विदेशी मुद्रा व्यापार का परिचय

विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत

विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत
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भास्कर एक्सप्लेनर: जीडीपी में गिरावट के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर, क्या है इसकी वजह और यह देश के लिए कितना फायदेमंद?

देश का विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के आखिरी हफ्ते में 541.43 बिलियन डॉलर (39.77 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया है। एक सप्ताह में इसमें 3.88 बिलियन डॉलर (28.49 हजार करोड़ रुपए) की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले 21 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 537.548 बिलियन डॉलर (39.49 लाख करोड़ रुपए) था। जून में पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार 500 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करते हुए 501.7 बिलियन डॉलर (36.85 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंचा था। 2014 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 304.22 बिलियन डॉलर (22.34 लाख करोड़ रुपए) था। इस समय पड़ोसी देश चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3.165 ट्रिलियन डॉलर के करीब है।

इसलिए बढ़ रहा है विदेशी मुद्रा भंडार

  • आर्थिक मंदी के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण भारतीय शेयर बाजारों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ना है।
  • बीते कुछ महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कई भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई है।
  • मार्च में भारत के डेट और इक्विटी सेगमेंट से एफपीआई ने करीब 1.20 लाख करोड़ रुपए की निकासी की थी, लेकिन इस साल के अंत तक अर्थव्यवस्था के वापस पुरानी स्थिति में लौटने की उम्मीद के कारण एफपीआई भारतीय बाजारों में वापस आ गए हैं।
  • इसके अलावा क्रूड की कीमतों में गिरावट के कारण देश का आयात बिल कम हुआ है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार का बोझ घटा है। इसी तरह से विदेशों से रुपया भेजने और विदेश यात्राओं में कमी आई है। इससे भी विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम हुआ है।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर 2019 को कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

जीडीपी में गिरावट के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना अच्छा संकेत

कोरोनावायरस महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में उदासी का माहौल है। इस कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों और व्यापार में स्थिरता के कारण यह गिरावट आई है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।

आज 1991 के विपरीत स्थिति

विदेशी मुद्रा भंडार की आज की यह स्थिति 1991 के बिलकुल विपरीत है। तब भारत ने प्रमुख वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए गोल्ड रिजर्व को गिरवी रख दिया था। मार्च 1991 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 5.8 बिलियन डॉलर (42.59 हजार करोड़ रुपए) था। लेकिन आज विदेशी मुद्रा भंडार के दम पर देश किसी भी आर्थिक संकट का सामना कर सकता है।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख असेट्स

  • फॉरेन करेंसी असेट्स (एफसीए)।
  • गोल्ड रिजर्व।
  • स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर)।
  • इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) के साथ देश की रिजर्व स्थिति।

विदेशी मुद्रा भंडार का अर्थव्यवस्था के लिए महत्व

  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी सरकार और आरबीआई को आर्थिक ग्रोथ में गिरावट के कारण पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में मदद करती है।
  • यह आर्थिक मोर्चे पर संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।
  • मौजूदा विदेशी भंडार देश के आयात बिल को एक साल तक संभालने के लिए काफी है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपए को डॉलर के मुकाबले स्थिति मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • मौजूदा समय में विदेशी मुद्रा भंडार जीडीपी अनुपात करीब 15 फीसदी है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बाजार को यह भरोसा देता है कि देश बाहरी और घरेलू समस्याओं से निपटने में सक्षम है।

आरबीआई करता है विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन

  • आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के कस्टोडियन और मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कार्य सरकार से साथ मिलकर तैयार किए गए पॉलिसी फ्रेमवर्क के अनुसार होता है।
  • आरबीआई रुपए की स्थिति को सही रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। जब रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। जब रुपया मजबूत होता है तब डॉलर की खरीदारी की जाती है। कई बार आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए बाजार से डॉलर की खरीदारी भी करता है।
  • जब आरबीआई डॉलर में बढ़ोतरी करता है तो उतनी राशि के बराबर रुपया जारी करता है। इस अतिरिक्त लिक्विडिटी को आरबीआई बॉन्ड, सिक्योरिटी और एलएएफ ऑपरेशन के जरिए मैनेज करता है।

कहां रखा होता है विदेशी मुद्रा भंडार

  • आरबीआई एक्ट 1934 विदेशी मुद्रा भंडार को रखने का कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
  • देश का 64 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में ट्रेजरी बिल आदि के रूप में होता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका में रखा होता है।
  • आरबीआई के डाटा के मुताबिक, मौजूदा समय में 28 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक और 7.4 फीसदी कमर्शियल बैंक में रखा है।
  • मार्च 2020 में विदेशी मुद्रा भंडार में 653.01 टन सोना था। इसमें से 360.71 टन सोना विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की सुरक्षित निगरानी में रखा है। बचा हुआ सोना देश में ही रखा है।
  • डॉलर की वैल्यू में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2019 के 6.14 फीसदी से बढ़कर मार्च 2020 में 6.40 फीसदी पर पहुंच गई है।

2014 में 300 बिलियन डॉलर के करीब था विदेशी मुद्रा भंडार

आरबीआई के विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2014 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 304.22 बिलियन डॉलर (22.34 लाख करोड़ रुपए) था। इसी साल नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। तब से लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत हो रही थी। 2018 में यह बढ़कर 424.5 बिलियन डॉलर (31.13 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके अगले साल यानी 2019 में यह थोड़ा घटकर 412.87 बिलियन डॉलर (30.26 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया था। 28 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में यह बढ़कर 541.4 बिलियन डॉलर (39.77 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया है।

चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत से 484% ज्यादा

पड़ोसी देश चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा है। अगस्त 2020 में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3.165 ट्रिलियन डॉलर था। वहीं, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 541.4 बिलियन डॉलर है। इस प्रकार चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के मुकाबले 484 फीसदी ज्यादा है। 2014 में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 4 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया था। हालांकि, तब से अब तक इसमें गिरावट आ रही है।

इस साल 19.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा क्रूड

इस साल 1 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 66 डॉलर प्रति बैरल थी। इसी सप्ताह 6 जनवरी को कीमतें बढ़कर 68.91 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। इसके बाद से क्रूड की कीमतें लगातार कम हो रही है। इस बीच मार्च के अंत में कोरोनावायरस महामारी पूरी दुनिया फैल गई। इससे क्रूड की मांग घट गई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि क्रूड की कीमत घटकर 19.33 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। इस प्रकार क्रूड की कीमतों में इस साल अपने उच्चतम स्तर से 71 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार 7 सितंबर को यह 42.05 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।

विदेशी मुद्रा कई व्यापारियों के साथ इतना लोकप्रिय क्यों है?

लाखों सक्रिय व्यापारियों के साथ, विदेशी मुद्रा बाजार (विदेशी मुद्रा) दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है। और प्रौद्योगिकी के विकास ने उनमें से कई को साइबर स्पेस में लेनदेन का उपयोग करते देखा है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप अधिक से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट और ऑनलाइन विज्ञापन लोगों को विदेशी मुद्रा प्लेटफार्मों पर व्यापार करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

फिर भी, उनमें से कई अभी भी परिभाषा नहीं जानते हैं फॉरेक्स क्या है, यह कैसे काम करता है, और क्यों विदेशी मुद्रा एक लोकप्रिय निवेश अवसर है। लेख लोकप्रिय मुद्राओं सहित विदेशी मुद्रा बाजार का एक सिंहावलोकन प्रदान करेगा और क्यों विदेशी मुद्रा व्यापारियों के साथ लोकप्रिय है।

विदेशी मुद्रा परिभाषा और यह कैसे काम करता है

विदेशी मुद्रा विभिन्न देशों के मुद्रा जोड़े हैं। विदेशी मुद्रा बाजार वह जगह है जहां व्यापारी दुनिया भर की मुद्राओं को खरीदते और बेचते हैं।

विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए, आपको यह जानना होगा कि कौन सी मुद्रा बेची जा रही है और विनिमय दर। विनिमय दर एक मुद्रा की कीमत दूसरे के सापेक्ष है।

जब आप विदेशी मुद्रा व्यापार करते हैं, तो आप एक मुद्रा खरीद रहे हैं और दूसरी बेच रहे हैं। उदाहरण के लिए, जब आप EUR/USD जैसी मुद्रा जोड़ी देखते हैं, तो यह दर्शाता है कि 1 EUR को खरीदने में कितने USD लगते हैं।

इतने सारे व्यापारी विदेशी मुद्रा क्यों पसंद करते हैं?

विदेशी मुद्रा व्यापार के कई लाभ हैं, जिसमें सुविधाजनक बाजार व्यापार घंटे, उच्च तरलता और मार्जिन पर व्यापार करने की क्षमता शामिल है।

विभिन्न मुद्रा जोड़े खरीदने या कम करने की संभावना

आप दूसरी (आधार मुद्रा) खरीदने के लिए हमेशा एक मुद्रा (उद्धरण मुद्रा) बेच सकते हैं। एक विदेशी मुद्रा जोड़ी की कीमत बोली मुद्रा के संदर्भ में आधार मुद्रा की एक इकाई का मूल्य है। आपका लाभ या हानि इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितनी अच्छी तरह सही भविष्यवाणी करते हैं।

विदेशी मुद्रा बाजार व्यापार 24/5

विदेशी मुद्रा (एफएक्स) बाजार दिन में 24 घंटे, सप्ताह में 5 दिन खुला रहता है - शाम 5 बजे ईएसटी रविवार से शाम 4 बजे ईएसटी शुक्रवार तक।

चूंकि विदेशी मुद्रा एक वैश्विक बाजार है, आप हमेशा सत्र के विभिन्न सक्रिय विदेशी मुद्रा व्यापार घंटों का लाभ उठा सकते हैं।

लंदन, न्यूयॉर्क, सिडनी और टोक्यो में बैंकों के खुलने के समय से मेल खाने वाले प्रत्येक दिन चार मुख्य व्यापारिक सत्र होते हैं। इनमें से प्रत्येक सत्र में और विशेष रूप से सत्र ओवरलैप होने पर बड़ी मात्रा में लेन-देन होता है।

विदेशी मुद्रा में उच्च तरलता है

विदेशी मुद्रा बाजार दुनिया में सबसे अधिक तरल बाजार है, जिसका अर्थ है कि बड़ी संख्या में खरीदार और विक्रेता हैं जो किसी भी समय व्यापार करना चाहते हैं। प्रत्येक दिन, व्यक्तियों, कंपनियों और बैंकों द्वारा $5,1 ट्रिलियन से अधिक की मुद्राओं को परिवर्तित किया जाता है - और इसका अधिकांश भाग लाभ के लिए होता है।

उच्च तरलता के साथ, विदेशी मुद्रा लेनदेन जल्दी और आसानी से पूरा किया जा सकता है। नतीजतन, लेन-देन की लागत, या स्प्रेड, आमतौर पर बहुत कम होते हैं। यह व्यापारियों को केवल कुछ पिप्स के मूल्य आंदोलनों पर सट्टा लगाने का अवसर देता है।

इसके अलावा, उच्च तरलता भी व्यापारियों के लिए ट्रेडों में जल्दी और आसानी से प्रवेश करना और बाहर निकलना संभव बनाती है।

विदेशी मुद्रा बाजार अत्यधिक अस्थिर है, जिससे कई व्यापारिक अवसर पैदा होते हैं

मुद्रा लेनदेन की उच्च दैनिक मात्रा अरबों डॉलर प्रति मिनट में चलती है, जो कुछ मुद्राओं के मूल्य आंदोलनों को बेहद अस्थिर बनाती है। आप ऊपर और नीचे दोनों दिशाओं में कीमतों में उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाकर बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।

उत्तोलन का उपयोग लाभ बढ़ाने के लिए किया जा सकता है

विदेशी मुद्रा में उत्तोलन आपको स्थिति के पूर्ण मूल्य का केवल एक छोटा प्रतिशत भुगतान करके मुद्रा बाजार में एक स्थिति खोलने की अनुमति देता है।

मार्जिन ट्रेडिंग अपेक्षाकृत छोटे निवेश से बड़ा मुनाफा कमाने का अवसर प्रदान करती है। हालाँकि, यह किसी भी नुकसान को बढ़ा सकता है। इसलिए, ट्रेडिंग से पहले लीवरेज्ड फॉरेक्स पोजीशन के कुल मूल्य पर विचार करना आवश्यक है।

विदेशी मुद्रा के साथ हेजिंग ट्रेडिंग

हेजिंग ट्रेडिंग कई रणनीतिक पदों को खोलकर, विदेशी मुद्रा बाजार में अवांछित चाल के जोखिम को कम करने की एक तकनीक है। हेजिंग ट्रेडिंग नुकसान को कम करने या नुकसान को एक ज्ञात राशि तक सीमित करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।

विदेशी मुद्रा बाजार क्यों महत्वपूर्ण है?

विदेशी मुद्रा बाजार के बिना विश्व अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी, क्योंकि मुद्राओं की विनिमय दरों को निर्धारित करने के लिए पर्याप्त तंत्र नहीं होगा। इसके अलावा, इसके परिणामस्वरूप कुछ देशों ने बड़े पैमाने पर विनिमय दरों में हेरफेर किया है, जिससे विनिमय दर में बड़े असंतुलन पैदा हुए हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था.

इसलिए, भविष्य में, विदेशी मुद्रा बाजार की संभावनाएं बहुत बड़ी हैं। यह बाजार कभी भी रोमांचक नहीं रहेगा, निवेशकों के लिए बहुत सारे लाभदायक व्यापारिक अवसर पैदा करेगा।

अस्वीकरण

Blogtienao द्वारा ऊपर व्यक्त की गई राय निवेश सलाह नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल संपत्ति में कोई भी उच्च जोखिम वाला निवेश करने से पहले, निवेशकों को व्यापक शोध करना चाहिए। कृपया ध्यान दें कि कोई भी हस्तांतरण और लेनदेन पूरी तरह से आपके अपने जोखिम पर है और आपके द्वारा अनुभव की जाने वाली किसी भी हानि के लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। हम वित्तीय सलाहकार नहीं हैं। कृपया ध्यान दें कि यह केवल एक मार्केटिंग लेख है। आशा है कि विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत पाठक Blogtienao का समर्थन करना जारी रखेंगे। साभार!

India to Make Global Payments in Rupees Instead of Dollars, डॉलर के स्थान पर भारत अब रुपए में करेगा विदेशी व्यापार

1 जुलाई को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जून के आखिरी हफ्ते तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार से 5 अरब डॉलर कम हो चुके हैं. इन सब बातों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए रूपए को इंटरनेशनल करने का फैसला किया है.

डॉलर पर रूपए की निर्भरता अब जल्द हीं ख़त्म होने वाली है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि वह रुपए में अंतरराष्ट्रीय ट्रेड सेटलमेंट के लिए एक मैकेनिज्म इस्टेब्लिश कर रहा है. इस प्रसंग में आगे आरबीआई ने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होने के साथ निर्यात पर जोर देने और वैश्विक व्यापार के विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / GK Capsule Free pdf - Download here
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रूपए होगा इंटरनेशनल

1 जुलाई को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, जून के आखिरी हफ्ते तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार से 5 अरब डॉलर कम हो चुके हैं. इन सब बातों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए रूपए को इंटरनेशनल करने का फैसला किया है. हालाँकि इस बात की माँग भारतीय अर्थशास्त्रियों के द्वारा पिछले काफी समय से की जा रही थी.

जो अब जाकर आरबीआई ने लागू करने का फैसला किया है. ऐसी सम्भावना जताई जा रही है कि भारत के इस कदम से देश को यथेष्ट रूप से फायदा होगा.

रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर

गौरतलब है कि जून के महीने में भारत का ट्रेड डेफिसिट 25.63 अरब डॉलर पहुँच चुका है जो एक चिंताजनक संकेत हैं.

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रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौता

जब देश वस्तुओं या सेवाओं का आयात या निर्यात करता है तो इसके लिए भुगतान विदेशी मुद्रा में किया जाता है. जैसा कि हम जानते हैं कि यूएस डॉलर दुनिया की रिज़र्व मुद्रा है इसलिए ज्यादातर लेन देन अमेरिकी डॉलर में हीं किए जाते हैं. विदेशों से इस तरह की खरीददारी में भारतीय खरीददार को पहले रूपए को अमेरिकी डॉलर में बदलना पड़ता है. फिर बेचने वाले देश को डॉलर से भुगतान होता है और बाद में उसकी अपनी मुद्रा में पैसे परिवर्तित किए जाते हैं. लेन-देन में पैसों के इस रूपान्तरण का खर्च दोनों हीं पक्षों को उठाना पड़ता है. ऐसे में व्यापार समझौता अगर रूपए में होता है तो अमेरिकी डॉलर के बजाय भारतीय रूपए में चालान बनाया जाएगा. हाँ पर इसके लिए दूसरे पक्ष के पास वोस्ट्रो खाते का होना जरुरी है जिसे अधिकृत डीलर अपने बैंक में विशेष रूप से खोल सकता है.

क्या है वोस्त्रो और नोस्ट्रो खाता ?

ये खाते आम नागरिकों के लिए नहीं बल्कि केवल व्यापार के उद्देश्य से बनाए गए हैं. ये खाते किसी दूसरे देश के द्वारा बनवाए जाते हैं. आइए जानते हैं कि क्या है वोस्त्रो और नोस्ट्रो खाता -

वोस्ट्रो खाता

वोस्ट्रो खाता किसी विदेशी बैंक का भारत में भारतीय बैंक के साथ खाता है. विदेशी पक्ष इन वोस्ट्रो खातों के माध्यम से भारतीय निर्यातकों और आयातकों से पैसे भेज और प्राप्त कर सकेंगे.
यूनाइटेड किंगडम या संयुक्त राज्य के बैंक अक्सर विदेशी बैंक की ओर से एक वोस्ट्रो खाता रखते हैं. वोस्ट्रो खाते को देश की मुद्रा में रखा जाता है और वहाँ देश की मुद्रा में धन जमा होता है. रुपये में भुगतान स्वीकार करने के लिए अधिकृत डीलर बैंक विशेष में वोस्ट्रो खाते खोल सकेंगे.

घट गया है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पिछले हफ्ते में कितनी थी भारत की ये संपत्ति

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर गिरकर 572.978 अरब डॉलर हो गया.

Published: August 13, 2022 4:25 PM IST

घट गया है भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए पिछले हफ्ते में कितनी थी भारत की ये संपत्ति

भारत के विदेश मु्द्रा भंडार में कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त को भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 89.7 करोड़ डॉलर गिरकर 572.978 अरब डॉलर हो गया. 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान लगातार चार सप्ताह पहले गिरने के बाद यह गिरावट देखी गई है. इस सप्ताह विदेशी मुद्रा संपत्ति में 1.611 अरब डॉलर की गिरावट के कारण 509.646 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है.

Also Read:

विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) जो कि आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है. वह अमेरिकी ट्रेजरी बिल जैसी संपत्तियां हैं, जिन्हें आरबीआई ने विदेशी मुद्राओं का उपयोग करके खरीदा है. एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा पुर्जा है. इस बीच, हालांकि, 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 67.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.313 अरब डॉलर हो गया.

स्पेशल ड्रॉविंग राइट्स (एसडीआर) 4.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.031 अरब डॉलर हो गया. जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि आईएमएफ के साथ देश की आरक्षित स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह में 30 लाख डॉलर घटकर 4.987 बिलियन डॉलर हो गई.

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से यूरो विनिमय दर 15.11.2022. यूरो विनिमय दर आज

डॉलर का पूर्वानुमान तकनीकी

आज और कल के लिए मुद्रा पाठ्यक्रम, साथ ही केंद्रीय बैंक की विनिमय दरों का इतिहास 10 वर्षों. विदेशी मुद्रा बाजार से अनुसूची पर डॉलर और यूरो की गतिशीलता.

आज के लिए मुद्रा दरें: दृश्य मुद्रा बाजार गतिशीलता अनुसूची: सप्ताह के लिए और महीने के लिए रूबल करने के लिए यूरो.

डॉलर से रूबल, यूरो और अन्य मुद्राएं - टेज, रिव्निया और पीआर. खरीद मूल्य, बिक्री, अंतिम उद्धरण समय. पाठ्यक्रम, ग्राफिक्स स्पीकर मुद्रा जोड़े.

यूरो मार्केट और सेंट्रल बैंक के लिए रुस्टेड रुस्टेड. रूबल सेंट्रल बैंक और मार्केट चार्ट यूरो स्पीकर और डॉलर को मुद्रा विनिमय दरों का इतिहास.

सेंट्रल बैंक के रूबल को यूरो की विनिमय दर**

कोर्स सी बैंक 16.11.2022रूबल में
डॉलर 60,3116
यूरो 62,6297
LB। 70,7395
येना 100 42,9631
फ्रैंक 64,1818
कनाडस्क. डॉलर 45,3880
आस्ट्रेलियन. डॉलर 40,3846
बेलारूसी रूबल 24,9510
प्रति 10 रिव्निया 16,3306
प्रति 100 तेंगे 13,1186
XDR - जन्मदिन मुबारक 78,9286

यूरो से डॉलर*

आज बुधवार, 16 नवंबर, 2022 वर्ष

यूरो से 15.11.2022 г

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यूरो विनिमय दर पर 11:00 15.11.2022 16.11.2022 अदला बदली, GMT+3

क्या यूरो पाठ्यक्रम और मुद्राएं आपको अधिक सटीक रूप से रुचि रखते हैं?

प्रति सप्ताह EUR USD विनिमय दर की गतिशीलता

एक सप्ताह के लिए रूबल, विदेशी मुद्रा बाजार के खिलाफ यूरो की गतिशीलता

आपके लिए कौन सी विनिमय दरें सही हैं?

* यूरो, रूबलल आदि के मुकाबले डॉलर विनिमय दर सप्ताह में सात दिन।. मुद्राओं - सप्ताह के दिनों में विदेशी मुद्रा लेनदेन के परिणामस्वरूप ये सबसे ताज़ा पाठ्यक्रम हैं, जो लगातार एक मिनट में कई बार बदलते हैं. खरीदने और बेचने में अंतर (bid и ask) मुद्रा विनिमय पर बहुत छोटा है (usd / eur - कम 0,001 $), इसलिए, अक्सर खरीदने और बेचने या अंतिम लेनदेन की दर के बीच केवल औसत मूल्य का संकेत दिया जाता है. पाठ्यक्रम का समय अक्सर उद्धृत किया जाता है. कुछ सेकंड में, पाठ्यक्रम कूद सकता है और वापस आ सकता है, इसलिए पाठ्यक्रम विभिन्न साइटों पर और विभिन्न स्रोतों से थोड़ा भिन्न होता है।. मुद्रा लेनदेन, व्यापारियों के लिए विनिमय कार्यालयों के लिए उपयुक्त. यह पाठ्यक्रम अक्सर में निर्धारित किया जाता है मुद्रा कैलकुलेटर. सबसे अधिक संभावना यह डॉलर दर - जिसकी आपको जरूरत है.

** सेंट्रल बैंक के रूबल के लिए विनिमय दरें – रूबल के मुकाबले डॉलर, यूरो और मुद्राओं की आधिकारिक विनिमय दरें. सेंट्रल बैंक दरें मुख्य रूप से वित्तीय संस्थानों द्वारा विशेष उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है (राज्य रिपोर्टिंग, लेखा और बहीखाता पद्धति) और आदि. अक्सर वेबसाइटों पर मुखबिरों में संकेत दिया जाता है, बल्कि कल की दर प्रदर्शित करता है. कभी-कभी यह संकेत दिया जाता है- "कल के लिए यूरो विनिमय दर" - अगले कार्य दिवस पर डॉलर विनिमय दर, जो ज्ञात हो जाती है "आज" मास्को में दोपहर के करीब. सेंट्रल बैंक की विनिमय दर का उपयोग न करें यदि आप नहीं जानते कि यह वास्तव में क्या है। .

*** डॉलर, रूबलल, आदि के लिए यूरो की विनिमय दर।. मुद्रा विनिमय पर मुद्राएं - यह नवीनतम डेटा है, यह विदेशी मुद्रा के कामकाजी घंटों के दौरान हर सेकेंड बदलता है. बाजार पर लेनदेन का समय इंगित किया गया है. मुद्रा विनिमय पर खरीदने और बेचने के बीच का अंतर बहुत छोटा है, इसलिए अक्सर केवल खरीदने और बेचने के बीच की औसत दर या अंतिम लेनदेन की दर का संकेत दिया जाता है।. के लिये "निजी व्यापारी", व्यापारियों, इस पाठ्यक्रम को अक्सर निर्धारित किया जाता है मुद्रा परिवर्तक. अक्सर यही होता है यूरो विनिमय दर आप इसमे रुचि रखते हैं.

**** विनिमय दरों के लिए पूर्वानुमान - डॉलर, यूरो, आदि की गतिशीलता के बारे में विश्लेषकों की धारणाएं।. मुद्राओं. पूर्वानुमान, समाचार, चार्ट पर विनिमय दरों की गतिशीलता का अध्ययन आपको मुद्रा विनिमय पर अच्छा पैसा बनाने की अनुमति देता है. ध्यान दें, यह जोखिम से जुड़ा है. दलालों, विदेशी मुद्रा व्यवहार केंद्रों के साथ इंटरनेट के माध्यम से व्यापार मुद्राएं. ट्रेडिंग के लिए एक छोटी राशि का होना ही काफी है, लगभग 100 - 1000 डॉलर.

यूरो गिर जाएगा? जब भेदक यूरो में गिरावट की भविष्यवाणी करते हैं?

मुद्राओं के बीच प्रतिस्पर्धा के बीच, अशांत समय में यूरो विनिमय दर में कुछ भी हो सकता है.
यूरो का पतन चुपचाप और अकेले असंभव है. यूरो कई मुद्राओं और यहां तक ​​कि सबसे विकसित बाजार अर्थव्यवस्था वाले देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी खींचेगा.

यूरो विनिमय दर - साबुन का बुलबुला?

यूरो समर्थन समय - आर्थिक संकट. इस समय, आपके पैसे के लिए एक आश्रय खोजना मुश्किल है, और यहां हर कोई यूरो सहित मुद्राओं की एक टोकरी में बदल जाता है।. यूरो अक्सर संकट के समय में मांग में होता है, जिसे फाइनेंसरों, बड़े पूंजी धारकों द्वारा समर्थित किया जाता है जो यूरो से जुड़े होते हैं. संकट के दौरान, यूरो पर विशेष रूप से कड़ी नजर रखी जाती है.
यूरो, एक शरण के रूप में, सोने के समान है, लेकिन सोने के विपरीत, यूरो विनिमय दर कीमत में फूला हुआ नहीं, लेकिन कम स्थिर. यूरो का नाम लेना मुश्किल है "साबुन का बुलबुला".

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