विदेशी मुद्रा व्यापार का परिचय

पर जमा और निकासी के तरीके

पर जमा और निकासी के तरीके

पर जमा और निकासी के तरीके

सदस्यता बनाने का तरीका.

(4) (1) प्रत्येक अपने ही निमित्त या वह एक सदस्य है, जिनमें से अभिभावक या हिंदू अविभाजित परिवार की ओर से है, जिनमें से एक नाबालिग की ओर से या तो पहली बार के लिए इस योजना के तहत फंड की सदस्यता लेने के इच्छुक व्यक्ति या व्यक्तियों का एक संघ या उपधारा के खंड (छ) में निर्दिष्ट के रूप में व्यक्तियों की एक संस्था की ओर से (2) आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के, 1961 (1961 का 43), खातों पर लागू नहीं होगी एक साथ रुपये का अभिन्न गुणकों में होगी जो प्रारंभिक सदस्यता की राशि के साथ फार्म एक में कार्यालय, या के रूप में निकट के रूप में संभव के सिवा,. प्र.5.

(2) उप अनुच्छेद (1) के तहत एक आवेदन प्राप्त होने पर, लेखा कार्यालय ग्राहक के नाम से एक खाता खोलने करेगा और उसे करने के लिए पास बुक जारी, जिसमें जमा, निकासी, ऋण और भुगतान के सभी मात्रा में इनका एक साथ ब्याज के साथ देय तिथि के टिकट के साथ लेखा अधिकारी के हस्ताक्षर से अधिक दर्ज किया जाएगा.

(3) ग्राहक फार्म बी में एक चालान के साथ लेखा कार्यालय के साथ अपनी सदस्यता जमा करेगा, या के रूप में निकट के रूप में संभव बहां. चालान की counterfoils विधिवत रसीद इसका सबूत है, लेखा कार्यालय द्वारा जमाकर्ता को लौटा दिया जाएगा. चेक या ड्राफ्ट या पोस्टल आर्डर द्वारा भुगतान की स्थिति में, लेखा कार्यालय आय का जमाकर्ता लंबित साकार करने के लिए एक पेपर टोकन जारी कर सकता है.

2A [(4) हर सदस्यता नकद या क्रास चेक या ड्राफ्ट द्वारा किए गए या कि कार्यालय स्थित है, जिस पर जगह में लेखा कार्यालय के पक्ष में आदेश का भुगतान किया जाएगा.]

3 [(5) एक जमा जमा करने की तिथि होगी निर्धारित दर राशि का जमा और प्राप्ति की तारीख के साथ देय होगा पर एक बाहरी चेक या साधन, संग्रह शुल्क के माध्यम से किया जाता है.]

अगर आप भी Bank Account से निकालते हैं 20 लाख रुपए से ज्यादा, जान लीजिए क्या कहता है SBI का नियम

नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( State Bank of India ) अपने ग्राहकों को समय-समय पर हिदायतें, जरूरी जानकारी और अलर्ट जारी करता रहता है। वहीं इस बात की भी जानकारी देता है कि आप ऐसा कौन सा काम कर सकते हैं, जिससे आपको बैंकिंग प्रोसेस में आसानी हो। इस बार बैंक ( SBI Bank ) ने अपने उन ग्राहकों को जानकारी दी है जो सालाना 20 लाख रुपए की कैश ट्रांजेक्शन ( Cash Transaction ) करते हैं। एसबीआई ( SBI ) ने बताया कि वो कैसे कैश निकासी के बाद भी टीडीएस ( TDS ) से बच सकते हैं। इसके लिए एसबीआई कस्टमर को तीन ही स्टेप फॉलो करने होंगे। आइए आपको आपको भी बताते हैं आखिर एसबीआई की ओर से टीडीएस से बचने के कौन से तरीके बताएं हैं।

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किस रूल के तहत कटता है टीडीएस
वास्तव में जिसने बीते तीन सालों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है और सालाना 20 लाख या उससे ज्यादा रुपयों की निकासी करते हैं तो सेक्शन 194 N के तहत टीडीएस काटा जाता है। एसबीआई ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से इस बारे में जानकारी दी भी।

ऐसा क्या करें, जिससे ना कटे टीडीएस
- सबसे पहले तो आपको बैंक में पैन कार्ड की डिटेल्स जमा करनी होगी। अगर पहले से ही जमा है तो कोई जरुरत नहीं है।
- पैन कार्ड न होने के कारण टैक्स की देनदारी बढ़ जाती है।
- वहीं आपको इनकम टैक्स रिटर्न की डिटेल्स देनी होगी।

लगातार तीन साल टीडीएस ना देने पर देना होगा एक जुलाई से ब्याज
-अगर आप सालाना 20 लाख रुपए तक कैश की निकासी करते हैं तो पैन जमा करने या न करने की स्थिति में कोई ब्याज नहीं देने की जरुरत नहीं।
- 20 लाख 1 रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपएतक का कैश विड्रॉल करने की कंडीशन में पैन कार्ड जमा होने पर 2 फीसदी टैक्स और पैन डिटेल्स ना जमा करने पर 20 फीसदी टीडीएस देना पड़ सकता है।
- अगर किसी व्यक्ति ने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश विड्रॉल किया है और पैन कार्ड डिटेल्स जमा है तो 5 फीसदी टीडीएस देना होगा। वहीं पैन ना देने की स्थिति में 20 फीसदी टीडीएस देना होगा।
- एसबीआई के अनुसार ग्राहकों ने पिछले 3 साल इनकम टैक्स रिटर्न नहीं दिया और 1 करोड़ रुपए से ज्यादा निकासी भी की तो 2 फीसदी की दर से टैक्स कटता रहेगा।

नोटबंदी: कुछ खातों से निकासी पर आरबीआई ने लगाई पाबंदी

RBI

अज्ञात स्रोतों से जुटाए धन को गलत तरीके से बैंकिंग प्रणाली में जमा करने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने उन खातों से निकासी पर पाबंदी लगा दी है जिनमें 9 नवंबर के बाद 2 लाख रुपये से अधिक जमा कराए गए हैं और जिनका बैंलेंस 5 लाख रुपये से अधिक है।

आरबीआई की अधिसूचना के मुताबिक, पैन या फॉर्म 60 जमा कराए बगैर (जो पैन कार्ड नहीं होने की स्थिति में भरा जाता है) ऐसे खातों के जरिये निकासी या ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन खातों में मासिक निकासी की सीमा भी 10 हजार रुपये से अधिक नहीं पर जमा और निकासी के तरीके होगी, जिनमें एक लाख रुपये सालाना जमा करने की स्वीकार्य सीमा से अधिक राशि जमा होगी।

वित्त मंत्रालय ने कर व अन्य सरकारी प्राप्तियों के डेबिट व क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान पर बैंकों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्कों की प्रतिपूर्ति के लिए बजटीय प्रावधान करने का फैसला किया है।

भारत सरकार के बकाया जैसे कर राजस्व और अन्य प्राप्तियों को डेबिट या क्रेडिट कार्ड से लेने वाले बैंक समय-समय पर आरबीआई को एमडीआर शुल्कों के दावे जमा करते रहेंगे।

आरबीआई बैंकों के एमडीआर दावों की प्रतिपूर्ति बजटीय प्रावधान के तहत करेगा।

अज्ञात स्रोतों से जुटाए धन को गलत तरीके से बैंकिंग प्रणाली में जमा करने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने उन खातों से निकासी पर पाबंदी लगा दी है जिनमें 9 नवंबर के बाद 2 लाख रुपये से अधिक जमा कराए गए हैं और जिनका बैंलेंस 5 लाख रुपये से अधिक है।

आरबीआई की अधिसूचना के मुताबिक, पैन या फॉर्म 60 जमा कराए बगैर (जो पैन कार्ड नहीं होने की स्थिति में भरा जाता है) ऐसे खातों के जरिये निकासी या ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन खातों में मासिक निकासी की सीमा भी 10 हजार रुपये से अधिक नहीं होगी, जिनमें एक लाख रुपये सालाना जमा करने की स्वीकार्य सीमा से अधिक राशि जमा होगी।

एमडीआर शुल्क खुद वहन करेगी सरकार

आरबीआई

वित्त मंत्रालय ने कर व अन्य सरकारी प्राप्तियों के डेबिट व क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाले भुगतान पर बैंकों को मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्कों की प्रतिपूर्ति के लिए बजटीय प्रावधान करने का फैसला किया है।

भारत सरकार के बकाया जैसे कर राजस्व और अन्य प्राप्तियों को डेबिट या क्रेडिट कार्ड से लेने वाले बैंक समय-समय पर आरबीआई को एमडीआर शुल्कों के दावे जमा करते रहेंगे।

आरबीआई बैंकों के एमडीआर दावों की प्रतिपूर्ति बजटीय प्रावधान के तहत करेगा।

क्या बैंकों ने नकद निकासी और जमा करने के लिए शुल्क बढ़ाया है?

क्या बैंकों ने जमा करने और नकद निकासी के लिए शुल्क बढ़ाया है? आइये इस लेख के माध्यम से बैंक के नकद निकासी और जमा करने के लिए शुल्क लगाए जाने पर या नये नियमों के बारे में अध्ययन करते हैं.

Cash withdrawals and deposits Fees in Banks

जैसा की हम जानते हैं कि अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में और नवंबर के शुरू में कई न्यूज़ या रिपोर्ट्स में बैंक के नकद निकासी और जमा करने के लिए शुल्क लगाए जाने की बात सामने आ रही थी.

अक्टूबर के अंतिम सप्ताह और नवंबर 2020 की शुरुआत में कई रिपोर्टें आईं कि कुछ बैंकों में ग्राहकों को अब अपने खातों से पैसे जमा करने और निकालने के लिए शुल्क देना होगा और ये सेविंग बैंक अकाउंट पर लगाया जाएगा.

एटीएम से मौजूदा नकद निकासी नियमों के अनुसार, नकद निकासी महीने में पांच बार मुफ्त की जा सकती है. अगर महीने में पांच बार से ज्यादा कैश निकाला जाता है तो छठे निकासी पर 20 रुपये का शुल्क देना होता है.

लेकिन कई रिपोर्टों में ऐसा बताया जा रहा था कि एटीएम से 5000 रुपये से अधिक निकालने पर 24 रुपये अतिरिक्त लग सकते हैं. साथ ही कई बैंक जमा और निकासी शुल्क लगाने वाले हैं लेकिन ऑफिशियली सिर्फ बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी वेबसाइट पर नोटिफाई किया था कि वो 1 नवंबर 2020 से जमा और निकासी शुल्क के लिए नियम लाने वाले हैं.

आइये बैंक ऑफ बड़ौदा के जमा और निकासी शुल्क नियम के बारे में जानते हैं.

- बचत खाते यानी सेविंग अकाउंट में एक महीने में 3 बार जमा और 3 बार निकासी मुफ्त में कर सकते हैं. लेकिन अगर उसके बाद लेन-देन पर कुछ शुल्क देना होगा.

जमा करने के लिए:
1. मेट्रो शहरी क्षेत्रों में जिनका बचत बैंक (SB) खाता है और अगर वो 3 बार से ज्यादा बार पैसा जमा करते हैं तो उनको 50 रुपये का जमा शुल्क देना होगा.

2. अगर ग्रामीण / अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित वरिष्ठ नागरिकों, पेंशनरों और SB ग्राहकों के लिए 40 रुपये प्रति जमा शुल्क देना होगा.
निकासी के लिए

प्रति माह 3 बार पर जमा और निकासी के तरीके मुफ्त लेनदेन होगा मगर उसके बाद-

1. मेट्रो शहरी क्षेत्रों में SB ग्राहकों के लिए 125 रुपये प्रति निकासी शुल्क देना होगा.

2. ग्रामीण या अर्ध शहरी क्षेत्रों में स्थित वरिष्ठ नागरिकों, पेंशनभोगियों और SB खाता ग्राहकों के लिए 100 रुपये प्रति निकासी शुल्क देना होगा.

- CC/OD और चालू खाता (CA) धारकों को प्रति दिन 1 लाख रुपये से अधिक जमा करने पर न्यूनतम 50 रुपये का शुल्क देना होगा.
- प्रति दिन प्रति खाता अगर 1,00,000 रुपये जमा कराता है तो Rs 1 per thousand लगेगा.
- न्यूनतम 50 रुपये अधिकतम 20,000 रुपये तक हो सकता है.

कई अन्य बैंकों में भी चर्चा चल रही थी कि वो भी इस प्रकार के नियम जल्द ही ला सकते हैं लेकिन 1 नवंबर को इन बैंकों ने इस प्रकार की कोई घोषणा नहीं की. ICICI बैंक ने कहा कि वो 1 नवंबर से कुछ चार्ज लगाएंगे वो इस प्रकार हैं:

- 1 नवंबर से ICICI बैंक गैर-व्यावसायिक घंटों (hours) और बैंक की छुट्टियों के दौरान एटीएम में नकद जमा करने वाले ग्राहकों पर सुविधा शुल्क के रूप में 50 रुपये का शुल्क लगाएगा.

- बैंक छुट्टियों पर और हर दिन शाम 6 बजे से सुभह 8 बजे के बीच किए गए इस तरह के लेनदेन के लिए ग्राहकों से शुल्क लिया जाएगा.

सबसे ज्यादा इससे असुविधा किसको हो सकती है?

छोटे व्यापारी और दुकानदारों को इससे सबसे ज्यादा असुविधा हो सकती है. वे आमतौर पर नकद मशीनों में 'बैंक वर्किंग आवर्स' के बाद नकद जमा करते हैं.

बैंकों द्वारा लगाए गए सेवा शुल्क के संबंध में कुछ तथ्यात्मक स्थिति के बारे में जानते पर जमा और निकासी के तरीके हैं

कई मीडिया रिपोर्टों में कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) द्वारा सेवा शुल्क में काफी वृद्धि का उल्लेख किया गया है. इस संदर्भ में कुछ तथ्यात्मक स्थिति वित्त मत्रांलय के अनुसार इस प्रकार है:

- जन धन खातों सहित बुनियादी बचत बैंक जमा (BSBD) खाते – भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित मुफ्त सेवाओं के लिए समाज के गरीब और बैंकों से अछूते रहे तबकों द्वारा खोले गए 41.13 करोड़ जन धन खातों सहित 60.04 करोड़ बुनियादी बचत बैंक जमा (BSBD) खातों पर कोई सेवा शुल्क लागू नहीं है.

- नियमित बचत खाते, चालू खाते, नकद उधार खाते और ओवरड्राफ्ट खाते के संबंध में, शुल्क तो नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 नवंबर, 2020 से प्रति माह मुफ्त नकद जमा और निकासी की संख्या के संबंध में कुछ परिवर्तन किए थे. मुफ्त नकद जमा एवं निकासी की संख्या प्रति माह पर जमा और निकासी के तरीके 5 से घटाकर प्रति माह 3 कर दी गई है, जिसमें इन मुफ्त लेनदेन से अधिक लेनदेन के लिए शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

साथ ही बैंक ऑफ बड़ौदा ने सूचित किया है कि वर्तमान COVID-19 से जुड़ी स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इन परिवर्तनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके अलावा, हाल में किसी अन्य PSB ने इस तरह के शुल्क में वृद्धि नहीं की है.

भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार, PSB सहित सभी बैंकों को उचित, पारदर्शी और भेदभावरहित तरीके से अपनी सेवाओं के एवज में इस पर आने वाले लागतों के आधार पर शुल्क लगाने की अनुमति है. लेकिन अन्य PSB ने यह भी सूचित किया है कि COVID-19 महामारी के मद्देनजर निकट भविष्य में बैंक शुल्कों में बढ़ोतरी करने का उनका कोई प्रस्ताव नहीं है.

बैंक अकाउंट को करिए सही तरीके से बंद, नहीं तो उठाना पड़ेगा नुकसान

आमतौर पर बैंक खाते में जमा रकम या निकासी, एफडी या ओवरड्राफ्ट जैसे लेनदेन का क्रेडिट स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की तरह अगर आपने बैंक खाता भी पूरी प्रक्रिया अपनाए बिना बंद किया.

बैंक अकाउंट को करिए सही तरीके से बंद, नहीं तो उठाना पड़ेगा नुकसान

आमतौर पर बैंक खाते में जमा रकम या निकासी, एफडी या ओवरड्राफ्ट जैसे लेनदेन का क्रेडिट स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड की तरह अगर आपने बैंक खाता भी पूरी प्रक्रिया अपनाए बिना बंद किया है तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बैंक खाते में रकम माइनस में चली गई है और आप पर बैंक का बकाया है तो ऐसे में खाता बंद करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, बकाया छोटी-मोटी रकम के लिए वसूली भले ही न करें, लेकिन यह भविष्य में लोन लेने के विकल्पों पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में अगर कोई बैंक खाता बंद करना है तो पूरी प्रक्रिया अपनाएं और बैंक को इसकी समुचित जानकारी भी दें। ऐसा देखा गया है कि लोग खाते से सारी रकम निकालकर उसे छोड़ देते हैं। बैंक से लगातार पर जमा और निकासी के तरीके ईमेल और एसएमएस के बावजूद वे संपर्क नहीं साधते हैं। उनकी रकम नकारात्मक स्तर पर चला जाती है और तकनीकी तौर पर यह खाता बंद नहीं होता है।

क्लोजर फॉर्म भरना होता है
अकाउंट बंद कराने के लिए बैंक की शाखा में खुद जाना पड़ेगा। ऑनलाइन काम भी होता है। बैंक में अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरें, उसमें खाता बंद करने की वजह बतानी होगी। संयुक्त खाता है तो सभी खाताधारकों का हस्ताक्षर जरूरी है। आपको एक दूसरा फॉर्म भी भरना होगा, जिसमें आप बंद होने वाले अकाउंट में बचा पैसा स्थानांतरित कराना चाहते हैं।

डी लिंकिंग फॉर्म भरें
आम तौर पर बैंक खाते से निवेश, लोन, ट्रेडिंग, क्रेडिट कार्ड पेमेंट और बीमा से जुड़ा पेमेंट लिंक होता है। अगर कोई बिल लिंक है तो पहले दूसरे बैंक खाते को इस तरह के भुगतान से लिंक कर दें। अकाउंट बंद करते वक्त आपको डी लिंकिंग फॉर्म भरना होता है।

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