निवेश रणनीति

पोर्टफोलियो में भूमिका
किसी पोर्टफोलियो में लार्ज-या स्मॉल-कैप की भूमिका बहुत जरूरी नहीं होती क्योंकि लार्ज-कैप फंडों का भी अपने पोर्टफोलियो में स्मॉल-कैप शेयरों में कुछ एक्सपोजर या निवेश हो सकता है. अलबत्ता अपने पोर्टफोलियो में स्मॉल-कैप जोड़ना पोर्टफोलियो तैयार करने में रणनीतिक फैसले के साथ ही उन जोखिमों का भी मामला है जो कोई निवेशक उनमें निवेश करते समय ले सकता है. पहले से ही अच्छी तरह से विभिन्न तरह के शेयरों में पैसा लगा चुके निवेशक अपने पोर्टफोलियो रिटर्न को समग्र रूप से बढ़ावा देने के लिए इनमें निवेश कर सकते हैं. वे बाजार पूंजीकरण के आधार पर विविधता लाने के लिए स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड में पैसा लगा सकते हैं.
Fund Ka Funda: आज इस निवेश रणनीति से सुधरेगी आपकी वित्तीय सेहत, जानें काम के टिप्स
By: ABP Live | Updated at : 19 Jul 2022 02:41 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
Fund Ka Funda: फंड का फंडा में हम आपको हर बार बताते हैं वित्तीय बाजार से जुड़ी ऐसी बारीकियां जो आपके ट्रेडिंग और निवेश के लिए बेहद काम आ सकती हैं. यहां आपको शेयर बाजार से लेकर निवेश, म्यूचुअल फंड, बचत और कई आर्थिक पहलुओं पर वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार की एक्सपर्ट सलाह मिलेगी जिसे अपनाकर आप अपने वित्तीय प्रबंधन को अधिक कुशलता से संभाल सकेंगे.
यहां पर आपको बताया जाएगा कि आपके पैसे की जिम्मेदारी आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता है. पैसा आपका है और फंड आपका है, लिहाजा फंड भी आपका ही होना चाहिए. पैसा बनाना एक मुश्किल काम है और पैसे से पैसा बनाना आपको जितना जल्दी हो सीख लेना चाहिए.
छोटा है पर दमदार है
- नई दिल्ली,
- 04 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 04 अक्टूबर 2022, 4:23 PM IST)
नारायण कृष्णमूर्ति
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बस यह चुनना होता है कि कितने बड़े कारोबार में निवेश किया जाए. बहुत बड़े कारोबारों की खबरें नियमित रूप से आती रहती हैं जिनसे नए लोगों को भी उनके बारे में पहले से मालूम होता है. लेकिन शेयर बाजारों की स्मॉल-कैप श्रेणी में आने वाले कई कारोबारों के बारे में यह बात सही नहीं हो सकती. छोटी कंपनियां खास तरह के कारोबार पर ही ध्यान देती हैं, लेकिन लंबे अरसे में उन बड़ी कंपनियों के मुकाबले उनका राजस्व और मुनाफा बढ़ने की संभावना रहती है, जिन्होंने कई तरह के कारोबार में विविधीकरण कर लिया हो. जो निवेशक जोखिम उठा सकते हैं, वे स्मॉल-कैप फंड को मोटा मुनाफा कमाने का अवसर मान सकते हैं.निवेश रणनीति
मौजूदा निवेश रणनीति से अगले दो दशक तक जारी रह सकती है 8% की तेज ग्रोथ: रेल मंत्री
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा
Updated on: Mar 26, 2022 | 7:13 PM
सरकार की मौजूदा पूंजी निवेश रणनीति से भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) अगले दो दशक में लगातार 8 प्रतिशत की ग्रोथ (GDP Growth) बनाए रख सकती है. ये भरोसा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जताया है. केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक सरकार की पूंजी निवेश (capital investment) रणनीति से विकास दर को न केवल निरंतरता के साथ रफ्तार दी जा सकेगी साथ ही इसकी मदद से हर साल 1.5 करोड़ नौकरियां मिलेंगी और 3.5 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा. रेल मंत्री ने ये बात एसोचैम की सालाना बैठक में कही. उन्होने कहा कि सरकार ने बजट में अगले 5 साल के लिये कैपिटल इनवेस्टमेंट का स्तर जीडीपी के 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है.
निवेश बढ़ने से तेज होगी ग्रोथ
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अगर हम कैपिटल इनवेस्टमेंट की रणनीति को अगले 5 से 6 साल और जारी रखते हैं तो हम अगले 20 सालों में 8 प्रतिशत की निरंतर ग्रोथ हासिल कर सकते हैं. इस ग्रोथ का मतलब होगा कि हम हर साल 1 से 1.5 करोड़ नये रोजगार दे सकेंगे और साथ ही हर साल 3 से साढ़े 3 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला जा सकेगा. इस रणनीति की मदद से हम अपने समाज में काफी बड़ा बदलाव ला सकेंगे. मंत्री ने कहा कि काफी समय से हम खपत आधारित अर्थव्यवस्था रहे हैं और अब प्रधानमंत्री ने कई बड़े अर्थशास्त्रियों की अनिच्छा के बावजूद पूंजी निवेश बढ़ाने निवेश रणनीति का रास्ता अपनाया है. केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं बड़े अर्थशास्त्रियों की सलाहों पर चल रही थीं और अब वो बुरी स्थिति में हैं. हालांकि देश की सरकार ने अब निवेश, सीमित खर्च, सुधार और निजी कंपनियों को प्रोत्साहन का रास्ता अपनाया है. अमेरिका जापान, चीन और साउथ कोरिया पूंजी निवेश की इसी राह पर लगातार चल रहे हैं.
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छोटा है पर दमदार है
- नई दिल्ली,
- 04 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 04 अक्टूबर 2022, 4:23 PM IST)
नारायण कृष्णमूर्ति
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए बस यह चुनना होता है कि कितने बड़े कारोबार में निवेश किया निवेश रणनीति जाए. बहुत बड़े कारोबारों की खबरें नियमित रूप से आती रहती हैं जिनसे नए लोगों को भी उनके बारे में पहले से मालूम होता है. लेकिन शेयर बाजारों की स्मॉल-कैप श्रेणी में आने वाले कई कारोबारों के बारे में यह बात सही नहीं हो सकती. छोटी कंपनियां खास तरह के कारोबार पर ही ध्यान देती हैं, लेकिन लंबे अरसे में उन बड़ी कंपनियों के मुकाबले उनका राजस्व और मुनाफा बढ़ने की संभावना रहती है, जिन्होंने कई तरह के कारोबार में विविधीकरण कर लिया हो. जो निवेशक जोखिम उठा सकते हैं, वे स्मॉल-कैप फंड को मोटा मुनाफा कमाने का अवसर मान सकते हैं.