भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार

शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें

शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें

Oben Rorr EV में नेविगेशन, टेलीफोनी, वाहन डायग्नोस्टिक्स, कनेक्टेड तकनीक और ड्राइवर अलर्ट सिस्टम जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इसके अलावा इसमे तीन राइडिंग मोड- हवॉक मोड, इको मोड और सिटी मोड दिए गए हैं।

शुरुआती कारोबार में शेयर बाजारों में गिरावट

वैश्विक बाजारों में कमजोरी के कारण शुरुआती कारोबार में बढ़त के बाद घरेलू शेयर बाजार में बुधवार को गिरावट दर्ज की गई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सूचकांक शुरूआती कारोबार में 82.36 अंक चढ़कर 59,113.66 पर पहुंच गया था लेकिन बाद गिरावट में चला गया। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी शुरूआती कारोबार में 27.9 अंक बढ़कर 17,605.40 पर पहुंच गया लेकिन इस गति को आगे बढ़ाने में विफल रहा।

शुरूआती बढ़त गंवाने के बाद सेंसेक्स 146.56 अंक गिरकर शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें 58,884.74 पर और निफ्टी 43.95 अंक गिरकर 17,533.55 पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स में एशियन पेंट्स, टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो, मारुति, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले, टाटा स्टील, भारती एयरटेल और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बैंक गिरने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी और पावर ग्रिड के शेयर लाभ में थे।

एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी कंपोजिट लाभ में कारोबार कर रहा था। अमेरिका में वॉल स्ट्रीट में मंगलवार को नुकसान रहा था। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.82 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 563 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें शेयर खरीदे।

जिनपिंग के खिलाफ बगावत के संकेत

चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग और उनकी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ आजकल जिस तरह के आंदोलन जगह-जगह हो रहे हैं, वे 1989 में थ्यानमेन चौराहे पर हुए भयंकर नरसंहार की याद ताजा कर रहे हैं। पिछले 33 साल में इतने जबर्दस्त प्रदर्शन चीन में दुबारा नहीं हुए। ये प्रदर्शन तब हो रहे हैं जबकि यह माना जा रहा है कि माओत्से तुंग के बाद शी चीन फिंग सबसे अधिक लोकप्रिय और शक्तिशाली नेता शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें हैं। अभी-अभी उन्होंने अपने आपको तीसरी बार राष्ट्रपति घोषित करवा लिया है लेकिन चीन के लगभग 10 शहरों के विश्वविद्यालयों और सड़कों पर उनके खिलाफ नारे लग रहे हैं।

ऐसा क्यों हो रहा है? सारे अखबार और टीवी चैनल मानकर चल रहे हैं कि ये प्रदर्शन कोरोना महामारी के दौरान जारी प्रतिबंधों के खिलाफ हो रहे हैं। मोटे तौर पर यह बात सही है। चीन में कोरोना की शुरुआत हुई और वह सारी दुनिया में फैल गया लेकिन दुनिया से तो वह विदा हो लिया किंतु चीन में उसका प्रकोप अभी तक जारी है। ताजा सूचना के मुताबिक 40 हजार लोग अभी भी उस महामारी से पीड़ित पाए गए हैं। चीनी सरकार ने इस महामारी का मुकाबला करने के लिए दफ्तरों, बाजारों, कारखानों, स्कूल-कालेजों और लगभग हर जगह कड़े प्रतिबंध थोप रखे हैं।

उनकी वजह से बेरोजगारी बढ़ी है, उत्पादन घटा है और मानसिक बीमारियां फैल रही हैं। इसीलिए लोग उन प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन वे अब इससे भी ज्यादा आगे बढ़ गए हैं। वे नारे लगा रहे हैं कि शी चिन फिंग तुम गद्दी छोड़ो। इसका कारण क्या है? वह कारण महामारी से भी अधिक गहरा है। वह है- चीनी लोगों का तानाशाही से तंग होना। वे अब लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं। सोश्यल मीडिया के जरिए यह संदेश घर-घर पहुंच रहा है।

इस मांग का सबसे ज्यादा असर शिनच्यांग (सिंक्यांग) प्रांत में देखने को मिल रहा है। उसकी राजधानी उरूमची में 10 लोगों की जान जा चुकी है। शिनच्यांग में उइगर मुसलमान रहते हैं। उनकी जिंदगी चीनी हान मालिकों के सामने गुलामों की तरह गुजरती है। इस प्रांत में लगभग 30 साल पहले मैं काफी लोगों से मिल चुका हूं। वहां हान जाति के चीनियों के विरुद्ध लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। उइगर मुसलमानों के इस बगावती तेवर को काबू करने के लिए लगभग 10 लाख मुसलमानों को सरकार ने यातना-शिविरों में डाल रखा है।

गैर-हान तो चीनी सरकार के विरुद्ध हैं ही, अब हान चीनी भी खुले-आम चीन में तानाशाही के खात्मे की मांग कर रहे हैं। लेकिन चीनी सरकार का कहना है कि यदि वह तालाबंदी खोल देगी तो 80 साल से ज्यादा उम्र के लगभग 50 करोड़ लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। यदि महामारी ने विकराल रूप धारण कर लिया तो लाखों लोग मौत के घाट उतर जाएंगे। दोनों पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं लेकिन यह आंदोलन बेकाबू हो गया तो कोई आश्चर्य नहीं कि चीन का भी, रूस की तरह, शायद कम्युनिस्ट पार्टी से छुटकारा हो जाए।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

आज सिंगापुर के लिए रवाना होंगे तेजस्वी, 5 दिसंबर को होने वाला है Lalu Yadav का किडनी ट्रांसप्लांट

आज सिंगापुर के लिए रवाना होंगे तेजस्वी, 5 दिसंबर को होने वाला है Lalu Yadav का किडनी ट्रांसप्लांट

दिल्ली में डीटीसी बस ने ऑटो रिक्शा को टक्कर मारी, चार घायल

दिल्ली में डीटीसी बस ने ऑटो रिक्शा को टक्कर मारी, चार घायल

बिहार में नहीं थम रहा जहरीली शराब का कहर, अब वैशाली में प्रिंसिपल सहित 3 लोगों की गई जान

बिहार में नहीं थम रहा जहरीली शराब का कहर, अब वैशाली में प्रिंसिपल सहित 3 लोगों की गई जान

कोरोना के मोर्चे पर भारत के लिए बड़ी राहत, 24 घंटे में आए 253 नए केस, 3 की मौत

कोरोना के मोर्चे पर भारत के लिए बड़ी राहत, 24 घंटे में आए 253 नए केस, 3 की मौत

शादी रचाने जा रहे दूल्हे को पुलिस ने किया गिरफ्तार, मंडप की जगह पहुंचा हवालात

Oben Rorr इलेक्ट्रिक बाइक को मिली 17,000 से ज्यादा की बुकिंग, कंपनी 2023 में शुरू करेगी डिलीवरी

ऑटो डेस्क. Oben Rorr इलेक्ट्रिक बाइक इस साल मार्च में लॉन्च हुई थी। Oben Electric ने इस बाइक को 99,999 रुपये की कीमत पर भारतीय बाजार में उतारा था। इस इलेक्ट्रिक बाइक को लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। Oben Rorr को 17,000 प्री-बुकिंग मिल चुकी है। कंपनी जनवरी 2023 में इसकी डिलीवरी शुरू करेगी। Oben Electric दिसंबर 2022 से इस बाइक का उत्पादन शुरू करने की तैयारी में है।

PunjabKesari


कंपनी के अनुसार, Oben Rorr फुल चार्ज पर 200 किलोमीटर की रेंज देने में सक्षम है। इस इलेक्ट्रिक बाइक को शुरुआत में भारत के 9 शहरों में डिलीवर किया जाएगा, जिसमें बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर और नई दिल्ली शामिल हैं। वह देश के अन्य शहरों में चरणबद्ध तरीके से विस्तार करेगी। कंपनी ने बाइक्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए बेंगलुरु के नजदीक प्लांट शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें लगाया है। इस प्लांट की सालाना क्षमता 3 लाख यूनिट की है। कंपनी उत्पादन शुरू होने के पहले साल 50,000 यूनिट्स का लक्ष्य लेकर चल रही है जिसके बाद उत्पादन को 1 लाख यूनिट्स तक बढ़ाया जाएगा।


पावरट्रेन

PunjabKesari


Oben Rorr में 4.4 kWh के लिथियम-आयन बैटरी के साथ 10 kW का इलेक्ट्रिक मोटर दी गई है। बैटरी पैक 13.4 bhp की पावर और 62Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करने में सक्षम है। यह इलेक्ट्रिक बाइक 3 सेकंड में 0-40 किमी/घंटा की सफ्तार पकड़ सकती है।

फीचर्स

PunjabKesari


Oben Rorr EV में नेविगेशन, टेलीफोनी, वाहन डायग्नोस्टिक्स, कनेक्टेड तकनीक और ड्राइवर अलर्ट सिस्टम जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इसके अलावा इसमे तीन राइडिंग मोड- हवॉक मोड, इको मोड और सिटी मोड दिए गए हैं।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Mokshada Ekadashi: मोक्षदा एकादशी पर खुलेंगे वैकुण्ठ के द्वार, अवश्य करें ये काम

Mokshada Ekadashi: मोक्षदा एकादशी पर खुलेंगे वैकुण्ठ के द्वार, अवश्य करें ये काम

बीएसएफ ने दो एसयूवी-माउंटेड जैमर, 100 ड्रोन खरीदे

बीएसएफ ने दो एसयूवी-माउंटेड जैमर, 100 ड्रोन खरीदे

Festivals in December 2022: दिसम्बर महीने के पहले पखवाड़े के ‘व्रत-त्यौहार’ आदि

Festivals in December 2022: दिसम्बर महीने के पहले पखवाड़े के ‘व्रत-त्यौहार’ आदि

अगले साल भारत की जी-20 अध्यक्षता का समर्थन करने के लिए उत्साहित हैं : व्हाइट हाउस

वैश्विक बाजार में सोना, चांदी, प्लेटिनम और पैलेडियम की कीमतें बढ़ीं

Gold, silver, platinum and palladium prices increased in the global market

मुंबई के आभूषण बाजार में आज सोने और चांदी की कीमतों में वसंत जैसा उछाल देखा गया। विश्व बाजार समाचार तेजी से वृद्धि दिखा रहा था। जैसे-जैसे विश्व बाजार में वृद्धि हुई, घरेलू आयात लागत में वृद्धि हुई। वैश्विक सोने में फंडों की खरीदारी बढ़ने के संकेत थे क्योंकि अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने डॉलर में मंदी और विश्व बाजार में बॉन्ड प्रतिफल के संकेत दिए थे।

सोने और चांदी

विश्व बाजार में सोने की कीमत 1761 से 1762 डॉलर प्रति औंस बढ़कर 1785 से 1786 डॉलर प्रति औंस हो गई। सोने के पीछे चांदी की वैश्विक कीमत 21.55 से 21.56 के बीच 22.40 से 22.26 के बीच 22.27 डॉलर रही।

विश्वबाजार के पीछे आभूषण बाजार में आज तेजी की हवा चल रही थी. अहमदाबाद के आभूषण बाजार में आज सोना 400 रुपये बढ़कर 99.50 रुपये बढ़कर 54600 रुपये और 54800 रुपये बढ़कर 99.90 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. अहमदाबाद चांदी की कीमत 500 रुपये प्रति किलो बढ़कर 63 हजार रुपये हो गई।

विश्व बाजार में प्लैटिनम की कीमत 1020 से बढ़कर 1021 से 1046 से 1035 से 1036 डॉलर प्रति औंस हो गई। पैलेडियम की कीमत 1923 में $1891 से $1892 प्रति औंस से बढ़कर $1896 से $1897 प्रति औंस हो गई। वैश्विक तांबे की कीमतें आज 0.45 से 0.50 प्रतिशत तक बढ़ीं। खबर थी कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भी आज तेजी से इजाफा हुआ।

इस बीच, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 81.83 डॉलर से 81.52 डॉलर पर कारोबार कर रही थीं, जबकि न्यूयॉर्क में कच्चा तेल शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें आज 79.95 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर कारोबार कर रहा था। जबकि ब्रेंट क्रूड का भाव 84.84 के उच्च स्तर में 88.29 से 87.98 डॉलर के बीच था। चीन की मांग बढ़ने की उम्मीद के मुकाबले कम आपूर्ति के बीच कच्चे तेल की कीमतों में फिर तेजी देखी गई। सोने ने भी कच्चे तेल की तेजी को सहारा शेयर बाज़ार में शेयर कब खरीदें दिया।

तांबे की कीमतों का भी चांदी की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। मुंबई सर्राफा बाजार में आज सोना बिना जीएसटी के 52,968 रुपये बढ़कर 99.50 रुपये पर 52,566 रुपये हो गया, जबकि मुंबई चांदी 61,900 रुपये से बढ़कर 63,683 रुपये पर 63,203 रुपये हो गई, जबकि चांदी 53,181 रुपये बढ़कर 52,777 रुपये हो गई। बिना जीएसटी के रह रहे थे मुंबई में जीएसटी समेत सोने-चांदी के दाम इस भाव से तीन फीसदी अधिक रहे।

रेटिंग: 4.28
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 730
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *