क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु

सरकार ने क्रिप्टो को एसेट मानकर 30 फीसदी आयकर लगाया है. क्रिप्टो को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (Virtual Digital Assets) के रूप में परिभाषित किया गया है. इसमें क्रिप्टो को न ही प्रतिभूति (Security) माना गया है और न ही रुपये (Money) की मान्यता दी गई है. जानकारों का कहना है कि अगर इसे सिक्योरिटीज का दर्जा नहीं दिया जाता है तो क्रिप्टो की खरीद-बिक्री पर जीएसटी भी लगेगा, इसमें कोई शक नहीं है.
क्रिप्टो सिस्टम को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है
किसी नई प्रणाली को यदि नियामक समर्थन न हो, रेगुलेशन का नियम न हो तो उस व्यवस्था के चलायमान रहने को लेकर शंकाएं पैदा होना स्वाभाविक है। क्रिप्टोकरेंसी भी इसी प्रकार की शंकाओं से ग्रस्त है और उसके प्रवाह को व्यवस्थित करने वाली पूरी प्रणाली वास्तव में बहुसंख्यक आबादी के लिए अपारदर्शी है। यही कारण है कि इसे हाइप करने से इसके नीचे जाने का जोखिम था। ऐसा हो भी रहा है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी की पूरी व्यवस्था चरमरा रही है। क्रिप्टो के लिए परेशानी दिसंबर में शुरू हुई जब इसके सबसे बड़े बाजार भारत ने आभासी मुद्राओं पर अपना शिकंजा कसने का फैसला किया। उसके बाद अपरिपक्व निवेशकों ने बाजार से बाहर निकलना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे डाउनट्रेंड के कारण क्रिप्टो करेंसी के मूलभूत पहलुओं में गिरावट आई।
काफी हद तक आपस में जुड़े हुए हैं क्रिप्टोकरेंसी और NFT
NFT का मतलब नॉन-फंजिबल टोकन है। यह एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन है जो किसी यूनिक चीज को दर्शाता है। किसी व्यक्ति के क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु पास NFT का होना यह दर्शाता है कि उसके पास कोई यूनिक या एंटीक डिजिटल आर्ट वर्क है, जो दुनिया में और किसी के भी पास नहीं है। सामान्य भाषा में कहें तो जैसे हम पैसे देकर कोई अनोखी और मूल्यवान वस्तु खरीदते हैं, वैसे ही कोई डिजिटल आर्ट वर्क खरीद सकता है और उसे ही NFT कहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी और NFT काफी हद तक आपस में जुड़े हुए हैं। हालांकि, लोग रुपया, डॉलर जैसी फिएट मुद्रा का उपयोग करके NFT खरीद सकते हैं, अधिकांश खरीदार NFT खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी चुनते क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु हैं। इसके अलावा, अगर एक टीम जिसके पास अपनी क्रिप्टोकरेंसी है, उसके पास NFT परियोजनाएं भी हैं, तो उस मुद्रा को NFT नहीं रखने वालों की तुलना में अधिक स्थिर माना जाता है।
क्रिप्टो की शुरू हो चुकी है उल्टी गिनती
बताते चलें कि अब तो क्रिप्टो बाजार की स्थिति और भी बिगड़ गई है। एक के बाद एक नकारात्मक घटनाओं के बाद भी क्रिप्टो बाजार के कुछ मूल रूप से स्थिर क्रिप्टो कॉइन्स के कारण बाजार में स्थिरता थी लेकिन जल्द ही एक महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी Luna की हालत डांवाडोल हो गई। Luna क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु को क्रिप्टो वर्ल्ड में सबसे मूल रूप से स्थिर सिक्का माना जाता है। इसकी स्थिरता का कारण यह था कि इसका एक युगल सिक्का जिसे Terra के नाम से जाना जाता है, उपलब्ध है। यदि दोनों में से किसी एक की कीमत गिरती तो निवेशक एक में विनिवेश करके, इसे दूसरे के साथ बदल सकते हैं।
लेकिन मई के मध्य में Luna का जबरदस्त मूल्य ह्रास हुआ, जिससे क्रिप्टो बाजार में निवेशकों के 40 बिलियन डॉलर डूब गए। क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु Luna के निर्माता लूना 2.0 के साथ आए। प्रारंभिक चढ़ाव के बाद, यह भी गिरने लगा और इसमें निवेशकों के पैसे का 70 प्रतिशत डूब गया। Luna 2.0 का पतन एक स्पष्ट संकेत है कि अब निवेशक आभासी मुद्रा में विश्वास खो रहे हैं। उन्होंने महसूस किया है कि यह निवेश का एक सतत तरीका नहीं है।
30 फीसदी Tax क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु के बाद अब Cryptocurrency पर देना पड़ सकता है 28 फीसदी GST भी, जानें क्यों?
बजट में इसे घुड़दौड़ और लॉटरी के समान मानने के कारण ही Cryptocurrency पर जीएसटी लगने की संभावनायें बढ़ गई हैं.
बजट (Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है. अब क्रिप्टो पर जीएसटी (GST on Cryptocurrency) व . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated :क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु February 03, 2022, 14:10 IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बजट (Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स (Tax on Cryptocurrency) की घोषणा की है. अब क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु इसके वस्तु व सेवा कर (Goods and Services Tax – GST) के दायरे में आने की भी चर्चा शुरू हो गई है. दरअसल, ये चर्चा इसलिए शुरू हुई है क्योंकि क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को घुड़दौड़ और लॉटरी की श्रेणी में रखा है. बता दें कि वर्तमान में प्राइवेट लॉटरी (Lottery) और घुड़दौड़ (Horse Racing) पर 28 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ता है. इसलिए सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर भी 28 फीसदी जीएसटी वसूल सकती है. हालांकि, जीएसटी को लेकर अभी सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं आई है.
ईरान में ट्रेडर्स इम्पोर्ट के क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु लिए कर सकेंगे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल
प्रतिबंधों के कारण ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम से ईरान बाहर है
खास बातें
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क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु
- परमाणु कार्यक्रम के कारण ईरान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं
- भारत सहित कुछ देशों के साथ इसका कारोबार होता है
- ईरान ने क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान वाला इम्पोर्ट का एक बड़ा ऑर्डर दिया है
क्रिप्टोकरेंसी के लिए ईरान में एक सकारात्मक कदम उठाया गया है. ईरान की सरकार ने विदेशी व्यापार प्रतिबंधों के बीच इम्पोर्ट के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है. ईरान के परमाणु कार्यक्रम की वजह से अमेरिका सहित बहुत से देशों ने उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं. इससे ईरान को इम्पोर्ट के लिए भुगतान करने में मुश्किल होती है.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रेड मिनिस्टर Reza Fatemi ने यह पुष्टि की है कि व्यापार के लिए क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल और क्रिप्टो माइनर्स को फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई करने से जुड़े रेगुलेशंस को स्वीकृति दी गई है. ईरान ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान वाला व्हीकल्स के इम्पोर्ट का लगभग एक करोड़ डॉलर का ऑर्डर दिया था. इससे पहले ट्रेड मिनिस्ट्री ने कहा था कि सितंबर तक विदेशी व्यापार में क्रिप्टोकरेंसीज और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा. ईरान की इम्पोर्ट एसोसिएशन ने इम्पोर्ट के लिए क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल से जुड़े रेगुलेटरी मापदंड तय करने की मांग की थी.
पैसा नहीं है तो चिंता की बात नहीं, अब इंडिया में भी बिटकॉइन से खरीदें पिज्जा, कॉफी और बर्गर
कैश देने के बदले Unocoin के यूजर्स डिजिटल कॉइन के इस्तेमाल से वाउचर खरीदेंगे। इन वाउचर का इस्तेमाल कंज्यूमर आइटम्स खरीदने के लिए किया जा सकेगा। Unocoin ने वाउचर खरीदने के लिए 100 रुपए से 5,000 रुपए तक की बिटकॉइन की क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु रेंज तय की है।
नई दिल्ली। अभी तक खाने पीने की चीजों से लेकर अन्य वस्तुओं की खरीदारी के लिए पैसा का होना जरूरी माना जाता रहा है। लेकिन अब वैसा नहीं है। अगर आपके पास पैसा नहीं तो भी चिंता करने की बात नहीं है। आप बिटक्वॉइन ( Bitcoin ) से भी कर सकते हैं कंज्यूमर आइटम्स ( Consumer Items ) की खरीदारी। इसमें पिज्जा, बर्गर, कॉफी से लेकर आइसक्रीम व अन्य खाने-पीने का सामान भी शामिल है। अब Unocoin देश में अपने यूजर्स को बिटकॉइन से प्रतिदिन के इस्तेमाल वाले कंज्यूमर आइटम्स खरीदने की सुविधा क्रिप्टो को माना जाएगा वस्तु देगा।
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ऐसे खरीदें बिटकॉइन से कंज्यूमर आईटम्स
किसी कंज्यूमर आइटम्स के लिए कैश देने के बदले Unocoin के यूजर्स डिजिटल कॉइन के इस्तेमाल से वाउचर खरीदेंगे। इन वाउचर का इस्तेमाल कंज्यूमर आइटम्स खरीदने के लिए किया जा सकेगा। Unocoin ने वाउचर खरीदने के लिए 100 रुपए से 5,000 रुपए तक की बिटकॉइन की रेंज तय की है। इसके साथ ही यह उन ब्रांड्स की जानकारी अपने मोबाइल ऐप पर देगा जिनके लिए वाउचर खरीदे जा सकते हैं। वाउचर खरीदने पर उसकी राशि यूजर के क्रिप्टो वॉलेट से बिटकॉइन के तौर पर काटी जाएगी। इसके बाद यूजर को वाउचर कोड भेजा जाएगा जिसका इस्तेमाल कंज्यूमर आइटम्स को खरीदने में कर पाएंगे।
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Zebpay ने सबसे पहले की थी फ्लिपकार्ट के साथ वाउचर्स की पार्टनरशिप
हालांकि, Unocoin इस तरह की कोशिश करने वाली पहली फर्म नहीं है। इससे पहले Zebpay ने फ्लिपकार्ट के साथ बिटकॉइन के लिए कस्टमर वाउचर्स की पार्टनशिप की थी। Unocoin की शुरुआत इंडिया में 2013 में हुई थी। सबसे पहले इसने क्रिप्टो वॉलेट के तौर पर बिजनेस शुरू की थी। उसके बाद यूनोक्वॉइन ने एक्सचेंज भी खोला था।
यूनिकॉइन के इस योजना का खुलासा होने के बाद बिटकॉइन के प्राइस में हाल के दिनों में तेजी आई है। इसके साथ ही देश में क्रिप्टो एक्सचेंजों को भी इससे फायदा हुआ है। CoinDCX की वैल्यू में अच्छी तेजी आने के बाद यह देश का पहला यूनिकॉर्न क्रिप्टो एक्सचेंज बन गया है। हाल ही में इसने इनवेस्टर्स से 9 करोड़ डॉलर का फंड हासिल किया था।
बजट (Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है. अब क्रिप्टो पर जीएसटी (GST on Cryptocurrency) व . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : February 03, 2022, 14:10 IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने बजट (Budget 2022) में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स (Tax on Cryptocurrency) की घोषणा की है. अब इसके वस्तु व सेवा कर (Goods and Services Tax – GST) के दायरे में आने की भी चर्चा शुरू हो गई है. दरअसल, ये चर्चा इसलिए शुरू हुई है क्योंकि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को घुड़दौड़ और लॉटरी की श्रेणी में रखा है. बता दें कि वर्तमान में प्राइवेट लॉटरी (Lottery) और घुड़दौड़ (Horse Racing) पर 28 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ता है. इसलिए सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर भी 28 फीसदी जीएसटी वसूल सकती है. हालांकि, जीएसटी को लेकर अभी सरकार की ओर से कोई सूचना नहीं आई है.