विदेशी सरकार के बांड में निवेश की मूल बातें

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विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने बनाया ये प्लान, जानें यहां
- News18Hindi
- Last Updated : May 27, 2019, 19:21 IST
विदेशी निवेशकों को टैक्स रियायतें मिल सकती है. उद्योग मंत्रालय ने विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है. ये रियायतें टैक्स फॉर्म में दी जा सकती हैं. दरअसल, विदेशी सरकार के बांड में निवेश की मूल बातें सरकार की मंशा विदेशी निवेश बढ़ाने की है. सरकार ने पहले हर सेक्टर में विदेशी निवेश की सीमा काफी बढ़ा दी ताकि उसके आने के सभी रास्ते खोल दिए जाएं. लेकिन विदेशी सरकार के बांड में निवेश की मूल बातें उसके बावजूद विदेशी निवेश यानी FDI नहीं आ रहा है. अब जाकर उद्योग मंत्रालय ने नया प्रस्ताव तैयार किया है जो काफी अहम है.
इन सेक्टर्स पर फोकस
नए प्रस्ताव के मुताबिक जो भी विदेशी निवेशक आएंगे, उनको टैक्स में रियायतें मिलेंगी. इससे विदेशी निवेश बढ़ चढ़कर भारतीय इंडस्ट्री या सेक्टर में निवेश कर सकें. इसके लिए तीन-चार सेक्टर की पहचान की गई है. उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, फूड प्रोसेसिंग औऱ केमिकल सेक्टर शामिल है.
निवेश की मूल बातें निवेश के प्रकार
निवेश की मूल बातें: निवेश के विकल्प अपनी बचत का वास्तविक मूल्य मुद्रास्फीति के कारण गंवाने से थक गए हैं, अधिक लोग निवेश की ओर रुख कर रहे हैं .
एक शेयर बाजार वह जगह है जहां शेयर या तो जारी किए जाते हैं या उनमें कारोबार किया जाता है।
बाजार में निवेश कैसे करें? | शेयर बाजार की मूल बातें | Stock Market
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डेली अपडेट्स
हाल ही में COVID-19 के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों को देखते हुए भारत सरकार ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों में भारत की थल सीमा (Land Border) से जुड़े पड़ोसी देशों से ‘ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ’ (Foreign Direct Investment- FDI) के लिये सरकार की अनुमति को अनिवार्य कर दिया है।
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उद्योग संवर्द्धन और आतंरिक व्यापार विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ऐसे सभी विदेशी निवेश के लिये सरकार की अनुमति की आवश्यकता होगी जिनमें निवेश करने वाली संस्थाएँ या निवेश से लाभ प्राप्त करने वाला व्यक्ति भारत के साथ थल सीमा विदेशी सरकार के बांड में निवेश की मूल बातें साझा करने वाले देशों से हो।
हालाँकि इस परिवर्तन के बाद भी अन्य विदेशी विदेशी सरकार के बांड में निवेश की मूल बातें संस्थाएँ या नागरिक (इस परिवर्तन के विदेशी सरकार के बांड में निवेश की मूल बातें तहत चिन्हित देशों के अतिरिक्त) FDI नियमों के तहत प्रतिबंधित क्षेत्रों/गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में पहले की तरह निवेश कर सकेंगे।
विदेशी निवेश पर सख्ती के कारण:
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केंद्र सरकार द्वारा यह निर्णय COVID-19 के कारण उत्पन्न हुए आर्थिक दबाव के बीच भारतीय कंपनियों के ‘ अवसरवादी अधिग्रहण’ (Opportunistic Takeovers/Acquisitions) को रोकने के लिये लिया गया है।
हाल ही में हाऊसिंग फाइनेंस विदेशी सरकार के बांड में निवेश की मूल बातें कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd.) ने जानकारी दी थी कि वर्तमान में कंपनी में चीन के केंद्रीय बैंक ‘पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना’ (People’s Bank of China) की हिस्सेदारी बढ़कर 1.1% तक पहुँच गई।
आखिर क्या है भारत बांड ईटीएफ, कितना मिलता है निवेश पर रिटर्न
भाजपा के बाद सबसे अधिक चंदा कांग्रेस पार्टी को मिला। (फाइल फोटो)
बांड यील्ड में 4.3 फीसदी की गिरावट आने की वजह से अमीर निवेशकों की ओर से टैक्स फ्री बांड से रुपया निकाला जा रहा है। वहीं इनमें कुछ भारत बांड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं। भारत बांड ईटीएफ में ट्रिपल ए रेटिंग की कंपनियों को शामिल किया गया है। 2030 और 2031 में मैच्योर करने वाले भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश से टैक्स कटने के बाद 6 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
वैसे भारत भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश करना काफी आसान है और इसकी प्रक्रिया भी काफी आसान है। भारत बॉन्ड ईटीएफ को खरीद-फरोख्त एक्सचेंज में की जाती है। जो अपने फंड का निवेश सरकारी कंपनियों के बांड में करता है। बॉन्ड की मैच्योरिटी अवधि फंड की मैच्योरिटी के करीब होती है।