क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश कैसे करें

फिक्स्ड कैपिटल

फिक्स्ड कैपिटल
कार्यकाल फिक्स्ड डिपॉजिट कार्यकाल बहुत लचीला नहीं होता है, लेकिन उसमें कई विकल्प उपलब्ध होते हैं| यह ग्राहकों की आवश्यकताओं के आधार पर 7 दिनों से लेकर 10 वर्ष तक होता है। आप एक ही बैंक में एक या अलग-अलग कार्यकाल के लिए एक ही समय में कई फिक्स्ड कैपिटल फिक्स्ड डिपॉजिट खोल सकते हैं।बचत खाते की तुलना में फिक्स्ड डिपॉजिट पर रिटर्न की दर अधिक होती है। फिक्स्ड डिपॉजिट के कार्यकाल के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव होता है।

Kavita Singh Rathore

फिक्स्ड कैपिटल

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What does 'management of fixed capital,imply ? Explain briefly any three factors determining the amount of fixed capial.

Solution : Management of fixed capital means the management of fixed assets for the business and financing long-term projects. Fixed capital represents long-term investment.
It is rquired for purchasing fixed assets such as land and buliding.plant and machinery, motor vechicles, furniture etc. These assets and improve the growth prospects of the business.

2 लाख खर्च कर शुरू करें ये कारोबार, हर महीने होगी 1 लाख तक की कमाई; सरकार देगी 4 लाख रुपये की मदद

नई दिल्ली: आज के टाइम में लोग नौकरी के साथ-साथ अतिरिक्त इनकम के लिए छोटे छोटे कारोबार की ओर रुख करने लगे. अगर आप अपना कारोबार शुरू करने की सोच रहे (Starting own business) हैं तो आपके पास शानदार मौका है. जिसे आप कम से कम पैसों में शुरू (small business) कर सकते हैं और हर महीनें लाखों में कमाई कर (earn money) सकते हैं.

आज हम आपको एक ऐसे बिजनेस आइडिया (business idea) के बारे में बता रहे हैं जिसे आप सिर्फ 2 लाख रुपये से शुरू कर सकते हैं. इसमें खास बात यह है कि इसे आप सरकारी मदद (government support business) से शुरू कर सकते हैं. इस व्यापार के दम पर आप हर महीने 1 लाख रुपये कमा (earning opportunity) सकते हैं.

जानिए इस बिजनेस के बारे में सबकुछ
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 6 लाख रुपये के कुल निवेश से करीब 30 हजार किलोग्राम की प्रोडक्शन कैपेसिटी तैयार हो जाएगी. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको 6.05 लाख रुपये खर्च होगा. कुल खर्च में फिक्स्ड कैपिटल और वर्किंग कैपिटल का खर्च शामिल है. फिक्स्ड कैपिटल में दो मशीन, पैकेजिंग मशीन इक्विपमेंट जैसे तमाम खर्च शामिल हैं. वर्किंग कैपिटल में स्टाफ की तीन महीने की सैलरी, तीन महीने में लगने वाला रॉ मैटेरियल और यूटिलिटी प्रोडक्ट का खर्च शामिल है. इसके अलावा इसमें किराया, बिजली, पानी, टेलीफोन का बिल जैसे खर्च भी शामिल हैं.

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चाहिए होंगी ये मशीनें
पापड़ बनाने के बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको स्विफ्टर, दो मिक्सर, प्लेटफॉर्म बैलेंस, इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड ओवन, मार्बल टेबल टॉप, चकला बेलन, एल्युमीनियम के बर्तन और रैक्स जैसी मशीनरी की जरूरत होगी.

250 वर्ग फुट जगह की जरूरत
पापड़ बनाने के बिजनेस के लिए कम से कम 250 वर्ग फुट की जगह की जरूरत होगी. अगर आपके पास खुद की जगह नहीं तो इसे किराये पर लिया जा सकता है. जिसके लिए कम से कम 5 हजार रुपये आपको किराया हर महीने देना होगा. मैनपावर में तीन अनस्किल्ड लेबर, दो स्किल्ड लेबर और एक सुपरवाइजर की जरूरत होगी. इन सब की सैलरी पर 25,000 रुपये खर्च होगा जो वर्किंग कैपिटल में जोड़ा गया है.

खुद से लगाने होंगे 2 लाख रुपये
6 लाख रुपये के कुल कैपिटल में से 2 लाख रुपये आपको अपने पास से लगाने होंगे. सरकार की मुद्रा योजना के तहत आपको 4 लाख रुपये का लोन मिल जाएगा. इसके लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत किसी भी बैंक में अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें कई सारी डिटेल्स भरनी होगी. इसमें किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस या गारंटी फीस भी नहीं देनी होती. लोन का अमाउंट 5 साल में लौटा सकते हैं.

फिक्स्ड कैपिटल

जुलाई-सितंबर के जीडीपी आंकड़ों का बारीकी से जायजा लेने पर इनमें कोई छिपी हुई असंगतता नजर नहीं आती जो कि 7.9 फीसदी की प्रभावी विकास दर की चमक कम कर सके।

इसके बजाय यह खुश होने की कई वजहें मुहैया कराती है। पहली बात यह कि सरकार द्वारा नकदी के हस्तांतरण मसलन वेतन में बढ़ोतरी और नरेगा के लिए हुआ भुगतान विकास दर के मूल में नहीं है यानी यह इकलौती वजह फिक्स्ड कैपिटल नहीं है।

पिछली तिमाही के मुकाबले इस तिमाही में सकल फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन (सामान्य भाषा में निवेश) तेजी से हुआ है। पिछले साल की इसी तिमाही से तुलना करें तो इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान निवेश 7.3 फीसदी की दर से बढ़ा है जबकि पहली तिमाही में यह दर 4.2 फीसदी थी।

जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी पर्याप्त रूप में 31.6 फीसदी से बढ़कर 34.7 फीसदी पर जा पहुंची है। निवेश में बढ़त के रुझान को करीब से देखा जाना चाहिए क्योंकि कारोबारी चक्र में सुधार आम तौर पर पूंजीगत खर्च में तीव्र बढ़ोतरी के साथ चलते हैं।

या फिक्स्ड डिपॉजिट क्या बेहतर है?

एक समय था जब बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट्स (एफडी) रूढ़िवादी(Conservative) निवेशकों फिक्स्ड कैपिटल के लिए बहुत लंबे समय के लिए पसंदीदा निवेश एवेन्यू था। यह पूंजी संरक्षण सुनिश्चित करते हुए ब्याज कमाने का सबसे अच्छा विकल्प था। पिछले कुछ वर्षों में, हुए बदलाओ में लोग म्युचुअल फंड कोर में आए हैं। नतीजतन, एफडी को अब सबसे लोकप्रिय दीर्घकालिक निवेश सम्पत्ति नहीं माना जाता है।

2016 की नोटबॅंधी के दौरान, म्यूचुअल फंड कम जमा रिटर्न दरों के अवसर को भुनाने में सक्षम थे। इसके अलावा, कर बचत म्यूचुअल फंड की उपलब्धता के कारण, म्यूचुअल फंड कि प्रमुखता बढ़ी।

डेट म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों?

डेट फंड और एफडी में बड़ा अंतर यह है कि डेट फंड फ्लेक्सबिल्टी के साथ बहुत अधिक विकल्प प्रदान करते हैं। अक्टूबर 2019 के अनुसार बैंक अपनी एफडी पर केवल 5% से 8 % तक ब्याज देते हैं।दूसरी ओर डेट फंड ब्याज दरों की गिरावट से लाभान्वित होंते हैं, क्योंकि डेट फंड्स एनएवी की सराहना करते हैं जब दरें गिरती हैं।

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