता हैं।

Option Trading कैसे करे:-

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप एक कंपनी का 1 शेयर नहीं खरीद सकते आपको LOT में खरीदना पड़ेगा. Nifty50 का एक Lot 75 का होता है लेकिन शेयर में ज्यादा होता हैं। किसी भी शेयर और Nifty50, Bank NIfty का Option खरीदने के लिए आपको जाना होगा आपके Demat Account में। उसके बाद जो भी खरीदना है उसमे आपको देखने को मिलेगा Option Chain आप उस पर से आपको Call या Put जो भी खरीदना है खरीद सकते हैं।

क्या आपको Option Trading करना चाहिए हमारी राय:-

दोस्तों आप यदि नए हो शेयर मार्केट में तो आपको इतना जोखिम नहीं लेना है। आपको लंबे समय के लिए शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए। Option Trading बहुत ज्यादा रिस्क भी है और रिवॉर्ड भी। आप यदि सही तरीके से पैसा लगाएंगे तो आपको बहुत अच्छा मुनाफा होगा। किसी के दिए हुए नुस्के से आप बिल्कुल मत इन्वेस्ट करो आप पहले सीखिए उसके बाद इन्वेस्ट करे।

आशा करता हु आप हमारे पोस्ट शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है पढ़के आपको सिखने को मिला। और भी शेयर मार्केट के बारे में जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

Stock Market पेपर ट्रेडिंग क्या होता हैं ? पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?

क्रिकेट के प्लेयर्स नेट प्रैक्टिस करते है। स्टॉक मार्केट ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग करते हैं। समझ लिया, लेकिन थोड़ा ठहरो और पूरी बात को समझो। नेट प्रैक्टिस की तरह इसे भी लगातार करना होता हैं। पोजिशनल ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटेजी बनानी हो तो और भी ज्यादा वक्त देना होता हैं।

आपको यह बात जानकर हैरानी होगी की, स्टॉक मार्केट में 80% ट्रेडर्स पेपर ट्रेडिंग नहीं करते हैं। बस 20 % ट्रेडर्स ही यह करते हैं। इनमे से ही आगे चलकर ट्रेडिंग में करियर करते हैं।

पेपर ट्रेडिंग क्या हैं ?

"पेपर ट्रेडिंग याने की पेपर पर ट्रेडिंग करना।" आसान हैं ? तो ठीक हैं। इतनी आसान बात को मुश्किल क्यों बनाना ?

इस बात पर ध्यान दें की, अपनी मेहनत की कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा काम हैं। और इससे भी ज्यादा जोखिम ट्रेडिंग में होती हैं। इसलिए नेट प्रैक्टिस तो बनती ही हैं। हैं ना ? इससे डर और लालच पर कंट्रोल करने में मदद मिलती हैं। फियर अँड ग्रीड के बारे में हम यहीं से दूसरे पेज पर जाकर पढ़ सकते हैं। और फिर यहाँ कंटीन्यू कर सकते हैं।

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में, क्रिकेट की ही तरहा, गया तो सिक्स वर्ना कैच आउट वाली सिच्युएशन की संभावना रहती हैं। इसे पहचानने के लिए और बचने के लिए हमें पेपर ट्रेडिंग करनी होती हैं। और हम यह भी कह सकते हैं की, ट्रेडिंग में प्रॉफिट का सिक्सर लगाने के लिए हमें इसे करना चाहिए।

उदाहरण

हमें SBI के शेयर्स खरीदने हो तो हम ब्रोकर के जरिए बायिंग का ऑर्डर डालेंगे। इससे हमारी पोजीशन बनेगी। कीमत बढ़ने पर सेल करते हैं तो मुनाफा होगा। और अगर कीमत निचे जाती हैं तो लॉस उठाना पड़ सकता हैं।

लेकिन पेपर ट्रेडिंग में हम कागज पर ट्रेड को लिखते हैं। और क्या रिसल्ट आया है इसका मुआयना करते हैं। ऐसा करने से शुरू में लॉस उठाना नहीं पड़ता और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग से परिचय भी होता हैं। जैसे की एक कहावत हैं की, साँप भी मर जाए और लाठी भी ना टुंटे।

पेपर ट्रेडिंग की सामग्री और स्टेप्स

यहाँ पर हम सामग्री और प्रोसेस को समझ लेते स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है हैं।

पेपर ट्रेडिंग की सामग्री

पेपर, पेन्सिल या पेन हो तो भी चलेगा। मोबाईल या लॅपटॉप जो अवेलेबल हैं और इंटरनेट कनेक्शन। बस इतने से काम चल जाएगा।

महत्वपूर्ण बात

पेपर ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता नहीं होती है। यह अगले स्टेप में आता हैं। आइए पहले हम पेपर ट्रेडिंग के स्टेप्स समज़ते हैं।

पेपर ट्रेडिंग करने के 8 स्टेप्स

1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना, टेक्निकल एनालिसिस करना। यह हम इन्वेस्टिंग की वेबसाइट पर कर सकते हैं।

2 ) बायिंग, सेलिंग और स्टॉप लॉस ऑर्डर्स को समज़ना।

3 ) ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स, इंडेक्स, इत्यादि का चुनाव करना। इनकी लिस्ट बनाना।

4 ) अपने चुने हुए स्टॉक्स को चार्ट एनालिसिस के जरिए ट्रैक करना।

5 ) अपनी जानकारी के आधार पर ट्रेड तय करके कागज पर लिखना।

6 ) ट्रेड के लिए टार्गेट और स्टॉप लॉस लिख लेना।

7 ) टार्गेट हिट होने पर हमने क्या सही किया इसका स्टडी करना हैं। और स्टॉप लॉस हिट होने पर हमसे क्या गलती हुई इसका स्टडी करना हैं। इसे संक्षिप्त में लिख लेना हैं।

8 ) इस अनुभव का उपयोग अगले ट्रेड में परफॉर्मेंस सुधारने के लिए करना हैं।

इन 8 स्टेप्स को फॉलो करते हुए पेपर ट्रेडिंग करके हम Nifty 200 के साथ Intraday Trading करने में माहिर बन सकते हैं। यह इंट्राडे ट्रेडिंग करने की अच्छी ट्रिक हैं।

पेपर ट्रेडिंग कैसे करते हैं ?

जवाब में कहते हैं कि, नए ट्रेडर्स को बेसिक पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। और जो ऑलरेडी ट्रेडर्स हैं, ट्रेडिंग करते हैं उनको एडव्हान्स लेवल के साथ पेपर ट्रेडिंग करनी चाहिए। स्टॉक मार्केट चर्निंग करने के लिए भी पेपर ट्रेडिंग उपयुक्त साबित होता हैं।

A ) पेपर ट्रेडिंग नए ट्रेडर्स के लिए

अगर हम नए ट्रेडर हैं। और शुरुआत करने जा रहे हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।

1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट में कौन-कौनसे शेयर्स हैं यह देखकर उनमे से कुछ शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।

2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम सिर्फ शेयर के प्राइस स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है चार्ट को लेते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। शुरुआत में इतना काफी है।

3 ) अब हम चार्ट के सेट अप के अनुसार बन रहे ट्रेड्स को कागज पर लिखेंगे। और रिजल्ट का स्टडी करेंगे।

B ) पेपर ट्रेडिंग अनुभवी ट्रेडर्स के लिए

अगर हम अनुभवी ट्रेडर हैं। और प्रैक्टिस करना चाहते हैं तो, ऊपर दिए गए 8 स्टेप्स को इस तरह से फॉलो करना है।

1 ) स्टॉक मार्केट की जानकारी लेना। इसमें हम स्टॉक मार्केट की खबरें पढ़ेंगे। महवपूर्ण इंडेक्स की दिशा को समझेंगे। इस दिशा को फॉलो करने वाले शेयर्स की लिस्ट बनाएँगे। और उनकी प्राइस कितनी है यह जानकारी लेंगे।

2 ) टेक्निकल एनालिसिस करना। इसमें हम शेयर्स के प्राइस के चार्ट के साथ इंडेक्स के चार्ट को भी देखते हैं। चार्ट पर सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड लाइन को सेट करते हैं। इसके साथ स्टॉक मार्केट के महत्वपूर्ण इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करते हैं।

3 ) लाइव डाटा जैसे की पुट कॉल रेश्यो, शेयर्स के ट्रेडिंग वॉल्यूम, टोटल बायर्स सेलर्स इस जानकारी को समझेंगे।

4 ) अब हम चार्ट के सेट अप के अनुसार बन रहे ट्रेड्स को कागज पर लिखेंगे। और रिजल्ट का स्टडी करेंगे।

पेपर ट्रेडिंग की खासियतें

पेपर ट्रेडिंग हमारे ट्रेडिंग स्टाइल पर निर्भर हैं। इसपर मेरे ट्रेडिंग करने वाले, ज्यादातर भाई और बहनें स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है कहेंगे की हमारी तो कोई स्टाइल हैं ही नहीं। उनके लिए खुशखबरी यह हैं की, पेपर ट्रेडिंग करो आपकी ट्रेडिंग स्टाइल अपने-आप बनती जाएंगी। जिसे की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी भी कहते हैं।

" जिनके पास ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी होती हैं वह सुधार के लिए बैक टेस्टिंग करते हैं। और जिनके पास यह नहीं होती वो पेपर ट्रेडिंग करके अपने लिए ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।"

रियल ट्रेडिंग करते वक्त, हम रियल मनी ट्रेडिंग अकाउंट में डालते हैं। और इसके जरिए ट्रेडिंग करते हैं। अगर हम नए हैं और हमें लॉस होता हैं तो यह हमारे लिए इमोशनल प्रॉब्लम बन सकता है। Stock Market % Game में फँसकर, स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के बारे में हमारा नजरिया निगेटिव हो सकता है। लेकिन पेपर ट्रेडिंग करने से हमें चार्ट को समझकर, प्राइस मूवमेंट को समझकर ट्रेडिंग करने की आदत हो जाती है।

उपयुक्त जानकारी

पेपर ट्रेडिंग के बारे में हमने यह जाना

स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग यह रिस्की बिजनेस है। इसमें डिसिप्लिन के सिवा पैसा कमाना मुश्किल होता है और डिसिप्लिन बनाने के लिए हमें कीमत चुकानी होती है।

यह कीमत हम, स्टॉक मार्केट रियल ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे डालकर लॉस करके चुका सकते हैं या फिर पेपर ट्रेडिंग करके पेपर पर लॉस करके भी चुका सकते हैं। इससे हमारे रियल मनी का नुकसान नहीं होगा। और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के करियर में हम फिट हो सकते हैं या नहीं यह हमें पैसे गवाएं बिना पता चलता है।

पेपर ट्रेडिंग के रिजल्ट को ध्यान में रखते हुए हम तय कर सकते हैं कि, हमें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग करना है या नहीं करना है। और हाँ तो अपनी आगे की दिशा तय कर सकते हैं।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

इस आर्टिकल में हम देखेंगे कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है इसके अंदर हमने हर एक पॉइंट को अच्छे से कवर करने की और आपको हर एक पॉइंट को अच्छे से समझाने की कोशिश की है ताकि आपको आगे आने वाले समय में स्टॉक मार्केट की और शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी हो। अगर आपको स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंतर के बारे में जानना है, तो इसके लिए आपको आज के इस आर्टिकल को पूरा लास्ट तक पढ़ना होगा।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

हर एक पॉइंट को अच्छे से समझना होगा क्योंकि अगर आप आर्टिकल को पूरा नहीं पढ़ोगे तो आपको स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंतर के बारे में पता नहीं चलेगा। तो चलिए देख लेते हैं कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर होता है किसी भी बिजनेस को ग्रो करने के लिए पैसे की जरूरत होती है लेकिन जब कोई नया बिजनेस स्टार्ट करता है तो किसी भी व्यक्ति के पास इतना पैसा नहीं होता की वह अपनी कंपनी को ग्रो कर सके।

तो वह व्यक्ति जो भी कंपनी स्टार्ट करता है उस कंपनी के बहुत सारे छोटे छोटे हिस्से कर देता है और उन छोटे छोटे हिस्सों को ही शेयर कहा जाता है। और कंपनी द्वारा इन शेर को बेचकर कंपनी में पैसों का मुनाफा किया जाता है जैसे कि अगर कोई व्यक्ति अपनी नई कंपनी स्टार्ट करता है और उस व्यक्ति के पास कुछ पैसों की कमी रह जाती है तो वह उन पैसों की पूर्ति करने के लिए अपनी कंपनी के कुछ शेयर को बेच देता है और स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है उन शेयर को बेच कर अपनी कंपनी के लिए पैसों की भरपाई करता है।

Table of Contents

शेयर मार्केट क्या होता है

जिस प्रकार से हम कोई सामान लेने के लिए मार्केट में जाते हैं उसी प्रकार शेयर खरीदने के लिए भी शेयर का मार्केट होता है लेकिन आज से कुछ समय पहले कंप्यूटर लैपटॉप नहीं होने के कारण और इंटरनेट न होने के कारण इन शेयर को फिजिकली खरीदा जाता था इन शेयर की बोली लगाई जाती थी।

लेकिन आज के टाइम में इंटरनेट का यूज बहुत ज्यादा होने लगा है क्योंकि अब हर एक घर में लैपटॉप कंप्यूटर या स्मार्टफोन तो जरूर ही देखने को मिल जाते हैं और इस कारण से शेयर मार्केट का प्लेटफार्म ऑनलाइन कर दिया गया है। अब ज्यादातर लोग शेयर ऑनलाइन ही खरीदें और बेचे जाते हैं सबसे ज्यादा पॉपुलर मार्केट इसके अंदर दो ही है पहला NSE और दूसरा BSE यह दो मार्केट सबसे ज्यादा पॉपुलर है शेयर खरीदने और बेचने के लिए।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

स्टॉक मार्केट क्या होता है

स्टॉक मार्केट एक ऐसी जगह होती है जहां पर आप अपना पैसा लगाकर बहुत ज्यादा फायदा यहां पर ले सकते हैं। यहां पर हम कम पैसे लगाकर बहुत ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन इसके अंदर रिस्क भी बहुत ज्यादा होता है हमारा पैसा कभी भी इसके अंदर डूब सकता है। स्टॉक मार्केट के अंदर आपको अलग अलग कंपनियों के शेयर देखने को मिलते हैं जिन्हें कि आप कम दामों पर खरीद लेते हैं और अगर कंपनी को मुनाफा हो जाता है तो आप उन्हें अच्छे खासे मुनाफे पर बेच सकते है जिससे आगे जाकर अच्छा खासा मुनाफा हो जाए।

लेकिन कई बार ऐसा भी हो जाता है कि हमें किसी ऐसी कंपनी के शेयर खरीद लेते हैं जो कि आगे चलकर डूब जाती है और उस कारण से हम जितने भी शेयर खरीदते हैं वह शेयर हमारे बहुत कम दामों में बिकने के कारण है हमें इसके अंदर घाटा भी लग जाता है, तो इसके अंदर आपको सोच समझकर इन्वेस्ट करना है।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है

स्टॉक और शेयर मार्केट में अंतर की बात करें तो स्टॉक मार्केट का मतलब होता है कि जब बहुत सारी कंपनियों के शेयरों को एक साथ मार्केट में बेचते है तो उन्हे स्टॉक मार्केट कहते हैं और जब कोई एक कंपनी अपने शेयर को बेचती है तो उसे हम शेयर मार्केट कहते हैं। तो शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट के अंदर हमें सबसे बड़ा अंतर यही देखने को मिलता है लेकिन यह अंतर ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता।

ज्यादातर लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता कि स्टॉक मार्केट अलग होता है और शेयर मार्केट अलग होता है क्योंकि यह दोनों नाम बोलने में और देखने में एक समान है इस कारण से लोगों को इन में अंतर देखने को नहीं मिलता लेकिन आपको बता दूं कि स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंतर बहुत बड़ा अंतर होता है।

शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में पैसे लगाने के लिए किन चीजों की जरुरत पड़ेगी

अगर आप स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं या ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ जरूरी चीजों की जरूरत पड़ेगी अगर आप इसमें ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको इनके लिए किन किन चीजों की जरूरत पड़ेगी तो चलिए देखते हैं।

  1. स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले एक सेविंग बैंक अकाउंट की जरूरत होगी अगर आपका सेविंग बैंक अकाउंट ओपन है तो आप इसके अंदर ट्रेडिंग कर सकते हैं।
  2. आपका जो सेविंग बैंक अकाउंट ओपन होगा आपको उस अकाउंट को अपने डीमैट अकाउंट से लिंक करना होगा डीमैट अकाउंट आपके शेयर के बारे में जितनी भी जानकारी होगी आपको वह सभी डीमैट अकाउंट के अंदर ही देखने को मिलेगी।
  3. आप जब अपना डीमैट अकाउंट ओपन कर लोगे तो आपको अपने डीमैट अकाउंट के अंदर सारी शेयर की डिटेल दिखाई देती रहेगी और आपको कितना फायदा हुआ है, या कितना घाटा हुआ है, यह सभी चीज पहले आपको डीमैट अकाउंट के अंदर दिखाई देगी और आपको जितने भी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है पैसे का लाभ होता है, बाद में आप उस पैसे को अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।

तो स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के अंदर ट्रेडिंग करने के लिए आपको सिर्फ इन्हीं चीजों की आवश्यकता होगी।

इस आर्टिकल के अंदर हमने स्टॉक मार्केट और शेयर मार्केट के बारे में हर एक पॉइंट को अच्छे से कवर करने की कोशिश की है और आप को सबसे आसान तरीके से समझाने की कोशिश की है अगर आपको पोस्ट में दी हुई जानकारी अच्छी लगी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है हो तो आप हमारी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह जानकारी आपके दोस्तों और परिवार वालों तक भी पहुंच सके और वह भी इस जानकारी का फायदा उठा सकें।

आज के इस आर्टिकल के अंदर हमने जाना कि शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है अगर आपको पोस्ट में दी हुई जानकारी में कोई दिक्कत आ रही है या आपको कहीं पर भी कोई परेशानी हो रही है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में एक कमेंट कर दे हम आपका जल्दी जल्दी रिप्लाई करने की कोशिश करेंगे और आपकी प्रॉब्लम का हाल आपको जरूर देंगे और आप हमें इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं ऐसी ही जानकारी वाली पोस्ट पढ़ने के लिए।

Stock Trading Tips: शेयरों की ट्रेडिंग से कमा सकते हैं मुनाफा, जानें एक्‍सपर्ट के टिप्‍स

Stock Trading Tips: Want to earn money from share trading, here are some top tips from expert

एक सफल ट्रेडर के लिए स्टॉक ट्रेडिंग उसका जीवन और जुनून है। यह एक खेल जितना ही व्यवसाय है। आप ट्रेडिंग कैसे करते हैं यह तय करता है कि आप कैसे सफल होंगे। ट्रेडिंग के लिए एक कैजुअल अप्रोच के परिणामस्वरूप औसत दर्जे का परिणाम मिलेगा।

नई दिल्‍ली, विकास सिंघानिया। इस धरती पर हर सफल शेयर बाजार कारोबारी में एक चीज समान है - उसके पास एक बढ़त है। इसका मतलब यह नहीं है कि उसके पास दूसरों के मुकाबले किसी कंपनी के बारे में अधिक जानकारी है और वह जानकारी के आधार पर अपनी पोजिशन लेता है। इसके विपरीत, सफल व्यापारी किसी और के समान ही है। बड़ा अंतर यह है कि वह जानता है कि जब स्क्रीन पर अपना सिग्नल देखेगा तो वह कैसे काम करेगा और इससे उसे हर किसी के मुकाबले बढ़त मिलती है जो अपने बल्ले को अंधाधुंध घुमाते हैं। एक नौसिखिए के विपरीत, वह केवल और केवल तभी व्यापार करेगा जब उसे कोई संकेत दिखता है और तब तक वह धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा होता है। एक सफल ट्रेडर बनने के लिए यह जानना जरूरी है कि क्या करना है और कब करना है। सफल स्टॉक ट्रेडिंग को पांच तकनीकों में तोड़ा जा सकता है, जिनका पालन पेशेवर ट्रेडर्स द्वारा किया गया है, जिनके लिए यह अब दूसरी प्रकृति है।

FTX Crypto Exchange bankruptcy investors Need to be careful of such fraud schemes (Jagran File Photo)

नजरिया: एक सफल ट्रेडर के लिए स्टॉक ट्रेडिंग उसका जीवन और जुनून है। यह एक खेल जितना ही व्यवसाय है। आप ट्रेडिंग कैसे करते हैं यह तय करता है कि आप कैसे सफल होंगे। ट्रेडिंग के लिए एक कैजुअल अप्रोच के परिणामस्वरूप औसत दर्जे का परिणाम मिलेगा। लेकिन अगर ट्रेडिंग के सभी पहलुओं के साथ ट्रेड करते हैं तो है तो ट्रेडर के माध्यम से सोचा जा सकता है और सफलता का आश्वासन भी दिया जा सकता है। सफल व्यापारियों के बीच सामान्य विशेषता ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग के लिए व्यवसायिक दृष्टिकोण है, यहां तक ​​कि छोटे-छोटे डिटेल्स पर भी बहुत ध्यान देना, अपने स्वयं के लॉग लिखना, परिणाम के बावजूद अपनी ट्रेडिंग की पूरी जिम्मेदारी लेना।

रिटेल ट्रेडर आमतौर पर किसी व्यक्ति या घटना को अपने नुकसान के लिए दोषी ठहराते हैं, लेकिन एक सफल शेयर बाजार ट्रेडर नुकसान का मालिक होता है और इसे खेल का हिस्सा मानता है। यह जीतने वाला रवैया है जो आपको बाकियों से अलग करता है। जिस प्रकार एक सफल व्यवसायी अपने प्रबंधकों और श्रमिकों की गलती की जिम्मेदारी लेता है और समाधान की तलाश में आगे बढ़ता है, उसी तरह एक अच्छा ट्रेडर भी अगले ट्रेड की ओर बढ़ जाता है। वह जानता है कि यह उन हजारों व्यापारों में से एक है जो वह अपने जीवनकाल में करेगा।

इसे सरल रखना: एक सफल स्टॉक ट्रेडर सरल रणनीतियों का व्यापार करता है। दूसरी ओर, एक रिटेल ट्रेडर मुनाफा न होने पर एक स्ट्रैटेजी से दूसरी स्ट्रैटेजी में कूद जाएगा। वह जटिल एंट्री और एक्जिट संकेत तैयार करता है और ज्यादातर बार अपनी स्ट्रैटजी को मिलाता है। इससे उसकी स्ट्रैटजी में विश्वास की हानि होती है और वह किसी अन्य स्ट्रैटजी का परीक्षण करने कूद पड़ता है। एक पेशेवर स्टॉक ट्रेडर के पास नियमों के बहुत कम और सरल सेट होंगे जिनका वह पालन करता है और ट्रेड करता है। उनके चार्ट पैटर्न सरल हैं, जैसे ब्रेकआउट या रिट्रेसमेंट एंट्री। ऐसे स्टॉक ट्रेडर के पास एंट्री और एक्जिट के लिए बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित नियम हैं। हार भी उसे रोक नहीं पाती है क्योंकि वह जानता है कि उसकी रणनीति लंबे समय में ऐसे दिनों से आगे निकलने के लिए बनाई गई है। उसके पास मजबूत मनी मैनेजमेंट नियम हैं जो लगातार नुकसान की सीरीज के मामले में उसकी पोजिशन को कम कर देंगे। दूसरी ओर, एक रिटेल ट्रेडर अपने ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग दांव को अगले ट्रेड में अपने नुकसान को पुनः प्राप्त करने के लिए बढ़ा देगा, वह उससे पैसे लेने के लिए शेयर बाजार से बदला लेना चाहता है।

गलत होना ठीक है: घाटे पर प्रतिक्रिया नहीं करने से एक ट्रेडर को सही स्ट्रैटजी खोजने की तुलना में अधिक ऊर्जा और समय लगता है। यह वर्षों और सैकड़ों ट्रेड्स के बाद ही होता है कि एक ट्रेडर किसी भी स्थिति में भावनात्मक रूप से तटस्थ रहना सीखता है। कई पेशेवर ट्रेडर निम्नलिखित स्ट्रैटजी फॉलो करते हैं, जिनका सामान्य रूप से 0.4 का नफा-नुकसान अनुपात होता है। दूसरे शब्दों में, एक ट्रेंड फॉलोवर द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक दस ट्रेडों में से छह के परिणामस्वरूप नुकसान होगा। एक रिटेल ट्रेड इस तरह के अनुपात के साथ परेशान हो जाएगा और उस समय स्ट्रैटेजी को छोड़ देगा जब अगले ट्रेड में भारी लाभ होगा। पेशेवर इन नुकसानों को अपनी प्रगति में लेता है और जानता है कि वे लंबी अवधि के औसत के अनुरूप हैं। ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग के लिए नुकसान उठाना महत्वपूर्ण है, चाल उन्हें छोटा रखने की है ताकि एक या दो लाभदायक ट्रेड संचित नुकसान का ख्याल रख सकें। चूंकि, स्टॉक ट्रेडिंग अनिश्चितताओं का खेल है, इसलिए यह स्पष्ट है कि ऐसे मौके आएंगे जब कीमत पैटर्न या सिग्नल द्वारा सुझाई गई दिशा से अलग दिशा में चलती है। इन अनिश्चितताओं पर कोई कैसे प्रतिक्रिया करता है, यह लंबे समय में विजेता को निर्धारित करता है। लगातार अनुशासन के साथ स्टॉक ट्रेडिंग और नुकसान से सबक लेकर स्ट्रैटेजी बदलने से लंबे समय में अनिश्चितताओं को दूर करने में मदद मिलेगी।

अपने ट्रेड की योजना बनाएं और अपने प्लान को ट्रेड करें: स्टॉक ट्रेडिंग, किसी भी प्रतिस्पर्धी खेल की तरह, खेल के मैदान से अधिक बाहर मेहनत करने की जरूरत बताती है। एक डे ट्रेडर के लिए, योजना बनाने के लिए बहुत कम समय होता है क्योंकि कीमतें तेजी से बढ़ती हैं। उसे एक योजना बनानी है और योजना के अनुसार ट्रेड करना है। अंतिम समय में सोचने से नुकसान ही होगा और आत्मविश्वास भी कम होगा। अधिकांश ट्रेडर चाहे वे जिस समय-सीमा में व्यापार करते हैं, वे भी अपनी ट्रेडिंग योजना नहीं बदलते हैं और एक्शन का समय आने पर दूसरा अनुमान लगाते हैं।

निरंतर सुधार: सभी सफल ट्रेडर्स के प्रमुख स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है पहलुओं में से एक यह है कि वे लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं। वे किसी से नहीं बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और जिस तरह से वे ऐसा करते हैं वह अपने स्वयं के लॉग रखते हैं। इस तरह वे अपनी गलतियों को जानते हैं जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है, उनके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड के साथ-साथ स्ट्रैटेजी ने विभिन्न बिंदुओं पर कैसा प्रदर्शन किया है। वे ट्रेड और मनोविज्ञान के पहलुओं को सीख रहे हैं और इन्हें स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है अपने ट्रेड में शामिल करने का प्रयास करते हैं। एक सफल स्टॉक ट्रेडर हमेशा बाजार का एक छात्र होता है जो प्रत्येक अनिश्चितता के साथ सीखता है और एक और आश्चर्य का सामना करने की चेकलिस्ट पर टिक करता है ताकि अगली बार उसे पता चले कि इस पर कैसे प्रतिक्रिया करनी है।

ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग में लगातार पैसा कमाने के लिए ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी चुनने की तुलना में अनुशासन और निरंतरता की आवश्यकता अधिक होती है। सफल ट्रेडर्स द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकों से पता चलता है कि स्ट्रेटेजी चुनने का प्रारंभिक कार्य पूरा होने के बाद वे ट्रेड के मनोवैज्ञानिक पहलू पर अधिक ध्यान देते हैं। अंतत: यह है कि कोई अप्रिय आश्चर्य पर कैसे प्रतिक्रिया करता है जो हारने वालों में से विजेता का फैसला करता है। यह जीवन के लिए उतना ही सच है जितना कि स्टॉक ट्रेडिंग के लिए।

(लेखक ट्रेडस्‍मार्ट के सीईओ हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

डिस्‍क्‍लेमर: निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय जरूर लें।

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